हरियाणा में बनेगा इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर:1 लाख युवाओं को रोजगार मिलने का दावा, हिसार एयरपोर्ट के पास 2988 एकड़ जमीन चिह्नित

हरियाणा में बनेगा इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर:1 लाख युवाओं को रोजगार मिलने का दावा, हिसार एयरपोर्ट के पास 2988 एकड़ जमीन चिह्नित

केंद्र और राज्य सरकार हरियाणा में बड़े पैमाने पर औद्योगिक गतिविधियां शुरू करने जा रही है। इसके लिए हिसार एयरपोर्ट से सटी 1605 एकड़ जमीन में इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर बनाने की योजना है। इससे बड़ी कंपनियां यहां निवेश करेंगी, जिससे न सिर्फ औद्योगिक गतिविधियां बढ़ेंगी बल्कि हरियाणा के युवाओं को रोजगार भी मिल सकेगा। हरियाणा सरकार का दावा है कि इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर बनने से 1 लाख से ज्यादा नौकरियां पैदा होंगी। यह काम नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनआईसीडीसी) के तहत किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट पर 4694.46 करोड़ रुपये खर्च होंगे। एयरपोर्ट पर बनने वाले ड्राई पोर्ट से ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री बढ़ेगी। यहां बनने वाले सामान को दूसरी जगहों पर पहुंचाने के लिए बड़े कंटेनर और ट्रक का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए नजदीकी डीएफसी स्टेशनों का इस्तेमाल किया जाएगा। अंबाला हिसार से पूरब में 208 किमी दूर है, रेवाड़ी पश्चिम में 156 किमी दूर है, लॉजिस्टिक्स हब/ड्राई पोर्ट और आईसीडी कापसहेड़ा 182 किमी दूर है, आईएमएलएच नांगल चौधरी 189 किमी दूर है और कांडला समुद्री बंदरगाह 1055 किमी दूर है। इंटरफेस कनेक्टिविटी विकसित की जाएगी ज्ञातव्य है कि पीएम गतिशक्ति योजना के तहत 21 जून 2024 को आयोजित नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) की 73वीं बैठक में गैस पाइपलाइन, हाई स्पीड रेल और ओएफसी के प्रावधान पर सहमति बनी थी तथा भारतीय रेलवे नेटवर्क और डीएफसी के बीच इंटरफेस कनेक्टिविटी विकसित करने के संबंध में बातचीत हुई थी। ऐसे शुरू होगा काम नागरिक उड्डयन मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने प्रस्तावित मास्टर प्लान की जानकारी देते हुए बताया कि फेज 1 में कुल 1605 एकड़ भूमि में से 980.20 एकड़ और 61% भूमि उद्योग और लॉजिस्टिक्स के लिए, 39.02 एकड़ और 2% वाणिज्यिक उपयोग के लिए, 48.60 एकड़ और 3% सार्वजनिक और अर्ध-सार्वजनिक के लिए, 34.90 एकड़ और 2% आवासीय के लिए, 28.50 एकड़ और 2% सेवाओं के लिए, 242.52 एकड़ और 15% हरित और जल निकाय के लिए और 231.26 एकड़ और 15% सड़कों और उपयोगिताओं के लिए उपयोग की जाएगी। इतने एकड़ में स्थापित होगा यह उद्योग इंटीग्रेटेड मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर के पास मेटल इंडस्ट्री, इंजीनियरिंग और फैब्रिकेशन इंडस्ट्री, लॉजिस्टिक्स, कॉटन और टेक्सटाइल, कृषि में खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े उद्योग पहले से ही स्थापित हैं। यह आईएमसी के लिए सकारात्मक बात है। प्रस्तावित आईएमसी में एयरोस्पेस और डिफेंस के लिए 343.20 एकड़, फूड प्रोसेसिंग के लिए 172 एकड़, इंजीनियरिंग और फैब्रिकेशन के लिए 289.80 एकड़, रेडीमेड गारमेंट्स के लिए 92.20 एकड़, कॉमन रेडी शेड्स के लिए 12.73 एकड़, लॉजिस्टिक्स पार्क के लिए 70 एकड़ जमीन निर्धारित की गई है। ड्राफ्ट को मंजूरी मिल गई है, जमीन चिह्नित कर ली गई नागरिक उड्डयन मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने प्रस्तावित इंटीग्रेटेड मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर के लिए अब तक की गई तैयारियों की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार की ओर से एसएचए-एसएसए ड्राफ्ट को मंजूरी मिल गई है। क्लस्टर के लिए 100 फीसदी जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है। एनपीजी की संस्तुति मिल गई है। मास्टर प्लान पीडीआर और लागत अनुमान तैयार कर लिया गया है। मास्टर प्लान को कभी भी अधिसूचित किया जा सकता है। बिजली और पानी के लिए राज्य सरकार से आवश्यक मंजूरी मिल गई है। हिसार शहर को विश्व मानचित्र पर अलग पहचान दिलाने के लिए इंटीग्रेटेड मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर तैयार है। केंद्र और राज्य सरकार हरियाणा में बड़े पैमाने पर औद्योगिक गतिविधियां शुरू करने जा रही है। इसके लिए हिसार एयरपोर्ट से सटी 1605 एकड़ जमीन में इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर बनाने की योजना है। इससे बड़ी कंपनियां यहां निवेश करेंगी, जिससे न सिर्फ औद्योगिक गतिविधियां बढ़ेंगी बल्कि हरियाणा के युवाओं को रोजगार भी मिल सकेगा। हरियाणा सरकार का दावा है कि इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर बनने से 1 लाख से ज्यादा नौकरियां पैदा होंगी। यह काम नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनआईसीडीसी) के तहत किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट पर 4694.46 करोड़ रुपये खर्च होंगे। एयरपोर्ट पर बनने वाले ड्राई पोर्ट से ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री बढ़ेगी। यहां बनने वाले सामान को दूसरी जगहों पर पहुंचाने के लिए बड़े कंटेनर और ट्रक का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए नजदीकी डीएफसी स्टेशनों का इस्तेमाल किया जाएगा। अंबाला हिसार से पूरब में 208 किमी दूर है, रेवाड़ी पश्चिम में 156 किमी दूर है, लॉजिस्टिक्स हब/ड्राई पोर्ट और आईसीडी कापसहेड़ा 182 किमी दूर है, आईएमएलएच नांगल चौधरी 189 किमी दूर है और कांडला समुद्री बंदरगाह 1055 किमी दूर है। इंटरफेस कनेक्टिविटी विकसित की जाएगी ज्ञातव्य है कि पीएम गतिशक्ति योजना के तहत 21 जून 2024 को आयोजित नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) की 73वीं बैठक में गैस पाइपलाइन, हाई स्पीड रेल और ओएफसी के प्रावधान पर सहमति बनी थी तथा भारतीय रेलवे नेटवर्क और डीएफसी के बीच इंटरफेस कनेक्टिविटी विकसित करने के संबंध में बातचीत हुई थी। ऐसे शुरू होगा काम नागरिक उड्डयन मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने प्रस्तावित मास्टर प्लान की जानकारी देते हुए बताया कि फेज 1 में कुल 1605 एकड़ भूमि में से 980.20 एकड़ और 61% भूमि उद्योग और लॉजिस्टिक्स के लिए, 39.02 एकड़ और 2% वाणिज्यिक उपयोग के लिए, 48.60 एकड़ और 3% सार्वजनिक और अर्ध-सार्वजनिक के लिए, 34.90 एकड़ और 2% आवासीय के लिए, 28.50 एकड़ और 2% सेवाओं के लिए, 242.52 एकड़ और 15% हरित और जल निकाय के लिए और 231.26 एकड़ और 15% सड़कों और उपयोगिताओं के लिए उपयोग की जाएगी। इतने एकड़ में स्थापित होगा यह उद्योग इंटीग्रेटेड मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर के पास मेटल इंडस्ट्री, इंजीनियरिंग और फैब्रिकेशन इंडस्ट्री, लॉजिस्टिक्स, कॉटन और टेक्सटाइल, कृषि में खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े उद्योग पहले से ही स्थापित हैं। यह आईएमसी के लिए सकारात्मक बात है। प्रस्तावित आईएमसी में एयरोस्पेस और डिफेंस के लिए 343.20 एकड़, फूड प्रोसेसिंग के लिए 172 एकड़, इंजीनियरिंग और फैब्रिकेशन के लिए 289.80 एकड़, रेडीमेड गारमेंट्स के लिए 92.20 एकड़, कॉमन रेडी शेड्स के लिए 12.73 एकड़, लॉजिस्टिक्स पार्क के लिए 70 एकड़ जमीन निर्धारित की गई है। ड्राफ्ट को मंजूरी मिल गई है, जमीन चिह्नित कर ली गई नागरिक उड्डयन मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने प्रस्तावित इंटीग्रेटेड मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर के लिए अब तक की गई तैयारियों की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार की ओर से एसएचए-एसएसए ड्राफ्ट को मंजूरी मिल गई है। क्लस्टर के लिए 100 फीसदी जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है। एनपीजी की संस्तुति मिल गई है। मास्टर प्लान पीडीआर और लागत अनुमान तैयार कर लिया गया है। मास्टर प्लान को कभी भी अधिसूचित किया जा सकता है। बिजली और पानी के लिए राज्य सरकार से आवश्यक मंजूरी मिल गई है। हिसार शहर को विश्व मानचित्र पर अलग पहचान दिलाने के लिए इंटीग्रेटेड मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर तैयार है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर