हरियाणा में 4 लेबर कोड का कर्मचारी करेंगे विरोध:अध्यक्ष लांबा बोले-हर जिले में होंगे प्रदर्शन; आउटसोर्स-स्कीम कर्मचारियों को रेगुलर की रखेंगे मांग

हरियाणा में 4 लेबर कोड का कर्मचारी करेंगे विरोध:अध्यक्ष लांबा बोले-हर जिले में होंगे प्रदर्शन; आउटसोर्स-स्कीम कर्मचारियों को रेगुलर की रखेंगे मांग

देश के मजदूरों की 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और केन्द्र एवं राज्य सरकार के कर्मचारियों के अखिल भारतीय महासंघों ने 20 मई को राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल का आह्वान किया है। हरियाणा के प्रमुख मजदूर एवं कर्मचारी संगठनों ने राज्य स्तरीय मीटिंग आयोजित कर हड़ताल में शामिल होने का ऐलान किया है। यह जानकारी देते हुए अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि हड़ताल की ऐतिहासिक सफलता सुनिश्चित करने के लिए 25 अप्रैल तक सभी जिलों में कर्मचारी एवं मजदूर संगठनों की संयुक्त बैठकें आयोजित की जाएगी। इसके बाद 26 अप्रैल से 10 मई तक सभी जिलों में कर्मचारी एवं मजदूर संगठनों के सम्मेलन किए जाएंगे। इसके बाद राज्य में व्यापक स्तर पर जन संपर्क अभियान चलाया जाएगा। लांबा ने बताया कि पहली मई को मजदूर दिवस पर सरकार की मजदूर एवं कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ राज्य भर में प्रदर्शन करते हुए जुलूस निकाले जाएंगे। राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल की ये हैं मांगे हड़ताल की प्रमुख मांगों में पूंजीपतियों के हकों में बनाए गए मजदूर विरोधी 4 लेबर कोड्स को वापस लेने, पीएफआरडीए एक्ट रद्द कर पुरानी पेंशन बहाली, सभी प्रकार के आउटसोर्स संविदा कर्मियों एवं स्कीम वर्कर को नियमित करने, खाली पड़े पदों को स्थायी भर्ती से भर कर बेरोजगारों को रोजगार देने, 26 हजार रुपए न्यूनतम वेतन रिवाइज करने, निजीकरण और ठेका प्रथा बंद करने और हरियाणा कौशल रोजगार निगम से छंटनी किए गए सभी कर्मियों को वापस लेने की मांग की जाएगी। मनरेगा में 200 दिन काम, 800 रुपए मजदूरी की रखेंगे मांग इसके अलावा ट्रेड यूनियन एवं लोकतांत्रिक अधिकारों पर किए जा रहे हमलों को बंद करने, 18 महीने के बकाया डीए डीआर को रिलीज करने, पेंशन में भेदभाव करने के उद्देश्य से 25 मार्च को पारित किए वित्त विधेयक को वापस लेने, निर्माण श्रमिकों सहित मजदूरों के लिए बने विभिन्न बोर्डों को मजबूत करने, मनरेगा में 200 दिन काम ओर 800 रुपए मजदूरी सुनिश्चित करने, न्यूनतम पेंशन ₹10 हजार करने, सार्वजनिक क्षेत्र को मजबूत करने, असंगठित क्षेत्र के मजदूरों, ट्रांसपोर्ट क्षेत्र / वाहन चालकों, रेहड़ी पटरी मजदूरों के लिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने, मजदूर, किसान एवं जनविरोधी नीतियां वापस लेना आदि प्रमुख हैं। देश के मजदूरों की 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और केन्द्र एवं राज्य सरकार के कर्मचारियों के अखिल भारतीय महासंघों ने 20 मई को राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल का आह्वान किया है। हरियाणा के प्रमुख मजदूर एवं कर्मचारी संगठनों ने राज्य स्तरीय मीटिंग आयोजित कर हड़ताल में शामिल होने का ऐलान किया है। यह जानकारी देते हुए अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि हड़ताल की ऐतिहासिक सफलता सुनिश्चित करने के लिए 25 अप्रैल तक सभी जिलों में कर्मचारी एवं मजदूर संगठनों की संयुक्त बैठकें आयोजित की जाएगी। इसके बाद 26 अप्रैल से 10 मई तक सभी जिलों में कर्मचारी एवं मजदूर संगठनों के सम्मेलन किए जाएंगे। इसके बाद राज्य में व्यापक स्तर पर जन संपर्क अभियान चलाया जाएगा। लांबा ने बताया कि पहली मई को मजदूर दिवस पर सरकार की मजदूर एवं कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ राज्य भर में प्रदर्शन करते हुए जुलूस निकाले जाएंगे। राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल की ये हैं मांगे हड़ताल की प्रमुख मांगों में पूंजीपतियों के हकों में बनाए गए मजदूर विरोधी 4 लेबर कोड्स को वापस लेने, पीएफआरडीए एक्ट रद्द कर पुरानी पेंशन बहाली, सभी प्रकार के आउटसोर्स संविदा कर्मियों एवं स्कीम वर्कर को नियमित करने, खाली पड़े पदों को स्थायी भर्ती से भर कर बेरोजगारों को रोजगार देने, 26 हजार रुपए न्यूनतम वेतन रिवाइज करने, निजीकरण और ठेका प्रथा बंद करने और हरियाणा कौशल रोजगार निगम से छंटनी किए गए सभी कर्मियों को वापस लेने की मांग की जाएगी। मनरेगा में 200 दिन काम, 800 रुपए मजदूरी की रखेंगे मांग इसके अलावा ट्रेड यूनियन एवं लोकतांत्रिक अधिकारों पर किए जा रहे हमलों को बंद करने, 18 महीने के बकाया डीए डीआर को रिलीज करने, पेंशन में भेदभाव करने के उद्देश्य से 25 मार्च को पारित किए वित्त विधेयक को वापस लेने, निर्माण श्रमिकों सहित मजदूरों के लिए बने विभिन्न बोर्डों को मजबूत करने, मनरेगा में 200 दिन काम ओर 800 रुपए मजदूरी सुनिश्चित करने, न्यूनतम पेंशन ₹10 हजार करने, सार्वजनिक क्षेत्र को मजबूत करने, असंगठित क्षेत्र के मजदूरों, ट्रांसपोर्ट क्षेत्र / वाहन चालकों, रेहड़ी पटरी मजदूरों के लिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने, मजदूर, किसान एवं जनविरोधी नीतियां वापस लेना आदि प्रमुख हैं।   हरियाणा | दैनिक भास्कर