हरियाणा में 5 पीढ़ी पुराने रिश्तेदारों के बीच जमीन के झगड़े में सगे भाइयों की हत्या कर दी गई। यह विवाद तब शुरू हुआ, जब 20 लाख प्रति एकड़ वाली जमीन के रेट 8 करोड़ प्रति एकड़ हो गए। जिसके बाद झगड़े और समझौते होते रहे। आखिर में गाड़ी से धूल उड़ाने से टोकने का विवाद इतना बढ़ा कि सगे भाइयों के पेट-छाती में गोलियां मारकर कत्ल कर दिया गया। पुलिस ने बाप-बेटे समेत 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। जिसके बाद जींद में 3 दिन पहले हुए इस हत्याकांड की पूरी कहानी सामने आई है। रिश्तेदारी से दुश्मनी और कत्ल की पूरी कहानी सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें… 50 साल पहले बनी रिश्तेदारी, जमीन के रेट बढ़े तो दुश्मन बन बैठे
करीब 50 साल पहले निर्जन गांव में रहने वाले आभेराम के पड़दादा 3 भाई थे। उनमें एक भाई की केवल लड़कियां थीं, कोई लड़का नहीं था। इसलिए उन्होंने अपने दोहते (बेटी के बेटे) को गोद ले लिया। परिवार में आगे चलकर आभेराम के 2 बेटे सतीश और दिलबाग हुए। वह फोर गोत्र से थे। वहीं जिस दोहते को गोद लिया गया था, वह दलाल गोत्र से थे। इसके बाद दोहता भी निर्जन गांव में ही आकर रहने लगा। यहीं पर जमीन उनके नाम करवा दी गई। इसी दोहते के वंश में आगे सुरेश का जन्म हुआ। चार पीढ़ियों तक दोनों के बीच रिश्ते ठीक रहे। उस समय तक जमीन की कीमत ज्यादा नहीं थी। करीब 10 साल पहले यहां से दिल्ली-पटियाला नेशनल हाईवे का बाईपास निकला। इससे यहां जमीन के रेट बढ़ने लगे। 20 साल पहले तक जिस जमीन की कीमत 20 लाख रुपए प्रति एकड़ के आसपास थी, वह हाईवे का बाईपास निकलने के बाद महंगी हो गई। उसकी कीमत बढ़कर 8 करोड़ रुपए प्रति एकड़ पर पहुंच गई है। इस दिल्ली-पटियाला नेशनल हाईवे पर बने सफीदों रोड फ्लाईओवर के पास ही सत्यम गैस एजेंसी का गोदाम है। गांव निर्जन में रह रहे सगे भाई सतीश और दिलबाग का यह गोदाम और उसके आसपास की जमीन थी। इसके पीछे ही सेक्टर 11 (जींद) में रहने वाले सुरेश कुमार की भी जमीन है। जमीन की कीमतें बढ़ीं तो सतीश और दिलबाग ने यहां कॉलोनी काट दी। मगर, सुरेश की जमीन यहां खाली पड़ी रही। कॉलोनी काटने के बाद सुरेश की जमीन तक जाने का रास्ता बंद हो गया। इसी से इनके बीच झगड़ा शुरू हो गया। सुरेश ने दिलबाग और सतीश से उसकी जमीन में जाने का रास्ता मांगा, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। इससे सुरेश को शक हुआ कि ये लोग मेरी जमीन कब्जाना चाहते हैं। सुरेश के करीबियों का ये भी कहना है कि सतीश और दिलबाग ने सुरेश को अपनी जमीन उन्हें बेचने के लिए कहा था, लेकिन सुरेश राजी नहीं हुआ। वह भी अपनी जमीन पर कॉलोनी काटने लगा। इससे सतीश और दिलबाग के लिए कंपीटिशन हो रहा था, जिसके बाद उन्होंने सुरेश की जमीन में जाने का कच्चा रास्ता भी बंद करना शुरू कर दिया। दोनों के बीच झगड़ा बढ़ा तो इसमें प्रशासन की एंट्री हो गई। इसके बाद प्रशासन ने सगे भाइयों की काटी कॉलोनी को अप्रूव किया और फिर उनकी जमीन में बने कच्चे रास्ते से एक गली निकाल दी। इसके बाद सितंबर 2024 में नगर परिषद के तत्कालीन कार्यकारी अधिकारी ऋषिकेश चौधरी के नेतृत्व में टीम यहां पहुंची। वह अपने साथ ड्यूटी मजिस्ट्रेट के तौर पर नायब तहसीलदार बलराम को भी लाए। उन्होंने मिलकर इसी गली से सुरेश को उसकी जमीन में जाने का रास्ता दिला दिया। हालांकि इससे दोनों के बीच का झगड़ा और बढ़ गया। करीब 6-7 बार दोनों पक्षों के बीच झगड़ा हुआ। मगर, हर बार पुलिस व पंचायत के दखल से मामला शांत हो जाता। सतीश व दिलबाग ने यहां रास्ता बंद करने को लेकर हाईकोर्ट में केस दायर किया हुआ है, जिस पर सुनवाई नहीं हो पाई है। मर्डर से पहले क्या हुआ, गाड़ी रोकने से धूल उड़ी, टोकने पर पीटा
दोनों परिवारों के बीच झगड़ा तो पहले से था। बीते मंगलवार (8 अप्रैल) को रात करीब साढ़े 8 बजे सतीश और दिलबाग अपनी सत्यम गैस एजेंसी के बाहर बैठे थे। तभी सुरेश का बेटा मोहित तेज रफ्तार से गाड़ी लेकर आया। उसने अचानक वहीं पर आकर ब्रेक लगाई, जहां सतीश व दिलबाग बैठे थे। गाड़ी रोकने से वहां धूल उड़ी। इस पर सतीश ने उसे टोकते हुए कहा- गाड़ी आराम से चला ले, धूल उड़ रही है। इस बात पर उनके बीच कहासुनी हो गई। जिसके बाद सुरेश के बेटे मोहित ने सतीश और दिलबाग के साथ मारपीट कर डाली। सतीश ने यह बात अपने बेटे मोहित को बताई। मोहित उस वक्त सेक्टर 11 की तरफ गया हुआ था, जहां सुरेश रहता है। पुलिस को शक है कि इस दौरान उनके बीच फिर कोई झगड़ा हुआ। कत्ल वाली रात क्या हुआ, गोदाम में घुसे, पेट-छाती पर गोलियां मारी
इसके बाद इसी रात को 1 बजे के करीब सुरेश के बेटे मोहित ने सतीश के बेटे मोहित पर फायरिंग कर दी। मोहित उस वक्त स्कॉर्पियो गाड़ी में था। उस पर 10 राउंड फायरिंग की गई। इससे बचने के लिए मोहित गाड़ी भगा ले गया। इसके बाद सुरेश के बेटे मोहित ने अपने साथी लक्ष्य के साथ सतीश के बेटे मोहित का पीछा शुरू कर दिया। मगर, सतीश का बेटा भागने में कामयाब रहा। सुरेश का बेटा मोहित गुस्से में था। वह अपने साथी लक्ष्य को लेकर गुस्से में सीधे सतीश-दिलबाग की गैस एजेंसी के गोदाम पर जा पहुंचा। तब तक रात के करीब डेढ़ बज चुके थे। वहां अंदर घुसकर उसने डोगा दोनाली बंदूक की 2 गोली दिलबाग और 2 ही गोली सतीश को मारीं। जिससे उनकी मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम में पता चला कि दिलबाग के पेट और टांग में गोली लगी थी। वहीं सतीश के पेट और छाती में गोलियां मारी गईं थी। डॉक्टरों ने कहा कि गोलियां बहुत नजदीक से मारी गईं। इस वजह से गोलियां शरीर में रुकने के बजाय आर-पार हो गईं थी। दोनों के शरीर पर गोली के छेद बने हुए थे। मौके पर भी पुलिस को मांस के कुछ टुकड़े मिले थे, जो गोली लगने के बाद मृतकों के शरीर से निकले होंगे। आखिर में… पुलिस ने इस मामले में क्या कार्रवाई की SP से मिलने पहुंचे परिजनों की 3 अहम बातें… 1. DSP की जांच से संतुष्ट नहीं
मृतकों के परिजन शुक्रवार को SP राजेश कुमार से मिले। उन्होंने कहा कि वे DSP जितेंद्र राणा की जांच से संतुष्ट नहीं हैं। किसी दूसरे अधिकारी को मामले की जांच सौंपी जाए। हत्या में आरोपी सुरेश की पत्नी और रणबीर भी शामिल हैं। इन्हें भी गिरफ्तार किया जाए। रणबीर बार-बार उनके घर के आगे चक्कर काट रहा है। उन्हें अनहोनी का खतरा है। अब से पहले हुए झगड़ों में भी सुरेश की पत्नी शामिल रहती थी। 2. गैस एजेंसी खोलने की परमिशन मिले
गैस एजेंसी को खोलने की परमिशन दी जाए, क्योंकि सिलेंडर लेने वाले कस्टमर परेशान हैं। हत्याकांड में बाकी आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं, उन्हें पकड़ा जाए। उनके परिवार ने आरोपियों को गांव में बसाया था। उन्हें 42 एकड़ जमीन दान में दी थी। उनकी जमीन हड़पने की कोई नीयत नहीं थी। 3. 1.30 करोड़ हड़पे, पंचायत के बाद भी नहीं दिए
सुरेश ने प्लॉट काट-काट कर बेच दिए, लेकिन रास्ता नहीं बनाया। नियमानुसार उनके गोदाम से आगे से रास्ता नहीं बन रहा था। प्रशासन की मौजूदगी में ही यहां दीवार निकलवाई गई थी। सुरेश ने इसे गैर कानूनी तरीके से गिरवा दिया था। सुरेश ने उनके एक करोड़ 30 लाख रुपए हड़प लिए। पंचायती तौर पर समझौता होने के बाद भी आरोपियों ने रुपए नहीं दिए थे। हरियाणा में 5 पीढ़ी पुराने रिश्तेदारों के बीच जमीन के झगड़े में सगे भाइयों की हत्या कर दी गई। यह विवाद तब शुरू हुआ, जब 20 लाख प्रति एकड़ वाली जमीन के रेट 8 करोड़ प्रति एकड़ हो गए। जिसके बाद झगड़े और समझौते होते रहे। आखिर में गाड़ी से धूल उड़ाने से टोकने का विवाद इतना बढ़ा कि सगे भाइयों के पेट-छाती में गोलियां मारकर कत्ल कर दिया गया। पुलिस ने बाप-बेटे समेत 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। जिसके बाद जींद में 3 दिन पहले हुए इस हत्याकांड की पूरी कहानी सामने आई है। रिश्तेदारी से दुश्मनी और कत्ल की पूरी कहानी सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें… 50 साल पहले बनी रिश्तेदारी, जमीन के रेट बढ़े तो दुश्मन बन बैठे
करीब 50 साल पहले निर्जन गांव में रहने वाले आभेराम के पड़दादा 3 भाई थे। उनमें एक भाई की केवल लड़कियां थीं, कोई लड़का नहीं था। इसलिए उन्होंने अपने दोहते (बेटी के बेटे) को गोद ले लिया। परिवार में आगे चलकर आभेराम के 2 बेटे सतीश और दिलबाग हुए। वह फोर गोत्र से थे। वहीं जिस दोहते को गोद लिया गया था, वह दलाल गोत्र से थे। इसके बाद दोहता भी निर्जन गांव में ही आकर रहने लगा। यहीं पर जमीन उनके नाम करवा दी गई। इसी दोहते के वंश में आगे सुरेश का जन्म हुआ। चार पीढ़ियों तक दोनों के बीच रिश्ते ठीक रहे। उस समय तक जमीन की कीमत ज्यादा नहीं थी। करीब 10 साल पहले यहां से दिल्ली-पटियाला नेशनल हाईवे का बाईपास निकला। इससे यहां जमीन के रेट बढ़ने लगे। 20 साल पहले तक जिस जमीन की कीमत 20 लाख रुपए प्रति एकड़ के आसपास थी, वह हाईवे का बाईपास निकलने के बाद महंगी हो गई। उसकी कीमत बढ़कर 8 करोड़ रुपए प्रति एकड़ पर पहुंच गई है। इस दिल्ली-पटियाला नेशनल हाईवे पर बने सफीदों रोड फ्लाईओवर के पास ही सत्यम गैस एजेंसी का गोदाम है। गांव निर्जन में रह रहे सगे भाई सतीश और दिलबाग का यह गोदाम और उसके आसपास की जमीन थी। इसके पीछे ही सेक्टर 11 (जींद) में रहने वाले सुरेश कुमार की भी जमीन है। जमीन की कीमतें बढ़ीं तो सतीश और दिलबाग ने यहां कॉलोनी काट दी। मगर, सुरेश की जमीन यहां खाली पड़ी रही। कॉलोनी काटने के बाद सुरेश की जमीन तक जाने का रास्ता बंद हो गया। इसी से इनके बीच झगड़ा शुरू हो गया। सुरेश ने दिलबाग और सतीश से उसकी जमीन में जाने का रास्ता मांगा, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। इससे सुरेश को शक हुआ कि ये लोग मेरी जमीन कब्जाना चाहते हैं। सुरेश के करीबियों का ये भी कहना है कि सतीश और दिलबाग ने सुरेश को अपनी जमीन उन्हें बेचने के लिए कहा था, लेकिन सुरेश राजी नहीं हुआ। वह भी अपनी जमीन पर कॉलोनी काटने लगा। इससे सतीश और दिलबाग के लिए कंपीटिशन हो रहा था, जिसके बाद उन्होंने सुरेश की जमीन में जाने का कच्चा रास्ता भी बंद करना शुरू कर दिया। दोनों के बीच झगड़ा बढ़ा तो इसमें प्रशासन की एंट्री हो गई। इसके बाद प्रशासन ने सगे भाइयों की काटी कॉलोनी को अप्रूव किया और फिर उनकी जमीन में बने कच्चे रास्ते से एक गली निकाल दी। इसके बाद सितंबर 2024 में नगर परिषद के तत्कालीन कार्यकारी अधिकारी ऋषिकेश चौधरी के नेतृत्व में टीम यहां पहुंची। वह अपने साथ ड्यूटी मजिस्ट्रेट के तौर पर नायब तहसीलदार बलराम को भी लाए। उन्होंने मिलकर इसी गली से सुरेश को उसकी जमीन में जाने का रास्ता दिला दिया। हालांकि इससे दोनों के बीच का झगड़ा और बढ़ गया। करीब 6-7 बार दोनों पक्षों के बीच झगड़ा हुआ। मगर, हर बार पुलिस व पंचायत के दखल से मामला शांत हो जाता। सतीश व दिलबाग ने यहां रास्ता बंद करने को लेकर हाईकोर्ट में केस दायर किया हुआ है, जिस पर सुनवाई नहीं हो पाई है। मर्डर से पहले क्या हुआ, गाड़ी रोकने से धूल उड़ी, टोकने पर पीटा
दोनों परिवारों के बीच झगड़ा तो पहले से था। बीते मंगलवार (8 अप्रैल) को रात करीब साढ़े 8 बजे सतीश और दिलबाग अपनी सत्यम गैस एजेंसी के बाहर बैठे थे। तभी सुरेश का बेटा मोहित तेज रफ्तार से गाड़ी लेकर आया। उसने अचानक वहीं पर आकर ब्रेक लगाई, जहां सतीश व दिलबाग बैठे थे। गाड़ी रोकने से वहां धूल उड़ी। इस पर सतीश ने उसे टोकते हुए कहा- गाड़ी आराम से चला ले, धूल उड़ रही है। इस बात पर उनके बीच कहासुनी हो गई। जिसके बाद सुरेश के बेटे मोहित ने सतीश और दिलबाग के साथ मारपीट कर डाली। सतीश ने यह बात अपने बेटे मोहित को बताई। मोहित उस वक्त सेक्टर 11 की तरफ गया हुआ था, जहां सुरेश रहता है। पुलिस को शक है कि इस दौरान उनके बीच फिर कोई झगड़ा हुआ। कत्ल वाली रात क्या हुआ, गोदाम में घुसे, पेट-छाती पर गोलियां मारी
इसके बाद इसी रात को 1 बजे के करीब सुरेश के बेटे मोहित ने सतीश के बेटे मोहित पर फायरिंग कर दी। मोहित उस वक्त स्कॉर्पियो गाड़ी में था। उस पर 10 राउंड फायरिंग की गई। इससे बचने के लिए मोहित गाड़ी भगा ले गया। इसके बाद सुरेश के बेटे मोहित ने अपने साथी लक्ष्य के साथ सतीश के बेटे मोहित का पीछा शुरू कर दिया। मगर, सतीश का बेटा भागने में कामयाब रहा। सुरेश का बेटा मोहित गुस्से में था। वह अपने साथी लक्ष्य को लेकर गुस्से में सीधे सतीश-दिलबाग की गैस एजेंसी के गोदाम पर जा पहुंचा। तब तक रात के करीब डेढ़ बज चुके थे। वहां अंदर घुसकर उसने डोगा दोनाली बंदूक की 2 गोली दिलबाग और 2 ही गोली सतीश को मारीं। जिससे उनकी मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम में पता चला कि दिलबाग के पेट और टांग में गोली लगी थी। वहीं सतीश के पेट और छाती में गोलियां मारी गईं थी। डॉक्टरों ने कहा कि गोलियां बहुत नजदीक से मारी गईं। इस वजह से गोलियां शरीर में रुकने के बजाय आर-पार हो गईं थी। दोनों के शरीर पर गोली के छेद बने हुए थे। मौके पर भी पुलिस को मांस के कुछ टुकड़े मिले थे, जो गोली लगने के बाद मृतकों के शरीर से निकले होंगे। आखिर में… पुलिस ने इस मामले में क्या कार्रवाई की SP से मिलने पहुंचे परिजनों की 3 अहम बातें… 1. DSP की जांच से संतुष्ट नहीं
मृतकों के परिजन शुक्रवार को SP राजेश कुमार से मिले। उन्होंने कहा कि वे DSP जितेंद्र राणा की जांच से संतुष्ट नहीं हैं। किसी दूसरे अधिकारी को मामले की जांच सौंपी जाए। हत्या में आरोपी सुरेश की पत्नी और रणबीर भी शामिल हैं। इन्हें भी गिरफ्तार किया जाए। रणबीर बार-बार उनके घर के आगे चक्कर काट रहा है। उन्हें अनहोनी का खतरा है। अब से पहले हुए झगड़ों में भी सुरेश की पत्नी शामिल रहती थी। 2. गैस एजेंसी खोलने की परमिशन मिले
गैस एजेंसी को खोलने की परमिशन दी जाए, क्योंकि सिलेंडर लेने वाले कस्टमर परेशान हैं। हत्याकांड में बाकी आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं, उन्हें पकड़ा जाए। उनके परिवार ने आरोपियों को गांव में बसाया था। उन्हें 42 एकड़ जमीन दान में दी थी। उनकी जमीन हड़पने की कोई नीयत नहीं थी। 3. 1.30 करोड़ हड़पे, पंचायत के बाद भी नहीं दिए
सुरेश ने प्लॉट काट-काट कर बेच दिए, लेकिन रास्ता नहीं बनाया। नियमानुसार उनके गोदाम से आगे से रास्ता नहीं बन रहा था। प्रशासन की मौजूदगी में ही यहां दीवार निकलवाई गई थी। सुरेश ने इसे गैर कानूनी तरीके से गिरवा दिया था। सुरेश ने उनके एक करोड़ 30 लाख रुपए हड़प लिए। पंचायती तौर पर समझौता होने के बाद भी आरोपियों ने रुपए नहीं दिए थे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
