हरियाणा के कैथल में शुक्रवार (22 नवंबर) को जिला परिषद की बैठक में पुंडरी से भाजपा विधायक सतपाल जांबा कुर्सी न मिलने पर भड़क गए। मीटिंग में कुर्सियों पर बैठने वाले अधिकारियों, चेयरमैन, पार्षदों की नेम प्लेट लगी हुई थी। जांबा मीटिंग में पहुंचे तो उन्हें किसी भी कुर्सी के सामने अपना नाम नहीं दिखा। यह देखकर वह नाराज हो गए। इसके बाद 20 मिनट तक उन्हें इंतजार करना पड़ा। सतपाल जांबा ने अधिकारियों से पूछा कि ये जिम्मेदारी किसकी है? MP साहब भी नहीं आए, लेकिन उनकी सीट तो लगानी चाहिए। अगर MP साहब आ जाएं तो आप लोग क्या जवाब दोगे। अगर लेटर निकाला है तो सीट भी लगी होनी चाहिए। उन्होंने चेयरमैन कर्मबीर कौल से कहा कि जब हमारी सीट नहीं लगानी थी तो हमें मीटिंग के लिए लेटर क्यों भेजा? बिना सीट के मैं नहीं बैठूंगा। अधिकारियों ने तुरंत विधायक सतपाल जांबा के लिए नेम प्लेट के साथ कुर्सी लगवाई। इसके बाद चेयरमैन कर्मबीर कौल के कहने पर विधायक बैठ गए। चेयरमैन बोले- स्पेस कम होने की वजह से हटाई कुर्सी जिला परिषद के चेयरमैन कर्मबीर कौल ने कहा कि सुबह 11 बजे जो-जो लोग मौजूद था, उनके बारे में पूछा गया। हमने सभी विधायकों और MP साहब की नेम प्लेट बनवाई हुई थी। जब अटेंडेंस ली गई तो वे पहुंचे नहीं थे। इसलिए उनकी नेम प्लेट हटाई गई थी। बाद में उनकी नेम प्लेट लगा दी थी। 3 और विधायक मीटिंग में नहीं पहुंचे थे, उनकी चेयर खाली रखी गई। स्पेस कम होने की वजह से हम खाली चेयर हटा देते हैं। ये एक जनरल प्रोसेस है। विधायक जांबा से इस बारे में बात हो गई थी। विकास कार्यों पर चर्चा हुई बैठक में विधायक सतपाल जांबा के अलावा जिला परिषद सीईओ सुशील कुमार, डिप्टी सीईओ रीतू लाठर सहित सभी पार्षद मौजूद रहे। जिले में हो रहे विकास कार्यों पर चर्चा की गई और पहले से चल रहे कामों का फीडबैक लिया गया। पार्षदों ने अपने इलाके की समस्याओं को अधिकारियों और चेयरमैन के सामने उठाया। विधायक जांबा ने महिला सरपंच पर दिया था विवादित बयान विधानसभा चुनाव में जीत के बाद विधायक सतपाल जांबा ने धन्यवादी दौरे के दौरान महिला सरपंच पर विवादित बयान दिया था। कार्यक्रम के दौरान जांबा ने सरपंच प्रतिनिधि से कहा कि सरपंचनी को बुला दो, हमें भी थोड़ी फीलिंग आ जाएगी कि हमें भी कोई देखने-सुनने आया है। यह तो गलत बात है। अन्याय है। विधायक का यह बयान सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। खुद को ट्रोल होता देख विधायक ने सरपंच से माफी मांग ली। विधायक ने कहा- हर बात के 2 मायने होते हैं। अब सरपंच प्रतिनिधि ने अपनी छोटी सोच को दर्शाते हुए बोला कि विधायक ने उनकी पत्नी को बोला की फीलिंग आती है। मेरी ऐसी कोई सोच नहीं है और न ही आज तक मेरे चरित्र पर कभी ऐसा कोई दाग लगा। मैं महिला व बहनों की सुरक्षा के लिए वचनबद्ध हूं और हमेशा रहूंगा। पूरी खबर पढ़ें हरियाणा के कैथल में शुक्रवार (22 नवंबर) को जिला परिषद की बैठक में पुंडरी से भाजपा विधायक सतपाल जांबा कुर्सी न मिलने पर भड़क गए। मीटिंग में कुर्सियों पर बैठने वाले अधिकारियों, चेयरमैन, पार्षदों की नेम प्लेट लगी हुई थी। जांबा मीटिंग में पहुंचे तो उन्हें किसी भी कुर्सी के सामने अपना नाम नहीं दिखा। यह देखकर वह नाराज हो गए। इसके बाद 20 मिनट तक उन्हें इंतजार करना पड़ा। सतपाल जांबा ने अधिकारियों से पूछा कि ये जिम्मेदारी किसकी है? MP साहब भी नहीं आए, लेकिन उनकी सीट तो लगानी चाहिए। अगर MP साहब आ जाएं तो आप लोग क्या जवाब दोगे। अगर लेटर निकाला है तो सीट भी लगी होनी चाहिए। उन्होंने चेयरमैन कर्मबीर कौल से कहा कि जब हमारी सीट नहीं लगानी थी तो हमें मीटिंग के लिए लेटर क्यों भेजा? बिना सीट के मैं नहीं बैठूंगा। अधिकारियों ने तुरंत विधायक सतपाल जांबा के लिए नेम प्लेट के साथ कुर्सी लगवाई। इसके बाद चेयरमैन कर्मबीर कौल के कहने पर विधायक बैठ गए। चेयरमैन बोले- स्पेस कम होने की वजह से हटाई कुर्सी जिला परिषद के चेयरमैन कर्मबीर कौल ने कहा कि सुबह 11 बजे जो-जो लोग मौजूद था, उनके बारे में पूछा गया। हमने सभी विधायकों और MP साहब की नेम प्लेट बनवाई हुई थी। जब अटेंडेंस ली गई तो वे पहुंचे नहीं थे। इसलिए उनकी नेम प्लेट हटाई गई थी। बाद में उनकी नेम प्लेट लगा दी थी। 3 और विधायक मीटिंग में नहीं पहुंचे थे, उनकी चेयर खाली रखी गई। स्पेस कम होने की वजह से हम खाली चेयर हटा देते हैं। ये एक जनरल प्रोसेस है। विधायक जांबा से इस बारे में बात हो गई थी। विकास कार्यों पर चर्चा हुई बैठक में विधायक सतपाल जांबा के अलावा जिला परिषद सीईओ सुशील कुमार, डिप्टी सीईओ रीतू लाठर सहित सभी पार्षद मौजूद रहे। जिले में हो रहे विकास कार्यों पर चर्चा की गई और पहले से चल रहे कामों का फीडबैक लिया गया। पार्षदों ने अपने इलाके की समस्याओं को अधिकारियों और चेयरमैन के सामने उठाया। विधायक जांबा ने महिला सरपंच पर दिया था विवादित बयान विधानसभा चुनाव में जीत के बाद विधायक सतपाल जांबा ने धन्यवादी दौरे के दौरान महिला सरपंच पर विवादित बयान दिया था। कार्यक्रम के दौरान जांबा ने सरपंच प्रतिनिधि से कहा कि सरपंचनी को बुला दो, हमें भी थोड़ी फीलिंग आ जाएगी कि हमें भी कोई देखने-सुनने आया है। यह तो गलत बात है। अन्याय है। विधायक का यह बयान सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। खुद को ट्रोल होता देख विधायक ने सरपंच से माफी मांग ली। विधायक ने कहा- हर बात के 2 मायने होते हैं। अब सरपंच प्रतिनिधि ने अपनी छोटी सोच को दर्शाते हुए बोला कि विधायक ने उनकी पत्नी को बोला की फीलिंग आती है। मेरी ऐसी कोई सोच नहीं है और न ही आज तक मेरे चरित्र पर कभी ऐसा कोई दाग लगा। मैं महिला व बहनों की सुरक्षा के लिए वचनबद्ध हूं और हमेशा रहूंगा। पूरी खबर पढ़ें हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा के गांव में कच्छा पहनकर घूमने पर रोक:पंचायत ने जारी किया फरमान; महिला सरपंच बोली- युवक कच्छे पहन मुहर लगवाने आ जाते हैं
हरियाणा के गांव में कच्छा पहनकर घूमने पर रोक:पंचायत ने जारी किया फरमान; महिला सरपंच बोली- युवक कच्छे पहन मुहर लगवाने आ जाते हैं हरियाणा के भिवानी जिले की पंचायत गुजरानी ने अजीबो-गरीब फरमान सुनाया है। ग्राम पंचायत ने गांव में युवाओं के कच्छा पहन के सरेआम घुमने पर रोक लगा दी है। अगर कोई युवा कच्छा पहन कर घुमता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। गांव गुजरानी की जिस ग्राम पंचायत ने यह आदेश दिया है, उसकी सरपंच महिला है। महिला सरपंच रेणु के प्रतिनिधि ससुर सुरेश सारा काम काज देखते हैं। सुरेश कुमार का कहना है कि गांव के युवा अक्सर गलियों में कच्छा पहन कर घूमते हैं, जिससे बहन-बेटियों को शर्मिंदा होना पड़ता है।
गांव में अगर कोई पंचायत के आदेश की अवहेलना करता है तो पहले उसके घर जाकर उसके माता-पिता से बात की जाएगी। अगर फिर भी कोई व्यक्ति नहीं मानता है तो पंचायत इस पर फैसला सुनाएगी और उसे जुर्माना लगाएगी। गांव में सरपंच के आदेश की मुनादी चौकीदार से करवा दी गई है। मुनादी में कहा गया है कि कोई भी नौजवान लड़का जो कच्छे में घूमेगा उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस आदेश के बाद गुजरानी गांव में युवाओं ने कच्छा पहनकर घूमना बंद कर दिया है। पानी के नल और बैंक में जाकर खड़े हो जाते थे युवा
सरपंच प्रतिनिधि सुरेश कुमार ने कहा कि घर में नौजवान युवक जैसे भी रहे मगर जब वह दूसरों के घर या मोहल्ले में जाए तो अदब के साथ जाएं। अगर कोई सार्वजनिक जगह यानी गांव के नल और बैंक में कच्छा पहनकर घूमता तो वह सामाजिक तौर पर अच्छा नहीं लगता। ऐसे में महिलाओं को शर्मिंदा होना पड़ता है। इसलिए पंचायत को यह आदेश पारित करना पड़ा। इस आदेश के बाद दूसरी पंचायतों को भी फोन आने लगे हैं और वह अपने यहां भी इस आदेश को लागू करने की बात कह रहे हैं। महिला सरपंच के घर कच्छे में आ जाते थे लोग
सरपंच प्रतिनिधि सुरेश ने बताया कि उनको तब ज्यादा शर्मिंदगी महसूस होने लगी जब लोग कच्छे में ही कागज पर मोहर लगवाने आ जाते थे। सरपंच मेरी पुत्रवधू हैं और वह 35 साल की है। ऐसे में लोगों को अदब के साथ आना चाहिए। घर में बहन-बेटियां सबके है। इसलिए यह आदेश सुनाना पड़ा। इसमें हम कानूनी कार्रवाई भी करेंगे। घुटने से ऊपर निकर पहनने पर भी रोक
सरपंच प्रतिनिधि का कहना है कि गांव में कच्छा ही नहीं घुटने से ऊपर निकर पहनने पर भी रोक है। युवाओं को अगर निक्कर पहननी है तो घुटने से नीचे तक आने वाली निक्कर पहननी होगी। सरपंच के आदेश की पूरे गांव ही नहीं आसपास के गांवों में भी चर्चा बनी हुई है। सरपंच प्रतिनिधि का कहना है कि इस आदेश को पूरी तरह से लागू तभी किया जा पाएगा जब लोग साथ देंगे। इससे गांव दूसरों के लिए मिसाल बनेगा। कच्छा पहनकर घूमना हमारी संस्कृति के खिलाफ है। गांव गुजरानी की 7 हजार आबादी
आपको बता दें कि गांव गुजरानी की आबादी करीब 7 हजार है। यहां करीब 1300 घर हैं। गांव में बैंक से लेकर स्कूल तक हैं। सुरेश कुमार का परिवार पहली बार पंचायत चुनाव जीता था। सुरेश कुमार की पुत्रवधु रेणु गांव की सरपंच है। रेणु के पति की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। परिवार में पत्नी पतासो देवी, लड़का विजय कुमार उसकी पत्नी सरिता, 3 पोते और 2 पोतियां हैं।
हरियाणा में 15 से 20 कांग्रेस उम्मीदवारों के नाम फाइनल:2 सितंबर तक आएगी पहली लिस्ट, 4 दिन चलेगी कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक
हरियाणा में 15 से 20 कांग्रेस उम्मीदवारों के नाम फाइनल:2 सितंबर तक आएगी पहली लिस्ट, 4 दिन चलेगी कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक हरियाणा में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस टिकट के दावेदारों के नामों की उलझन में फंसी हुई है। 26 अगस्त से अगले चार दिनों तक नई दिल्ली में कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक होगी। जिसमें 90 सीटों के लिए आए दावेदारों के आवेदन को शॉर्ट लिस्ट करने का काम किया जाएगा। प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया कह चुके हैं- हमारी कोशिश सिंगल नाम का पैनल बनाकर केंद्रीय चुनाव समिति को भेजने की रहेगी। ऐसे में चार दिन होने वाली बैठक में तमाम सीनियर नेता दावेदारों के नाम शॉर्ट लिस्ट कर सिंगल पैनल बनाने की कोशिश में जुटेंगे। कई सीटों पर 40 से अधिक दावेदार बता दें कि पिछले 10 सालों से सत्ता से दूर कांग्रेस में इस बार टिकट को लेकर नेताओं में काफी क्रेज दिखने को मिल रहा है। जुलाई महीने में कांग्रेस ने चुनाव लड़ने वाले नेताओं से आवेदन मांगे थे। करीब 15 दिन चली प्रक्रिया के तहत 90 सीटों के लिए 2556 आवेदन आए हैं। कई सीटों पर तो 40 से ज्यादा दावेदारों की संख्या है। जिसके चलते सिंगल ही नहीं, बल्कि तीन-चार नाम ही शॉर्ट लिस्ट करना कांग्रेस के लिए सिरदर्दी बन गया है। कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी परेशानी गुटबाजी भी है, प्रदेश में फिलहाल कांग्रेस में तीन गुट बने हुए हैं। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, सांसद कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला अलग-अलग ग्रुप में राजनीति कर रहे हैं। तीनों ही ग्रुप की कोशिश अपने ज्यादा से ज्यादा समर्थकों को टिकट दिलाने की है। 1 या 2 सितंबर को आ सकती है पहली लिस्ट दरअसल, चार दिन के मंथन के बाद कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति हरियाणा में चुनाव लड़ने वाले नेताओं पर अंतिम मोहर लगाएगी। गुटबाजी के कारण कांग्रेस हाईकमान ने टिकटों का वितरण अपने हाथों में ले लिया हैं। संभावना है कि स्क्रीनिंग कमेटी की तरफ से शॉट लिस्ट कर भेजे जाने वाले पैनल के बाद 1 या 2 सितंबर को कांग्रेस के उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी हो सकती हैं। क्योंकि 27 अगस्त को भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति की भी बैठक हैं। इस बैठक के बाद भाजपा भी इसी माह के अंत तक अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकती हैं। 15 से 20 नामों की सूची फाइनल चार दिनों में भले ही स्क्रीनिंग कमेटी सिंगल नाम का पैनल बनाने की कोशिश करेगी। लेकिन प्रदेश की 15 से 20 सीटें ऐसी है, जिन पर एक तरह से सिंगल नाम तय भी हो चुके है। इनमें रोहतक, गढ़ी-सांपला-किलोई, रेवाड़ी, झज्जर, बेरी, महम, नूंह, पुन्हाना, पलवल, बड़खल, फरीदाबाद, कोसली, महेंद्रगढ़, थानेसर, बरौदा के अलावा कुछ अन्य सीटें शामिल है, जिनमें पर लगभग एक-एक नाम फाइनल हो चुके हैं। बस इन नामों को शॉर्ट लिस्ट कर केंद्रीय चुनाव समिति को भेजा जाना है। 5 सितंबर से नामांकन प्रक्रिया हरियाणा में 1 अक्टूबर को वोटिंग होनी हैं। 5 सितंबर से नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी और 12 सितंबर को नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि हैं। यानी अगले 10 दिनों के अंदर दोनों ही प्रमुख पार्टियों कांग्रेस और बीजेपी के ज्यादातर उम्मीदवारों की घोषणा हो जाएगी। 13 सितंबर को नामांकन की जांच होगी और 16 सितंबर नाम वापस लेने की अंतिम तिथि है। चुनाव की तारीख बढ़ाने की मांग की थी BJP 22 अगस्त को भाजपा ने चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीख बढ़ाने की मांग थी। भाजपा ने छुट्टियों का हवाला देते हुए कहा कि 1 अक्टूबर को मतदान आयोजित होने से वोटिंग प्रतिशत घटने की संभावना है। गैर जाट वोट बैंक पर कांग्रेस का फोकस अधिक हरियाणा कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में टिकटों पर मंथन के बीच विधानसभा सीटों का गुणा-गणित तैयार कर लिया है। इस बार कांग्रेस बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए गैर जाट वोट बैंक पर ज्यादा फोकस करेगी।
नारनौल में कॉलेज में पढ़ने वाली स्टूडेंट लापता:रात में बिना बताए घर से निकली, फोन समेत अन्य सामान छोड़ा
नारनौल में कॉलेज में पढ़ने वाली स्टूडेंट लापता:रात में बिना बताए घर से निकली, फोन समेत अन्य सामान छोड़ा हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के नारनौल में महिला कॉलेज अटेली में बीए प्रथम वर्ष में पढ़ने वाली एक छात्रा बिना बताए रात के समय अपने घर से गायब हो गई। इस बारे में छात्रा के परिजनों ने पुलिस में शिकायत दी है। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर छात्रा की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस ने लड़की की तलाश की शुरू अटेली थाना के अंतर्गत आने वाले गांव बेगपुर निवासी एक व्यक्ति ने पुलिस में दी गई शिकायत में बताया कि उसके दो बच्चे हैं। जिनमें से लड़की बड़ी है तथा वह अटेली के महिला कॉलेज में बीए प्रथम वर्ष की छात्रा है। उसकी लड़की की उम्र करीब 20 साल है। गत रात को वह घर पर बिना किसी से बताएं कहीं पर चली गई। उन्होंने अपने सभी रिश्तेदारों व जान पहचान में पूछताछ की, लेकिन वह कहीं पर भी नहीं मिली। उनकी लड़की घर से किसी प्रकार का फोन व अन्य कोई सामान भी नहीं लेकर गई। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने लड़की की तलाश शुरू कर दी है।