हरियाणा के फरीदाबाद में शुक्रवार (6 दिसंबर) को रिटायर्ड जज और उनकी पत्नी को नौकर ने खाने में जहरीला पदार्थ मिलाकर दे दिया। जिसके बाद दोनों बेहोश हो गए। नौकर घर से कैश और गहने लेकर फरार हो गया। इसका खुलासा तब हुआ, जब बेटे ने मां को फोन किया। किसी ने कॉल नहीं उठाई तो उसने पड़ोसी को घर पर भेजा। पड़ोसी घर पहुंचा तो दोनों बेहोश पड़े हुए थे। जिसके बाद दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। सूचना पाकर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है। बेटे ने मां को कई फोन किए वीरेंद्र प्रसाद 30 सितंबर 2024 को ही नारनौल के सेशन जज के पद से रिटायर हुए हैं। इसके बाद वह 27 अक्टूबर से फरीदाबाद के सेक्टर-21 B स्थित घर में रह रहे हैं। शनिवार सुबह उनके बेटे ने मां बीना शर्मा को कॉल की, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। कई बार कॉल करने के बाद बेटे ने पड़ोस में रह रहे डॉक्टर को घर जाकर चेक करने को बोला। डॉक्टर वीरेंद्र प्रसाद के घर पहुंचा तो वहां वीरेंद्र और उनकी पत्नी बीना शर्मा बेहोशी की हालत में पड़े हुए थे। उनका नौकर राजू थापा वहां से गायब था। उसने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी। साथ ही वीरेंद्र और बीना शर्मा को सेक्टर-21 स्थित प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया। CCTV का DVR भी ले गया पुलिस ने अस्पताल में पहुंचकर वीरेंद्र प्रसाद के बयान दर्ज किए। बीना शर्मा अभी भी बेहोशी की हालत में है। वीरेंद्र ने पुलिस को बताया कि राजू थापा ने उन्हें खाने में कोई जहरीला पदार्थ दिया, जिससे वे बेहोश हो गए। इसे बाद वह घर से कैश और गहने ले गया। वह अपने साथ CCTV का DVR भी लेकर गया है, ताकि पकड़ा न जा सके। वीरेंद्र प्रसाद की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया। SHO बोले- 3 टीमों का गठन किया NIT थाना के SHO अनूप सिंह ने बताया कि रिटायर्ड जज और उनकी पत्नी की हालत खतरे से बाहर है। वीरेंद्र प्रसाद की शिकायत के आधार पर आसपास लगे CCTV कैमरे खंगाले जा रहे हैं। आरोपी को पकड़ने के लिए क्राइम ब्रांच सहित 3 टीमों का गठन किया है। कुछ महीने पहले ही उन्होंने राजू थापा को नौकरी पर रखा था। जल्द उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। हरियाणा के फरीदाबाद में शुक्रवार (6 दिसंबर) को रिटायर्ड जज और उनकी पत्नी को नौकर ने खाने में जहरीला पदार्थ मिलाकर दे दिया। जिसके बाद दोनों बेहोश हो गए। नौकर घर से कैश और गहने लेकर फरार हो गया। इसका खुलासा तब हुआ, जब बेटे ने मां को फोन किया। किसी ने कॉल नहीं उठाई तो उसने पड़ोसी को घर पर भेजा। पड़ोसी घर पहुंचा तो दोनों बेहोश पड़े हुए थे। जिसके बाद दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। सूचना पाकर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है। बेटे ने मां को कई फोन किए वीरेंद्र प्रसाद 30 सितंबर 2024 को ही नारनौल के सेशन जज के पद से रिटायर हुए हैं। इसके बाद वह 27 अक्टूबर से फरीदाबाद के सेक्टर-21 B स्थित घर में रह रहे हैं। शनिवार सुबह उनके बेटे ने मां बीना शर्मा को कॉल की, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। कई बार कॉल करने के बाद बेटे ने पड़ोस में रह रहे डॉक्टर को घर जाकर चेक करने को बोला। डॉक्टर वीरेंद्र प्रसाद के घर पहुंचा तो वहां वीरेंद्र और उनकी पत्नी बीना शर्मा बेहोशी की हालत में पड़े हुए थे। उनका नौकर राजू थापा वहां से गायब था। उसने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी। साथ ही वीरेंद्र और बीना शर्मा को सेक्टर-21 स्थित प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया। CCTV का DVR भी ले गया पुलिस ने अस्पताल में पहुंचकर वीरेंद्र प्रसाद के बयान दर्ज किए। बीना शर्मा अभी भी बेहोशी की हालत में है। वीरेंद्र ने पुलिस को बताया कि राजू थापा ने उन्हें खाने में कोई जहरीला पदार्थ दिया, जिससे वे बेहोश हो गए। इसे बाद वह घर से कैश और गहने ले गया। वह अपने साथ CCTV का DVR भी लेकर गया है, ताकि पकड़ा न जा सके। वीरेंद्र प्रसाद की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया। SHO बोले- 3 टीमों का गठन किया NIT थाना के SHO अनूप सिंह ने बताया कि रिटायर्ड जज और उनकी पत्नी की हालत खतरे से बाहर है। वीरेंद्र प्रसाद की शिकायत के आधार पर आसपास लगे CCTV कैमरे खंगाले जा रहे हैं। आरोपी को पकड़ने के लिए क्राइम ब्रांच सहित 3 टीमों का गठन किया है। कुछ महीने पहले ही उन्होंने राजू थापा को नौकरी पर रखा था। जल्द उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में शिफ्ट अटेंडेंट भर्ती पर फैसला कल:10 साल से 2426 पदों पर HC की रोक; रिकॉर्ड हो चुका सील
हरियाणा में शिफ्ट अटेंडेंट भर्ती पर फैसला कल:10 साल से 2426 पदों पर HC की रोक; रिकॉर्ड हो चुका सील हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) की तरफ से निकाली गई शिफ्ट अटेंडेंट की भर्ती पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट 21 जनवरी यानी कल अंतिम सुनवाई करेगा। अदालत ने भर्ती का रिकॉर्ड सील करने के आदेश दिए थे। इस पर अदालत ने एक लोकल कमिश्नर गठित किया था। लोकल कमिश्नर ने अपनी रिपोर्ट अदालत में दे दी है। इस मामले की सुनवाई 14 जनवरी को हुई थी, लेकिन हरियाणा सरकार की तरफ से पेश हुए सीनियर एडवोकेट बलदेव राज महाजन ने लोकल कमिश्नर की रिपोर्ट अभी तक प्रतिवादीगण को नहीं मिलने की बात कही थी। बिना रिपोर्ट के वे दलीलें पेश नहीं कर सकते। इस पर अदालत ने लोकल कमिश्नर की रिपोर्ट याचिकाकर्ता और प्रतिवादीगण को दे दी। अदालत ने अगली सुनवाई 21 जनवरी तय करते हुए कहा था कि अब कोई और स्थगन नहीं मिलेगा। यहां पढ़िए क्या है पूरा मामला जस्टिस जसगुरप्रीत सिंह पुरी की खंडपीठ ने 16 जुलाई 2024 को जारी अंतरिम आदेश में लिखा था, ‘याचिकाकर्ता आनंद के वकील कमल सहगल ने प्रस्तुत किया कि यह एक ऐसा मामला है जहां प्रतिवादी हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने साक्षात्कार के बाद मानदंड बदल दिए हैं, जब चयन अंतिम चरण में था और परिणाम घोषित होने वाला था। कब निकली थी भर्ती एचएसएससी ने 2016 में 2426 शिफ्ट अटेंडेंट की भर्ती निकाली थी। भर्ती विज्ञापन के तहत 2016 को लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी और परीक्षा परिणाम 30 अप्रैल 2017 को घोषित किया गया था। इसके बाद, उम्मीदवारों को 5 मई 2017 से 11 मई तक दस्तावेजों की जांच के लिए बुलाया गया और उसके बाद 24 अगस्त 2017 से 29 अगस्त तक की अवधि के लिए साक्षात्कार आयोजित किए गए। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में ये दी दलीलें भर्ती के साक्षात्कार सहित पूरी प्रक्रिया समाप्त होने के बाद मानदंड बदल दिए गए और उसके बाद वेटेज का दायरा बदल कर पूरी तरह से बदल दिया गया था। जीएसए , एएसएसए, जीएसओ, एसएसए और जेई तथा कई अभ्यर्थियों को विस्तारित दायरे के आधार पर वेटेज देकर चयनित किया गया है, जिससे याचिकाकर्ता के अधिकार प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुए हैं, क्योंकि यदि उन्हें अनुभव का वेटेज नहीं दिया गया होता, तो याचिकाकर्ता को चयन हो जाता। रिकॉर्ड सील करने के जुलाई में हुए ऑर्डर खंडपीठ ने रिकॉर्ड सील करने के आदेश में लिखा था, “कमल सहगल, याचिकाकर्ता (ओं) के वकील ने आगे दलील दी कि ऐसा प्रतीत होता है कि प्रतिवादी आयोग ने उन अभ्यर्थियों के अनुभव प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिए हैं, जिनका साक्षात्कार पूरा होने के बाद चयन किया गया है। यह स्वयं एप्लिकेशन का हिस्सा नहीं बन सकता था। इस स्थिति को देखते हुए, यह निर्देश दिया जाता है कि संपूर्ण चयन प्रक्रिया का रिकॉर्ड तुरंत सील कर दिया जाएगा, भले ही उससे संबंधित रिकॉर्ड किसी अन्य विभाग के पास रखा हो, जिसमें विभागीय मतों की गई हो और 18 जुलाई 2024 को इस न्यायलय को भेज दिया जाए।
दिवाली पर हरियाणवी लड़ियों से जगमगाएगा अयोध्या का राम मंदिर:करनाल की 250 महिलाओं के ग्रुप का कमाल, चाइनीज लड़ियों को दे रहीं टक्कर
दिवाली पर हरियाणवी लड़ियों से जगमगाएगा अयोध्या का राम मंदिर:करनाल की 250 महिलाओं के ग्रुप का कमाल, चाइनीज लड़ियों को दे रहीं टक्कर हरियाणा के करनाल में बनी स्वदेशी लड़ियों की दिवाली पर खूब डिमांड है। ये लड़ियां चीन में बनी लड़ियों को टक्कर दे रही हैं। सेवा भारती से जुड़ी महिलाएं लड़ियां बनाने में इतनी एक्सपर्ट हो चुकी हैं कि महज 4 महिलाएं ही 300 से ज्यादा लड़ियां एक दिन में बना देती हैं। एक लड़ी की कीमत 150 रुपए है। लोकल फॉर वोकल का लक्ष्य लेकर चली संस्था की महिलाओं द्वारा तैयार की गई लड़ियां अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन में भी शोभा बढ़ा चुकी हैं। इस दिवाली पर करीब 40 हजार लड़ियां राम मंदिर के लिए गई हैं। RSS की सेवा भारती विंग 1980 में अस्तित्व में आई थी। मौजूदा समय में यश देव त्यागी संस्था के अध्यक्ष हैं। महासचिव पंकज क्लेव हैं और कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी कृष्ण विज के पास है। बीते 5 साल से संस्था आत्मनिर्भर भारत, नारी सशक्तिकरण और स्वावलंबी भारत अभियान को बढ़ावा दे रही है। लड़ियों के अलावा यहां पर मल्टी ग्रेन आटा, पापड़, बड़ियां और टोकरी बनती हैं। संस्था के साथ लगभग 14 गांवों की 250 महिलाएं जुड़ी हुई हैं। महिलाएं गरीब परिवारों से हैं और ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं है। अगर आमदनी की बात की जाए तो महिलाओं को कमीशन बेस पर मेहनताना मिलता है, जिससे उनके परिवार का गुजारा हो जाता है। ममता बोली- अच्छी आमदनी हो जाती है
महिला ममता ने बताया कि मैं 4 साल से संस्था के साथ जुड़कर काम कर रही हूं। मैं लड़ियों में सर्किट लगाने का काम करती हूं। मुझे यहां से अच्छी आमदनी हो जाती है। महिलाएं आगे बढ़ रही हैं और महिलाओं को भी चाहिए कि वे आत्मनिर्भर बने। यहां बहुत से गांव की महिलाएं काम करती हैं। यहां पर लड़ियों के अलावा दीये भी बनाए जाते हैं, इसके अलावा सिलाई सेंटर भी है। यहां महिलाओं को अपने पैरों पर खड़े होने की ट्रेनिंग दी जाती है। इतना ही नहीं, लड़कियों के लिए कंप्यूटर क्लासेस भी लगती हैं। महिलाएं लड़ियां बनाने के काम में इतनी निपुण हो चुकी हैं कि यहां पर एक दिन में 300 लड़ियां भी बना लेती हैं। 45 सालों से काम कर रही है संस्था
संस्था के प्रांत उपाध्यक्ष रोशन लाल ने बताया कि सेवा भारती संस्था गरीब समाज के उत्थान के लिए पिछले 45 वर्षों से काम कर रही है। लड़ियों के प्रोजेक्ट से 13-14 गांवों से लगभग 250 परिवार जुड़े हुए हैं और उन्हें गर्व भी महसूस होता है कि हम स्वदेशी अभियान से जुड़े हुए हैं। यहां पर 15 साल से लेकर 70 साल तक की महिलाएं काम कर रही हैं। इसमें ज्यादा पढ़ी लिखी महिलाएं नहीं है। जिस काम को करने से हम डरते हैं, उस काम को महिलाएं अच्छी तरह से कर रही हैं। लड़ियां बनाने के लिए 2 या 3 घंटे की ट्रेनिंग दी जाती है, उसके बाद वे लड़ी बनाने में सक्षम हो जाती हैं।
अहमदाबाद, दिल्ली और गाजियाबाद से आता है कच्चा माल
रोशन लाल ने बताया कि संस्था 1980 से कार्य कर रही है। करनाल में आत्मनिर्भर भारत अभियान शुरू किए हुए 5 साल हो चुके हैं। पहले साल जो लड़ियों का लोट गया था, उसके बाद आज तक किसी तरह की शिकायत नहीं आई। यहां पर हाथों से ही लड़ियों का काम किया जाता है। इसमें मशीनों का यूज नहीं होता। लड़ियों के लिए कच्चा माल अहमदाबाद, दिल्ली और गाजियाबाद से लिया जाता है। देश-विदेश में जा रहीं लड़ियां रोशन लाल ने बताया कि यहां से अयोध्या के राम मंदिर के लिए भी लड़ियां गई हैं। राम मंदिर कमेटी को पता है कि करनाल में लड़ियां बनती हैं। उन्होंने हमसे संपर्क किया था। 22 जनवरी को जब राम मंदिर का उद्घाटन हुआ था, तब राम मंदिर के लिए यहां से लड़ियां गई थीं। दरअसल, हमारे एक कार्यकर्ता ने राम मंदिर में लड़ियां देखी थीं। उनकी क्वालिटी ठीक नहीं थी। हमारे कार्यकर्ता ने राम मंदिर प्रबंधन कमेटी के कार्यकर्ता से बात की और स्वदेशी लड़ियों के बारे में बताया और सैंपल दिखाया। जिसके बाद राम मंदिर से हमें लड़ियों का ऑर्डर मिल गया। अब करनाल से भोपाल, जम्मू कश्मीर और अन्य राज्यों में भी लड़ियां गई हैं। यहां से लोग अपने रिश्तेदारों को कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और यूएसए में भी लड़ियां भेज रहे हैं। संस्था के प्रोग्राम में स्टॉल लगाकर करते हैं मार्केटिंग रोशन लाल ने बताया कि यह कोई व्यापार नहीं है। यह तो केवल स्वदेशी अपनाओ अभियान है, नारी सशक्तिकरण अभियान और मेरा स्वावलंबी भारत अभियान है। इन अभियान को एक ही प्रकल्प से बल मिलता है। मार्केटिंग की बात करें तो करनाल में सेवा भारती का हेड ऑफिस है और हरियाणा में अलग-अलग जगहों पर हमारी समितियां है। उन समितियों के कार्यकर्ता समाज में स्वदेशी के प्रति सजगता लाते है। इसके साथ ही संस्था के कार्यक्रमों के दौरान भी स्टॉल लगाकर मार्केटिंग की जाती है। लोगों में स्वदेशी के प्रति जागरूकता आई है और यही संस्था के लिए सबसे बड़ा सम्मान है।
हरियाणा कांग्रेस में 3 बार MLA की टिकट पर बगावत:विधायक चाचा के विरोध में उतरा भतीजा; बोले- मेरे साथ धोखा, निर्दलीय लड़ने का ऐलान
हरियाणा कांग्रेस में 3 बार MLA की टिकट पर बगावत:विधायक चाचा के विरोध में उतरा भतीजा; बोले- मेरे साथ धोखा, निर्दलीय लड़ने का ऐलान हरियाणा में BJP के बाद कांग्रेस में भी टिकट बंटते विरोध और बगावत शुरू हो गई है। बहादुरगढ़ विधानसभा में 3 बार के MLA चाचा राजेंद्र जून की टिकट को लेकर कांग्रेस के पार्टी डेलिगेट भतीजे ने मोर्चा खोल दिया है। डेलिगेट राजेश जून ने टिकट बंटवारे के विरोध में पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कांग्रेस विधायक के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने का भी ऐलान कर दिया है। राजेश जून ने समर्थकों की मीटिंग में ऐलान करते हुए कहा कि मेरे साथ कांग्रेस नेतृत्व ने धोखा किया है। कांग्रेस उम्मीदवार से डबल वोट लेकर विधायक बनूंगा। राजेश जून ने कहा, कि कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने मेरे से वादा किया था टिकट देने का, वादा नहीं निभाया। 11 को नामांकन करेंगे दाखिल
राजेश जून ने बकायदा 11 सितंबर को नामांकन दाखिल करने का एलान किया है। दिल्ली रोहतक रोड पर अपने कार्यालय के बाहर नामांकन दाखिल करने की तारीख का फ्लैक्स भी लगाया है। बहादुरगढ़ से कांग्रेस के टिकट के संभावित उम्मीदवारों में राजेश का नाम शामिल है, लेकिन राजेंद्र जून को कांग्रेस से टिकट मिलना तय माना जा रहा है। राजेंद्र जून और राजेश आपस में चाचा-भतीजा हैं। बहादुरगढ़ से राजेंद्र जून को मिली टिकट… 16 चुनावों में यहां से 8 बार कांग्रेस जीती
अब तक हुए 16 विधानसभा चुनावों में बहादुरगढ़ से 8 बार कांग्रेस, लोकदल 5 बार, ओल्ड कांग्रेस, हविपा और भाजपा एक-एक बार चुनाव जीती है। यहां सबसे पहले चौधरी छोटूराम की पार्टी जमींदारा लीग से उनके भतीजे चौधरी श्रीचंद विधायक बने थे। जबकि वर्ष 1987 में पूर्व मंत्री मांगेराम नंबरदार ने 25 हजार 320 वोटों से अब तक की सबसे बड़ी जीत हासिल की थी। वहीं वर्ष 1972 में एनसीओ के हरद्वारी लाल ने महज 395 वोटों से सबसे छोटी जीत हासिल की थी। जाट मतदाता सबसे अधिक
बहादुरगढ़ विधानसभा में 32 गांवों के अनुपात में शहर के 31 वार्डों में करीब 40 हजार वोट अधिक हैं। हलके में कुल 2 लाख 40 हजार 980 मतदाता हैं, जिनमें 1 लाख 27 हजार 774 पुरुष और 1 लाख 13 हजार 201 महिला हैं। जबकि 85 वर्ष से अधिक आयु के 2201 मतदाता हैं। क्षेत्र में इस बार कुल 233 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। बहादुरगढ़ विधानसभा क्षेत्र में करीब 94 हजार जाट, करीब 23 हजार ब्राह्मण, हरिजन करीब 19 हजार, बनिया करीब 18 हजार, करीब 13 हजार पंजाबी, वाल्मीकि करीब 11 हजार वोटर हैं। इनके अलावा धानक, सैनी व खाती करीब 7-7 हजार, अहिर व कुम्हार करीब 5-5 हजार मतदाता हैं। इस कारण पिछले कई चुनावों में शहर निर्णायक साबित हुआ है। गांवों की बात करें तो राठी, दलाल और छिल्लर-छिकारा गोत्र का दबदबा है। कांग्रेस के टिकट बंटवारे जुड़ी ये 3 खबरें भी पढ़ें…
1. हरियाणा में कांग्रेस की 2 लिस्ट जारी, 32 नाम:ED केस में फंसे और नूंह हिंसा आरोपी समेत 28 विधायकों को दोबारा टिकट 2. कांग्रेस की पहली लिस्ट के 32 उम्मीदवारों की डिटेल प्रोफाइल:1 हारे-1 दलबदलू को टिकट, 80 साल के कादियान सबसे बुजुर्ग, विनेश सबसे यंग 3. कांग्रेस के 32 उम्मीदवारों का एनालिसिस:हरियाणा में BJP जैसी बगावत-भगदड़ से बचने की कोशिश; सांसदों को दोटूक मैसेज- हाईकमान सबसे ऊपर