हरियाणा में विधानसभा चुनाव में जीत के बाद BJP निकाय चुनाव की तैयारी में जुट गई है। BJP इसे लेकर मेगा प्लान तैयार कर रही है। शहरों में सरकार बनाने के लिए मुख्यमंत्री नायब सैनी ने खुद कमर कस ली है। जीत सुनिश्चित करने के लिए CM सैनी ने पार्टी विधायकों के साथ मंत्रियों को भी टास्क दिया है। CM ने कहा है कि वह दिसंबर से लेकर जनवरी तक अपने-अपने शहरी क्षेत्रों में सक्रिय होकर काम करें। शहरों में जल निकासी और साफ-सफाई के साथ सड़कों पर फोकस करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। एक दिन पहले पंचकूला में हुई संगठन की मीटिंग में निकाय चुनाव को लेकर सभी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को ग्राउंड वर्क पर काम शुरू करने को कहा गया है। ऐसे में चर्चा है कि नए साल की शुरुआत यानी जनवरी में निकाय चुनाव हो सकते हैं। इसलिए जनवरी में बन रहे चुनाव के आसार
राज्य चुनाव आयुक्त (SEC) की ओर से मई 2024 में निकाय चुनाव को लेकर हरियाणा सरकार के सचिव को पत्र लिखे जाने के बावजूद सरकार के स्तर पर इस बारे में अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। चर्चा है कि विधानसभा चुनाव के परिणाम को देखते हुए सरकार सूबे में जल्द ही निकाय चुनाव करवाने का मन बना रही है। इसको देखते हुए राज्य चुनाव आयोग की ओर से ग्राउंड पर काम करना शुरू कर दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि यदि जनवरी में निकाय चुनाव होंगे तो दिसंबर लास्ट में इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा। प्रत्याशियों का फीडबैक मांगा
भाजपा की विधायक दल की मीटिंग में संगठन पदाधिकारियों के साथ विधायकों से संभावित प्रत्याशियों का फीडबैक मांगा गया। यह भी कहा गया है कि यदि कोई कार्यकर्ता ग्राउंड पर अच्छा काम कर रहा है तो वह अपने स्तर पर उसका नाम प्रस्तावित कर सकते हैं। हालांकि पार्टी सूत्रों का कहना है कि BJP इस बार निकाय चुनाव में विधानसभा चुनाव की तरह नए चेहरों पर दांव खेलने की तैयारी कर रही है। इसके साथ ही विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की मदद करने वाले पार्षदों की लिस्ट तैयार की जा रही है। चुनाव में इन पार्षदों की पार्टी टिकट काटने की प्लानिंग पर काम कर रही है। मनोहर टर्म की 2 योजनाओं पर फोकस कर रही BJP
1. निकाय चुनाव में BJP परिवार पहचान पत्र (PPP) को लेकर काफी डरी हुई है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव में भी यह मुद्दा रहा। चूंकि सरकार की इस योजना के लागू होने के बाद लोगों को काफी परेशानी हुई। कई बुजुर्गों, विधवाओं की पेंशन तक कट गई। निकाय चुनाव में मुद्दा न बने इसको लेकर सरकार ने अधिकारियों को जिला स्तर पर समाधान शिविर शुरू करने के निर्देश दिए हैं। 2. प्रॉपर्टी आईडी को भी पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर ने लागू किया था। इससे जब लोगों को परेशानी हुई तब कांग्रेस ने इसे मुद्दा बनाया। कांग्रेस नेताओं के द्वारा प्रॉपर्टी ID को लेकर कई आरोप लगाए गए। कहा गया कि लोगों की जमीन कम दिखाई हुई है। रिहायशी मकानों को कॉमर्शियल बना दिया। जो कॉमर्शियल थे, वे रिहायशी दिखा दिए। कई मामलों में कब्जाधारियों की प्रॉपर्टी ID बना दी। प्रॉपर्टी ID पर लोगों के फोन नंबर तक गलत डाल दिए। ये राहत दे चुकी सरकार
चूंकि, चुनाव पिछले एक साल से प्रस्तावित हैं, इसलिए शहरी वोटरों को लुभाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर अपने कार्यकाल में शहरी मतदाताओं को कई राहत दे चुके हैं। शहरी क्षेत्रों में करीब 1500 कॉलोनियों को नियमित कर चुके हैं। पानी के बिलों व संपत्ति कर में भी राहत दे चुके हैं। ऐसे में पार्टी की पूरी कोशिश रहेगी कि इन रियायतों का निकाय चुनाव से पहले लाभ लिया जाए। इसके बाद अब CM नायब सैनी भी शहरों पर ही फोकस कर रहे हैं। हरियाणा में विधानसभा चुनाव में जीत के बाद BJP निकाय चुनाव की तैयारी में जुट गई है। BJP इसे लेकर मेगा प्लान तैयार कर रही है। शहरों में सरकार बनाने के लिए मुख्यमंत्री नायब सैनी ने खुद कमर कस ली है। जीत सुनिश्चित करने के लिए CM सैनी ने पार्टी विधायकों के साथ मंत्रियों को भी टास्क दिया है। CM ने कहा है कि वह दिसंबर से लेकर जनवरी तक अपने-अपने शहरी क्षेत्रों में सक्रिय होकर काम करें। शहरों में जल निकासी और साफ-सफाई के साथ सड़कों पर फोकस करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। एक दिन पहले पंचकूला में हुई संगठन की मीटिंग में निकाय चुनाव को लेकर सभी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को ग्राउंड वर्क पर काम शुरू करने को कहा गया है। ऐसे में चर्चा है कि नए साल की शुरुआत यानी जनवरी में निकाय चुनाव हो सकते हैं। इसलिए जनवरी में बन रहे चुनाव के आसार
राज्य चुनाव आयुक्त (SEC) की ओर से मई 2024 में निकाय चुनाव को लेकर हरियाणा सरकार के सचिव को पत्र लिखे जाने के बावजूद सरकार के स्तर पर इस बारे में अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। चर्चा है कि विधानसभा चुनाव के परिणाम को देखते हुए सरकार सूबे में जल्द ही निकाय चुनाव करवाने का मन बना रही है। इसको देखते हुए राज्य चुनाव आयोग की ओर से ग्राउंड पर काम करना शुरू कर दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि यदि जनवरी में निकाय चुनाव होंगे तो दिसंबर लास्ट में इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा। प्रत्याशियों का फीडबैक मांगा
भाजपा की विधायक दल की मीटिंग में संगठन पदाधिकारियों के साथ विधायकों से संभावित प्रत्याशियों का फीडबैक मांगा गया। यह भी कहा गया है कि यदि कोई कार्यकर्ता ग्राउंड पर अच्छा काम कर रहा है तो वह अपने स्तर पर उसका नाम प्रस्तावित कर सकते हैं। हालांकि पार्टी सूत्रों का कहना है कि BJP इस बार निकाय चुनाव में विधानसभा चुनाव की तरह नए चेहरों पर दांव खेलने की तैयारी कर रही है। इसके साथ ही विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की मदद करने वाले पार्षदों की लिस्ट तैयार की जा रही है। चुनाव में इन पार्षदों की पार्टी टिकट काटने की प्लानिंग पर काम कर रही है। मनोहर टर्म की 2 योजनाओं पर फोकस कर रही BJP
1. निकाय चुनाव में BJP परिवार पहचान पत्र (PPP) को लेकर काफी डरी हुई है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव में भी यह मुद्दा रहा। चूंकि सरकार की इस योजना के लागू होने के बाद लोगों को काफी परेशानी हुई। कई बुजुर्गों, विधवाओं की पेंशन तक कट गई। निकाय चुनाव में मुद्दा न बने इसको लेकर सरकार ने अधिकारियों को जिला स्तर पर समाधान शिविर शुरू करने के निर्देश दिए हैं। 2. प्रॉपर्टी आईडी को भी पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर ने लागू किया था। इससे जब लोगों को परेशानी हुई तब कांग्रेस ने इसे मुद्दा बनाया। कांग्रेस नेताओं के द्वारा प्रॉपर्टी ID को लेकर कई आरोप लगाए गए। कहा गया कि लोगों की जमीन कम दिखाई हुई है। रिहायशी मकानों को कॉमर्शियल बना दिया। जो कॉमर्शियल थे, वे रिहायशी दिखा दिए। कई मामलों में कब्जाधारियों की प्रॉपर्टी ID बना दी। प्रॉपर्टी ID पर लोगों के फोन नंबर तक गलत डाल दिए। ये राहत दे चुकी सरकार
चूंकि, चुनाव पिछले एक साल से प्रस्तावित हैं, इसलिए शहरी वोटरों को लुभाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर अपने कार्यकाल में शहरी मतदाताओं को कई राहत दे चुके हैं। शहरी क्षेत्रों में करीब 1500 कॉलोनियों को नियमित कर चुके हैं। पानी के बिलों व संपत्ति कर में भी राहत दे चुके हैं। ऐसे में पार्टी की पूरी कोशिश रहेगी कि इन रियायतों का निकाय चुनाव से पहले लाभ लिया जाए। इसके बाद अब CM नायब सैनी भी शहरों पर ही फोकस कर रहे हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर