केंद्र और राज्य सरकार हरियाणा में बड़े पैमाने पर औद्योगिक गतिविधियां शुरू करने जा रही है। इसके लिए हिसार एयरपोर्ट से सटी 1605 एकड़ जमीन में इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर बनाने की योजना है। इससे बड़ी कंपनियां यहां निवेश करेंगी, जिससे न सिर्फ औद्योगिक गतिविधियां बढ़ेंगी बल्कि हरियाणा के युवाओं को रोजगार भी मिल सकेगा। हरियाणा सरकार का दावा है कि इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर बनने से 1 लाख से ज्यादा नौकरियां पैदा होंगी। यह काम नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनआईसीडीसी) के तहत किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट पर 4694.46 करोड़ रुपये खर्च होंगे। एयरपोर्ट पर बनने वाले ड्राई पोर्ट से ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री बढ़ेगी। यहां बनने वाले सामान को दूसरी जगहों पर पहुंचाने के लिए बड़े कंटेनर और ट्रक का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए नजदीकी डीएफसी स्टेशनों का इस्तेमाल किया जाएगा। अंबाला हिसार से पूरब में 208 किमी दूर है, रेवाड़ी पश्चिम में 156 किमी दूर है, लॉजिस्टिक्स हब/ड्राई पोर्ट और आईसीडी कापसहेड़ा 182 किमी दूर है, आईएमएलएच नांगल चौधरी 189 किमी दूर है और कांडला समुद्री बंदरगाह 1055 किमी दूर है। इंटरफेस कनेक्टिविटी विकसित की जाएगी ज्ञातव्य है कि पीएम गतिशक्ति योजना के तहत 21 जून 2024 को आयोजित नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) की 73वीं बैठक में गैस पाइपलाइन, हाई स्पीड रेल और ओएफसी के प्रावधान पर सहमति बनी थी तथा भारतीय रेलवे नेटवर्क और डीएफसी के बीच इंटरफेस कनेक्टिविटी विकसित करने के संबंध में बातचीत हुई थी। ऐसे शुरू होगा काम नागरिक उड्डयन मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने प्रस्तावित मास्टर प्लान की जानकारी देते हुए बताया कि फेज 1 में कुल 1605 एकड़ भूमि में से 980.20 एकड़ और 61% भूमि उद्योग और लॉजिस्टिक्स के लिए, 39.02 एकड़ और 2% वाणिज्यिक उपयोग के लिए, 48.60 एकड़ और 3% सार्वजनिक और अर्ध-सार्वजनिक के लिए, 34.90 एकड़ और 2% आवासीय के लिए, 28.50 एकड़ और 2% सेवाओं के लिए, 242.52 एकड़ और 15% हरित और जल निकाय के लिए और 231.26 एकड़ और 15% सड़कों और उपयोगिताओं के लिए उपयोग की जाएगी। इतने एकड़ में स्थापित होगा यह उद्योग इंटीग्रेटेड मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर के पास मेटल इंडस्ट्री, इंजीनियरिंग और फैब्रिकेशन इंडस्ट्री, लॉजिस्टिक्स, कॉटन और टेक्सटाइल, कृषि में खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े उद्योग पहले से ही स्थापित हैं। यह आईएमसी के लिए सकारात्मक बात है। प्रस्तावित आईएमसी में एयरोस्पेस और डिफेंस के लिए 343.20 एकड़, फूड प्रोसेसिंग के लिए 172 एकड़, इंजीनियरिंग और फैब्रिकेशन के लिए 289.80 एकड़, रेडीमेड गारमेंट्स के लिए 92.20 एकड़, कॉमन रेडी शेड्स के लिए 12.73 एकड़, लॉजिस्टिक्स पार्क के लिए 70 एकड़ जमीन निर्धारित की गई है। ड्राफ्ट को मंजूरी मिल गई है, जमीन चिह्नित कर ली गई नागरिक उड्डयन मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने प्रस्तावित इंटीग्रेटेड मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर के लिए अब तक की गई तैयारियों की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार की ओर से एसएचए-एसएसए ड्राफ्ट को मंजूरी मिल गई है। क्लस्टर के लिए 100 फीसदी जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है। एनपीजी की संस्तुति मिल गई है। मास्टर प्लान पीडीआर और लागत अनुमान तैयार कर लिया गया है। मास्टर प्लान को कभी भी अधिसूचित किया जा सकता है। बिजली और पानी के लिए राज्य सरकार से आवश्यक मंजूरी मिल गई है। हिसार शहर को विश्व मानचित्र पर अलग पहचान दिलाने के लिए इंटीग्रेटेड मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर तैयार है। केंद्र और राज्य सरकार हरियाणा में बड़े पैमाने पर औद्योगिक गतिविधियां शुरू करने जा रही है। इसके लिए हिसार एयरपोर्ट से सटी 1605 एकड़ जमीन में इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर बनाने की योजना है। इससे बड़ी कंपनियां यहां निवेश करेंगी, जिससे न सिर्फ औद्योगिक गतिविधियां बढ़ेंगी बल्कि हरियाणा के युवाओं को रोजगार भी मिल सकेगा। हरियाणा सरकार का दावा है कि इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर बनने से 1 लाख से ज्यादा नौकरियां पैदा होंगी। यह काम नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनआईसीडीसी) के तहत किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट पर 4694.46 करोड़ रुपये खर्च होंगे। एयरपोर्ट पर बनने वाले ड्राई पोर्ट से ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री बढ़ेगी। यहां बनने वाले सामान को दूसरी जगहों पर पहुंचाने के लिए बड़े कंटेनर और ट्रक का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए नजदीकी डीएफसी स्टेशनों का इस्तेमाल किया जाएगा। अंबाला हिसार से पूरब में 208 किमी दूर है, रेवाड़ी पश्चिम में 156 किमी दूर है, लॉजिस्टिक्स हब/ड्राई पोर्ट और आईसीडी कापसहेड़ा 182 किमी दूर है, आईएमएलएच नांगल चौधरी 189 किमी दूर है और कांडला समुद्री बंदरगाह 1055 किमी दूर है। इंटरफेस कनेक्टिविटी विकसित की जाएगी ज्ञातव्य है कि पीएम गतिशक्ति योजना के तहत 21 जून 2024 को आयोजित नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) की 73वीं बैठक में गैस पाइपलाइन, हाई स्पीड रेल और ओएफसी के प्रावधान पर सहमति बनी थी तथा भारतीय रेलवे नेटवर्क और डीएफसी के बीच इंटरफेस कनेक्टिविटी विकसित करने के संबंध में बातचीत हुई थी। ऐसे शुरू होगा काम नागरिक उड्डयन मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने प्रस्तावित मास्टर प्लान की जानकारी देते हुए बताया कि फेज 1 में कुल 1605 एकड़ भूमि में से 980.20 एकड़ और 61% भूमि उद्योग और लॉजिस्टिक्स के लिए, 39.02 एकड़ और 2% वाणिज्यिक उपयोग के लिए, 48.60 एकड़ और 3% सार्वजनिक और अर्ध-सार्वजनिक के लिए, 34.90 एकड़ और 2% आवासीय के लिए, 28.50 एकड़ और 2% सेवाओं के लिए, 242.52 एकड़ और 15% हरित और जल निकाय के लिए और 231.26 एकड़ और 15% सड़कों और उपयोगिताओं के लिए उपयोग की जाएगी। इतने एकड़ में स्थापित होगा यह उद्योग इंटीग्रेटेड मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर के पास मेटल इंडस्ट्री, इंजीनियरिंग और फैब्रिकेशन इंडस्ट्री, लॉजिस्टिक्स, कॉटन और टेक्सटाइल, कृषि में खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े उद्योग पहले से ही स्थापित हैं। यह आईएमसी के लिए सकारात्मक बात है। प्रस्तावित आईएमसी में एयरोस्पेस और डिफेंस के लिए 343.20 एकड़, फूड प्रोसेसिंग के लिए 172 एकड़, इंजीनियरिंग और फैब्रिकेशन के लिए 289.80 एकड़, रेडीमेड गारमेंट्स के लिए 92.20 एकड़, कॉमन रेडी शेड्स के लिए 12.73 एकड़, लॉजिस्टिक्स पार्क के लिए 70 एकड़ जमीन निर्धारित की गई है। ड्राफ्ट को मंजूरी मिल गई है, जमीन चिह्नित कर ली गई नागरिक उड्डयन मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने प्रस्तावित इंटीग्रेटेड मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर के लिए अब तक की गई तैयारियों की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार की ओर से एसएचए-एसएसए ड्राफ्ट को मंजूरी मिल गई है। क्लस्टर के लिए 100 फीसदी जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है। एनपीजी की संस्तुति मिल गई है। मास्टर प्लान पीडीआर और लागत अनुमान तैयार कर लिया गया है। मास्टर प्लान को कभी भी अधिसूचित किया जा सकता है। बिजली और पानी के लिए राज्य सरकार से आवश्यक मंजूरी मिल गई है। हिसार शहर को विश्व मानचित्र पर अलग पहचान दिलाने के लिए इंटीग्रेटेड मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर तैयार है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में डेरा प्रमुख के निधन पर माहौल तनावपूर्ण:आज अंतिम संस्कार; गद्दी को लेकर 2 पक्षों में विवाद, एक दिन पहले चली थी गोलियां
हरियाणा में डेरा प्रमुख के निधन पर माहौल तनावपूर्ण:आज अंतिम संस्कार; गद्दी को लेकर 2 पक्षों में विवाद, एक दिन पहले चली थी गोलियां हरियाणा के सिरसा में डेरा जगमालवाली के प्रमुख महाराज बहादुर चंद वकील साहब का आज दोपहर 2 बजे अंतिम संस्कार किया जाएगा। परिवार के मुताबिक डेरा प्रमुख की पार्थिव देह मस्ताना शाह बलोचिस्तानी आश्रम जगमालवाली में दफनाई जाएगी। डेरा प्रमुख का निधन एक दिन पहले (1 अगस्त) हुआ था। इसके बाद गद्दी को लेकर डेरे में दो पक्ष आमने-सामने हो गए थे। इस दौरान गोलियां भी चली थी। तनावपूर्ण माहौल के चलते डेरे में पुलिस का पहरा है। इसमें एक पक्ष डेरा प्रमुख के भतीजे अमर सिंह व उनसे जुड़े लोगों का है। वहीं दूसरे पक्ष में महात्मा बिरेंद्र सिंह और उनसे जुड़े लोग हैं। परिवार के सदस्य करेंगे अंतिम संस्कार
डेरा प्रमुख के भतीजे अमर सिंह बिश्नोई ने बताया कि बिश्नोई समाज की परंपरा के अनुसार देह को समाधि देकर दफन किया जाता है। इसी के अनुसार जगमालवाली के प्रमुख बहादुर चंद वकील साहब को उनके पारिवारिक सदस्यों द्वारा दफन किया जाएगा। बेटे ओम प्रकाश, पोते मुकेश कुमार प्रवीण बिश्नोई, भाई बुधराम बिश्नोई द्वारा डेरा जगमालवाली में अंतिम संस्कार किया जाएगा। वहीं, श्रद्धालु गुरुवार से ही डेरा प्रमुख के अंतिम दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं। निधन के बाद अब गद्दी की लड़ाई
बहादुर चंद वकील के निधन के बाद ही डेरे में गद्दी को लेकर विवाद छिड़ गया था। बीते गुरुवार को यहां डेरामुखी की वसीयत पढ़ने के दौरान दो पक्ष आमने सामने हो गए। महात्मा बिरेंद्र सिंह से जुड़े लोगों ने दावा किया कि डेरा प्रमुख ने एक वसीयत बनाई थी, जो उनके पक्ष में हैं। गुरुवार को जब यह वसीयत सबके सामने पढ़कर सुनाई जा रही थी उसी समय अमर सिंह व उनसे जुड़े लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। वीडियो हो गए थे वायरल
इस हंगामे से जुड़े वीडियो भी सामने आए थे। जिनमें कुछ लोग एक व्यक्ति से मारपीट करते दिख रहे हैं। उस शख्स के कपड़े फटे हैं। वीडियो में पुलिस वाले उसे बचाने का प्रयास करते नजर आ रहे हैं। इस मामले में देर रात तक कोई एफआईआर दर्ज होने की बात सामने नहीं आई। हालांकि कहा जा रहा है अमर सिंह की ओर से एक शिकायत पुलिस में दी गई है। मगर पुष्टि नहीं हो पाई है। अब पढ़िए दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर क्या आरोप लगाए पहला पक्ष : डेरा प्रमुख के भतीजे अमर सिंह का कहना कि ” वीरेंद्र सिंह, बलकौर सिंह, शमशेर लहरी और नंदलाल ग्रोवर डेरे की गद्दी हथियाने के चक्कर में महाराज बहादुर चंद वकील का जल्दबाजी में अंतिम संस्कार करना चाहते थे। मगर हम इससे सहमत नहीं हुए। महाराज जी की मौत संदिग्ध है और इसकी सीबीआई से जांच होनी चाहिए। अमर सिंह का कहना कि पुलिस में भी लिखित शिकायत की गई है। दूसरा पक्ष : महात्मा बिरेंद्र सिंह से जुड़े लोगों का कहना है कि डेरा प्रमुख के निधन के बाद उनका पार्थिव शरीर गुरुवार को डेरे में लगाया गया था। यहां डेरा प्रमुख की वसीयत पढ़ी जा रही थी तभी यहां दूसरे पक्ष के लोगों ने हंगामा कर दिया। दूसरे पक्ष की ओर जो आरोप लगाए जा रहे हैं वह बेबुनियाद हैं। महाराज जी ने पूरे होश में वसीयत तैयार करवाई है जिसकी बकायदा वीडियोग्राफी करवाई गई है। लॉ कर संत बहादुर चंद बने मस्ताना शाह बलूचिस्तानी डेरा जगमालवाली के प्रमुख
संत बहादुर चंद मूल रूप से चौटाला गांव के रहने वाले थे। उनका जन्म 10 दिसंबर 1944 को चौटाला में ही हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव के ही स्कूल से की। इसके बाद उन्होंने हिसार के दयानंद कॉलेज से आगे की पढ़ाई की। यहां वे आर्य समाज प्रचारणी सभा के अध्यक्ष बने। इसके बाद उन्होंने चंडीगढ़ के लॉ कॉलेज से स्नातक किया। 1968 में लॉ की पढ़ाई पूरी करने के बाद वे डेरा जगमालवाली में शामिल हो गए। 9 अगस्त 1998 को संत बहादुर चंद को डेरे की गद्दी सौंपी गई और तब से वे मस्ताना शाह बलूचिस्तानी डेरा जगमालवाली के प्रमुख हैं। जगमालवाली 300 साल पहले बसा था, जो मंडी से 8 किलोमीटर की दूरी पर है। 60 साल पहले बना था बलूचिस्तानी आश्रम
डेरा की शुरुआत 1964-65 में हुई। यहां बाबा सज्जन सिंह रूहल ने संत गुरबख्श सिंह मैनेजर साहिब को अपनी कई एकड़ जमीन दान में दी और डेरा बनाने का अनुरोध किया। जिस पर संत गुरबख्श सिंह मैनेजर साहिब ने यहां मस्ताना शाह बलूचिस्तानी आश्रम की स्थापना की। पहले छोटा सा आश्रम था। अब करीब 100-100 फीट का सचखंड बनाया गया है। इसकी खासियत यह है कि इसमें कोई स्तंभ नहीं बना है।
हरियाणा में 6 स्पेशल ट्रेनों के संचालन में विस्तार:साबरमती-हरिद्वार, भावगगर टर्मिनस-दिल्ली कैंट ट्रेन के समय में आंशिक परिवर्तन
हरियाणा में 6 स्पेशल ट्रेनों के संचालन में विस्तार:साबरमती-हरिद्वार, भावगगर टर्मिनस-दिल्ली कैंट ट्रेन के समय में आंशिक परिवर्तन हरियाणा के रास्ते चलने वाली 6 स्पेशल ट्रेनों के संचालन अवधि में रेलवे की तरफ से विस्तार किया गया है। ये फैसला इन ट्रेनों में बढ़ती यात्रियों की संख्या को देखते हुए लिया गया है। इनमें पांच ट्रेनें वाया रेवाड़ी होकर चलती हैं। इसके साथ ही साबरमती-हरिद्वार, भावगगर टर्मिनस-दिल्ली कैंट ट्रेन के समय में आंशिक परिवर्तन किया गया है। इन ट्रेनों का विस्तार 1. गाड़ी संख्या 09007/09008, वलसाड-भिवानी साप्ताहिक स्पेशल ट्रेन की संचालन अवधि में वलसाड से 4 से 25 जुलाई तक (4 ट्रिप) एवं भिवानी से 5 से 26 जुलाई तक (4 ट्रिप) विस्तार किया जा रहा है।
2. गाड़ी संख्या 09425/09426, साबरमती-हरिद्वार-साबरमती द्वि-साप्ताहिक ट्रेन की संचालन अवधि में साबरमती से 24 जून से 29 जुलाई तक (11 ट्रिप) एवं हरिद्वार से 25 जून से 30 जुलाई (11 ट्रिप) विस्तार किया जा रहा है।
3. गाड़ी संख्या 09407/09408, भुज-दिल्ली सराय-भुज स्पेशल द्वि-साप्ताहिक ट्रेन की संचालन अवधि में भुज से 2 जुलाई से 27 सितंबर तक (26 ट्रिप) एवं दिल्ली सराय से 3 जुलाई से 28 सितंबर (26 ट्रिप) विस्तार किया जा रहा है।
4. गाड़ी संख्या 09557/09558, भावनगर टर्मिनस-दिल्ली कैंट-भावनगर टर्मिनस स्पेशल साप्ताहिक ट्रेन की संचालन अवधि में भावनगर टर्मिनस से 5 जुलाई से 27 सितंबर तक (13 ट्रिप) एवं दिल्ली कैंट से 6 जुलाई से 28 सितंबर (13 ट्रिप) विस्तार किया जा रहा है।
5. गाड़ी संख्या 09405/09406, साबरमती-पटना-साबरमती स्पेशल साप्ताहिक ट्रेन के संचालन अवधि में साबरमती से 2 जुलाई से 24 सितंबर तक (13 ट्रिप) एवं पटना से 4 जुलाई से 26 सितंबर तक (13 ट्रिप) विस्तार किया जा रहा है।
6. गाड़ी संख्या 09523/09524, ओखा-दिल्ली सराय-ओखा स्पेशल साप्ताहिक ट्रेन की संचालन अवधि में ओखा से 2 जुलाई से 31 दिसंबर तक (27 ट्रिप) एवं दिल्ली सराय से 3 जुलाई से 1 जनवरी 2025 तक (27 ट्रिप) विस्तार किया जा रहा है। साबरमती-हरिद्वार और भावगगर टर्मिनस-दिल्ली कैंट के संचालन समय में आंशिक परिवर्तन 1. गाड़ी संख्या 09425, साबरमती-हरिद्वार स्पेशल ट्रेन प्रत्येक शुक्रवार व सोमवार को साबरमती से 18.45 बजे रवाना होकर शनिवार व मंगलवार को 19.00 बजे हरिद्वार पहुंचेगी।
2. गाड़ी संख्या 09557, भावनगर टर्मिनस-दिल्ली कैंट स्पेशल ट्रेन प्रत्येक शुक्रवार को भावनगर टर्मिनस से 15.15 बजे रवाना होकर शनिवार को 13.30 बजे दिल्ली कैंट पहुंचेगी।
ओपी चौटाला की अस्थि कलश यात्रा आज से:पहले दिन 6 जिलों में जाएगी, 3 दिन में हरियाणा कवर करेंगे, रस्म पगड़ी देवीलाल स्टेडियम में
ओपी चौटाला की अस्थि कलश यात्रा आज से:पहले दिन 6 जिलों में जाएगी, 3 दिन में हरियाणा कवर करेंगे, रस्म पगड़ी देवीलाल स्टेडियम में हरियाणा के 5 बार के CM रहे इनेलो सुप्रीमो ओपी चौटाला की अस्थि कलश यात्रा आज से शुरू होगी। यात्रा की शुरुआत फतेहाबाद से होगी। इसके बाद हिसार, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़ (नारनौल) और रेवाड़ी तक जाएगी। यहां से यात्रा गुरुग्राम में प्रवेश करेगी, जहां रात्रि विश्राम किया जाएगा। इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल माजरा ने कहा है कि जो लोग अंतिम संस्कार पर नहीं पहुंच पाए थे, उनके लिए सभी 22 जिलों में अस्थि कलश यात्रा निकाल रहे हैं, ताकि लोग उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर सकें। यह यात्रा 3 दिन में पूरे प्रदेश को कवर करेगी। हरियाणा के अलावा उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पंजाब के तीर्थ स्थलों में भी कलश ले जाए जाएंगे। ओपी चौटाला की रस्म पगड़ी और श्रद्धांजलि समारोह 31 दिसंबर को सिरसा के चौधरी देवीलाल स्टेडियम में होगा। ओपी चौटाला के निधन से जुड़े 4 पाइंट्स… 1. गुरुग्राम में हुआ निधन
ओपी चौटाला का 89 साल की उम्र में 20 दिसंबर को गुरुग्राम में निधन हुआ था। यहां दोपहर करीब साढ़े 11 बजे उन्हें हार्ट अटैक आया। परिवार उन्हें अस्पताल लेकर गया, लेकिन करीब आधे घंटे बाद दोपहर 12 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली। चौटाला पहले से ही हार्ट और डायबिटीज समेत कई बीमारियों से ग्रस्त थे। 2. फार्म हाउस में अंतिम संस्कार
निधन के बाद गुरुग्राम से शाम को ही ओपी चौटाला की पार्थिव देह सिरसा के तेजाखेड़ा गांव स्थित फार्म हाउस लाई गई। यहां 21 दिसंबर को उनकी पार्थिव देह का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान बड़े बेटे अजय चौटाला और छोटे बेटे अभय चौटाला ने मिलकर उन्हें मुखाग्नि दी। उनके 4 पोतों दुष्यंत चौटाला, दिग्विजय चौटाला, अर्जुन चौटाला और कर्ण चौटाला ने अंतिम रस्में निभाईं। 3. सुप्रीम कोर्ट जज से लेकर उप-राष्ट्रपति तक ने श्रद्धांजलि दी
ओपी चौटाला के निधन पर कई बड़ी हस्तियां उन्हें श्रद्धांजलि देने सिरसा पहुंचीं। इनमें उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस सूर्यकांत, योगगुरू स्वामी रामदेव, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, CM नायब सैनी, पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा भी भी शामिल हैं। 4. अंतिम विदाई के वक्त एक साथ दिखा परिवार
राजनीतिक तौर पर अलग हो चुके चौटाला परिवार के सदस्य पूर्व CM के निधन पर एक साथ दिखे। बड़े बेटे अजय चौटाला और छोटे बेटे अभय चौटाला के साथ भाई रणजीत चौटाला भी उनकी अंतिम विदाई के दौरान साथ बैठे रहे। अभय इनेलो के प्रधान महासचिव हैं। अजय इनेलो से निकाले जाने के बाद अलग पार्टी JJP बना चुके हैं। रणजीत चौटाला इसी साल लोकसभा चुनाव के वक्त भाजपा में शामिल हुए थे, लेकिन विधानसभा चुनाव के वक्त टिकट न मिलने पर फिर से निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं। चौटाला से जुड़ी 4 अहम बातें… 1.पिता से ज्यादा न पढ़ें, इसलिए स्कूल बीच में छोड़ा
ओपी चौटाला कहीं पिता पूर्व उप-प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल से ज्यादा न पढ़ जाएं, इसलिए उन्होंने स्कूल बीच में ही छोड़ दिया। उन्होंने खुद एक इंटरव्यू में माना कि उन दिनों में पिता से ज्यादा पढ़ना अच्छा नहीं माना जाता था। 2. पांच दिन से 5 साल तक के CM बने
2 दिसंबर 1989 को चौटाला पहली बार मुख्यमंत्री बने। उनके उप-चुनाव में महम हिंसा के बाद साढ़े 5 महीने में कुर्सी छोड़नी पड़ी। दूसरी बार वह CM बने तो महम कांड की वजह से तत्कालीन PM वीपी सिंह की नाराजगी के बाद 5 दिन में इस्तीफा देना पड़ा। 1990 में BJP के समर्थन वापसी से वीपी सिंह सरकार गिरी तो देवीलाल ने तीसरी बार ओपी चौटाला को CM बना दिया, लेकिन विधायकों की नाराजगी से सरकार गिर गई और चौटाला का 15 दिन में कुर्सी छोड़नी पड़ी। 1996 में बंसीलाल की सरकार गिरी तो चौटाला ने बंसीलाल के विधायक तोड़े और 24 जुलाई 1999 को एक साल के लिए CM बने। साल 2000 में 47 सीटें जीत वह 5 साल तक सीएम रहे। 3. चौटाला ने जेल में रहकर पढ़ाई की, उन पर ‘दसवीं’ फिल्म बनी
साल 1999-2000 में चौटाला टीचर भर्ती घोटाले में फंसे। 2004 में CBI जांच के बाद ओपी चौटाला, उनके बेटे अजय चौटाला समेत 62 लोगों पर FIR दर्ज हुई। जनवरी 2013 में दिल्ली की स्पेशल CBI कोर्ट ने भ्रष्टाचार का कसूरवार मानते हुए चौटाला और उनके बेटे अजय चौटाला को 10 साल कैद की सजा सुनाई। जब वह टीचर घोटाले में जेल में रहे तो 2017 से 2021 के बीच उन्होंने 10वीं और 12वीं क्लास पास की। इसे लेकर उन पर ‘दसवीं’ फिल्म बनी, जिसमें उनका किरदार अभिषेक बच्चन ने निभाया। 4. चौटाला के जेल जाते ही परिवार में राजनीतिक फूट पड़ी
ओपी चौटाला के टीचर घोटाले में जेल जाने के बाद उनके परिवार में फूट पड़ गई। एक तरफ छोटे बेटे ने इनेलो की कमान संभाल ली। वहीं, पिता संग जेल गए अजय चौटाला ने विदेश में पढ़ रहे बेटों दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला को वापस बुला लिया, जिसके बाद अभय और उनके भतीजों में इनेलो को लेकर खींचतान शुरू हो गई। ओपी चौटाला जब 2018 में पैरोल पर बाहर आए तो 7 अक्टूबर को गोहाना रैली में दुष्यंत को CM बनाने के नारे लगे। इसके बाद बड़े बेटे अजय और उनके दोनों बेटों को निकाल दिया गया, जिन्होंने जननायक जनता पार्टी बना ली। हालांकि, इस फूट के बाद इनेलो कभी सत्ता में नहीं आ पाई। JJP जरूर 2019-24 में भाजपा के साथ गठबंधन सरकार में रही। हालांकि, 2024 के विधानसभा चुनाव में JJP एक भी सीट नहीं जीत पाई। इनेलो ने 2 सीटें जीतीं, लेकिन अभय चौटाला चुनाव हार गए। इसलिए अस्थि कलश यात्रा निकालने की जरूरत… 1. इनेलो कैडर में बिखराव
2018 में परिवार में आपसी कलह के चलते इनेलो में बड़ी टूट हुई थी। अभय चौटाला के भाई अजय चौटाला ने अपने बेटों दुष्यंत और दिग्विजय के अलावा कई अन्य नेताओं के साथ पार्टी को अलविदा कह दिया। इससे इनेलो टूट गई और हरियाणा में JJP का गठन हुआ। JJP में इनेलो का वोटर टूट कर चला गया। इतना ही नहीं परिवार की लड़ाई से आहत कई नेताओं ने पार्टी छोड़ कांग्रेस या भाजपा का दामन थाम लिया। 2. इनेलो के आगे अस्तित्व बचाने की लड़ाई
कभी हरियाणा की राजनीति की दशा-दिशा तय करने वाली इनेलो के लिए अब अस्तित्व बचाने की चुनौती है। इनेलो के लिए चश्मा चुनाव चिन्ह बचाना ही मुश्किल हो रहा है। इसके लिए उन्हें इस बार 6% मत हासिल करना इसलिए जरूरी था, लेकिन 4.14 फीसदी वोट ही मिले। ऐसे में सिंबल छिन गया तो इनेलो के लिए मुश्किल हो सकती है। 3. कांग्रेस की हार के बाद मौका
हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की तीसरी बार हार हुई है। इनेलो इसे अवसर के रूप में देख रही है। कांग्रेस और जजपा का वोटर भाजपा में जाने के बजाय किसी और विकल्प को देख रहा है। भले ही 2024 विधानसभा में इनेलो बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाई, मगर अधिकतर कैंडिडेट तीसरे या दूसरे स्थान पर रहे। इससे इनेलो उत्साहित है और हरियाणा में फिर से मैदान बनाना चाहती है।