हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पंचकूला में आयोजित राज्य स्तरीय पंचायत सम्मेलन में सरपंचों की बल्ले-बल्ले कर दी। सीएम ने आज हरियाणा के विकास के लिए 2400 करोड़ रुपए जारी करने की घोषणा की है। जिसमें गांव के विकास के लिए 900 करोड़ रुपए और शहरों के विकास के लिए 900 करोड़ रुपए खर्च होगा। यानी कि गांव और शहर के विकास पर 1800 रुपए खर्च होगा। सीएम ने कहा कि 4 जून 2019 से भूतपूर्व पंचायती राज के प्रतिनिधियों को पेंशन देने का फैसला किया। पहले यह पेंशन 1000 रुपए थी आज मैं इस पेंशन को 1500 रुपएं करता हुं। जो सरपंचों की मानदेय 2 हजार रुपए था वह 5 हजार की घोषणा करता हूं। गांव के विकास के लिए 118 करोड़ उन्होंने कहा कि, ग्राम पंचायतों में एससी बीसी की धर्मशालाएं व चौपालों का रख रखाव व सुदृढ़ीकरण का काम होता है। ग्राम पंचायतों पर इनकी जिम्मेदारी होती है। इसलिए हरियाणा में गांवों की तरफ से जितनी भी धर्मशालाएं व चौपालों की लिस्ट आई है, उनके लिए 118 करोड़ रुपए खर्च किया है। 492 करोड़ रुपए सरपंचों के खाते में कहा कि, राज्य वित्त आयोग की तरफ से 492 करोड़ रुपए की राशि जारी करता हूं, जो सरपंचों के खातों में सीधे जाएगी। उन्होंने सरपंचों से कहा कि मैंने विधायक दल की बैठक में भी विधायकों की ड्यूटी लगाई थी और कहा था कि सरपंचों के जो भी काम है, उनकी लिस्ट तैयार करें। कौन से विकास के काम होने हैं, ताकि गांव के अंदर विकास की झड़ी लग सके। गांव की समस्याओं का समाधान कर सके। साथ ही उन्होंने कहा कि हमारा और आपका रिश्ता उंगली और नाखून का है। हम सब मिलकर इस गांव व प्रदेश की विकास की कल्पना करते हैं। गेंद सरपंचों के पाले में थी नायब सैनी ने कहा कि हमने सरपंचों से कहा था कि गेंद आपके पाले में है और हम आप लोगों को बुलाएंगे और आपकी जो भी मांगें होंगी, वे पूरी होगी। हमारा मकसद गांवों का विकास करना है। उन्होंने कहा कि एक समय ऐसा होता था कि घोषणा करते थे कि पांच लाख आएंगे, लेकिन उसी बात को छह महीने तक गाते रहते थे। लेकिन जब से भाजपा की सरकार बनी है, पांच लाख की गिनती नहीं हो रही है, लाखों-करोड़ों का ग्रांट पहुंचा है। पहले 600 करोड़ था आज 7273 करोड़ है 2014 से पहले पंचायतों का बजट 600 करोड़ था और आज यह बजट 7 हजार 273 करोड़ रुपए है। एक जमीन-आसमान का अंतर है। कई गांव ऐसे है जिन गांवों के अंदर पैसा लगाने की भी जगह नहीं है, लेकिन कभी हम काम के लिए तरसते थे कि हमारा यह काम हो जाए। हमारा गांव, मजबूत होगा, प्रदेश मजबूत होगा। यह सपना प्रधानमंत्री का है। पंचायते हमारी लोकतंत्र का आधार स्तम्भ है और हमें प्रधानमंत्री की सोच को बढ़ाना है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पंचकूला में आयोजित राज्य स्तरीय पंचायत सम्मेलन में सरपंचों की बल्ले-बल्ले कर दी। सीएम ने आज हरियाणा के विकास के लिए 2400 करोड़ रुपए जारी करने की घोषणा की है। जिसमें गांव के विकास के लिए 900 करोड़ रुपए और शहरों के विकास के लिए 900 करोड़ रुपए खर्च होगा। यानी कि गांव और शहर के विकास पर 1800 रुपए खर्च होगा। सीएम ने कहा कि 4 जून 2019 से भूतपूर्व पंचायती राज के प्रतिनिधियों को पेंशन देने का फैसला किया। पहले यह पेंशन 1000 रुपए थी आज मैं इस पेंशन को 1500 रुपएं करता हुं। जो सरपंचों की मानदेय 2 हजार रुपए था वह 5 हजार की घोषणा करता हूं। गांव के विकास के लिए 118 करोड़ उन्होंने कहा कि, ग्राम पंचायतों में एससी बीसी की धर्मशालाएं व चौपालों का रख रखाव व सुदृढ़ीकरण का काम होता है। ग्राम पंचायतों पर इनकी जिम्मेदारी होती है। इसलिए हरियाणा में गांवों की तरफ से जितनी भी धर्मशालाएं व चौपालों की लिस्ट आई है, उनके लिए 118 करोड़ रुपए खर्च किया है। 492 करोड़ रुपए सरपंचों के खाते में कहा कि, राज्य वित्त आयोग की तरफ से 492 करोड़ रुपए की राशि जारी करता हूं, जो सरपंचों के खातों में सीधे जाएगी। उन्होंने सरपंचों से कहा कि मैंने विधायक दल की बैठक में भी विधायकों की ड्यूटी लगाई थी और कहा था कि सरपंचों के जो भी काम है, उनकी लिस्ट तैयार करें। कौन से विकास के काम होने हैं, ताकि गांव के अंदर विकास की झड़ी लग सके। गांव की समस्याओं का समाधान कर सके। साथ ही उन्होंने कहा कि हमारा और आपका रिश्ता उंगली और नाखून का है। हम सब मिलकर इस गांव व प्रदेश की विकास की कल्पना करते हैं। गेंद सरपंचों के पाले में थी नायब सैनी ने कहा कि हमने सरपंचों से कहा था कि गेंद आपके पाले में है और हम आप लोगों को बुलाएंगे और आपकी जो भी मांगें होंगी, वे पूरी होगी। हमारा मकसद गांवों का विकास करना है। उन्होंने कहा कि एक समय ऐसा होता था कि घोषणा करते थे कि पांच लाख आएंगे, लेकिन उसी बात को छह महीने तक गाते रहते थे। लेकिन जब से भाजपा की सरकार बनी है, पांच लाख की गिनती नहीं हो रही है, लाखों-करोड़ों का ग्रांट पहुंचा है। पहले 600 करोड़ था आज 7273 करोड़ है 2014 से पहले पंचायतों का बजट 600 करोड़ था और आज यह बजट 7 हजार 273 करोड़ रुपए है। एक जमीन-आसमान का अंतर है। कई गांव ऐसे है जिन गांवों के अंदर पैसा लगाने की भी जगह नहीं है, लेकिन कभी हम काम के लिए तरसते थे कि हमारा यह काम हो जाए। हमारा गांव, मजबूत होगा, प्रदेश मजबूत होगा। यह सपना प्रधानमंत्री का है। पंचायते हमारी लोकतंत्र का आधार स्तम्भ है और हमें प्रधानमंत्री की सोच को बढ़ाना है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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