हरियाणा सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को दिवाली से पहले बड़ा तोहफा दिया है। बुधवार (23 अक्टूबर) को सरकार ने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (DA) 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 53 प्रतिशत कर दिया है। 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। इसे लेकर फाइनेंस डिपार्टमेंट के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी अनुराग रस्तोगी की ओर से आदेश जारी किए गए हैं। ऑर्डर में कहा गया है कि सरकारी कर्मचारियों के साथ-साथ पेंशन भोगियों को भी इससे राहत मिलेगी। इसका भुगतान अक्टूबर के वेतन और पेंशन के साथ किया जाएगा। ये आदेश 1 जुलाई 2024 से ही प्रभावी रहेंगे। इससे पहले सरकार ने जुलाई 2024 में महंगाई भत्ता 4 प्रतिशत बढ़ाया था। तब कर्मचारियों और पेंशन धारकों का DA 46 से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया गया था। सरकार की तरफ से जारी आदेश… 31 अक्टूबर को दिवाली की छुट्टी हरियाणा सरकार ने दीपावली का अवकाश 1 नवंबर (शुक्रवार) के बजाय 31 अक्टूबर (गुरुवार) को घोषित किया है। हरियाणा सरकार की तरफ से इस लेकर सोमवार देर रात नए आदेश जारी किए गए थे। आदेश के मुताबिक प्रदेश सरकार के सभी विभागों, बोर्डों, निगमों, शैक्षणिक और अन्य संस्थाओं में 31 अक्टूबर को दीपावली त्योहार के अवसर पर राजपत्रित अवकाश रहेगा। वहीं स्कूलों में छोटी दिवाली की 30 अक्टूबर (बुधवार) को छुट्टी रहेगी। शिक्षा निदेशालय की तरफ से सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (DEO) को लेटर लिखा गया है। छुट्टी को लेकर जारी आदेश… दोबारा मुख्यमंत्री बनने के बाद नायब सैनी के 2 बड़े फैसले सरकारी अस्पतालों में फ्री डायलिसिस सुविधा मिलेगी शपथग्रहण समारोह के अगले दिन 18 अक्टूबर को नायब सैनी ने मुख्यमंत्री का पदभार संभालते ही ऐलान किया था कि प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में किडनी की गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों की फ्री डायलिसिस होगी। भविष्य में यह फ्री सुविधा मेडिकल कॉलेजों में भी उपलब्ध कराई जाएगी। SC आरक्षण में वर्गीकरण का फैसला लागू 18 अक्टूबर को हुई कैबिनेट में फैसला लिया गया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आज से SC आरक्षण में वर्गीकरण का फैसला लागू किया जाएगा। अभी SC के लिए 15 प्रतिशत और ST के लिए 7.5 प्रतिशत आरक्षण है। इस 22.5% के आरक्षण में ही राज्य एससी व एसटी के उन कमजोर वर्गों का कोटा तय कर सकेंगे, जिनका प्रतिनिधित्व बहुत कम है। हरियाणा सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को दिवाली से पहले बड़ा तोहफा दिया है। बुधवार (23 अक्टूबर) को सरकार ने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (DA) 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 53 प्रतिशत कर दिया है। 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। इसे लेकर फाइनेंस डिपार्टमेंट के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी अनुराग रस्तोगी की ओर से आदेश जारी किए गए हैं। ऑर्डर में कहा गया है कि सरकारी कर्मचारियों के साथ-साथ पेंशन भोगियों को भी इससे राहत मिलेगी। इसका भुगतान अक्टूबर के वेतन और पेंशन के साथ किया जाएगा। ये आदेश 1 जुलाई 2024 से ही प्रभावी रहेंगे। इससे पहले सरकार ने जुलाई 2024 में महंगाई भत्ता 4 प्रतिशत बढ़ाया था। तब कर्मचारियों और पेंशन धारकों का DA 46 से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया गया था। सरकार की तरफ से जारी आदेश… 31 अक्टूबर को दिवाली की छुट्टी हरियाणा सरकार ने दीपावली का अवकाश 1 नवंबर (शुक्रवार) के बजाय 31 अक्टूबर (गुरुवार) को घोषित किया है। हरियाणा सरकार की तरफ से इस लेकर सोमवार देर रात नए आदेश जारी किए गए थे। आदेश के मुताबिक प्रदेश सरकार के सभी विभागों, बोर्डों, निगमों, शैक्षणिक और अन्य संस्थाओं में 31 अक्टूबर को दीपावली त्योहार के अवसर पर राजपत्रित अवकाश रहेगा। वहीं स्कूलों में छोटी दिवाली की 30 अक्टूबर (बुधवार) को छुट्टी रहेगी। शिक्षा निदेशालय की तरफ से सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (DEO) को लेटर लिखा गया है। छुट्टी को लेकर जारी आदेश… दोबारा मुख्यमंत्री बनने के बाद नायब सैनी के 2 बड़े फैसले सरकारी अस्पतालों में फ्री डायलिसिस सुविधा मिलेगी शपथग्रहण समारोह के अगले दिन 18 अक्टूबर को नायब सैनी ने मुख्यमंत्री का पदभार संभालते ही ऐलान किया था कि प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में किडनी की गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों की फ्री डायलिसिस होगी। भविष्य में यह फ्री सुविधा मेडिकल कॉलेजों में भी उपलब्ध कराई जाएगी। SC आरक्षण में वर्गीकरण का फैसला लागू 18 अक्टूबर को हुई कैबिनेट में फैसला लिया गया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आज से SC आरक्षण में वर्गीकरण का फैसला लागू किया जाएगा। अभी SC के लिए 15 प्रतिशत और ST के लिए 7.5 प्रतिशत आरक्षण है। इस 22.5% के आरक्षण में ही राज्य एससी व एसटी के उन कमजोर वर्गों का कोटा तय कर सकेंगे, जिनका प्रतिनिधित्व बहुत कम है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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रोहतक में युवक की हत्या:घर में पड़ा मिला 3 दिन पुराना शव, सिर पर चोट के निशान, अकेला रहता था
रोहतक में युवक की हत्या:घर में पड़ा मिला 3 दिन पुराना शव, सिर पर चोट के निशान, अकेला रहता था रोहतक जिले के बोहर गांव में एक व्यक्ति की हत्या करने का मामला सामने आया है। जिसका शव घर में पड़ा हुआ मिला। जिसे देखकर लग रहा है कि हत्या करीब 3 दिन पहले हुई है। जिसके सिर पर चोट के निशान मिले और आसपास में खून बिखरा हुआ था। जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि सिर में चोट मारकर हत्या की गई है। वहीं मामले की सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई। पुलिस के अनुसार मृतक की पहचान गांव बोहर निवासी करीब 35 वर्षीय सोनू के रूप में हुई है। जो घर पर अकेला रहता था। उनके पिता रामचंद्र गुरुग्राम में रहते हैं। वहीं मृतक का पत्नी के साथ अनबन होने के चलते उसकी पत्नी मायके में रहती है। फिलहाल सोनू अपने गांव बोहर स्थित मकान पर अकेला रहता था। सोमवार को सोनू का शव घर में पड़ा हुआ मिला। जब आसपास में बदबू फैली तो इसका गली-वालों को इसकी जानकारी हुई। इसका पता लगने के बाद मामले की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची। पुलिस ने देखा कि शव घर में बेड के पास पड़ा हुआ है। वहीं शव के आसपास खून बिखरा हुआ था। घटना की गंभीरता को देखते हुए एफएसएल टीम को भी मौके पर बुलाया गया। एफएसएल टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए। ताकि हत्या की तय तक पहुंचा जा सके। मामले की जांच में जुटी पुलिस अर्बन एस्टेट थाना प्रभारी परमजीत कौर ने बताया कि गांव बोहर में एक युवक का शव घर में गली सड़ी अवस्था में पड़ा हुआ मिला। जिसके सिर में चोट के निशान थे और खून बिखरा हुआ था। प्राथमिक दृष्टि से युवक के सिर में चोट मारकर हत्या करने का मामला लग रहा है। हालांकि पुलिस मामले की जांच में जुटी गई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के स्पष्ट कारणों का पता चल पाएगा। फिलहाल पुलिस हत्या के हिसाब से मामले में कार्रवाई कर रही है।
विनेश का स्वागत, दीपेंद्र का चुनावी शो:ट्रोल होने पर बीच रास्ते में हुड्डा पीछे हटे; 2 MLA और टिकटार्थियों ने वेलकम किया
विनेश का स्वागत, दीपेंद्र का चुनावी शो:ट्रोल होने पर बीच रास्ते में हुड्डा पीछे हटे; 2 MLA और टिकटार्थियों ने वेलकम किया पेरिस ओलिंपिक में 100 ग्राम वजन ज्यादा होने पर डिस्क्वालिफाई हुईं विनेश फोगाट शनिवार को दिल्ली पहुंचीं। सुबह 10 बजकर 55 मिनट पर विनेश एयरपोर्ट से बाहर निकलीं। उनके साथ पति सोमबीर राठी के अलावा कांग्रेस के सांसद दीपेंद्र हुड्डा साये की तरह मौजूद रहे। एयरपोर्ट के VVIP गेट से निकलने के बाद जीजा बजरंग पूनिया समेत तमाम प्रमुख चेहरे विनेश को रिसीव करने पहुंचे। ढोल नगाड़ों के साथ विनेश का स्वागत हुआ। सुबह करीब 11 बजे विनेश फोगाट गाड़ियों के काफिले में अपने गांव बलाली के लिए रवाना हुईं। विनेश के साथ कांग्रेस के सांसद दीपेंद्र हुड्डा, रेसलर बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक मर्सीडीज की जी-वैगन गाड़ी पर बैठे। विनेश का पूरा प्रोग्राम एक तरह से सांसद दीपेंद्र हुड्डा की टीम और विनेश के परिवार के लोग मैनेज कर रहे थे। विनेश का ये पूरा स्वागत कार्यक्रम सांसद दीपेंद्र हुड्डा का चुनावी शो नजर आया, क्योंकि पूरे रोड शो के दौरान दीपेंद्र की टीम ही सबसे आगे नजर आई। पल-पल विनेश के साथ रहे दीपेंद्र विनेश फोगाट के भारत लौटने के दौरान दीपेंद्र हुड्डा नई दिल्ली एयरपोर्ट पर पल-पल उनके साथ रहे। उन्हें रिसीव करने करने के लिए हुड्डा सुबह 10 बजकर 5 मिनट पर ही नई दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंच गए थे। एयरपोर्ट के अंदर से अकेले दीपेंद्र हुड्डा ही वो शख्सियत थे, जो उन्हें बाहर तक लेकर आए। उस वक्त दीपेंद्र और विनेश फोगाट को सुरक्षा कर्मियों ने पूरी तरह घेरा हुआ था। इस दौरान विनेश के पति सोमबीर राठी भी थे। एयरपोर्ट से बाहर निकलते ही जीजा बजरंज पूनिया, साक्षी मलिक और उनकी मां प्रेमलता मिलीं। उन्हें देखकर विनेश के आंसू छलक गए। इसके बाद विनेश जी-वैगन कार में सवार हुईं। विनेश का काफिला जब दिल्ली एयरपोर्ट से चरखी-दादरी के बलाली गांव के लिए रवाना हुआ तो विनेश के साथ गाड़ी के बोनट पर दीपेंद्र हुड्डा, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया बैठे थे। दिल्ली एयरपोर्ट से लेकर द्वारका तक दीपेंद्र हर जगह विनेश के साथ मौजूद रहे। इस दौरान 10 जगहों पर विनेश फोगाट का स्वागत किया गया। दीपेंद्र हुड्डा ने कई जगह मीडिया से बात भी की और विनेश फोगाट की जमकर तारीफ भी की। ट्रोल होते ही गाड़ी से उतरे दीपेंद्र विनेश के 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धनकोट में भी टिकट के दावेदारों की लंबी कतार विनेश के स्वागत में दिखाई दी। इनमें ज्यादातर नेता हुड्डा परिवार के खास गिने जाते हैं। गुरुग्राम के बाद विनेश का काफिला झज्जर जिले में दाखिल हुआ, यहां बादली से कांग्रेस विधायक कुलदीप वत्स से लेकर 4 अन्य टिकट के दावेदारों ने विनेश का स्वागत किया। बादली में ही मनराज गुलिया ने भी उनका जोरदार स्वागत किया, जो टिकट के प्रबल दावेदार है। जब विनेश का काफिया झज्जर शहर में एंट्री किया तो कोसली रोड स्थित टी-पॉइंट पर झज्जर की कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल खुद मौजूद रहीं। गीता भुक्कल ने दीपेंद्र हुड्डा के खास समर्थक नरेश हसनपुर के ऑफिस पर विनेश फोगाट का स्वागत किया और विनेश के अलावा बजरंग के गले लगकर उनका सम्मान किया। इसी तरह चरखी दादरी में भी कांग्रेस को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान सहित टिकट के अन्य दावेदारों ने देर रात विनेश फोगाट का इंतजार कर उन्हें अपनी पलकों पर बिठाया। सोमबीर भी फिलहाल हुड्डा खेमे से दादरी से कांग्रेस का टिकट मांग रहे है। BJP के नेता रहे दूर दिल्ली एयरपोर्ट से लेकर बलाली गांव तक पहुंचने के दौरान विनेश का काफिला जिन-जिन इलाकों से गुजरा, उनमें गुरुग्राम के बादशाहपुर एरिया के BJP नेता पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह, मनीष यादव, पूर्व सीएम मनोहर लाल के OSD और टिकट के दावेदार जवाहर यादव, बादली में पूर्व विधायक और बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ के बाद दादरी में मंत्री जेपी दलाल और विनेश की चचेरी बहन व बीजेपी की टिकट की दावेदार बबीता फोगाट का एरिया है। इनमें से एक भी नेता विनेश का स्वागत करने के लिए नहीं पहुंचा। रोड शो के 125 किलोमीटर के एरिया में कहीं भी BJP के झंडे नजर नहीं आए। जबकि विनेश के काफिले में मौजूद गाड़ियों में अधिकांश गाड़ियां दीपेंद्र हुड्डा के समर्थकों की रहीं। विनेश के स्वागत से इसलिए दूर रहे भाजपाई विनेश फोगाट के स्वागत कार्यक्रम से दूर रहने में भाजपाई नेताओं की कई मजबूरियां और परेशानी रहीं, क्योंकि विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक ने जब आंदोलन किया तो उन्हें काफी ट्रोल किया गया था। तीनों रेसलर्स ने तत्कालीन भाजपा सांसद और रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आवाज उठाई थी। उस वक्त भाजपा का कोई नेता उनके पक्ष में नहीं आया, जिसकी वजह से भाजपा के नेताओं को डर था कि चुनावी मौसम में अगर वो इस स्वागत कार्यक्रम में शामिल होंगे तो उन्हें विरोध का सामना न करना पड़ जाए। जिसके चलते भाजपा के नेताओं ने विनेश के कार्यक्रम से दूरी बनाकर रखी। कांग्रेस ब्रजभूषण के खिलाफ प्रदर्शन से ही रेसलरों के साथ जनवरी 2023 में विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक ने उस वक्त के WFI अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाते हुए दिल्ली के जंतर-मंतर पर आंदोलन शुरू किया था। उस वक्त कांग्रेस पार्टी की तरफ से इन पहलवानों को पूरा समर्थन दिया गया था। करीब 4 महीनों बाद जब इन पहलवानों ने फिर से बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला तो कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा खुलकर उनके समर्थन में आ गए थे। पहलवानों के समर्थन में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और विपक्ष के नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी तक जंतर-मंतर पर पहुंचे थे। दीपेंद्र हुड्डा के खुलकर मैदान में आने के बाद बृजभूषण शरण सिंह ने उन पर इस पूरे आंदोलन का साजिशकर्ता होने का आरोप तक लगा दिया था। हालांकि दीपेंद्र हुड्डा ने इस आरोपों को सिरे से नकार दिया था। हुड्डा कर विनेश को राज्यसभा भेजने की कर चुके मांग
विनेश फोगाट ने इस बार पेरिस ओलिंपिक में एक ही दिन में दुनिया की 2 नामी महिला पहलवानों को पटखनी देकर फाइनल में जगह बनाई थी। 50 किलोग्राम वेट कैटेगरी में 100 ग्राम अधिक वजन पाए जाने पर विनेश फोगाट को डिस्क्वालिफाई कर दिया गया। जिसकी वजह से विनेश न केवल गोल्ड मेडल से चूकी, बल्कि उन्हें सिल्वर मेडल भी नहीं मिल पाया। इसके बाद हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने विनेश फोगाट को राज्यसभा में निर्विरोध चुने जाने की मांग की थी। हुड्डा का कहना था कि उनके पास बहुमत नहीं है। अगर बहुमत होता तो वे विनेश को जरूर राज्यसभा भेजते। सभी पार्टियां विनेश का नाम आगे बढ़ाकर उसे राज्यसभा भेजें।
हिसार में नेताओं की नाराजगी से घटा मतदान:टिकट न मिलने पर हलकों से रहे दूर; बीरेंद्र सिंह-कुलदीप के गढ़ में दिखा असर
हिसार में नेताओं की नाराजगी से घटा मतदान:टिकट न मिलने पर हलकों से रहे दूर; बीरेंद्र सिंह-कुलदीप के गढ़ में दिखा असर हरियाणा के हिसार मे इसे संयोग कहा जाए या वर्करों-नेताओं की उदासीनता, जिसके चलते उन विधानसभा क्षेत्रों में 25 मई को हुई मतदान में मतदान प्रतिशत घट गया, जिन हलकों के नेताओं को पार्टियों ने टिकट नहीं दी। इसमें आदमपुर, उचाना और नारनौंद विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इन तीनों क्षेत्रों से कई बड़े नेता अपनी पार्टियों में टिकट के दावेदारों में थे। आदमपुर में कुलदीप बिश्नोई और नारनौंद से कैप्टन अभिमन्यु हिसार लोकसभा से टिकट मांग रहे थे। वहीं उचाना से बीरेंद्र सिंह अपने बेटे बृजेंद्र सिंह के लिए हिसार से टिकट मांग रहे थे। मगर इन तीनों को ही कांग्रेस और भाजपा ने टिकट न देकर बाहर से उम्मीदवार लाकर उतारे। इसका नतीजा यह हुआ कि तीनों ही अपनी पार्टियों से नाराज होकर प्रचार से दूर हो गए। हालांकि भाजपा अपने नेताओं को मनाने में कामयाब रही, मगर बीरेंद्र सिंह की नाराजगी अंतिम दिन तक नजर आई। बीरेंद्र और बृजेंद्र सिंह दोनों ही कांग्रेस उम्मीदवार जयप्रकाश के प्रचार से दूर ही रहे। इसका असर वोटिंग में भी देखने को मिला। बाहरी उम्मीदवार से जनता नाराज दिखी
आपको बता दें कि हिसार में सभी प्रमुख पार्टियों ने बाहर से कैंडिडेट लाकर मैदान में उतारे। भाजपा ने रणजीत चौटाला को टिकट दिया। रणजीत चौटाला सिरसा के रहने वाले हैं और सिरसा की रानियां सीट से विधायक थे। इन्होंने विधानसभा से इस्तीफा देकर हिसार से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा। इसी तरह कांग्रेस ने जयप्रकाश जेपी को टिकट दिया। जयप्रकाश कैथल जिले की कलायत विधानसभा से आते हैं और यहां से विधायक रह चुके हैं। इसी प्रकार जजपा ने नैना को मैदान में उतारा जो सिरसा डबवाली की रहने वाली हैं। वहीं सुनैना चौटाला भी डबवाली से हैं। हालांकि नैना आदमपुर की दड़ौली और सुनैना दौलतपुर गांव की रहने वाली हैं। मगर लोगों में इसकी नाराजगी दिखी की चारों प्रमुख पार्टियों ने बाहरी लोगों को मैदान में उतारा। पहली बार चुनाव से दूर रहा बिश्नोई परिवार
हिसार लोकसभा में 2009 से लगातार बिश्नोई परिवार चुनाव लड़ता आया है। स्व. भजनलाल ने 2009 में हिसार से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीते। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई 2011 में हिसार से सांसद चुने गए। 2014 में कुलदीप ने फिर हिसार से चुनाव लड़ा मगर हार गए। इसके बाद 2019 में उन्होंने अपने बेटे भव्य को मैदान में उतारा मगर वह हार गए। मगर इस बार बिश्नोई परिवार चुनाव से दूर रहा। इसका असर भी वोटिंग में देखने को मिला। कुलदीप समर्थकों में उत्साह कम देखने को मिला। आदमपुर में 2019 के मुकाबले कम मतदान देखने को मिला। आदमपुर में 2019 में पिछली बार लोकसभा में सबसे अधिक 77.74 प्रतिशत मतदान हुआ था और 2024 में यह आदमपुर 9.51 प्रतिशत घटकर 68.63 पर पहुंच गया है। वहीं अगर इससे पहले भी देखा जाए तो 2014 में आदमपुर में 78.14 प्रतिशत मतदान हुआ था। उचाना में बीरेंद्र सिंह परिवार दूर रहा
उचाना में चौधरी बीरेंद्र सिंह के परिवार के चुनाव से दूर रहने और मौजूदा विधायक दुष्यंत चौटाला से हलका वासियों की नाराजगी का असर भी उचाना में देखने को मिला। बीरेंद्र सिंह उचाना से ही बसरों से चुनाव लड़ते आए हैं। उन्होंने इस बार भाजपा छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया था और बेटे के लिए हिसार से टिकट चाहते थे मगर ऐसा नहीं हुआ। कांग्रेस में बेटे बृजेंद्र सिंह की टिकट कटने से नाराज बीरेंद्र सिंह हिसार चुनाव से दूर हो गए और सिरसा में ही पिता-पुत्र प्रचार करते दिखे। इसका असर उचाना में वोटिंग पैटर्न पर भी पड़ा। उचाना में 2019 के मुकाबले 7.21 प्रतिशत कम मतदान हुआ। 2019 में उचाना में 72.62 प्रतिशत वोट पड़े थे। वहीं 2024 में 65.41 प्रतिशत ही वोट पड़े हैं। उकलाना में सैलजा और नारनौंद में कैप्टन की बेरुखी रही
मूलत उकलाना के गांव प्रभुवाला की रहने वाली सैलजा हिसार के चुनाव से दूर रही। वह हिसार से अपने पसंदीदा कैंडिडेट को टिकट दिलाना चाहती थी मगर ऐसा नहीं हुआ। सैलजा को खुद सिरसा से लड़ना पड़ा और हिसार से पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी जयप्रकाश जेपी को टिकट मिला। इसके कारण सैलजा व उसके समर्थक चुनाव से दूर रहे। वहीं नारनौंद में कैप्टन अभिमन्यु भाजपा से टिकट मांग रहे थे मगर ऐसा नहीं हुआ। इसके कारण कैप्टन कई दिनों तक प्रचार से दूर रहे। यहां तक की उनके समर्थक भी लगातार चुनाव प्रचार से दूर रहे। इसका असर वोटिंग में भी देखने को मिला। उकलाना और नारनौंद में भी पिछली बार की तुलना में मतदान में गिरावट देखने को मिली। देखें हिसार लोकसभा में चार साल में मतदान प्रतिशत 2019 की तुलना में कहां कितना घटा मतदान हिसार लोकसभा में 2024 और 2019 का वोटिंग प्रतिशत