हरियाणा की रेवाड़ी सीट से कांग्रेस प्रत्याशी और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के दामाद चिरंजीव राव का चुनावी प्रचार के दौरान विरोध हुआ। गिंदोखर गांव में कुछ युवकों ने उन्हें गांव से वापस जाने के नारे लगाए। इतना ही नहीं उनसे विकास कार्यों को लेकर तीखे सवाल भी पूछे। काफी देर हंगामे के बाद कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने विरोध करने वाले युवकों को धक्के देकर कार्यक्रम से निकाल दिया। हालांकि इस दौरान कुछ देर के लिए माहौल काफी गहमागहमी वाला हो गया। दरअसल, सोमवार दोपहर को चिरंजीव राव का गिंदोखर गांव के पंचायत घर में कार्यक्रम था। वे चुनाव में खुद को वोट देने की अपील करने के लिए ग्रामीणों के बीच पहुंचे थे। कार्यक्रम में काफी भीड़ भी थी। तभी गांव गिंदोखर के ही रहने वाले अजय यादव, विकास, प्रवीण, देवेंद्र सहित अन्य युवक भी कार्यक्रम में पहुंच गए। चिरंजीव राव जब ग्रामीणों को संबोधित करने लगे तो युवकों ने गांव के विकास कार्यों को लेकर उनसे तीखे सवाल पूछने शुरू कर दिए। इसके बाद माहौल गरमा गया। कार्यक्रम में मौजूद कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उन्हें कार्यक्रम से बाहर निकाल दिया। इस दौरान विरोध करने वाले युवकों ने चिरंजीव को गांव से वापस जाने के लिए नारेबाजी भी की। विरोध करने वाले अजय यादव ने कहा ‘चिरंजीव राव 2019 में विधायक चुने गए थे। इसके बाद पहली बार वह उनके गांव में 26 नवंबर 2023 को आए और गिंदोखर-जाडरा के कच्चे रास्ते का शिलान्यास करके चले गए। विधायक ने कहा कि उनकी पार्टी की सरकार नहीं है। इसके बावजूद वह अपने विधायक कोटे से 16 लाख रुपए दिलवाकर इस सड़क का निर्माण कार्य करवा रहे हैं। लेकिन 10 महीने बाद भी इस सड़क का निर्माण कार्य नहीं हुआ है। विधायक से जब पूछा गया तो बोले-मेरा काम पैसे दिलवाने का था। हमारी सरकार नहीं है। सरकार आएगी तो बनवा भी देंगे।’ अजय के मुताबिक, हमने विधायक से ये भी पूछा कि हमें ये ही बता दीजिए कि जो 16 लाख रुपए आपने विधायक कोटे से दिलवाए आखिर वो किसके पास गए हैं। लेकिन उनके पास कोई जवाब नहीं था। मेरी पत्नी पूनम गांव की पंचायत में पंच हैं। हमें हमारे जनप्रतिनिधि से गांव के विकास से जुड़े मामले में सवाल पूछने का हक है। उसके बावजूद चिरंजीव राव से जुड़े कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ताओं ने हमें धक्के देकर कार्यक्रम से बाहर निकाल दिया। 2019 में पहली बार विधायक बने थे चिरंजीव राव बता दें कि चिरंजीव राव के पिता कैप्टन अजय सिंह यादव इसी सीट से 6 बार विधायक रह चुके हैं। 2019 में चिरंजीव राव ने खुद चुनाव लड़ा था। अपने पहले ही चुनाव में चिरंजीव राव ने जीत दर्ज की थी। कांग्रेस ने दूसरी बार चिरंजीव राव को इस बार चुनावी मैदान में उतारा है। इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है। हरियाणा की रेवाड़ी सीट से कांग्रेस प्रत्याशी और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के दामाद चिरंजीव राव का चुनावी प्रचार के दौरान विरोध हुआ। गिंदोखर गांव में कुछ युवकों ने उन्हें गांव से वापस जाने के नारे लगाए। इतना ही नहीं उनसे विकास कार्यों को लेकर तीखे सवाल भी पूछे। काफी देर हंगामे के बाद कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने विरोध करने वाले युवकों को धक्के देकर कार्यक्रम से निकाल दिया। हालांकि इस दौरान कुछ देर के लिए माहौल काफी गहमागहमी वाला हो गया। दरअसल, सोमवार दोपहर को चिरंजीव राव का गिंदोखर गांव के पंचायत घर में कार्यक्रम था। वे चुनाव में खुद को वोट देने की अपील करने के लिए ग्रामीणों के बीच पहुंचे थे। कार्यक्रम में काफी भीड़ भी थी। तभी गांव गिंदोखर के ही रहने वाले अजय यादव, विकास, प्रवीण, देवेंद्र सहित अन्य युवक भी कार्यक्रम में पहुंच गए। चिरंजीव राव जब ग्रामीणों को संबोधित करने लगे तो युवकों ने गांव के विकास कार्यों को लेकर उनसे तीखे सवाल पूछने शुरू कर दिए। इसके बाद माहौल गरमा गया। कार्यक्रम में मौजूद कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उन्हें कार्यक्रम से बाहर निकाल दिया। इस दौरान विरोध करने वाले युवकों ने चिरंजीव को गांव से वापस जाने के लिए नारेबाजी भी की। विरोध करने वाले अजय यादव ने कहा ‘चिरंजीव राव 2019 में विधायक चुने गए थे। इसके बाद पहली बार वह उनके गांव में 26 नवंबर 2023 को आए और गिंदोखर-जाडरा के कच्चे रास्ते का शिलान्यास करके चले गए। विधायक ने कहा कि उनकी पार्टी की सरकार नहीं है। इसके बावजूद वह अपने विधायक कोटे से 16 लाख रुपए दिलवाकर इस सड़क का निर्माण कार्य करवा रहे हैं। लेकिन 10 महीने बाद भी इस सड़क का निर्माण कार्य नहीं हुआ है। विधायक से जब पूछा गया तो बोले-मेरा काम पैसे दिलवाने का था। हमारी सरकार नहीं है। सरकार आएगी तो बनवा भी देंगे।’ अजय के मुताबिक, हमने विधायक से ये भी पूछा कि हमें ये ही बता दीजिए कि जो 16 लाख रुपए आपने विधायक कोटे से दिलवाए आखिर वो किसके पास गए हैं। लेकिन उनके पास कोई जवाब नहीं था। मेरी पत्नी पूनम गांव की पंचायत में पंच हैं। हमें हमारे जनप्रतिनिधि से गांव के विकास से जुड़े मामले में सवाल पूछने का हक है। उसके बावजूद चिरंजीव राव से जुड़े कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ताओं ने हमें धक्के देकर कार्यक्रम से बाहर निकाल दिया। 2019 में पहली बार विधायक बने थे चिरंजीव राव बता दें कि चिरंजीव राव के पिता कैप्टन अजय सिंह यादव इसी सीट से 6 बार विधायक रह चुके हैं। 2019 में चिरंजीव राव ने खुद चुनाव लड़ा था। अपने पहले ही चुनाव में चिरंजीव राव ने जीत दर्ज की थी। कांग्रेस ने दूसरी बार चिरंजीव राव को इस बार चुनावी मैदान में उतारा है। इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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