हरियाणा में पिछले एक सप्ताह में मौसम में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है। इस बार ठंड की शुरुआत भी देरी से हुई है। न्यूनतम तापमान में मामूली गिरावट आई है, लेकिन अधिकतम तापमान अभी भी 30 डिग्री सेल्सियस से ऊपर है। बुधवार को न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है। इससे साफ है कि अभी दिन की गर्मी से राहत नहीं मिलेगी। जबकि सुबह-शाम हल्की ठंड पड़ रही है। मौसम में नमी के कारण प्रदेश के 10 से ज्यादा शहरों में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है। हालात ऐसे हैं कि कुछ जगहों पर सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार 28 अक्टूबर तक मौसम पूरी तरह साफ रहेगा। हालांकि 24 अक्टूबर से मौसम में बदलाव शुरू हो जाएगा। इस बार नवंबर के पहले सप्ताह में ठंड शुरू हो सकती है। आईएमडी चंडीगढ़ के अनुसार बुधवार को हरियाणा के ज्यादातर जिलों में अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस रहने की उम्मीद है। कल मौसम में बदलाव संभव है। जिसके चलते दिन के तापमान में भी हल्की गिरावट देखी जा सकती है।नवंबर के पहले सप्ताह से सर्दी शुरू होने की संभावना है। खराब होने लगी शहरों की हवा एक तरफ मौसम में नमी और दूसरी तरफ पराली जलाने से हरियाणा की अबोहवा काफी खराब हो रही है। खासकर देश की राजधानी दिल्ली से लगते जिलों का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) काफी खराब श्रेणी में पहुंच गया है। 24 घंटे के दौरान 10 से ज्यादा जिले की हवा सबसे खराब रही। वहीं पानीपत, यमुनानगर, बहादुरगढ़, फरीदाबाद और गुरुग्राम में भी एक्यूआई 200 के पास बना हुआ है। सामान्य के आसपास बारिश हुई राज्य में मानसून का प्रदर्शन अब तक संतोषजनक रहा है। कुल मिलाकर अब तक 424.6 मिमी बारिश के मुकाबले 406.4 मिमी बारिश दर्ज की गई है। जो सामान्य से महज 4% कम है। यानी बारिश का कोटा लगभग पूरा हो चुका है। दूसरी ओर, अगर जिले के हिसाब से बारिश की स्थिति देखें तो 10 जिले ऐसे हैं, जिनमें 10 से 38% कम बारिश दर्ज की गई है। 12 जिलों में सामान्य से 10 से 71% अधिक बारिश हुई है। हरियाणा में पिछले एक सप्ताह में मौसम में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है। इस बार ठंड की शुरुआत भी देरी से हुई है। न्यूनतम तापमान में मामूली गिरावट आई है, लेकिन अधिकतम तापमान अभी भी 30 डिग्री सेल्सियस से ऊपर है। बुधवार को न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है। इससे साफ है कि अभी दिन की गर्मी से राहत नहीं मिलेगी। जबकि सुबह-शाम हल्की ठंड पड़ रही है। मौसम में नमी के कारण प्रदेश के 10 से ज्यादा शहरों में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है। हालात ऐसे हैं कि कुछ जगहों पर सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार 28 अक्टूबर तक मौसम पूरी तरह साफ रहेगा। हालांकि 24 अक्टूबर से मौसम में बदलाव शुरू हो जाएगा। इस बार नवंबर के पहले सप्ताह में ठंड शुरू हो सकती है। आईएमडी चंडीगढ़ के अनुसार बुधवार को हरियाणा के ज्यादातर जिलों में अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस रहने की उम्मीद है। कल मौसम में बदलाव संभव है। जिसके चलते दिन के तापमान में भी हल्की गिरावट देखी जा सकती है।नवंबर के पहले सप्ताह से सर्दी शुरू होने की संभावना है। खराब होने लगी शहरों की हवा एक तरफ मौसम में नमी और दूसरी तरफ पराली जलाने से हरियाणा की अबोहवा काफी खराब हो रही है। खासकर देश की राजधानी दिल्ली से लगते जिलों का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) काफी खराब श्रेणी में पहुंच गया है। 24 घंटे के दौरान 10 से ज्यादा जिले की हवा सबसे खराब रही। वहीं पानीपत, यमुनानगर, बहादुरगढ़, फरीदाबाद और गुरुग्राम में भी एक्यूआई 200 के पास बना हुआ है। सामान्य के आसपास बारिश हुई राज्य में मानसून का प्रदर्शन अब तक संतोषजनक रहा है। कुल मिलाकर अब तक 424.6 मिमी बारिश के मुकाबले 406.4 मिमी बारिश दर्ज की गई है। जो सामान्य से महज 4% कम है। यानी बारिश का कोटा लगभग पूरा हो चुका है। दूसरी ओर, अगर जिले के हिसाब से बारिश की स्थिति देखें तो 10 जिले ऐसे हैं, जिनमें 10 से 38% कम बारिश दर्ज की गई है। 12 जिलों में सामान्य से 10 से 71% अधिक बारिश हुई है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा की 20 सीटों का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा:याचिकाकर्ता ने दोबारा वोटिंग की मांग की; EVM की बैटरी चार्जिंग को आधार बनाया
हरियाणा की 20 सीटों का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा:याचिकाकर्ता ने दोबारा वोटिंग की मांग की; EVM की बैटरी चार्जिंग को आधार बनाया हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान 20 सीटों पर वोटिंग में गड़बड़ी का आरोप वाली शिकायत अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई है। कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें कहा गया है कि चुनाव के दौरान EVM में छेड़छाड़ हुई है। इसकी जांच के आदेश भारतीय चुनाव आयोग को दिए जाएं। साथ ही याचिका में यह भी कहा गया है कि कांग्रेस पार्टी ने भी चुनाव में गड़बड़ी की शिकायत ECI से की थी, लेकिन उसमें कोई कार्रवाई नहीं हुई है। याचिकाकर्ता ने उन 20 सीटों पर दोबारा चुनाव कराने की मांग की है। EVM में गड़बड़ी को लेकर कांग्रेस भी सवाल उठा चुकी है। हालांकि, भारतीय चुनाव आयोग के चीफ इलेक्शन कमिश्नर राजीव कुमार कह चुके हैं कि EVM बिल्कुल सुरक्षित हैं। उनके नतीजे एकदम सही हैं। इनमें गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं है। EVM में काउंटिंग वाले दिन भी 99% बैटरी थी
जानकारी के अनुसार, प्रिया मिश्रा और विकास बंसल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली है। एडवोकेट नरेंद्र मिश्रा के माध्यम से दी गई याचिका में कहा गया है कि ECI ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) के माध्यम से हरियाणा में चुनाव कराए हैं, और उसी के आधार पर रिजल्ट भी घोषित किए हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि कुछ EVM 99 प्रतिशत बैटरी क्षमता पर काम कर रही थीं, जबकि कुछ EVM 60-70 और 80 प्रतिशत से कम बैटरी क्षमता पर काम कर रही थीं। कुछ EVM में काउंटिंग वाले दिन भी 99 प्रतिशत बैटरी थी। वोटिंग के दौरान ही पकड़ी थी EVM की गड़बड़ी
याचिका में कहा गया है कि कुछ पोलिंग स्टेशन पर वोटिंग और काउंटिंग के दौरान ही EVM की गड़बड़ी पकड़ ली गई थी। मौके पर मौजूद कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने EVM की गड़बड़ी को वहां मौजूद चुनाव अधिकारी को बताया भी था, लेकिन कांग्रेस के लोग ज्यादा नहीं थे, इसलिए उनकी सुनवाई नहीं हुई। ECI ने वोटिंग के बाद काउंटिंग के एक दिन पहले तक वोटिंग परसेंटेज को लगातार अपडेट किया। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि हरियाणा की जिन 20 विधानसभा सीटों पर EVM में गड़बड़ी की संभावना है, उन सीटों पर दोबारा चुनाव कराए जाएं। ECI चीफ जवाब दे चुके
इससे पहले मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार झारखंड और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के लिए आयोजित की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कह चुके हैं कि EVM में कोई गड़बड़ी नहीं है। उन्होंने कहा कि EVM की बैटरी कैलकुलेटर बैटरी की तरह सिंगल यूज बैटरी होती है। यह मोबाइल बैटरी की तरह नहीं है। आयोग ने कहा है कि EVM में एक प्रावधान है कि मशीनों को कम वोल्टेज की आवश्यकता होती है। कमीशनिंग के बाद जब मॉक पोल होता है तो शुरू में 99% बैटरी दिखती है। इसके साथ ही जब यह 7.4% से कम वोल्टेज होता है तो यह कम बैटरी दिखाता है। आयोग की ओर से यह भी कहा गया है कि हमने सभी रिटर्निंग ऑफिसर से उन 20 निर्वाचन क्षेत्रों में कौन-कौन मौजूद था, इसकी पूरी जानकारी देने को कहा है। ECI चीफ की ओर से कही गईं 3 खास बातें… ECI चीफ ने कहा कि इसे लेकर 20 शिकायतें आई हैं। हम हर सवाल का फैक्चुअल जवाब देंगे। जल्दी देंगे। अगला भी कुछ आएगा, वह भी रुकेगा नहीं।
43 डिग्री तापमान के बावजूद सिरसा के बाद अम्बाला लोकसभा में सबसे ज्यादा मतदान
43 डिग्री तापमान के बावजूद सिरसा के बाद अम्बाला लोकसभा में सबसे ज्यादा मतदान भास्कर न्यूज | अम्बाला लोकसभा के छठे चरण के मतदान के दिन नौतपा भी शुरू हो गया। दिन में अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस रहा, बावजूद इसके मतदाता के कदम नहीं रुके और वह घर से निकलकर मतदान के लिए पहुंचे। इसलिए हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों में सबसे ज्यादा मतदान करने में अम्बाला लोकसभा दूसरे नंबर पर रहा। बेशक शहरी मतदाताओं ने मतदान करने में कुछ बेरुखी दिखाई, लेकिन ग्रामीण नौतपा की परवाह न करते हुए घरों से बाहर निकले और मतदान केंद्रों तक पहुंचे। हरियाणा में जिन 2 लोकसभा सीटों पर सबसे ज्यादा मतदान हुआ, उनमें सिरसा व अम्बाला शामिल हैं। ये दोनों सीटें आरक्षित हैं। सिरसा में 69.1 प्रतिशत मतदान हुआ तो अम्बाला लोकसभा सीट पर 67 प्रतिशत मतदान हुआ। हरियाणा में अम्बाला औसत मतदान प्रतिशत में आगे रहा। हरियाणा का मतदान प्रतिशत 64.2 रहा। हरियाणा में जिला वाइज मतदान की बात करें तो अम्बाला प्रदेश में 8वें स्थान पर रहा, जबकि पहले नंबर पर यमुनानगर जिला रहा, जहां 71.4 प्रतिशत मतदान हुआ। यमुनानगर की रादौर विधानसभा के मतदाता कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से जुड़े हैं, जबकि जगाधरी, यमुनानगर और साढौरा के मतदाता अम्बाला लोकसभा सीट के लिए मतदान करते हैं। बेशक शनिवार को नौतपा शुरू हो गया, लेकिन तपते सूर्य देव की गर्मी के आगे अम्बाला के मतदाताओं का हौसला डगमगाया नहीं। 7 बजे शुरू हुए मतदान की शुरुआत पहले 3 दिन घंटे में कम रही, लेकिन जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती गई, मतदाता भी घरों से निकलते गए। दोपहर 12 बजे तक जहां सिर्फ 26.93 प्रतिशत मतदान हुआ था। वहीं भरी दोपहरी में मतदाताओं ने इसे 48.9 प्रतिशत तक पहुंचा दिया। कुल मतदाता 19,96,708 थे, जबकि मतदान 13,38,496 ने किया।
अंबाला में पिता कांग्रेस प्रत्याशी और बेटी बागी:निर्मल सिंह ने चित्रा के नामांकन से झाड़ा पल्ला, बोल- वो शादीशुदा-उसका खुद का फैसला
अंबाला में पिता कांग्रेस प्रत्याशी और बेटी बागी:निर्मल सिंह ने चित्रा के नामांकन से झाड़ा पल्ला, बोल- वो शादीशुदा-उसका खुद का फैसला हरियाणा के अंबाला में कांग्रेस नेत्री चित्रा सरवारा के आजाद नॉमिनेशन करने पर पिता निर्मल सिंह ने पल्ला झाड़ लिया है। चित्रा के पिता निर्मल सिंह को कांग्रेस ने अंबाला सिटी से टिकट दिया है, जबकि चित्रा भी टिकट के इंतजार में थी, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। जिसके बाद चित्रा सरवारा बगावती तेवर दिखाते हुए इंडिपेंडेंट कैंडिडेट के तौर पर मैदान में उतर गई, और अंबाला कैंट सीट से अपना नामांकन दाखिल कर दिया। बता दें कि बीते जनवरी माह में दोनों ने आम आदमी पार्टी को अलविदा कहकर कांग्रेस में वापसी कर ली थी। वहीं चित्रा के आजाद प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल करने पर पिता ने अपना पक्ष रखा और अपना बचाव करते हुए कहा कि उनकी बेटी शादीशुदा है और ये उसका खुद का फैसला है। ऐसे में जहां कांग्रेस ने बेटी के पिता को टिकट दिया, वहीं बेटी ने टिकट न मिलने पर तेवर तल्ख कर लिए। पिता-पुत्री की राजनीति ने अंबाला के गलियारों में हलचल मचा दी है और हर तरफ इसी की चर्चा है। 5 जनवरी को छोड़ दी थी AAP कांग्रेस से अपनी राजनीति की शुरुआत करने वाले निर्मल सिंह ने अपनी बेटी चित्रा के साथ कांग्रेस छोड़ने के बाद करीब 2 साल तक आम आदमी पार्टी में अपनी सेवाएं दी। लेकिन बीती 5 जनवरी को उन्होंने AAP को अलविदा कह दिया और भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष उदय भान के नेतृत्व में कांग्रेस जॉइन कर ली थी। AAP छोड़ने का दोनों ने निजी कारण बताया था। सूत्रों के हवाले से कारण सामने आए थे कि निर्मल सिंह ने AAP की सीनियर लीडरशिप से इसी साल होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव में 2 सीटों की डिमांड की थी। वह खुद अंबाला सिटी से चुनाव लड़ना चाहते थे और बेटी चित्रा सरवारा के लिए अंबाला कैंट सीट से टिकट चाहते थे। पार्टी इसके हक में नहीं थी। AAP की सीनियर लीडरशिप चाहती थी कि निर्मल सिंह विधानसभा चुनाव की जगह लोकसभा चुनाव लड़ें। पार्टी ने उन्हें इसके लिए तैयारी करने को भी कह दिया था। नंगल की सीट से 4 बार के विधायक रहे चुके है निर्मल निर्मल सिंह कांग्रेस के टिकट पर अंबाला की नंगल सीट से 4 बार विधायक रह चुके हैं। निर्मल सिंह को अंबाला जिले में ‘प्रधानजी’ के नाम से बुलाया जाता है। निर्मल सिंह लंबे समय तक कांग्रेस में रहे हैं, इसलिए उनके दिल्ली में बैठे कांग्रेस के आला नेताओं के साथ-साथ हरियाणा के पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा से भी अच्छे संबंध हैं। इन्हीं संबंधों का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने कांग्रेस जॉइन कर ली थी। 2019 में हारे पिता-पुत्री वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने पर निर्मल सिंह ने बेटी चित्रा सरवारा के साथ कांग्रेस छोड़कर अपनी पार्टी बना ली और निर्दलीय चुनाव लड़ा, लेकिन दोनों ही हार गए। वर्ष 2022 में नई दिल्ली में खुद अरविंद केजरीवाल ने दोनों को आम आदमी पार्टी जॉइन करवाई। चित्रा को AAP ने अपनी हरियाणा इकाई का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया। निर्मल सिंह की गिनती भी हरियाणा में AAP के सीनियर नेताओं में होती थी, लेकिन दोनों ने अचानक पार्टी छोड़कर सबको चौंका दिया था। इस बार कांग्रेस ने निर्मल सिंह को तो टिकट दे दिया। लेकिन चित्रा का टिकट काट दिया और चित्रा ने नाराज होकर आजाद उम्मीदवार के तौर पर ही अंबाला कैंट सीट से नामांकन भर दिया।