हरियाणा विधानसभा चुनाव में बमुश्किल ढाई महीने का समय बचा है। ऐसे में चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वाले तमाम नेता पूरी शिद्दत से अपने-अपने इलाकों में एक्टिव हैं। गुरुग्राम और बादशाहपुर विधानसभा सीट पर BJP में राव नरबीर सिंह और मुकेश शर्मा पार्टी टिकट के प्रमुख दावेदार हैं। अगर किसी वजह से इनके टिकटों पर कैंची चली तो दोनों बागी तेवर दिखा सकते हैं। उस सूरत में दोनों के निर्दलीय या फिर किसी दूसरी पार्टी में शामिल होकर चुनावी रण में कूदने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। ऐसा हुआ तो इसका सीधा नुकसान BJP को होगा। राव नरबीर सिंह 2014 के विधानसभा चुनाव में बादशाहपुर से भाजपा के टिकट पर विधायक चुने गए। वह मनोहर लाल खट्टर की अगुवाई वाली सरकार में मंत्री रहे मगर 2019 के चुनाव में पार्टी ने उनका काट दिया। राव नरबीर 2019 में बादशाहपुर से टिकट के दावेदार थे मगर पार्टी ने उनकी जगह नए चेहरे के तौर पर मनीष यादव पर भरोसा जताया। हालांकि मनीष यादव 10 हजार से ज्यादा वोटों से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले राकेश दौलताबाद से हार गए। राव नरबीर इलाके में लगातार एक्टिव राव नरबीर टिकट कटने के बावजूद 2019 से 2024 तक लगातार बादशाहपुर विधानसभा हलके में सक्रिय रहे। इलाके के तमाम गांवों और कस्बों में वह लगातार प्रोग्राम करते रहे हैं। लोगों के सुख-दुख में भी वह पहुंचते रहे हैं। भाजपा में राव नरबीर के अलावा मनीष यादव भी एक बार फिर बादशाहपुर सीट से चुनाव लड़ने के दावेदार हैं। पूर्व सीएम मनोहरलाल खट्टर के ओएसडी रह चुके जवाहर यादव भी इसी सीट से ताल ठोंक रहे हैं। इन तीनों के अलावा केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव और पूर्व मेयर विमल यादव भी टिकट की रेस में शामिल हैं। दावेदारों की लंबी-चौड़ी लिस्ट होने के बावजूद राव नरबीर सिंह जिस तरह यहां सक्रिय हैं, उससे यह साफ है कि वह चुनावी रण में कूदने का फैसला ले चुके हैं। अगर BJP टिकट नहीं देती तो उनके कांग्रेस में जाने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता। कांग्रेस नेता और महेंद्रगढ़ के विधायक राव दान सिंह उनके समधी हैं। मुकेश शर्मा की नजर भी गुरुग्राम पर भाजपा में ही मुकेश शर्मा की नजर भी गुरुग्राम सीट पर है। मुकेश शर्मा ने 2019 में BJP के टिकट पर बादशाहपुर सीट से चुनाव लड़ा और चौथे स्थान पर रहे। 2014 में पार्टी के टिकट न देने पर मुकेश शर्मा ने बगावत करते हुए बादशाहपुर सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा लेकिन महज 16.22% वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे। इस बार वह गुरुग्राम सीट से चुनाव लड़ने की मंशा पाले हुए हैं और इलाके में लगातार जनसंपर्क कर रहे हैं। उमेश अग्रवाल की वजह से भाजपा चिंता में गुरुग्राम विधानसभा सीट पर वैश्य और पंजाबी बिरादरी के वोटरों का दबदबा है। भाजपा यहां वैश्य बिरादरी के नेता को टिकट देती रही है लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी (AAP) के मौजूदा नेता और BJP के पूर्व विधायक उमेश अग्रवाल यहां से चुनावी शंखनाद कर चुके हैं। इसकी वजह से भाजपा की मुसीबत बढ़ गई है और वह किसी पंजाबी चेहरे पर दांव लगा सकती है। ब्राह्मण समाज की बात करें तो इसके कई नेता भी टिकट पर दावा जता रहे हैं। ऐसे में मुकेश शर्मा भी BJP का टिकट न मिलने पर रण में निर्दलीय कूद सकते हैं। हरियाणा विधानसभा चुनाव में बमुश्किल ढाई महीने का समय बचा है। ऐसे में चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वाले तमाम नेता पूरी शिद्दत से अपने-अपने इलाकों में एक्टिव हैं। गुरुग्राम और बादशाहपुर विधानसभा सीट पर BJP में राव नरबीर सिंह और मुकेश शर्मा पार्टी टिकट के प्रमुख दावेदार हैं। अगर किसी वजह से इनके टिकटों पर कैंची चली तो दोनों बागी तेवर दिखा सकते हैं। उस सूरत में दोनों के निर्दलीय या फिर किसी दूसरी पार्टी में शामिल होकर चुनावी रण में कूदने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। ऐसा हुआ तो इसका सीधा नुकसान BJP को होगा। राव नरबीर सिंह 2014 के विधानसभा चुनाव में बादशाहपुर से भाजपा के टिकट पर विधायक चुने गए। वह मनोहर लाल खट्टर की अगुवाई वाली सरकार में मंत्री रहे मगर 2019 के चुनाव में पार्टी ने उनका काट दिया। राव नरबीर 2019 में बादशाहपुर से टिकट के दावेदार थे मगर पार्टी ने उनकी जगह नए चेहरे के तौर पर मनीष यादव पर भरोसा जताया। हालांकि मनीष यादव 10 हजार से ज्यादा वोटों से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले राकेश दौलताबाद से हार गए। राव नरबीर इलाके में लगातार एक्टिव राव नरबीर टिकट कटने के बावजूद 2019 से 2024 तक लगातार बादशाहपुर विधानसभा हलके में सक्रिय रहे। इलाके के तमाम गांवों और कस्बों में वह लगातार प्रोग्राम करते रहे हैं। लोगों के सुख-दुख में भी वह पहुंचते रहे हैं। भाजपा में राव नरबीर के अलावा मनीष यादव भी एक बार फिर बादशाहपुर सीट से चुनाव लड़ने के दावेदार हैं। पूर्व सीएम मनोहरलाल खट्टर के ओएसडी रह चुके जवाहर यादव भी इसी सीट से ताल ठोंक रहे हैं। इन तीनों के अलावा केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव और पूर्व मेयर विमल यादव भी टिकट की रेस में शामिल हैं। दावेदारों की लंबी-चौड़ी लिस्ट होने के बावजूद राव नरबीर सिंह जिस तरह यहां सक्रिय हैं, उससे यह साफ है कि वह चुनावी रण में कूदने का फैसला ले चुके हैं। अगर BJP टिकट नहीं देती तो उनके कांग्रेस में जाने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता। कांग्रेस नेता और महेंद्रगढ़ के विधायक राव दान सिंह उनके समधी हैं। मुकेश शर्मा की नजर भी गुरुग्राम पर भाजपा में ही मुकेश शर्मा की नजर भी गुरुग्राम सीट पर है। मुकेश शर्मा ने 2019 में BJP के टिकट पर बादशाहपुर सीट से चुनाव लड़ा और चौथे स्थान पर रहे। 2014 में पार्टी के टिकट न देने पर मुकेश शर्मा ने बगावत करते हुए बादशाहपुर सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा लेकिन महज 16.22% वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे। इस बार वह गुरुग्राम सीट से चुनाव लड़ने की मंशा पाले हुए हैं और इलाके में लगातार जनसंपर्क कर रहे हैं। उमेश अग्रवाल की वजह से भाजपा चिंता में गुरुग्राम विधानसभा सीट पर वैश्य और पंजाबी बिरादरी के वोटरों का दबदबा है। भाजपा यहां वैश्य बिरादरी के नेता को टिकट देती रही है लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी (AAP) के मौजूदा नेता और BJP के पूर्व विधायक उमेश अग्रवाल यहां से चुनावी शंखनाद कर चुके हैं। इसकी वजह से भाजपा की मुसीबत बढ़ गई है और वह किसी पंजाबी चेहरे पर दांव लगा सकती है। ब्राह्मण समाज की बात करें तो इसके कई नेता भी टिकट पर दावा जता रहे हैं। ऐसे में मुकेश शर्मा भी BJP का टिकट न मिलने पर रण में निर्दलीय कूद सकते हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
हरियाणा के मंत्रियों की डिटेल प्रोफाइल:बेदाग मंत्रिमंडल, 13 करोड़पति, गौरव गौतम सबसे यंग, 1 डॉक्टर-2 वकील
हरियाणा के मंत्रियों की डिटेल प्रोफाइल:बेदाग मंत्रिमंडल, 13 करोड़पति, गौरव गौतम सबसे यंग, 1 डॉक्टर-2 वकील हरियाणा में गुरुवार (17 अक्टूबर) को CM नायब सैनी के साथ 13 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। खास बात यह है कि ये मंत्रिमंडल बेदाग है। किसी भी मंत्री पर कोई केस नहीं है। सीएम और 12 मंत्री करोड़पति हैं। इनमें सबसे ज्यादा 98 करोड़ की संपत्ति विपुल गोयल की है। वहीं सबसे कम संपत्ति कृष्ण बेदी के पास है। उनकी संपत्ति 57 लाख है। इस मंत्रिमंडल में सबसे यंग 36 साल के गौरव गौतम हैं, वहीं सबसे उम्रदराज श्याम सिंह राणा हैं। उनकी उम्र 76 साल है। मंत्रिमंडल में 2 महिला विधायकों आरती राव और श्रुति चौधरी को भी जगह मिली है। इसके साथ कैबिनेट में अरविंद शर्मा डॉक्टर हैं। वहीं सीएम नायब सैनी और श्रुति चौधरी ने LLB की पढ़ाई कर रखी है। अब पढ़िए डिटेल प्रोफाइल… सैनी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा, 48 सीटों पर जीत दर्ज की
नायब सिंह सैनी लगातार दूसरी बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने हैं। नायब सिंह सैनी ने इस बार कुरुक्षेत्र की लाडवा सीट से चुनाव लड़ा था। इससे पहले वह करनाल से उपचुनाव जीते थे। 54 वर्षीय नायब सिंह सैनी का जन्म 25 जनवरी 1970 को हुआ। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े। RSS से जुड़ने के बाद उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सहित बड़े नेताओं के साथ अच्छे रिश्ते बनाए। उन्होंने पहली बार 2009 में नारायणगढ़ विधानसभा से चुनाव लड़ा, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। 2014 में उन्होंने नारायणगढ़ से दोबारा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। नायब सिंह ने 2019 में कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। बीजेपी ने उन्हें अक्टूबर 2023 में हरियाणा भाजपा का अध्यक्ष नियुक्त किया। 12 मार्च 2024 को मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफे के बाद सैनी को हरियाणा का मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया। उनके नेतृत्व में भाजपा ने विधानसभा चुनाव लड़ा और 48 सीटों पर जीत हासिल की। नायब सिंह सैनी के 2 बच्चे हैं एक बेटा और एक बेटी। उनका बेटा चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई कर रहा है। बेटी अंशिका ने चंडीगढ़ में 12वीं की है। नायब सैनी की पत्नी सुमन सैनी भी राजनीति में सक्रिय हैं। विज ने बैंक की नौकरी छोड़कर राजनीति में कदम रखा
हरियाणा में एक बार फिर मंत्री के तौर अनिल विज को नायब कैबिनेट में शामिल किया गया है। अंबाला कैंट से अनिल विज ने जीत दर्ज की है। वे लगातार सातवीं बार विधायक चुने गए हैं। अनिल विज ने बैंक की नौकरी छोड़कर राजनीति में कदम रखा। अनिल विज का जन्म 15 मार्च 1953 को हुआ था। उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से बीएससी की डिग्री हासिल की है। उनके पिता का नाम भीम सेन है। उनके पिता रेलवे में अधिकारी थे। 1970 में वे एबीवीपी के महासचिव बने। उन्होंने 16 साल तक बैंक में काम किया। अनिल विज की राजनीतिक पारी
1990 में अनिल विज ने पहली बार अंबाला कैंट से उपचुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 1991 में उन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। एक समय में अनिल विज अंबाला कैंट में इतने मजबूत हो गए थे कि उन्होंने दो बार निर्दलीय चुनाव लड़ा और दोनों बार जीत हासिल की। अनिल विज ने 1996 और 2000 में निर्दलीय चुनाव जीता। 2009 में उन्होंने अंबाला कैंट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और शानदार जीत दर्ज की। इसके बाद 2014, 2019 और 2024 में भी उन्होंने बड़े अंतर से जीत हासिल की। राज्य सभा से इस्तीफा देकर दूसरी बार मंत्री बने कृष्ण लाल पंवार
इसराना विधानसभा सीट से चुनाव जीतने वाले कृष्ण लाल पंवार ने दूसरी बार कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली है। उनका राजनीतिक सफर लंबा है। भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ने से पहले कृष्ण लाल पंवार इंडियन नेशनल लोकदल से असंध सीट से विधायक रह चुके हैं। मनोहर लाल सरकार में वह परिवहन, आवास और जेल मंत्री रहे हैं। 2019 में कांग्रेस के बलबीर वाल्मीकि ने उन्हें हराया था। इसके बाद भाजपा ने एससी का बड़ा चेहरा होने के चलते उन्हें राज्यसभा भेज दिया था। अब राज्यसभा से इस्तीफा देकर वह मंत्री बने हैं। दादा अंग्रेजी शासन में MLC और पिता पूर्व में कैबिनेट मंत्री रहे हैं
राव नरबीर सिंह चौथी बार प्रदेश के मंत्री बने हैं। वह बादशाहपुर विधानसभा से दूसरी बार विधायक बने हैं। वर्ष 2014 में उन्होंने ही बादशाहपुर में पहली बार कमल खिलाया था। वह पहली बार 1987 में 26 साल की उम्र में जाटूसाना से राव इंद्रजीत सिंह को हराकर विधायक बनने के बाद ताऊ देवीलाल सरकार में मंत्री बने थे। राव नरबीर सिंह का जन्म 2 अप्रैल 1961 को गुरुग्राम में हुआ। राव नरबीर मोहर सिंह यादव के पोते हैं, जो 1942 में भारत और पाकिस्तान के विभाजन से पहले एमएलसी थे। उनके पिता महावीर सिंह यादव भी हरियाणा राज्य में पूर्व कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। 1996 में सोहना से विधायक बनने के साथ ही राव नरबीर बंसीलाल सरकार में परिवहन एवं सहकारिता मंत्री बने। 2014 में बादशाहपुर से विधायक चुने जाने के बाद मनोहर लाल सरकार में लोक निर्माण एवं वन मंत्री बने। अब नायब सिंह सैनी सरकार में मंत्री बने हैं। महिपाल ढांडा दूसरी बार मंत्री बने
पानीपत ग्रामीण के विधायक महिपाल ढांडा दूसरी बार मंत्री बने हैं। पानीपत जिले में 2009 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई ग्रामीण विधानसभा सीट पर 2014 में भाजपा के टिकट पर पहली बार ढांडा विधायक बने। उन्होंने प्रतिद्वंद्वी को 36,132 वोटों से हराया। 2019 में फिर टिकट मिला। जजपा के देवेंद्र कादियान को 21,961 मतों से हराया। इस बार के चुनाव में उन्हें 1,01,079 वोट मिले। उन्होंने कांग्रेस के सचिन कुंडू को 50,212 वोट से हराया है। ढांडा 1996 से 2004 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में प्रदेश सहमंत्री रहे। 2004 में पानीपत भाजपा जिला उपाध्यक्ष, 2006 से 2009 तक पानीपत भाजपा जिला महामंत्री, 2009 से 2012 तक हरियाणा भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष रहे। 2012 में हरियाणा भाजपा किसान मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष बने थे। डॉक्टरी की पढ़ाई कर राजनीति में आए
नायब सैनी के मंत्रिमंडल में शामिल डॉ. अरविंद कुमार का जन्म 25 नवंबर 1962 को हुआ था। उनके पिता का नाम पंडित सतगुरु दास शर्मा और मां का नाम बिमला देवी है। अरविंद डॉक्टरी के पेशे से राजनीति में आए। उन्होंने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक से मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी की पढ़ाई की है। उनकी शादी 9 नवंबर 1989 को रीटा शर्मा से हुई। उनका एक बेटा और एक बेटी है। अरविंद शर्मा की राजनीतिक पारी
अरविंद शर्मा ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1996 में की थी। उन्होंने सोनीपत से लोकसभा चुनाव लड़ा और बहुजन समाज पार्टी (BSP) के उम्मीदवार रिजक राम को हराया। जनवरी 2014 में अरविंद कुमार शर्मा ने कांग्रेस छोड़ दी और BSP में शामिल हो गए थे। BSP ने उन्हें 2014 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाया। हालांकि BSP को हार मिली। अरविंद कुमार शर्मा यमुनानगर और जुलाना दोनों सीटों से हार गए। दोनों सीटों पर तीसरे स्थान पर खिसक गए। 2019 में अरविंद शर्मा बीजेपी में शामिल हुए और रोहतक लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा। इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह हुड्डा को 7,503 वोटों से हराया। इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें दोबारा टिकट दी, लेकिन दीपेंद्र हुड्डा से हार गए। पूर्व सीएम बंसीलाल की पोती बनीं मंत्री
तोशाम विधानसभा सीट से विधायक बनी श्रुति चौधरी को भी मंत्री बनाया गया है। श्रुति चौधरी पूर्व सीएम चौधरी बंसीलाल की पोती और पूर्व मंत्री चौधरी सुरेंद्र व किरण चौधरी की बेटी हैं। वह पहली बार विधायक बनीं। पूर्व सीएम चौधरी बंसीलाल तोशाम सीट से जीतकर ही हरियाणा के सीएम बने थे। उनके बेटे चौधरी सुरेंद्र भी इसी सीट से जीत कर कृषि मंत्री रह चुके हैं। अब सुरेंद्र की बेटी श्रुति ने भी इसी सीट से जीत दर्ज की और मंत्रिमंडल में जगह बनाई। गौरव को पहली बार विधायक बनते ही मंत्रिमंडल में जगह
पलवल विधानसभा सीट से पहली बार विधायक बने गौरव गौतम को हरियाणा सरकार में मंत्री पद भी मिला है। गौरव गौतम ने पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल को 33,605 वोटों के बड़े अंतर से हराया है। उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करी थी। 36 वर्षीय गौरव गौतम ब्राह्मण समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।
रेवाड़ी में खाना मिलने में देरी को लेकर मारपीट:आरोपियों ने ठेले में लगाई आग, गैस सिलेंडर सहित अन्य सामान जलकर राख
रेवाड़ी में खाना मिलने में देरी को लेकर मारपीट:आरोपियों ने ठेले में लगाई आग, गैस सिलेंडर सहित अन्य सामान जलकर राख हरियाणा में रेवाड़ी जिले के बावल औद्योगिक क्षेत्र स्थित IMT में एक ठेले पर खाना मिलने में देरी होने पर एक ग्राहक ने पहले ठेले वाले से झगड़ा किया और फिर रात के अंधेरे में ठेले को आग लगा दी। जिससे ठेले में रखा गैस सिलेंडर व अन्य सामान जलकर राख हो गया। आगजनी की यह घटना सीसीटीवी में कैद हो गई। बावल थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार राजस्थान के गांव बिजवाड़ निवासी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि वह बावल औद्योगिक क्षेत्र स्थित एक कंपनी के बाहर रोटी-सब्जी का ठेला लगाता है और बनीपुर में किराए के मकान में रहता है। कुछ दिन पहले उसके ठेले पर खाना खाने आए युवक सुनील ने खाना देरी से मिलने पर उसके साथ गाली-गलौज शुरू कर दी और उसे सबक सिखाने की धमकी दी। अगले दिन सुबह सुनील अपने दोस्तों के साथ उसके ठेले पर पहुंचा और धमकी दी कि वह उसका ठेला यहां नहीं लगने देगा और उसके ठेले को आग लगा देगा। आरोपी ने सामान में लगा दी आग उस समय तो लोगों ने उनका झगड़ा शांत करवा दिया। शाम को वह अपनी रेहड़ी को बंद कर घर चला गया। सुबह जब वह रेहड़ी पर पहुंचा तो उसकी रेहड़ी पूरी तरह जली हुई थी और उसमें रखा गैस-सिलेंडर व अन्य सामान स्वाह हो चुका था। जब उसने पड़ोस में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को देख तो अलसुबह पौने 4 बजे सुनील उसकी रेहड़ी के पास पहुंचा और आग लगा दी। जिससे उसे करीब 1 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और सीसीटीवी फुटेज को कब्जे में लेकर मामला दर्ज कर लिया और आरोपी सुनील की तलाश शुरू कर दी है।
नारनौल में ट्रेन की चपेट से एक शख्स की मौत:पुलिस ने शव को कब्जे में लिया; व्यक्ति कौन अब तक साफ नहीं
नारनौल में ट्रेन की चपेट से एक शख्स की मौत:पुलिस ने शव को कब्जे में लिया; व्यक्ति कौन अब तक साफ नहीं हरियाणा के नारनौल में अटेली रेलवे स्टेशन के पास बने अंडरपास के पास रेलवे ट्रैक पर ट्रेन की चपेट में आने से एक शख्स की मौत हो गई। रेलवे पुलिस ने मृतक के शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए नारनौल के नागरिक अस्पताल में भेज दिया। वहीं मृतक की पहचान नहीं हो पाने के कारण अभी तक उसका पोस्टमार्टम नहीं हो पाया। रेलवे जीआरपी नारनौल चौकी के कैलाश चंद्र ने बताया कि रेलवे पुलिस को रात 12 बजे सूचना मिली कि अटेली रेलवे स्टेशन के नजदीक नंबर 1300/1214 के पास अज्ञात ट्रेन की चपेट में आने से एक 45 साल के व्यक्ति की मौत हो गई है। सूचना मिलने के बाद वे मौके पर पहुंचे और उसकी पहचान के लिए तलाशी ली। लेकिन उसकी पहचान नहीं हो पाई। उन्होंने बताया कि मृतक ने ब्लू कलर का लोअर में टी शर्ट पहनी हुई है। उसकी उम्र करीब 45 साल की है। मृतक की पहचान नहीं होने पर उसके शव को शिनाख्त के लिए नारनौल के नागरिक अस्पताल में रखवा दिया है।