हरियाणा के पानीपत में बुधवार को 16 वर्षीय एक छात्रा ने जहरीला पदार्थ निगल कर आत्महत्या कर ली। पुलिस के अनुसार छात्रा अपने पिता के व्यवहार से परेशान थी। वह उसे, उसकी मां को और उसके भाई को अपने साथ नहीं रखते थे। इससे आहत होकर लड़की ने मौत को गले लगा लिया। छात्रा ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमें लिखा कि मेरे नाना-नानी और मम्मी मुझे बहुत प्यार करते हैं। इन्होंने ही मुझे पढ़ाया-लिखाया, लेकिन मेरे पापा न ही साथ रखते है और न ही पढ़ाते हैं। पापा आपने अच्छा नहीं किया।’ जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और सुसाइड नोट के आधार पर केस दर्ज कर लिया है। बच्चों के साथ मायके में रह रही महिला
समालखा थाना पुलिस को दी शिकायत में मीना ने बताया कि वह खरक जाटान की रहने वाली है। करीब 19 साल पहले उसकी शादी राकेश के साथ हुई थी। वह 2 बच्चों की मां थी, जिनमें बड़ी बेटी शशि (16) और छोटा बेटा इशांत (11) थे। वह बच्चों के साथ मायके में ही रह रही है। शुरुआत से ही पति उनकी और उनके बच्चों की देखभाल नहीं करता था। वह कोई खर्चा, सामान भी नहीं देता था। वह खुद ही नौकरी कर अपना और अपने बच्चों का पालन पोषण कर रही थीं। उनके परिवारवालों और पंचायत ने राकेश को पत्नी-बच्चों को अपने घर ले जाने के बारे में कई बार कहा, लेकिन वह नहीं माना। बेटी भी कह चुकी थी पिता को
मीना के मुताबिक, बेटी की 12वीं तक की शिक्षा भी नानका परिवार ने दी थी। अब शशि का गन्नौर के एक कॉलेज में BSc मेडिकल में एडमिशन करवाया था। उसका कुल खर्च 1.40 लाख था। पिता द्वारा रुपए न देने की बात शशि को पता थी। इस बारे में शशि ने कई बार अपने पिता को भी कहा था, लेकिन वह सुनने को तैयार नहीं थे। इससे वह दुखी रहती थी। 25 जून को मीना अपने भाई टिंकू के साथ गन्नौर से अपनी ड्यूटी से लौट रही थीं। तभी उनके भाई को एक कॉल आई। उस पर उसके बेटे व मां ने बात की। उन्होंने बताया कि शशि की तबीयत खराब हो रही है, जल्दी घर आ जाओ। वे आनन-फानन घर पहुंचे। शशि को इलाज के लिए गन्नौर ले गए, जहां से उसे खानपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। खानपुर में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। शशि ने संदिग्ध जहरीला पदार्थ खाया था। उसने अपने पिता राकेश के खिलाफ सुसाइड नोट भी लिखा। हरियाणा के पानीपत में बुधवार को 16 वर्षीय एक छात्रा ने जहरीला पदार्थ निगल कर आत्महत्या कर ली। पुलिस के अनुसार छात्रा अपने पिता के व्यवहार से परेशान थी। वह उसे, उसकी मां को और उसके भाई को अपने साथ नहीं रखते थे। इससे आहत होकर लड़की ने मौत को गले लगा लिया। छात्रा ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमें लिखा कि मेरे नाना-नानी और मम्मी मुझे बहुत प्यार करते हैं। इन्होंने ही मुझे पढ़ाया-लिखाया, लेकिन मेरे पापा न ही साथ रखते है और न ही पढ़ाते हैं। पापा आपने अच्छा नहीं किया।’ जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और सुसाइड नोट के आधार पर केस दर्ज कर लिया है। बच्चों के साथ मायके में रह रही महिला
समालखा थाना पुलिस को दी शिकायत में मीना ने बताया कि वह खरक जाटान की रहने वाली है। करीब 19 साल पहले उसकी शादी राकेश के साथ हुई थी। वह 2 बच्चों की मां थी, जिनमें बड़ी बेटी शशि (16) और छोटा बेटा इशांत (11) थे। वह बच्चों के साथ मायके में ही रह रही है। शुरुआत से ही पति उनकी और उनके बच्चों की देखभाल नहीं करता था। वह कोई खर्चा, सामान भी नहीं देता था। वह खुद ही नौकरी कर अपना और अपने बच्चों का पालन पोषण कर रही थीं। उनके परिवारवालों और पंचायत ने राकेश को पत्नी-बच्चों को अपने घर ले जाने के बारे में कई बार कहा, लेकिन वह नहीं माना। बेटी भी कह चुकी थी पिता को
मीना के मुताबिक, बेटी की 12वीं तक की शिक्षा भी नानका परिवार ने दी थी। अब शशि का गन्नौर के एक कॉलेज में BSc मेडिकल में एडमिशन करवाया था। उसका कुल खर्च 1.40 लाख था। पिता द्वारा रुपए न देने की बात शशि को पता थी। इस बारे में शशि ने कई बार अपने पिता को भी कहा था, लेकिन वह सुनने को तैयार नहीं थे। इससे वह दुखी रहती थी। 25 जून को मीना अपने भाई टिंकू के साथ गन्नौर से अपनी ड्यूटी से लौट रही थीं। तभी उनके भाई को एक कॉल आई। उस पर उसके बेटे व मां ने बात की। उन्होंने बताया कि शशि की तबीयत खराब हो रही है, जल्दी घर आ जाओ। वे आनन-फानन घर पहुंचे। शशि को इलाज के लिए गन्नौर ले गए, जहां से उसे खानपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। खानपुर में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। शशि ने संदिग्ध जहरीला पदार्थ खाया था। उसने अपने पिता राकेश के खिलाफ सुसाइड नोट भी लिखा। हरियाणा | दैनिक भास्कर