हरियाणा में शनिवार से मानसून फिर कमजोर पड़ गया है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि 7 अगस्त से प्रदेश में मानसून फिर सक्रिय होगा। इस बार मानसून प्रदेश से रूठा रहा, यही कारण है कि 1 जून से अब तक मात्र 165.0 एमएम बारिश ही दर्ज की गई है। जबकि सामान्य तौर पर प्रदेश में 217.0 एमएम बारिश होनी चाहिए थी। मौसम विभाग ने आज यानि रविवार को प्रदेश के कुछ जिलों में बूंदाबांदी की संभावना जताई है। प्रदेश के 22 जिलों में से यमुनानगर में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश अंबाला में दर्ज की गई, जहां 26.8 एमएम बारिश हुई। 24 घंटे में कहां कितनी बारिश हुई हरियाणा में मानसून के कमजोर पड़ने के कारण मौसम विभाग ने 6 अगस्त तक कोई अलर्ट जारी नहीं किया है। हालांकि इसके बाद 11 जिलों में बादल छाए रहे, अंबाला के अलावा 10 जिलों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। अंबाला में 26.8 मिमी बारिश हुई। इसके अलावा गुरुग्राम और जींद में 7.0 मिमी, फरीदाबाद और सिरसा में 1.0 मिमी, रोहतक में 1.8, पंचकूला में 1.5 और सोनीपत में 0.5 मिमी बारिश हुई। 6 से 9 अगस्त तक बारिश की संभावना पंजाब के ऊपर एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बनने से बंगाल की खाड़ी से मानसून की सक्रियता बढ़ने की संभावना है। जिसके चलते 6 से 9 अगस्त के बीच हरियाणा के कई इलाकों में बारिश की संभावना है। कुछ स्थानों पर भारी बारिश भी हो सकती है। जिसके चलते तापमान में गिरावट आ सकती है। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि मानसून की अक्षय रेखा उत्तर दिशा की ओर सामान्य स्थिति में होने के कारण 4 से 6 अगस्त के बीच कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। जुलाई में 5 साल में सबसे कम बारिश इस बार हरियाणा में जुलाई में 5 साल में सबसे कम बारिश हुई है। आंकड़ों पर गौर करें तो 2018 में 549 मिमी बारिश हुई थी। 2019 में 244.8 मिमी, 2020 में 440.6 मिमी, 2021 में 668.1 मिमी, 2022 में 472 मिमी, 2023 में 390 मिमी और 2024 में 97.9 मिमी बारिश दर्ज की गई। कम बारिश के कारण राज्य के धान उत्पादक किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्हें ट्यूबवेल के जरिए सिंचाई करनी पड़ रही है। हरियाणा में शनिवार से मानसून फिर कमजोर पड़ गया है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि 7 अगस्त से प्रदेश में मानसून फिर सक्रिय होगा। इस बार मानसून प्रदेश से रूठा रहा, यही कारण है कि 1 जून से अब तक मात्र 165.0 एमएम बारिश ही दर्ज की गई है। जबकि सामान्य तौर पर प्रदेश में 217.0 एमएम बारिश होनी चाहिए थी। मौसम विभाग ने आज यानि रविवार को प्रदेश के कुछ जिलों में बूंदाबांदी की संभावना जताई है। प्रदेश के 22 जिलों में से यमुनानगर में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश अंबाला में दर्ज की गई, जहां 26.8 एमएम बारिश हुई। 24 घंटे में कहां कितनी बारिश हुई हरियाणा में मानसून के कमजोर पड़ने के कारण मौसम विभाग ने 6 अगस्त तक कोई अलर्ट जारी नहीं किया है। हालांकि इसके बाद 11 जिलों में बादल छाए रहे, अंबाला के अलावा 10 जिलों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। अंबाला में 26.8 मिमी बारिश हुई। इसके अलावा गुरुग्राम और जींद में 7.0 मिमी, फरीदाबाद और सिरसा में 1.0 मिमी, रोहतक में 1.8, पंचकूला में 1.5 और सोनीपत में 0.5 मिमी बारिश हुई। 6 से 9 अगस्त तक बारिश की संभावना पंजाब के ऊपर एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बनने से बंगाल की खाड़ी से मानसून की सक्रियता बढ़ने की संभावना है। जिसके चलते 6 से 9 अगस्त के बीच हरियाणा के कई इलाकों में बारिश की संभावना है। कुछ स्थानों पर भारी बारिश भी हो सकती है। जिसके चलते तापमान में गिरावट आ सकती है। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि मानसून की अक्षय रेखा उत्तर दिशा की ओर सामान्य स्थिति में होने के कारण 4 से 6 अगस्त के बीच कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। जुलाई में 5 साल में सबसे कम बारिश इस बार हरियाणा में जुलाई में 5 साल में सबसे कम बारिश हुई है। आंकड़ों पर गौर करें तो 2018 में 549 मिमी बारिश हुई थी। 2019 में 244.8 मिमी, 2020 में 440.6 मिमी, 2021 में 668.1 मिमी, 2022 में 472 मिमी, 2023 में 390 मिमी और 2024 में 97.9 मिमी बारिश दर्ज की गई। कम बारिश के कारण राज्य के धान उत्पादक किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्हें ट्यूबवेल के जरिए सिंचाई करनी पड़ रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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