हरियाणा सरकार ने आगामी मौसमों और वर्षों के लिए वर्तमान मूल्य नीति की समीक्षा के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक हाई लेवल कमेटी गठित की है। इस कमेटी का प्राथमिक उद्देश्य राज्य में प्रमुख खरीफ और रबी फसलों की खेती की लागत की जांच करना है, जो राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था में योगदान करती हैं। हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण के प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार किसानों के कल्याण को बढ़ाने और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि आने वाले वर्षों में राज्य का कृषि क्षेत्र मजबूत, प्रतिस्पर्धी और टिकाऊ बना रहे। इस समिति के माध्यम से सरकार का लक्ष्य ऐसी नीतियां तैयार करना है जो किसानों, उपभोक्ताओं और राज्य की आर्थिक प्राथमिकताओं के हितों को संतुलित करती हों। साल में दो बार कमेटी की मीटिंग होगी हाईलेवल कमेटी की साल में दो बार बैठक होगी। कमेटी को सीएम नायब सिंह सैनी की ओर से मौजूदा मूल्य नीति, खेती की लागत का मूल्यांकन करने तथा नीति को हरियाणा में किसानों की जरूरतों के प्रति अधिक प्रभावी और उत्तरदायी बनाने के लिए आवश्यक कार्यों पर व्यापक सिफारिशें देने का काम सौंपा गया है। इस समिति का गठन एक स्थायी और किसान-हितैषी मूल्य नीति की आवश्यकता के जवाब में किया गया है, जो कृषि उपज के लिए उचित पारिश्रमिक सुनिश्चित करती है, फसल विविधीकरण को बढ़ावा देती है। साथ ही बढ़ती उत्पादन लागत से उत्पन्न चुनौतियों का समाधान करती है। प्रवक्ता ने बताया कि खेती की लागत की जांच करना, मूल्य नीति की समीक्षा करना, सिफारिशें प्रदान करना और किसान कल्याण का समर्थन करना समिति के प्रमुख उद्देश्य हैं। फार्मिंग के खर्चों की रिव्यू करेगी कमेटी प्रवकता ने बताया, कमेटी इनपुट लागत, श्रम, सिंचाई और अन्य संबंधित खर्चों जैसे कारकों को ध्यान में रखते हुए हरियाणा में उगाई जाने वाली प्रमुख फसलों की खेती की वर्तमान लागत का आकलन करेगी। इसके अलावा, यह फसलों के लिए मौजूदा मूल्य नीति का मूल्यांकन करेगी और उत्पादन की लागत के अनुरूप किसानों के लिए उचित और लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के लिए सुधार सुझाएगी। उन्होंने कहा कि अपने निष्कर्षों के आधार पर, समिति राज्य सरकार को मूल्य नीति की प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए की जा सकने वाली रणनीतिक कार्रवाइयों पर सिफारिशें प्रदान करेगी। इसके अलावा, समिति यह सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करेगी कि मूल्य नीति किसानों को लाभ पहुंचाए तथा उनकी आर्थिक आवश्यकताओं और चुनौतियों का समाधान करे, तथा हरियाणा के कृषि क्षेत्र के विकास में योगदान दे। कमेटी का ये होगा स्ट्रक्चर विभाग के अधिकारियों ने बताया कि समिति में कृषि विभाग के निदेशक, अतिरिक्त निदेशक, संयुक्त निदेशक और उप निदेशक, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (CCSHAU), हिसार के अर्थशास्त्र और कृषि विज्ञान अनुभाग के प्रमुख और खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग के निदेशक सदस्य होंगे। हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सदस्य सचिव होंगे। विशेषज्ञों, हितधारकों और किसान प्रतिनिधियों को एक साथ लाकर सरकार का लक्ष्य एक ऐसा मंच तैयार करना है जो कृषि समुदाय के सामने आने वाली चुनौतियों का सक्रिय रूप से समाधान करे, उचित पारिश्रमिक सुनिश्चित करे और टिकाऊ कृषि प्रथाओं को बढ़ावा दे। हरियाणा सरकार ने आगामी मौसमों और वर्षों के लिए वर्तमान मूल्य नीति की समीक्षा के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक हाई लेवल कमेटी गठित की है। इस कमेटी का प्राथमिक उद्देश्य राज्य में प्रमुख खरीफ और रबी फसलों की खेती की लागत की जांच करना है, जो राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था में योगदान करती हैं। हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण के प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार किसानों के कल्याण को बढ़ाने और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि आने वाले वर्षों में राज्य का कृषि क्षेत्र मजबूत, प्रतिस्पर्धी और टिकाऊ बना रहे। इस समिति के माध्यम से सरकार का लक्ष्य ऐसी नीतियां तैयार करना है जो किसानों, उपभोक्ताओं और राज्य की आर्थिक प्राथमिकताओं के हितों को संतुलित करती हों। साल में दो बार कमेटी की मीटिंग होगी हाईलेवल कमेटी की साल में दो बार बैठक होगी। कमेटी को सीएम नायब सिंह सैनी की ओर से मौजूदा मूल्य नीति, खेती की लागत का मूल्यांकन करने तथा नीति को हरियाणा में किसानों की जरूरतों के प्रति अधिक प्रभावी और उत्तरदायी बनाने के लिए आवश्यक कार्यों पर व्यापक सिफारिशें देने का काम सौंपा गया है। इस समिति का गठन एक स्थायी और किसान-हितैषी मूल्य नीति की आवश्यकता के जवाब में किया गया है, जो कृषि उपज के लिए उचित पारिश्रमिक सुनिश्चित करती है, फसल विविधीकरण को बढ़ावा देती है। साथ ही बढ़ती उत्पादन लागत से उत्पन्न चुनौतियों का समाधान करती है। प्रवक्ता ने बताया कि खेती की लागत की जांच करना, मूल्य नीति की समीक्षा करना, सिफारिशें प्रदान करना और किसान कल्याण का समर्थन करना समिति के प्रमुख उद्देश्य हैं। फार्मिंग के खर्चों की रिव्यू करेगी कमेटी प्रवकता ने बताया, कमेटी इनपुट लागत, श्रम, सिंचाई और अन्य संबंधित खर्चों जैसे कारकों को ध्यान में रखते हुए हरियाणा में उगाई जाने वाली प्रमुख फसलों की खेती की वर्तमान लागत का आकलन करेगी। इसके अलावा, यह फसलों के लिए मौजूदा मूल्य नीति का मूल्यांकन करेगी और उत्पादन की लागत के अनुरूप किसानों के लिए उचित और लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के लिए सुधार सुझाएगी। उन्होंने कहा कि अपने निष्कर्षों के आधार पर, समिति राज्य सरकार को मूल्य नीति की प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए की जा सकने वाली रणनीतिक कार्रवाइयों पर सिफारिशें प्रदान करेगी। इसके अलावा, समिति यह सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करेगी कि मूल्य नीति किसानों को लाभ पहुंचाए तथा उनकी आर्थिक आवश्यकताओं और चुनौतियों का समाधान करे, तथा हरियाणा के कृषि क्षेत्र के विकास में योगदान दे। कमेटी का ये होगा स्ट्रक्चर विभाग के अधिकारियों ने बताया कि समिति में कृषि विभाग के निदेशक, अतिरिक्त निदेशक, संयुक्त निदेशक और उप निदेशक, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (CCSHAU), हिसार के अर्थशास्त्र और कृषि विज्ञान अनुभाग के प्रमुख और खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग के निदेशक सदस्य होंगे। हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सदस्य सचिव होंगे। विशेषज्ञों, हितधारकों और किसान प्रतिनिधियों को एक साथ लाकर सरकार का लक्ष्य एक ऐसा मंच तैयार करना है जो कृषि समुदाय के सामने आने वाली चुनौतियों का सक्रिय रूप से समाधान करे, उचित पारिश्रमिक सुनिश्चित करे और टिकाऊ कृषि प्रथाओं को बढ़ावा दे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
