हरियाणा में हलोपा-भाजपा के बीच गठबंधन:CM नायब सैनी का ऐलान; कांडा ने 15 सीटें मांगी थी 5 पर बन सकती है सहमति

हरियाणा में हलोपा-भाजपा के बीच गठबंधन:CM नायब सैनी का ऐलान; कांडा ने 15 सीटें मांगी थी 5 पर बन सकती है सहमति

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी आज सिरसा के दौरे पर हैं। वे सबसे पहले सिरसा में हलोपा सुप्रीमो एवं विधायक गोपाल कांडा के आवास पर पहुंचे। यहां नायब सैनी ने श्री तारा बाबा की कुटिया पर पूजा-अर्चना की। दौरे के दौरान नायब सैनी ने मीडिया को यह कहकर चौंका दिया कि हरियाणा में भाजपा गोपाल कांडा की हलोपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। गोपाल कांडा की हलोपा (हरियाणा लोकहित पार्टी) एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) का हिस्सा है। गौरतलब है कि सिरसा विधायक एवं हरियाणा लोकहित पार्टी के प्रमुख गोपाल कांडा ने पिछले दिनों केंद्रीय शिक्षा मंत्री एवं भाजपा के हरियाणा प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान से भी मुलाकात की थी और एनडीए के हिस्से के तौर पर 15 सीटें मांगी थीं। मगर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हलोपा को सिरसा और फतेहाबाद की 9 विधानसभा में से 5 सीटें मिल सकती हैं। हालांकि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने अभी गठबंधन और मुद्दों को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं, लेकिन आज मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सिरसा में हलोपा सुप्रीमो गोपाल कांडा से मुलाकात कर साथ मिलकर चुनाव लड़ने का बयान दिया है। खट्टर भी करना चाहते थे गठबंधन लेकिन शीर्ष नेतृत्व राजी नहीं हुआ आपको बता दें कि इससे पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले हलोपा के साथ गठबंधन करना चाहते थे। पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल ने इसके लिए प्रयास किए थे। लेकिन शीर्ष नेतृत्व ने ऐसा नहीं होने दिया। तब उमा भारती ने ट्वीट कर ‘स्वच्छ’ छवि वाले नेताओं से समर्थन लेने की सलाह दी थी। 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग को दिए गए गोपाल कांडा के हलफनामे के मुताबिक, उनके खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने, आपराधिक साजिश, जालसाजी, धोखाधड़ी और चेक बाउंस समेत 9 आपराधिक मामले विभिन्न अदालतों में लंबित थे। हालांकि, चुनाव के बाद भी गोपाल कांडा ने बेशर्मी से हरियाणा की मनोहर सरकार का समर्थन किया था जो बहुमत से कम रही थी। भाजपा कांडा की वफादारी का इनाम उनके साथ गठबंधन करके दे रही है। कांडा को छोड़नी पड़ी थी कुर्सी जब गोपाल कांडा का नाम गीतिका आत्महत्या मामले में आया था, तब वे हरियाणा की हुड्डा सरकार में गृह राज्य मंत्री थे। गोपाल कांडा ने निर्दलीयों के साथ मिलकर हुड्डा सरकार को समर्थन दिया था। बदले में उन्हें हुड्डा सरकार में गृह राज्य मंत्री का पद मिला था। गीतिका आत्महत्या मामले में नाम आने के बाद गोपाल को मंत्री पद छोड़ना पड़ा था और उन्हें तिहाड़ जेल में रहना पड़ा था। हालांकि, पिछले साल 2023 में गोपाल कांडा को इस मामले से बरी कर दिया गया है। स्थानीय भाजपा नेताओं को लगेगा झटका गोपाल कांडा के हलोपा के साथ गठबंधन से हरियाणा भाजपा के सिरसा जिले के स्थानीय नेताओं को झटका लग सकता है। सिरसा की शहरी सीट से गोपाल कांडा की दावेदारी तय मानी जा रही है। ऐसे में सिरसा विधानसभा से भाजपा टिकट के दावेदार अमन चोपड़ा, भूपेश मेहता, प्रदीप रतुसरिया को झटका लग सकता है। वहीं गोपाल कांडा के भाई गोविंद कांडा सिरसा की रानिया विधानसभा और फतेहाबाद सीट से दावा ठोक रहे हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी आज सिरसा के दौरे पर हैं। वे सबसे पहले सिरसा में हलोपा सुप्रीमो एवं विधायक गोपाल कांडा के आवास पर पहुंचे। यहां नायब सैनी ने श्री तारा बाबा की कुटिया पर पूजा-अर्चना की। दौरे के दौरान नायब सैनी ने मीडिया को यह कहकर चौंका दिया कि हरियाणा में भाजपा गोपाल कांडा की हलोपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। गोपाल कांडा की हलोपा (हरियाणा लोकहित पार्टी) एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) का हिस्सा है। गौरतलब है कि सिरसा विधायक एवं हरियाणा लोकहित पार्टी के प्रमुख गोपाल कांडा ने पिछले दिनों केंद्रीय शिक्षा मंत्री एवं भाजपा के हरियाणा प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान से भी मुलाकात की थी और एनडीए के हिस्से के तौर पर 15 सीटें मांगी थीं। मगर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हलोपा को सिरसा और फतेहाबाद की 9 विधानसभा में से 5 सीटें मिल सकती हैं। हालांकि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने अभी गठबंधन और मुद्दों को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं, लेकिन आज मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सिरसा में हलोपा सुप्रीमो गोपाल कांडा से मुलाकात कर साथ मिलकर चुनाव लड़ने का बयान दिया है। खट्टर भी करना चाहते थे गठबंधन लेकिन शीर्ष नेतृत्व राजी नहीं हुआ आपको बता दें कि इससे पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले हलोपा के साथ गठबंधन करना चाहते थे। पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल ने इसके लिए प्रयास किए थे। लेकिन शीर्ष नेतृत्व ने ऐसा नहीं होने दिया। तब उमा भारती ने ट्वीट कर ‘स्वच्छ’ छवि वाले नेताओं से समर्थन लेने की सलाह दी थी। 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग को दिए गए गोपाल कांडा के हलफनामे के मुताबिक, उनके खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने, आपराधिक साजिश, जालसाजी, धोखाधड़ी और चेक बाउंस समेत 9 आपराधिक मामले विभिन्न अदालतों में लंबित थे। हालांकि, चुनाव के बाद भी गोपाल कांडा ने बेशर्मी से हरियाणा की मनोहर सरकार का समर्थन किया था जो बहुमत से कम रही थी। भाजपा कांडा की वफादारी का इनाम उनके साथ गठबंधन करके दे रही है। कांडा को छोड़नी पड़ी थी कुर्सी जब गोपाल कांडा का नाम गीतिका आत्महत्या मामले में आया था, तब वे हरियाणा की हुड्डा सरकार में गृह राज्य मंत्री थे। गोपाल कांडा ने निर्दलीयों के साथ मिलकर हुड्डा सरकार को समर्थन दिया था। बदले में उन्हें हुड्डा सरकार में गृह राज्य मंत्री का पद मिला था। गीतिका आत्महत्या मामले में नाम आने के बाद गोपाल को मंत्री पद छोड़ना पड़ा था और उन्हें तिहाड़ जेल में रहना पड़ा था। हालांकि, पिछले साल 2023 में गोपाल कांडा को इस मामले से बरी कर दिया गया है। स्थानीय भाजपा नेताओं को लगेगा झटका गोपाल कांडा के हलोपा के साथ गठबंधन से हरियाणा भाजपा के सिरसा जिले के स्थानीय नेताओं को झटका लग सकता है। सिरसा की शहरी सीट से गोपाल कांडा की दावेदारी तय मानी जा रही है। ऐसे में सिरसा विधानसभा से भाजपा टिकट के दावेदार अमन चोपड़ा, भूपेश मेहता, प्रदीप रतुसरिया को झटका लग सकता है। वहीं गोपाल कांडा के भाई गोविंद कांडा सिरसा की रानिया विधानसभा और फतेहाबाद सीट से दावा ठोक रहे हैं।   हरियाणा | दैनिक भास्कर