हरियाणा में रेवाड़ी जिले के गांव खालेटा में प्रशासन की अजीबो-गरीब कार्रवाई देखने को मिली। पंचायत की जमीन पर अवैध कब्जे करने की शिकायत करने वाले शख्स के मकान को ही अधिकारियों ने अवैध कब्जा बताकर उसके मेन गेट पर दीवार चिनवा दी। परिवार के लोग अंदर ही कैद रहे और घर के बाहर ईंटों की दीवार खड़ी हो गई। शिकायतकर्ता ने अपने पड़ोसी के खिलाफ अवैध कब्जे की शिकायत की थी। विवाद बढ़ा तो ग्राम पंचायत ने जांच की और शिकायतकर्ता का मकान भी गलत जगह बताया गया। शिकायतकर्ता लेखराम के मकान का जहां गेट है, उसी पंचायती जमीन माना। नोटिस के बाद कार्यवाही करते हुए जिला प्रशासन ने उसके मकान के आगे ईंटों की दीवार चिनकर गेट बंद करवा दिया है। वहीं जिस व्यक्ति को लेकर शिकायत दी थी, उसके भी पानी के टैंक को तोड़ा गया है। हालांकि लेखराम ने इसे ग्राम पंचायत और जिला प्रशासन की तानाशाही बताया। कहा कि पंचायत द्वारा ही यह प्लॉट दिया गया था। वो अपने परिवार के साथ तकरीबन 41 साल से यहीं से जा रहे हैं। हालांकि पंचायत विभाग के अधिकारियों ने लेखराम का दूसरा प्लॉट होने की बात कही है। फिलहाल शिकायतकर्ता ने जिला प्रशासन के अधिकरियों से मुलाकात कर बंद किए गए गेट को खुलवाने की मांग की है। ये है पूरा मामला गांव खालेटा की सरपंच के प्रतिनिधि सत्यरूप ने बताया कि गांव निवासी लेखराम के पड़ोस में उन्हीं के परिवार के अजय का भी मकान है। लेखराम ने शिकायत लगाई थी कि ग्राम पंचायत की जमीन पर अजय ने पानी का टैंक बना दिया है। सीएम विंडो पर भी शिकायत भेजी गई। इसके बाद हमने पंचायत का रिकॉर्ड देखा। इससे पता लगा कि जहां टैंक बना है, वह पंचायती जमीन ही है। हमने टैंक को तुड़वा दिया। वहीं लेखराम के मकान का गेट भी पंचायती जमीन की तरफ खोला गया है। हमने उन्हें पंचायती राज एक्ट के तहत नोटिस दिए। इसके बाद जिला प्रशासन को लिख दिया गया। प्रशासन की तरफ से बीडीपीओ को बतौर ड्यूटी मजिस्ट्रेट लगाकर गेट बंद कराया है। लेखराम के प्लॉट का रास्ता दूसरी तरफ है। वहीं रिकॉर्ड के अनुसार उन्हें 100 वर्ग गज के प्लॉट ही दूसरी जगह मिले थे। पंचायत और अधिकारियों ने की तानाशाही; लेखराम गांव खालेटा निवासी लेखराम ने कहा कि वर्ष 1983 में मेरे पिता दीवान सिंह को पंचायत द्वारा ये प्लॉट दिया गया था। हम तब से इसी रास्ते से आ-जा रहे है, जो कि हमारे मकान का आम रास्ता था। अब पंचायत व प्रशासन द्वारा मेरे मकान के गेट को ईंटों की चिनाई करके बंद कर दिया है। मेरे परिवार को भी अंदर ही बंद कर दिया, जिन्हें सीढ़ी के जरिए बाहर निकाला गया। हमें प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं मिली। मकान का कोई दूसरा रास्ता नहीं है। हम तो अपने भाई के प्लॉट से होकर दूसरी तरफ जाते थे। शिकायतकर्ता ने खुद कब्जा किया हुआ था; BDPO खोल ब्लॉक के BDPO संदीप शर्मा ने बताया कि लेखराम द्वारा शिकायत करने के बाद हमने पंचायत का रिकॉर्ड चेक कराया तो पता चला कि शिकायत करने वाले लेखराम ने ही खुद अवैध कब्जा किया हुआ है। जांच में ये चीजे सामने आने के बाद दोनों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। लेखराम के मकान का गेट दूसरी तरफ खुलता है। किसी प्रकार का इस कार्रवाई में भेदभाव नहीं किया गया। हरियाणा में रेवाड़ी जिले के गांव खालेटा में प्रशासन की अजीबो-गरीब कार्रवाई देखने को मिली। पंचायत की जमीन पर अवैध कब्जे करने की शिकायत करने वाले शख्स के मकान को ही अधिकारियों ने अवैध कब्जा बताकर उसके मेन गेट पर दीवार चिनवा दी। परिवार के लोग अंदर ही कैद रहे और घर के बाहर ईंटों की दीवार खड़ी हो गई। शिकायतकर्ता ने अपने पड़ोसी के खिलाफ अवैध कब्जे की शिकायत की थी। विवाद बढ़ा तो ग्राम पंचायत ने जांच की और शिकायतकर्ता का मकान भी गलत जगह बताया गया। शिकायतकर्ता लेखराम के मकान का जहां गेट है, उसी पंचायती जमीन माना। नोटिस के बाद कार्यवाही करते हुए जिला प्रशासन ने उसके मकान के आगे ईंटों की दीवार चिनकर गेट बंद करवा दिया है। वहीं जिस व्यक्ति को लेकर शिकायत दी थी, उसके भी पानी के टैंक को तोड़ा गया है। हालांकि लेखराम ने इसे ग्राम पंचायत और जिला प्रशासन की तानाशाही बताया। कहा कि पंचायत द्वारा ही यह प्लॉट दिया गया था। वो अपने परिवार के साथ तकरीबन 41 साल से यहीं से जा रहे हैं। हालांकि पंचायत विभाग के अधिकारियों ने लेखराम का दूसरा प्लॉट होने की बात कही है। फिलहाल शिकायतकर्ता ने जिला प्रशासन के अधिकरियों से मुलाकात कर बंद किए गए गेट को खुलवाने की मांग की है। ये है पूरा मामला गांव खालेटा की सरपंच के प्रतिनिधि सत्यरूप ने बताया कि गांव निवासी लेखराम के पड़ोस में उन्हीं के परिवार के अजय का भी मकान है। लेखराम ने शिकायत लगाई थी कि ग्राम पंचायत की जमीन पर अजय ने पानी का टैंक बना दिया है। सीएम विंडो पर भी शिकायत भेजी गई। इसके बाद हमने पंचायत का रिकॉर्ड देखा। इससे पता लगा कि जहां टैंक बना है, वह पंचायती जमीन ही है। हमने टैंक को तुड़वा दिया। वहीं लेखराम के मकान का गेट भी पंचायती जमीन की तरफ खोला गया है। हमने उन्हें पंचायती राज एक्ट के तहत नोटिस दिए। इसके बाद जिला प्रशासन को लिख दिया गया। प्रशासन की तरफ से बीडीपीओ को बतौर ड्यूटी मजिस्ट्रेट लगाकर गेट बंद कराया है। लेखराम के प्लॉट का रास्ता दूसरी तरफ है। वहीं रिकॉर्ड के अनुसार उन्हें 100 वर्ग गज के प्लॉट ही दूसरी जगह मिले थे। पंचायत और अधिकारियों ने की तानाशाही; लेखराम गांव खालेटा निवासी लेखराम ने कहा कि वर्ष 1983 में मेरे पिता दीवान सिंह को पंचायत द्वारा ये प्लॉट दिया गया था। हम तब से इसी रास्ते से आ-जा रहे है, जो कि हमारे मकान का आम रास्ता था। अब पंचायत व प्रशासन द्वारा मेरे मकान के गेट को ईंटों की चिनाई करके बंद कर दिया है। मेरे परिवार को भी अंदर ही बंद कर दिया, जिन्हें सीढ़ी के जरिए बाहर निकाला गया। हमें प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं मिली। मकान का कोई दूसरा रास्ता नहीं है। हम तो अपने भाई के प्लॉट से होकर दूसरी तरफ जाते थे। शिकायतकर्ता ने खुद कब्जा किया हुआ था; BDPO खोल ब्लॉक के BDPO संदीप शर्मा ने बताया कि लेखराम द्वारा शिकायत करने के बाद हमने पंचायत का रिकॉर्ड चेक कराया तो पता चला कि शिकायत करने वाले लेखराम ने ही खुद अवैध कब्जा किया हुआ है। जांच में ये चीजे सामने आने के बाद दोनों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। लेखराम के मकान का गेट दूसरी तरफ खुलता है। किसी प्रकार का इस कार्रवाई में भेदभाव नहीं किया गया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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