हरियाणा में आज सुबह 7 बजकर 50 मिनट पर भूकंप के झटके लगे हैं। रोहतक जिले और उसके आसपास के जिलों में यह झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 3 रही। भूकंप का केंद्र रोहतक में 7 किमी अंदर था। भूकंप के कारण घरों के पंखे हिलने लगे। भूकंप के कारण लोगों में दहशत मच गई। लोग घरों से बाहर आ गए। जोन 3 और 4 में शामिल है रोहतक
बता दें कि भूकंपीय जोनिंग मैप के अनुसार रोहतक-झज्जर जोन 3 और जोन 4 में आता है। भारत में भूकंप को 4 जोन में बांटा गया है। इसमें जोन 2, 3, 4 और 5 शामिल हैं। इन्हें खतरों के हिसाब से आंका जाता है। जोन 2 में सबसे कम खतरा और जोन 5 में सबसे अधिक खतरा होता है। मैप में जोन 2 को आसमानी रंग, जोन 3 को पीला रंग, जोन 4 को संतरी रंग और जोन 5 को लाल रंग दिया गया है। इसमें रोहतक जिले का दिल्ली साइड का क्षेत्र जोन 4 व हिसार साइड का क्षेत्र जोन 3 में आता है। रोहतक में पहले भी आ चुके भूकंप
इससे पहले 2 अक्टूबर 2023 को भी रोहतक में 2.6 की तीव्रता का भूकंप आया था। इससे आसपास के कुछ इलाकों में कंपन महसूस किया गया। भूकंप का केंद्र तब हरियाणा के रोहतक से 7 किमी पूर्व दक्षिण पूर्व में खेड़ी साध गांव रहा। धरती के 5 किलोमीटर नीचे हलचल दर्ज की गई थी। वहीं, इससे एक महीने पहले सितंबर 2023 में भी रोहतक में 2 बार भूकंप आया था। एक भूकंप रात को 12:27 बजे और दूसरा 01:44 बजे पर आया था। पहले भूकंप की तीव्रता 2.6 तो दूसरे की तीव्रता 2.7 दर्ज की गई थी। एक भूकंप का केंद्र पोलंगी के पास, तो दूसरे का आसन गांव के पास रहा था। यह है भूकंप का कारण
देहरादून से महेंद्रगढ़ तक जमीन के नीचे एक फॉल्ट लाइन है। इसमें अनगिनत दरारें हैं। इन दिनों इन दरारों में गतिविधियां चल रही हैं। इसके तहत प्लेट मूवमेंट करती हैं। इनकी आपस में हल्की सी टक्कर से ही कंपन पैदा होता है। यह कभी भी कहीं भी हो सकता है। इसी वजह से भूकंप के झटके महसूस होते हैं। ऐसे में क्षेत्र में लोगों को भूकंप रोधी पदार्थ से मकान बनाने चाहिए। लोगों को दो या तीन मंजिल से अधिक ऊंचे मकान नहीं बनाने चाहिए। मकान बनाने से पहले मिट्टी की जांच व भूकंप संबंधी अन्य बातों को जानना जरूरी है। मकान हल्के व मजबूत होने चाहिए। हरियाणा में आज सुबह 7 बजकर 50 मिनट पर भूकंप के झटके लगे हैं। रोहतक जिले और उसके आसपास के जिलों में यह झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 3 रही। भूकंप का केंद्र रोहतक में 7 किमी अंदर था। भूकंप के कारण घरों के पंखे हिलने लगे। भूकंप के कारण लोगों में दहशत मच गई। लोग घरों से बाहर आ गए। जोन 3 और 4 में शामिल है रोहतक
बता दें कि भूकंपीय जोनिंग मैप के अनुसार रोहतक-झज्जर जोन 3 और जोन 4 में आता है। भारत में भूकंप को 4 जोन में बांटा गया है। इसमें जोन 2, 3, 4 और 5 शामिल हैं। इन्हें खतरों के हिसाब से आंका जाता है। जोन 2 में सबसे कम खतरा और जोन 5 में सबसे अधिक खतरा होता है। मैप में जोन 2 को आसमानी रंग, जोन 3 को पीला रंग, जोन 4 को संतरी रंग और जोन 5 को लाल रंग दिया गया है। इसमें रोहतक जिले का दिल्ली साइड का क्षेत्र जोन 4 व हिसार साइड का क्षेत्र जोन 3 में आता है। रोहतक में पहले भी आ चुके भूकंप
इससे पहले 2 अक्टूबर 2023 को भी रोहतक में 2.6 की तीव्रता का भूकंप आया था। इससे आसपास के कुछ इलाकों में कंपन महसूस किया गया। भूकंप का केंद्र तब हरियाणा के रोहतक से 7 किमी पूर्व दक्षिण पूर्व में खेड़ी साध गांव रहा। धरती के 5 किलोमीटर नीचे हलचल दर्ज की गई थी। वहीं, इससे एक महीने पहले सितंबर 2023 में भी रोहतक में 2 बार भूकंप आया था। एक भूकंप रात को 12:27 बजे और दूसरा 01:44 बजे पर आया था। पहले भूकंप की तीव्रता 2.6 तो दूसरे की तीव्रता 2.7 दर्ज की गई थी। एक भूकंप का केंद्र पोलंगी के पास, तो दूसरे का आसन गांव के पास रहा था। यह है भूकंप का कारण
देहरादून से महेंद्रगढ़ तक जमीन के नीचे एक फॉल्ट लाइन है। इसमें अनगिनत दरारें हैं। इन दिनों इन दरारों में गतिविधियां चल रही हैं। इसके तहत प्लेट मूवमेंट करती हैं। इनकी आपस में हल्की सी टक्कर से ही कंपन पैदा होता है। यह कभी भी कहीं भी हो सकता है। इसी वजह से भूकंप के झटके महसूस होते हैं। ऐसे में क्षेत्र में लोगों को भूकंप रोधी पदार्थ से मकान बनाने चाहिए। लोगों को दो या तीन मंजिल से अधिक ऊंचे मकान नहीं बनाने चाहिए। मकान बनाने से पहले मिट्टी की जांच व भूकंप संबंधी अन्य बातों को जानना जरूरी है। मकान हल्के व मजबूत होने चाहिए। हरियाणा | दैनिक भास्कर