हरियाणा में हिसार जिले की नलवा विधानसभा क्षेत्र में BJP प्रत्याशी रणधीर पनिहार का विरोध हो रहा है। गांव-गांव में विरोध से भाजपा प्रत्याशी असहज नजर आए। पहले रावलवास कलां और अब गांव देवां में ग्रामीणों ने प्रचार करने आए भाजपा प्रत्याशी रनधीर पनिहार को घेर लिया और सवाल जवाब किए। कई देर तक ग्रामीणों ने रणधीर पनिहार का पीछा नहीं छोड़ा। ग्रामीण किसान आंदोलन और किसानी से जुड़े मुद्दों पर सवाल जवाब करते नजर आए वहीं भाजपा प्रत्याशी सवालों के जवाब देने से बचते नजर आए। दोनों और से बहस के बीच ग्रामीण युवाओं ने जोर-जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया। बहस का कोई नतीजा ना देख और ग्रामीणों को उग्र होता देख रणधीर पनिहार गांव से निकल गए। इससे पहले गांव रावलवास कलां में रणधीर पनिहार का विरोध हुआ था। भीड़ को अपनी ओर आता देख धकेला वहीं बहस के दौरान जब ग्रामीण रणधीर पनिहार को घेरकर आगे बढ़ने लगे तो पनिहार ने भीड़ को अपने हाथ से धकेल कर दूर कर दिया। धक्का मुक्की तक की नौबत आ गई। ग्रामीणों ने इस पूरे घटनाक्रम की वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। कांग्रेस के टिकट पर लड़ा पिछला चुनाव बता दें कि रणधीर पनिहार इस बार भाजपा के टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव में रणधीर ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा मगर भाजपा के रणबीर गंगवा से हार गए थे। इस बार रणबीर गंगवा को भाजपा ने बरवाला से उम्मीदवार बनाया है। वहीं कुलदीप बिश्नोई के कोटे से यह सीट उनके दोस्त रणधीर पनिहार को दी गई है। कुलदीप बिश्नोई लगातार इस सीट पर रणधीर पनिहार के लिए प्रचार कर रहे हैं। हरियाणा में हिसार जिले की नलवा विधानसभा क्षेत्र में BJP प्रत्याशी रणधीर पनिहार का विरोध हो रहा है। गांव-गांव में विरोध से भाजपा प्रत्याशी असहज नजर आए। पहले रावलवास कलां और अब गांव देवां में ग्रामीणों ने प्रचार करने आए भाजपा प्रत्याशी रनधीर पनिहार को घेर लिया और सवाल जवाब किए। कई देर तक ग्रामीणों ने रणधीर पनिहार का पीछा नहीं छोड़ा। ग्रामीण किसान आंदोलन और किसानी से जुड़े मुद्दों पर सवाल जवाब करते नजर आए वहीं भाजपा प्रत्याशी सवालों के जवाब देने से बचते नजर आए। दोनों और से बहस के बीच ग्रामीण युवाओं ने जोर-जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया। बहस का कोई नतीजा ना देख और ग्रामीणों को उग्र होता देख रणधीर पनिहार गांव से निकल गए। इससे पहले गांव रावलवास कलां में रणधीर पनिहार का विरोध हुआ था। भीड़ को अपनी ओर आता देख धकेला वहीं बहस के दौरान जब ग्रामीण रणधीर पनिहार को घेरकर आगे बढ़ने लगे तो पनिहार ने भीड़ को अपने हाथ से धकेल कर दूर कर दिया। धक्का मुक्की तक की नौबत आ गई। ग्रामीणों ने इस पूरे घटनाक्रम की वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। कांग्रेस के टिकट पर लड़ा पिछला चुनाव बता दें कि रणधीर पनिहार इस बार भाजपा के टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव में रणधीर ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा मगर भाजपा के रणबीर गंगवा से हार गए थे। इस बार रणबीर गंगवा को भाजपा ने बरवाला से उम्मीदवार बनाया है। वहीं कुलदीप बिश्नोई के कोटे से यह सीट उनके दोस्त रणधीर पनिहार को दी गई है। कुलदीप बिश्नोई लगातार इस सीट पर रणधीर पनिहार के लिए प्रचार कर रहे हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में बड़ौली BJP अध्यक्ष क्यों बने:ब्राह्मण वोटरों पर नजर, जीटी रोड बेल्ट की 30 सीटों समेत खट्टर की पसंद, RSS बैकग्राउंड वजह
हरियाणा में बड़ौली BJP अध्यक्ष क्यों बने:ब्राह्मण वोटरों पर नजर, जीटी रोड बेल्ट की 30 सीटों समेत खट्टर की पसंद, RSS बैकग्राउंड वजह हरियाणा में अगले चार माह के भीतर होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी की तरफ से बड़ा उलटफेर किया गया है। सोनीपत जिले की राई विधानसभा से MLA मोहन लाल बड़ौली को प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया है। बड़ौली की ताजपोशी पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की पसंद से ही हुई है। पार्टी ने दिग्गज ब्राह्मण चेहरा रामबिलास शर्मा को दरकिनार कर बड़ौली को प्रोजेक्ट किया है। अभी तक प्रदेशाध्यक्ष का पद मुख्यमंत्री नायब सैनी के पास था। कई दिनों से प्रदेशाध्यक्ष पद को लेकर सीनियर नेताओं द्वारा लॉबिंग की जा रही थी, लेकिन आखिर में शीर्ष नेतृत्व ने मोहन लाल बड़ौली के नाम पर मोहर लगा दी। बड़ौली पर ही दांव क्यों…
मोहन लाल बड़ौली के प्रदेशाध्यक्ष बनने के तीन अहम कारण है। एक सूबे में बीजेपी के कौर वोटर्स के रूप में जाने वाला 7.5% ब्राह्मण वोट बैंक और दूसरा पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की पसंद। इसके अलावा तीसरा कारण बड़ौली का शुरू से RSS से जुड़ा होना भी रहा। क्योंकि लोकसभा चुनाव से पहले RSS की नाराजगी उजागर होने के बाद बीजेपी संगठन में अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बैकग्राउंड वाले नेताओं को तवज्जों दे रही है। इसी के चलते बुड़ौली को संगठन में अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। हालांकि मोहन लाल बड़ौली को पूर्व सीएम खट्टर की सिफारिश पर ही सोनीपत लोकसभा सीट से टिकट मिली थी, लेकिन लोकसभा चुनाव में वे कांग्रेस के सतपाल ब्रह्मचारी से चुनाव हार गए थे। 1. BJP का ब्राह्मण वोटर्स पर फोकस
हरियाणा में भले ही ब्राह्मण वोटर्स की संख्या 7.5% है, लेकिन ये बीजेपी का परंपरागत वोट बैंक रहा है। पंजाबी, राजपूत के बाद ब्राह्मण ही पिछले 2 विधानसभा चुनाव में एक तरह से बीजेपी को एक तरफा बढ़त दिलाते रहे हैं। शहरी क्षेत्रों में ब्राह्मणों की संख्या काफी ज्यादा है। फिलहाल नायब सैनी की कैबिनेट में ब्राह्मण चेहरे के तौर पर मूलचंद शर्मा मंत्री हैं, लेकिन संगठन में ब्राह्मण चेहरे के तौर पर मोहन लाल बड़ौली को अहम जिम्मेदारी दी गई है, जिससे बीजेपी अपने कौर वोट बैंक को और ज्यादा मजबूत कर सके। 2. खुद के किले जीटी रोड बेल्ट को मजबूत करने की कवायद
बड़ौली को प्रदेशाध्यक्ष बनाकर बीजेपी अपने खुद के किले कहे जाने वाले जीटी रोड बेल्ट को पहले से अधिक मजबूत करने की कोशिश कर रही है। क्योंकि लोकसभा चुनाव में बीजेपी को इस बेल्ट में उम्मीद के अनुरूप सफलता नहीं मिल पाई। इस बेल्ट के अधीन आने वाली दो अहम सीट अंबाला और सोनीपत सीट बीजेपी हार गई। जबकि दक्षिणी हरियाणा के बाद अगर सूबे में बीजेपी की स्थिति 2014 से 2019 तक कहीं मजबूत रही तो वह जीटी बेल्ट में ही रही है। ऐसे में बीजेपी ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अपने किले को मजबूत करने की दिशा में जीटी बेल्ट से आने वाले मोहन लाल बड़ौली को संगठन में अहम जिम्मेदारी दी है। 3. मोहन लाल बड़ौली का सियासी अनुभव
सोनीपत जिले की राई विधानसभा सीट के अधीन आने वाले गांव बड़ौली में जन्मे मोहन लाल का सियासी करियर नपा तुला रहा है। वे 1989 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में शामिल हुए और बाद में भाजपा में शामिल हो गए। इनेलो की सरकार के वक्त मुरथल से जिला परिषद का चुनाव जीतने वाले वह पहले भाजपा उम्मीदवार थे। मोहन लाल को 2019 में बीजेपी ने सोनीपत की राई विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा और बड़ौली अपना पहला ही चुनाव जीतने में कामयाब रहे। 2020 में बड़ौली को सोनीपत भाजपा का जिला अध्यक्ष नियुक्त किया गया। इसके अलावा 2021 में उन्हें प्रदेश महामंत्री के पद के साथ हरियाणा भाजपा की कोर टीम में शामिल किया गया। बड़ौली केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के करीबी हैं। इसी के चलते उन्हें हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में सोनीपत सीट से कैंडिडेट बनाया गया, लेकिन बड़ौली इस बार चुनाव हार गए। 4. भाजपा की गैर जाट पॉलिटिक्स
बड़ौली को प्रदेशाध्यक्ष बनाकर बीजेपी ने एक बार फिर हरियाणा में गैर जाट पॉलिटिक्स पर मोहर लगा दी है। 2014 में पहली बार सूबे में अपने दम पर पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने वाली बीजेपी ने जाट बाहुल्य इस राज्य में शुरू से ही गैर जाट की पॉलिटिक्स की और मनोहर लाल को मुख्यमंत्री बना दिया। हालांकि बीजेपी ने अपने पहले कार्यकाल में जाट चेहरे के तौर पर सुभाष बराला को और दूसरे कार्यकाल में ओमप्रकाश धनखड़ को प्रदेशाध्यक्ष बनाया, लेकिन इसके बाद भी जाटों का साथ नहीं मिला तो ओबीसी चेहरे नायब सैनी को प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई। 2024 में लोकसभा चुनाव से एन वक्त पहले 12 मार्च को बीजेपी-जेजेपी का गठबंधन टूटा और सीएम मनोहर लाल ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद सीएम मनोहर लाल के सबसे भरोसेमंद नायब सैनी को संगठन के साथ-साथ मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया गया। नायब सैनी के सीएम बनने के बाद चर्चा चली की पार्टी अब फिर से किसी जाट नेता को प्रदेशाध्यक्ष बना सकती है। इसमें पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु का नाम सबसे टॉप पर रहा। रामबिलास शर्मा क्यों पिछड़े…
हरियाणा में बीजेपी के दूसरे सबसे मजबूत किले दक्षिणी हरियाणा से ताल्लुक रखने वाले पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा सीनियॉरिटी के हिसाब से पार्टी में सूबे के बड़े नेताओं में गिने जाते हैं। रामबिलास शर्मा दो बार प्रदेशाध्यक्ष रहने के साथ ही प्रदेश सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। 2014 में उन्हीं की अगुआई में बीजेपी ने विधानसभा चुनाव लड़ा था। उस वक्त वे सीएम पद की दौड़ में भी शामिल थे, लेकिन उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाकर उनसे प्रदेशाध्यक्ष पद वापस ले लिया गया। नायब सैनी के सीएम बनने के बाद अब एक बार फिर रामबिलास शर्मा के प्रदेशाध्यक्ष बनने की प्रबल संभावनाएं थी। रामबिलास शर्मा पिछले तीन दिनों से दिल्ली में डटे हुए थे। रामबिलास केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण के अलावा अन्य मंत्रियों से मुलाकात कर चुके थे, लेकिन पार्टी ने उन पर भरोसा जताने की बजाए बड़ौली को कमान सौंपी। रामबिलास शर्मा का प्रदेशाध्यक्ष पद के लिए पिछड़ने का सबसे अहम कारण उनकी केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह से नजदीकियां भी रही। रामबिलास शर्मा खुलकर राव इंद्रजीत सिंह की तारीफ करते आए हैं, लेकिन बीजेपी का एक बड़ा धड़ा अंदरखाने राव इंद्रजीत सिंह की मुखालफत करता आया है। इसी की वजह से रामबिलास शर्मा पिछड़ गए। सैनी ही प्रदेश अध्यक्ष क्यों नहीं रखे
मुख्यमंत्री नायब सैनी एक साल से भी ज्यादा वक्त तक प्रदेशाध्यक्ष पद पर रहे हैं। ऐसे में सवाल ये उठा कि आखिर सैनी को ही प्रदेशाध्यक्ष क्यों नहीं रखा गया। इसके पीछे दो अहम कारण हैं… 1. मुख्यमंत्री हैं, उनकी अगुआई में चुनाव लड़ेंगे
इनमें पहला मुख्यमंत्री है और उनकी अगुआई में बीजेपी को विधानसभा चुनाव लड़ना है। दूसरा वो ओबीसी चेहरा हैं। प्रदेश में सीएम पद देने के बाद बीजेपी ओबीसी वोट बैंक को साध चुकी। ऐसे में प्रदेशाध्यक्ष पद किसी और जाति के नेता को मिलना था। 2. ओबीसी चेहरा हैं, 2 पदों पर एक ही व्यक्ति नहीं
एक और अहम कारण यह है कि पार्टी द्वारा 2 पदों पर एक ही व्यक्ति को नहीं रखने की पॉलिसी भी है। ये खबर भी पढ़ें… लोकसभा चुनाव हारे बड़ौली हरियाणा BJP के नए अध्यक्ष बने:विधानसभा चुनाव से पहले CM सैनी को बदला; जाट-OBC के बाद ब्राह्मण वोटर्स पर नजर हरियाणा में अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल गया है। भाजपा ने सोनीपत के राई से विधायक मोहन लाल बड़ौली को नया अध्यक्ष बना दिया है। बड़ौली पार्टी का बड़ा ब्राह्मण चेहरा हैं। अभी तक हरियाणा में BJP का प्रदेश अध्यक्ष पद CM नायब सैनी के ही पास था। (पूरी खबर पढ़ें)
50 देशों में बना हरियाणा का चूरमा:लंदन में काउंसलर रोहित अहलावत ने की शुरुआत; खिलाड़ियों को परोसा, गजेंद्र फौगाट ने सुनाए गीत
50 देशों में बना हरियाणा का चूरमा:लंदन में काउंसलर रोहित अहलावत ने की शुरुआत; खिलाड़ियों को परोसा, गजेंद्र फौगाट ने सुनाए गीत हरियाणा में पहलवानों व ग्रामीणों की खास पसंद चूरमा की इन दिनों इंग्लैंड की राजधानी लंदन में धमक है। यहां सातवें अंतरराष्ट्रीय जाट मेले में भारतीय मूल के काउंसलर रोहित अहलावत द्वारा अंतरराष्ट्रीय चूरमा दिवस मनाने की शुरुआत की गई। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खाओ चूरमा, बनो सूरमा वेबीनार किया गया। इसमें यूरोपियन देशों सहित एशिया महाद्वीप के करीब 50 देशों से भारतीय मूल के अप्रवासी नागरिकों ने अपने घरों में चूरमा बनाकर सहभागिता दर्ज की। वहीं यूके में रह रहे भारतीय मूल के काउंसलर रोहित अहलावत ने स्वयं अपने हाथों से चूरमा बनाकर इंग्लैंड पहुंचे अंतरराष्ट्रीय स्तर के भारतीय खिलाड़ियों को यह चूरमा परोसा और उन्हें खिलाया। ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय वेबीनार कार्यक्रम में हिस्सा लेकर भारतीय मूल के अप्रवासी भारतीयों ने विदेशी लोगों को भारतीय पकवान चूरमा बनाकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय संस्कृति को बढ़ावा दिया। गजेंद्र फोगाट ने सुनाए हरियाणवी गाने कार्यक्रम में मशहूर हरियाणवी गायक गजेंद्र फ़ौग़ाट ने शिरकत की और हरियाणवी गीतों से विदेशों में बसे भारतीय मूल के लोगों को अपने गानों व मधुर संगीत से ओतप्रोत किया। विदेशों में बसे अप्रवासी भारतीयों ने इंग्लैंड के काउंसलर रोहित अहलावत द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चूरमा दिवस की शुरुआत करने पर बधाई दी गई। कार्यक्रम में मुख्य तौर पर संजय देशवाल, सुखविंद्र नाहरा, सोनिया देशवाल, मैत्रेयी मलिक, नवीन नैन भालसी, विक्रम रावत, विजय राठी व सुरजीत ढाका सहित अनेक लोगों ने हिस्सा लिया चूरमा बनाने की विधि गेहूं अथवा बाजरे के आटे को शुद्ध देसी घी में अपने हाथों से गूंथकर सर्वप्रथम इसकी रोटियाँ सेंकी जाती हैं फिर इन गर्म गर्म रोटियों पर बूरा, देसी खांड, चीनी अथवा शक्कर के साथ बार बार शुद्ध देसी घी डालकर इसे हाथों से बिल्कुल महीन चुरा जाता है और चुरते चुरते जब यह बिल्कुल बारीक हो जाता है तो हाथों से इसके गोलाकार आकार के लड्डू बनाये जाते हैं। शरीर में ताकत का पर्याय चूरमा चूरमा खाने से इंसान के शरीर को ताकत मिलती है और कबड्डी, कुश्ती खिलाड़ियों एवं पहलवानों की यह पारंपरिक खुराक होती है। इसके अलावा उत्तर भारत के हरियाणा, राजस्थान व पंजाब के गावों में आम महिलाएं इस पकवान को बनाती हैं और परिवार में सभी लोग मिल बैठकर खाते हैं। यह उत्तर भारत की पौराणिक शक्तिवर्धक मूल खुराक है।
रेवाड़ी में महिला के साथ गैंगरेप:खुद को मैनेजर बताकर जॉब दिलाने के बहाने बुलाया; होटल में जबरदस्ती बीयर पिलाई
रेवाड़ी में महिला के साथ गैंगरेप:खुद को मैनेजर बताकर जॉब दिलाने के बहाने बुलाया; होटल में जबरदस्ती बीयर पिलाई हरियाणा के रेवाड़ी में एक महिला के साथ गैंगरेप का मामला सामने आया हैं। आरोपी उसे एक अनजान होटल में ले गए। जहां महिला को जबरदस्ती बीयर पिलाई और उसके बाद रेप की वारदात को अंजाम दिया। वारदात के मास्टर माइंड ने खुद को कंपनी में मैनेजर बताते हुए जॉब दिलाने के बहाने रेवाड़ी बुलाया था। पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक, आरोपियों की पहचान राजस्थान के जिला खैरथल के गांव मेवली निवासी मुकेश, राजस्थान के जिला खैरथल के गांव जालाका निवासी जितेंद्र और गांव जाटूवास निवासी योगेश के रूप में हुई है। तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है। वारदात 23 अक्टूबर को हुई, जबकि केस 8 नवंबर को मॉडल टाउन थाना में दर्ज किया गया था।
चेट के जरिए शुरू हुई बातचीत पुलिस के मुताबिक, 8 नवंबर को भिवानी जिले की रहने वाली एक महिला बताया कि वह नौकरी की तलाश कर रही थी। इसी दौरान उसकी जान-पहचान मोबाइल चेट के जरिए मुकेश नामक व्यक्ति से हुई। मुकेश ने बताया कि वह एक कंपनी में बतौर मैनेजर नौकरी करता है। साथ ही कहा कि किसी अच्छी कंपनी में उसे भी जॉब दिला देगा। 23 अक्टूबर को मुकेश ने उसे रेवाड़ी नौकरी दिलाने का झांसा देकर बुलाया। पीड़िता के मुताबिक, इसके बाद आरोपी उसे रेवाड़ी के बावल चौक पर मिला और उसे बाइक पर बैठाकर रेवाड़ी शहर में ही एक अनजान होटल में ले गया। होटल में जाने के बाद आरोपी ने उसे जबरदस्ती बीयर पिला दी। इसी दौरान आरोपी का एक अन्य साथी भी वहां आ गया। दोनों आरोपियों ने उसके साथ जबरदस्ती रेप किया। साथ ही किसी को भी इस बारे में बताने पर जान से मारने की धमकी दी। महिला की शिकायत पर पुलिस ने तुरंत गैंगरेप और धमकी देने का केस दर्ज किया। मामले में कार्रवाई करते हुए मॉडल टाऊन थाना पुलिस ने जांच के बाद तीन आरोपी मुकेश, जितेंद्र व योगेश को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है।