हरियाणा में मानसून ने फिर पकड़ी रफ्तार:3 दिनों में सभी जिलों में हुई बारिश; 30 दिन में 26% ज्यादा हुई बरसात, 2 को 8 जिलों में अलर्ट

हरियाणा में मानसून ने फिर पकड़ी रफ्तार:3 दिनों में सभी जिलों में हुई बारिश; 30 दिन में 26% ज्यादा हुई बरसात, 2 को 8 जिलों में अलर्ट

हरियाणा में मानसून ने रफ्तार पकड़ ली है। पिछले 3 दिनों में हुई बारिश ने प्रदेश के अधिकांश जिलों को कवर किया है। मौसम विभाग के अनुसार 7 दिन बारिश जारी रह सकती है। हालांकि , 31 अगस्त से 1 सितंबर तक बारिश कुछ कम होने के आसार हैं, लेकिन 2 सितंबर से फिर बढ़ने लगेगी। 2 को प्रदेश के 8 जिलों में भारी बारिश का यलो अलर्ट भी जारी किया है। प्रदेश में 1 अगस्त से अब तक 177.9 मिलीमीटर बरसात हो चुकी है, जबकि सामान्य बारिश 140.8 एमएम होती है, यानी सामान्य से 26% ज्यादा बारिश हुई है। मानसून सीजन में 1 जून से 29 अगस्त तक 295.1 एमएम बारिश हुई है, सामान्य बारिश 344.6 से 14 फीसदी कम है । मौसम विभाग ने 2 सितंबर को प्रदेश के 8 जिलों में भारी बरसात होने का यलो अलर्ट जारी किया है। इनमें यमुनानगर, करनाल, गुरुग्राम, नूंह, पलवल, फरीदाबाद, सोनीपत और पानीपत जिले शामिल हैं। कहां हुई कितनी बारिश हरियाणा में 8 जिले ऐसे रहे, जहां 24 घंटे में झमाझम बारिश हुई। बारिश से कई जगह जलभराव हो गया। कई इलाकों में घंटों बिजली गुल हो गई। सबसे ज्यादा बारिश भिवानी में में हुई, यहां 14.0 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। इसके अलावा महेंद्रगढ़ में 9.5 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। कुरुक्षेत्र में 8.0, चरखी दादरी में 6.5 एमएम, बारिश हुई। इन जिलों के अलावा में 6.0 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। पानीपत, रोहतक, कैथल में भी मौसम में बदलाव देखने को मिला, यहां भी कुछ एक स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी देखी गई। 16 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई हरियाणा के 16 जिलों में मानसून की बारिश सामान्य से कम हुई है। कैथल, करनाल और पंचकूला जिले ताे ऐसे हैं, जहां सामान्य से आधी बारिश भी नहीं हाे पाई। हिसार, जींद, यमुनानगर, पलवल और रोहतक जिलाें में सामान्य से 30 प्रतिशत से भी कम बारिश हाे पाई है।महेंद्रगढ़ और नूंह जिलाें में जमकर बादल बरसे हैं। नूंह में सामान्य से 63 प्रतिशत और महेंद्रगढ़ जिले में सामान्य से 51 प्रतिशत तक अधिक बारिश दर्ज की गई है। जुलाई में रुठा रहा मानसून हरियाणा में जुलाई में इस बार 5 सालों में सबसे कम बारिश हुई है। आंकड़ों को देखे तो 2018 में 549 एमएम बारिश हुई थी। 2019 में 244.8, 2020 में 440.6, 2021 में 668.1, 2022 में 472, 2023 में 390 और 2024 में 97.9 एमएम ही बारिश रिकॉर्ड की गई है। कम बारिश होने के कारण सूबे के धान पैदावार करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्हें ट्यूबवेल से सिंचाई करनी पड़ रही है। हरियाणा में मानसून ने रफ्तार पकड़ ली है। पिछले 3 दिनों में हुई बारिश ने प्रदेश के अधिकांश जिलों को कवर किया है। मौसम विभाग के अनुसार 7 दिन बारिश जारी रह सकती है। हालांकि , 31 अगस्त से 1 सितंबर तक बारिश कुछ कम होने के आसार हैं, लेकिन 2 सितंबर से फिर बढ़ने लगेगी। 2 को प्रदेश के 8 जिलों में भारी बारिश का यलो अलर्ट भी जारी किया है। प्रदेश में 1 अगस्त से अब तक 177.9 मिलीमीटर बरसात हो चुकी है, जबकि सामान्य बारिश 140.8 एमएम होती है, यानी सामान्य से 26% ज्यादा बारिश हुई है। मानसून सीजन में 1 जून से 29 अगस्त तक 295.1 एमएम बारिश हुई है, सामान्य बारिश 344.6 से 14 फीसदी कम है । मौसम विभाग ने 2 सितंबर को प्रदेश के 8 जिलों में भारी बरसात होने का यलो अलर्ट जारी किया है। इनमें यमुनानगर, करनाल, गुरुग्राम, नूंह, पलवल, फरीदाबाद, सोनीपत और पानीपत जिले शामिल हैं। कहां हुई कितनी बारिश हरियाणा में 8 जिले ऐसे रहे, जहां 24 घंटे में झमाझम बारिश हुई। बारिश से कई जगह जलभराव हो गया। कई इलाकों में घंटों बिजली गुल हो गई। सबसे ज्यादा बारिश भिवानी में में हुई, यहां 14.0 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। इसके अलावा महेंद्रगढ़ में 9.5 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। कुरुक्षेत्र में 8.0, चरखी दादरी में 6.5 एमएम, बारिश हुई। इन जिलों के अलावा में 6.0 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। पानीपत, रोहतक, कैथल में भी मौसम में बदलाव देखने को मिला, यहां भी कुछ एक स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी देखी गई। 16 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई हरियाणा के 16 जिलों में मानसून की बारिश सामान्य से कम हुई है। कैथल, करनाल और पंचकूला जिले ताे ऐसे हैं, जहां सामान्य से आधी बारिश भी नहीं हाे पाई। हिसार, जींद, यमुनानगर, पलवल और रोहतक जिलाें में सामान्य से 30 प्रतिशत से भी कम बारिश हाे पाई है।महेंद्रगढ़ और नूंह जिलाें में जमकर बादल बरसे हैं। नूंह में सामान्य से 63 प्रतिशत और महेंद्रगढ़ जिले में सामान्य से 51 प्रतिशत तक अधिक बारिश दर्ज की गई है। जुलाई में रुठा रहा मानसून हरियाणा में जुलाई में इस बार 5 सालों में सबसे कम बारिश हुई है। आंकड़ों को देखे तो 2018 में 549 एमएम बारिश हुई थी। 2019 में 244.8, 2020 में 440.6, 2021 में 668.1, 2022 में 472, 2023 में 390 और 2024 में 97.9 एमएम ही बारिश रिकॉर्ड की गई है। कम बारिश होने के कारण सूबे के धान पैदावार करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्हें ट्यूबवेल से सिंचाई करनी पड़ रही है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर