हरियाणा में AAP से गठबंधन चाहते थे राहुल गांधी:MP राघव चड्‌ढा का खुलासा; बोले- लोकल यूनिट ने नहीं होने दिया, हुड्‌डा-सुरजेवाला विरोध में थे

हरियाणा में AAP से गठबंधन चाहते थे राहुल गांधी:MP राघव चड्‌ढा का खुलासा; बोले- लोकल यूनिट ने नहीं होने दिया, हुड्‌डा-सुरजेवाला विरोध में थे

हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के गठबंधन को लेकर आप नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्‌ढा ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने एक निजी चैनल को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी AAP के साथ गठबंधन करना चाहते थे। इसको लेकर मेरी उनसे कई बार बात हुई। मेरे नेता अरविंद केजरीवाल उस समय उपलब्ध नहीं थे, इस कारण से मुझे उनसे इस मामले को लेकर संवाद करने का मौका मिला, लेकिन चुनाव में हरियाणा की लोकल यूनिट के नेताओं की यह मंशा थी कि हम गठबंधन न करके अकेले चुनाव लड़ें और उन्होंने चुनाव साथ नहीं लड़ा। इसके बाद राघव चड्‌ढा ने गठबंधन को लेकर एक शायरी भी पढ़ी। उन्होंने कहा, “हमारी आरजू का ख्याल रखते तो कुछ और बात होती, हमारी हसरत की फिक्र होती तो, कुछ और बात होगी। आज वह भी पछता रहा होगा मेरा साथ छोड़कर, अगर साथ-साथ चलते तो कुछ और बात होती।” राहुल गांधी ने बनाया गठबंधन का प्लान कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तरफ से गठबंधन की पहल की गई थी। राहुल ने AAP से बातचीत के लिए 4 सदस्यों की कमेटी बनाई थी। इसमें पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल के अलावा पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा, प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया और प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान को भी रखा गया था। चूंकि उस समय आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल जेल में थे, इसलिए पार्टी की ओर से गठबंधन की बात के लिए राज्यसभा सांसद राघव चड्‌ढा को जिम्मेदारी दी गई थी। हरियाणा में गठबंधन की ये थी वजह हरियाणा विधानसभा चुनाव के जरिए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी अगले साल 2025 में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव को साधना चाहते थे। दिल्ली में कांग्रेस ने 1998 से लेकर 2013 तक सरकार बनाई थी। इसके बाद 2013 और 2015 में हुए चुनाव में कांग्रेस खाता भी नहीं खोल पाई। अगर हरियाणा में दोनों पार्टियों का गठबंधन हो जाता है, तो कांग्रेस अगले साल दिल्ली में गठबंधन का दबाव बना सकती थी। हालांकि दिल्ली चुनाव को लेकर अभी दोनों पार्टियों की ओर से गठबंधन को लेकर कोई ऐलान नहीं किया गया है। गठबंधन नहीं होने की ये रहीं वजहें… 1. AAP को कांग्रेस का 4+1 फॉर्मूला नहीं समझ आया हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की तरफ से AAP को 4+1 फॉर्मूला यानी 5 सीट का ऑफर दिया गया था। इनमें जींद, कलायत, पानीपत (ग्रामीण), गुरुग्राम और पिहोवा सीट शामिल है। हालांकि, AAP ओल्ड फरीदाबाद सहित 10 सीटों की मांग कर रही थी। कांग्रेस के नेताओं ने इसका विरोध किया, जिसके कारण दोनों पार्टियों में गठबंधन नहीं हो पाया। 2. इन 4 सीटों पर भी AAP ने ठोंका था दावा लोकसभा चुनाव में AAP-कांग्रेस के जॉइंट कैंडिडेट डॉ. सुशील गुप्ता ने कुरुक्षेत्र सीट से चुनाव लड़ा था। इस सीट के अंतर्गत 9 विधानसभा आती हैं। गुप्ता यह चुनाव तो नहीं जीत पाए, लेकिन उन्होंने इस सीट के अंतर्गत आने वाली 4 सीट (गुहला चीका, पिहोवा, शाहाबाद और कलायत) पर जीत दर्ज की थी। कांग्रेस यह चारों सीट भी AAP को दे सकती है। 3. हुड्‌डा-सुरजेवाला ने किया था विरोध चुनाव में आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन नहीं होने की तीसरी सबसे बड़ी वजह हरियाणा के दो बड़े नेता विरोध में थे। इनमें पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा और रणदीप सुरजेवाला का नाम शामिल था। गठबंधन को लेकर केंद्रीय नेतृत्व के द्वारा बनाई गई कमेटी में इन्होंने गठबंधन नहीं किए जाने की बात कही थी। हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के गठबंधन को लेकर आप नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्‌ढा ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने एक निजी चैनल को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी AAP के साथ गठबंधन करना चाहते थे। इसको लेकर मेरी उनसे कई बार बात हुई। मेरे नेता अरविंद केजरीवाल उस समय उपलब्ध नहीं थे, इस कारण से मुझे उनसे इस मामले को लेकर संवाद करने का मौका मिला, लेकिन चुनाव में हरियाणा की लोकल यूनिट के नेताओं की यह मंशा थी कि हम गठबंधन न करके अकेले चुनाव लड़ें और उन्होंने चुनाव साथ नहीं लड़ा। इसके बाद राघव चड्‌ढा ने गठबंधन को लेकर एक शायरी भी पढ़ी। उन्होंने कहा, “हमारी आरजू का ख्याल रखते तो कुछ और बात होती, हमारी हसरत की फिक्र होती तो, कुछ और बात होगी। आज वह भी पछता रहा होगा मेरा साथ छोड़कर, अगर साथ-साथ चलते तो कुछ और बात होती।” राहुल गांधी ने बनाया गठबंधन का प्लान कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तरफ से गठबंधन की पहल की गई थी। राहुल ने AAP से बातचीत के लिए 4 सदस्यों की कमेटी बनाई थी। इसमें पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल के अलावा पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा, प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया और प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान को भी रखा गया था। चूंकि उस समय आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल जेल में थे, इसलिए पार्टी की ओर से गठबंधन की बात के लिए राज्यसभा सांसद राघव चड्‌ढा को जिम्मेदारी दी गई थी। हरियाणा में गठबंधन की ये थी वजह हरियाणा विधानसभा चुनाव के जरिए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी अगले साल 2025 में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव को साधना चाहते थे। दिल्ली में कांग्रेस ने 1998 से लेकर 2013 तक सरकार बनाई थी। इसके बाद 2013 और 2015 में हुए चुनाव में कांग्रेस खाता भी नहीं खोल पाई। अगर हरियाणा में दोनों पार्टियों का गठबंधन हो जाता है, तो कांग्रेस अगले साल दिल्ली में गठबंधन का दबाव बना सकती थी। हालांकि दिल्ली चुनाव को लेकर अभी दोनों पार्टियों की ओर से गठबंधन को लेकर कोई ऐलान नहीं किया गया है। गठबंधन नहीं होने की ये रहीं वजहें… 1. AAP को कांग्रेस का 4+1 फॉर्मूला नहीं समझ आया हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की तरफ से AAP को 4+1 फॉर्मूला यानी 5 सीट का ऑफर दिया गया था। इनमें जींद, कलायत, पानीपत (ग्रामीण), गुरुग्राम और पिहोवा सीट शामिल है। हालांकि, AAP ओल्ड फरीदाबाद सहित 10 सीटों की मांग कर रही थी। कांग्रेस के नेताओं ने इसका विरोध किया, जिसके कारण दोनों पार्टियों में गठबंधन नहीं हो पाया। 2. इन 4 सीटों पर भी AAP ने ठोंका था दावा लोकसभा चुनाव में AAP-कांग्रेस के जॉइंट कैंडिडेट डॉ. सुशील गुप्ता ने कुरुक्षेत्र सीट से चुनाव लड़ा था। इस सीट के अंतर्गत 9 विधानसभा आती हैं। गुप्ता यह चुनाव तो नहीं जीत पाए, लेकिन उन्होंने इस सीट के अंतर्गत आने वाली 4 सीट (गुहला चीका, पिहोवा, शाहाबाद और कलायत) पर जीत दर्ज की थी। कांग्रेस यह चारों सीट भी AAP को दे सकती है। 3. हुड्‌डा-सुरजेवाला ने किया था विरोध चुनाव में आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन नहीं होने की तीसरी सबसे बड़ी वजह हरियाणा के दो बड़े नेता विरोध में थे। इनमें पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा और रणदीप सुरजेवाला का नाम शामिल था। गठबंधन को लेकर केंद्रीय नेतृत्व के द्वारा बनाई गई कमेटी में इन्होंने गठबंधन नहीं किए जाने की बात कही थी।   हरियाणा | दैनिक भास्कर