यूपी के सबसे बड़े चिकित्सा विश्वविद्यालय, KGMU में ENT विभाग में तैनात डॉक्टर पर निजी अस्पताल में प्रैक्टिस करने के मामले में डिप्टी सीएम द्वारा जांच के आदेश के बाद आरोपी डॉक्टर को निलंबित कर दिया।जांच पूरी होने के बाद आरोपी जूनियर डॉक्टर रमेश कुमार के खिलाफ आगे की कार्रवाई होगी। इससे पहले विभागाध्यक्ष ने डॉक्टर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था। इस बीच मामले में एक बड़ा तथ्य ये सामने आया है कि आरोपी डॉक्टर KGMU में बांड पर तैनात था और करीब 3 महीने पहले ही बॉन्ड खत्म हो गया था। बॉन्ड खत्म होने के बाद भी OPD में था तैनात इस बीच शुरुआती जांच में ये सामने आया है कि डॉ. रमेश कुमार का बॉन्ड करीब तीन महीने पहले ही पूरा हो चुका था। इसके बावजूद सीनियर डॉक्टर के कहने पर उसे दोबारा तैनाती देकर तीन महीने के लिए रख दिया गया। जांच में दोषी साबित होने पर उसके खिलाफ और कठोर एक्शन लेने की तैयारी है। जांच टीम में शामिल है ये लोग KGMU प्रशासन ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की अध्यक्षता में समिति बनाई है। इस समिति में चिकित्सा अधीक्षक, कुलसचिव, प्रॉक्टर और नाक, कान और गला विभाग के अध्यक्ष हैं। अधिकारियों का कहना है कि पड़ताल चल रही है। जांच पूरी होने के बाद दोषी डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। निजी अस्पताल संचालक को भेजा गया नोटिस वहीं, उपमुख्यमंत्री के निर्देश पर लखनऊ शहर का स्वास्थ्य महकमा भी हरकत में आया। CMO डॉ. एनबी सिंह ने 2 सदस्यीय जांच समिति गठन के निर्देश देते हुए फौरन कार्रवाई करने की बात भी कही। विभागीय अफसरों का कहना है कि अस्पताल संचालक के फोन नंबर पर नोटिस भेजकर इलाज से जुड़े दस्तावेज मांगे गए हैं। रवि श्रीवास्तव 2 साल से यह अस्पताल चला रहा था। फिलहाल जो जानकारी मिल रही उसके मुताबिक संचालक बिल्डिंग खाली करके हफ्ते भर पहले ही भाग गया है। ऐसे में अब मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्रवाई का ही रास्ता बचता दिख रहा है। मिली भगत का खेल, बिना पैरवी मिल गया वेंटिलेटर जिस KGMU में वेंटिलेटर पाने के लिए कई बार तगड़ा जुगाड़ भी बेअसर साबित होता है, वहां निजी अस्पताल में ऑपेरशन के बाद मरीज की हालत बिगड़ने पर सीधे वेंटिलेटर सपोर्ट मिलना, गजब की सेटिंग दर्शाता है। बिना विभागीय मातहतों से जुगाड़ के ऐसा संभव नही। निजी अस्तपाल से लाई गई महिला को सीधे वेंटिलेटर मिल गया। पूनम मौर्या के परिवार के लोगों की माने तो हालत खराब होने पर अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों ने ही उन्हें KGMU में भर्ती कराया था। इसके लिए न तो उन्हें ट्रॉमा सेंटर और न किसी दूसरे विभाग जाना पड़ा। शताब्दी फेज-2 भवन में मौजूद वेंटिलेटर यूनिट में पूनम को भर्ती किया गया था। 26 अक्टूबर से 9 नवंबर के बीच दवाओं पर करीब एक लाख रुपये का खर्च आया। हालांकि, वेंटिलेटर चार्ज के नाम पर कोई पैसा नहीं जमा कराया गया। ऐसा संभव है कि निजी अस्पताल प्रशासन ने ही इसका शुल्क चुकाया हो। यूपी के सबसे बड़े चिकित्सा विश्वविद्यालय, KGMU में ENT विभाग में तैनात डॉक्टर पर निजी अस्पताल में प्रैक्टिस करने के मामले में डिप्टी सीएम द्वारा जांच के आदेश के बाद आरोपी डॉक्टर को निलंबित कर दिया।जांच पूरी होने के बाद आरोपी जूनियर डॉक्टर रमेश कुमार के खिलाफ आगे की कार्रवाई होगी। इससे पहले विभागाध्यक्ष ने डॉक्टर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था। इस बीच मामले में एक बड़ा तथ्य ये सामने आया है कि आरोपी डॉक्टर KGMU में बांड पर तैनात था और करीब 3 महीने पहले ही बॉन्ड खत्म हो गया था। बॉन्ड खत्म होने के बाद भी OPD में था तैनात इस बीच शुरुआती जांच में ये सामने आया है कि डॉ. रमेश कुमार का बॉन्ड करीब तीन महीने पहले ही पूरा हो चुका था। इसके बावजूद सीनियर डॉक्टर के कहने पर उसे दोबारा तैनाती देकर तीन महीने के लिए रख दिया गया। जांच में दोषी साबित होने पर उसके खिलाफ और कठोर एक्शन लेने की तैयारी है। जांच टीम में शामिल है ये लोग KGMU प्रशासन ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की अध्यक्षता में समिति बनाई है। इस समिति में चिकित्सा अधीक्षक, कुलसचिव, प्रॉक्टर और नाक, कान और गला विभाग के अध्यक्ष हैं। अधिकारियों का कहना है कि पड़ताल चल रही है। जांच पूरी होने के बाद दोषी डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। निजी अस्पताल संचालक को भेजा गया नोटिस वहीं, उपमुख्यमंत्री के निर्देश पर लखनऊ शहर का स्वास्थ्य महकमा भी हरकत में आया। CMO डॉ. एनबी सिंह ने 2 सदस्यीय जांच समिति गठन के निर्देश देते हुए फौरन कार्रवाई करने की बात भी कही। विभागीय अफसरों का कहना है कि अस्पताल संचालक के फोन नंबर पर नोटिस भेजकर इलाज से जुड़े दस्तावेज मांगे गए हैं। रवि श्रीवास्तव 2 साल से यह अस्पताल चला रहा था। फिलहाल जो जानकारी मिल रही उसके मुताबिक संचालक बिल्डिंग खाली करके हफ्ते भर पहले ही भाग गया है। ऐसे में अब मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्रवाई का ही रास्ता बचता दिख रहा है। मिली भगत का खेल, बिना पैरवी मिल गया वेंटिलेटर जिस KGMU में वेंटिलेटर पाने के लिए कई बार तगड़ा जुगाड़ भी बेअसर साबित होता है, वहां निजी अस्पताल में ऑपेरशन के बाद मरीज की हालत बिगड़ने पर सीधे वेंटिलेटर सपोर्ट मिलना, गजब की सेटिंग दर्शाता है। बिना विभागीय मातहतों से जुगाड़ के ऐसा संभव नही। निजी अस्तपाल से लाई गई महिला को सीधे वेंटिलेटर मिल गया। पूनम मौर्या के परिवार के लोगों की माने तो हालत खराब होने पर अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों ने ही उन्हें KGMU में भर्ती कराया था। इसके लिए न तो उन्हें ट्रॉमा सेंटर और न किसी दूसरे विभाग जाना पड़ा। शताब्दी फेज-2 भवन में मौजूद वेंटिलेटर यूनिट में पूनम को भर्ती किया गया था। 26 अक्टूबर से 9 नवंबर के बीच दवाओं पर करीब एक लाख रुपये का खर्च आया। हालांकि, वेंटिलेटर चार्ज के नाम पर कोई पैसा नहीं जमा कराया गया। ऐसा संभव है कि निजी अस्पताल प्रशासन ने ही इसका शुल्क चुकाया हो। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
Related Posts
सूरजपुर डबल मर्डर केस को लेकर बड़ा अपडेट, आरोपी कुलदीप साहू को पुलिस ने किया गिरफ्तार
सूरजपुर डबल मर्डर केस को लेकर बड़ा अपडेट, आरोपी कुलदीप साहू को पुलिस ने किया गिरफ्तार <p style=”text-align: justify;”><strong>Chhattisgarh News:</strong> झारखंड और बलरामपुर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र ग्राम गोदमाना से आरोपी कुलदीप साहू को गिरफ्तार किया गया है. बलरामपुर एसपी के नेतृत्व में बलरामपुर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया है. सूरजपुर के प्रधान आरक्षक की पत्नी और बेटी की हत्या कर आरोपी फरार हो गया था. कड़ी सुरक्षा के बीच आरोपी को सूरजपुर लाने की तैयारी में पुलिस है.</p>
भोपाल में सजा रावण का बाजार, जानें- कहां से खरीदें पुतला और कितना है रेट?
भोपाल में सजा रावण का बाजार, जानें- कहां से खरीदें पुतला और कितना है रेट? <p style=”text-align: justify;”><strong>Dussehra 2024:</strong> विजयदशमी पर्व में अब महज एक दिन ही शेष रह गए हैं. 12 अक्टूबर को देश सहित पूरे मध्य प्रदेश में दशहरा का पर्व मनाया जाएगा. इस दौरान छोटे से लेकर बड़े-बड़े रावण के पुतलों का दहन होगा. रावण के पुतलों के लिए राजधानी भोपाल में अनोखा बाजार सजा हुआ है. करीब 100 करीगर 5000 से अधिक रावण के पुतले बनाने में जुटे हुए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें राजधानी भोपाल में लिंक रोड नंबर-2 स्थित तुलसी नगर, सेकंड स्टॉप, बांसखेड़ी, ईंटखेड़ी, पंचशील नगर सहित कई स्थानों पर बीते डेढ़-दो महीने से 100 से ज्यादा कारीगर रावण, मेघनाथ, कुंभकरण के पुतले बनाने में जुटे हुए हैं. इन पुतलों की समितियों द्वारा एडवांस बुकिंग की गई थी. यह पुतले अब पूरी तरह से बनकर तैयार हो गए हैं, जबकि इनके ले जाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>600 रुपये से 40 हजार तक कीमत</strong><br />पुतलों का निर्माण कर रहे कारीगरों के अनुसार 6 फीट से 40 फीट तक के रावण के पुतले बनाए जा रहे हैं. 6 फीट के सबसे छोटे पुतले की कीमत 600 रुपये है, जबकि 40 फीट के पुतले की कीमत 40 हजार रुपये है. कारीगरों के अनुसार छोटा पुतला 1 दिन में बन जाता है, जबकि बड़े पुतले को बनाने में 6 से 7 दिन का समय लग जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कारीगरों के अनुसार, इन पुतलों में मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले भी बनाए जा रहे हैं. पुतलों को आकर्षक वेशभूषा के साथ बनाया जाता है. पुतलों में पटाखे रखने की वजह से इनकी कीमत बढ़ जाती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>2 हजार से अधिक स्थानों पर दहन</strong><br />राजधानी भोपाल में इस बार करीब 2000 से अधिक स्थानों पर छोटे-बड़े रावण के पुतलों का दहन होगा. जबकि 10 से 15 स्थानों पर बड़े पुतले का दहन किया जाएगा. दशहरा उत्सव मनाने के लिए दो दिन शेष बचे हैं, लेकिन आयोजन समितियों द्वारा 5 दिन पहले ही पर्व मनाने की तैयारियां शुरू कर दी है. बारिश की उम्मीद नहीं है यह सोचकर कई स्थानों पर रावण के पुतले भी खड़े कर दिए गए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”सीहोर में पूर्व सरपंच-सचिव ने ज्यादा पैसे लेकर दुकानदारों को दी कम की रसीद, अब तक नहीं दर्ज हुई FIR” href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/sehore-corruption-officers-took-more-money-from-shopkeepers-and-gave-less-amount-receipt-in-jharkheda-village-mp-ann-2801559″ target=”_self”>सीहोर में पूर्व सरपंच-सचिव ने ज्यादा पैसे लेकर दुकानदारों को दी कम की रसीद, अब तक नहीं दर्ज हुई FIR</a></strong></p>
लखीमपुर: पुलिस कस्टडी में मौत, परिवार से शव छीनने का आरोप, चंद्रशेखर बोले- ‘सख्त कार्रवाई हो’
लखीमपुर: पुलिस कस्टडी में मौत, परिवार से शव छीनने का आरोप, चंद्रशेखर बोले- ‘सख्त कार्रवाई हो’ <p style=”text-align: justify;”><strong>UP News:</strong> उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले के निघासन इलाके में मझगई थाने में पुलिस हिरासत में व्यक्ति की मौत के बाद सियासी बवाल खड़ा हो गया है. मौत के बाद भीम आर्मी चीफ और नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा है कि रामचंद्र मौर्य की मृत्यु अत्यंत दुखद और गंभीर चिंता का विषय है. उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए प्रतिक्रिया दी है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>सांसद ने अपने पोस्ट में आगे लिखा, ‘परिजनों के अनुसार, पुलिस ने बिना पंचनामा किए शव को परिवार से जबरन छीन लिया, जो भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है. यह कार्य न केवल कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाता है, बल्कि मानवाधिकारों का खुला हनन भी है.'</p>
<blockquote class=”twitter-tweet” data-media-max-width=”560″>
<p dir=”ltr” lang=”hi”>उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले के निघासन क्षेत्र स्थित मझगई थाने में पुलिस हिरासत में रामचंद्र मौर्य की मृत्यु अत्यंत दुखद और गंभीर चिंता का विषय है।<br /><br />परिजनों के अनुसार, पुलिस ने बिना पंचनामा किए शव को परिवार से जबरन छीन लिया, जो भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) के प्रावधानों का… <a href=”https://t.co/C4SM6dBOPc”>pic.twitter.com/C4SM6dBOPc</a></p>
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) <a href=”https://twitter.com/BhimArmyChief/status/1876909713369248013?ref_src=twsrc%5Etfw”>January 8, 2025</a></blockquote>
<p>
<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>
</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, ‘पुलिस द्वारा परिजनों को धमकाना “ना तो मझगई थाना सस्पेंड होगा, ना निघासन थाना. ना तुम्हें 30 लाख रुपए मिलेंगे. जितने दिन रखना है, रख लो डेडबॉडी. हम यहां से जा रहे हैं.” स्थिति को और भी चिंताजनक बनाता है.'</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/lucknow-dm-said-that-no-helmet-petrol-will-not-be-available-also-deducted-challan-ann-2858565″>यूपी के इस शहर में पेट्रोल लेने के लिए बदल गए नियम, अब करना होगा ये काम, तभी मिलेगा तेल</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>निष्पक्ष जांच की मांग</strong><br />चंद्रशेखर आजाद ने आगे लिखा, ‘यह घटना न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि दलित, पिछड़े, आदिवासी और अल्पसंख्यक समुदायों के प्रति प्रशासनिक अन्याय और पक्षपात का प्रतीक है. इस प्रकार की घटनाएं कमजोर वर्गों का प्रशासन और न्याय प्रणाली पर से विश्वास समाप्त कर देती हैं और समाज में असुरक्षा तथा अराजकता का वातावरण उत्पन्न करती हैं.'</p>
<p style=”text-align: justify;”>भीम आर्मी चीफ ने कहा, ‘यूपी सरकार को इस घटना की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करनी चाहिए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. पीड़ित परिवार को न्याय और मुआवजा प्रदान करना उनकी जिम्मेदारी है. समाज में कानून का शासन और कमजोर वर्गों का विश्वास बनाए रखना अत्यावश्यक है.’ इस प्रतिक्रिया के साथ चंद्रशेखर आजाद ने अपने सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी साझा किया है.</p>