हरियाणा में एमबीबीएस परीक्षा में हुई गड़बड़ियों को लेकर सरकार सतर्क हो गई है। इन खामियों को दूर करने के लिए परीक्षा ड्यूटी में लगे पर्यवेक्षकों की जिम्मेदारियों में बदलाव किया गया है। पंडित बीडी शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, रोहतक (UHSR) ने परीक्षा पर्यवेक्षकों को और अधिक जवाबदेह बनाने के लिए जिम्मेदारी तय की है। अब परीक्षा केंद्र पर पेपर और आंसर शीट ले जाने और उन्हें वापस विश्वविद्यालय लाने की जिम्मेदारी निभाने वाले पर्यवेक्षकों को परीक्षा के दिन अपनी यात्रा और ड्यूटी, समय सहित विवरण का एक प्रोफार्मा भरना होगा। यह प्रोफार्मा आंसर शीट के साथ जमा करना होगा। सूत्रों के अनुसार, विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा की खामियों को दूर करने के निर्णय के बाद यह कदम उठाया गया है। नए उपायों को राज्य के सभी 17 मेडिकल और 128 पैरामेडिकल कॉलेजों में लागू किया गया है। हर घटना की देनी होगी रिपोर्ट पर्यवेक्षकों को पेपर खोलने और बांटने का समय, उत्तर पुस्तिकाओं का संग्रह और विश्वविद्यालय को जमा करने का समय भी दर्ज करना होगा। वे समग्र रिपोर्ट के अलावा केंद्र पर किसी भी घटना या कदाचार की भी रिपोर्ट करेंगे। अधीक्षकों को एक प्रोफार्मा भरने और उस पर हस्ताक्षर करने के लिए भी कहा गया है, जिसमें केंद्रों पर अनुचित साधनों के इस्तेमाल को रोकने की उनकी जिम्मेदारी बताई गई है। वे यह भी घोषित करेंगे कि परीक्षार्थियों की मदद करते पाए जाने वाले किसी भी कर्मचारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। पर्यवेक्षकों की भूमिका भी संदिग्ध जांच टीम में शामिल सूत्रों ने बताया कि एमबीबीएस एग्जाम में गड़बड़ी की जांच के लिए विश्वविद्यालय द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति इस घोटाले में पर्यवेक्षकों की भूमिका की भी जांच कर रही है, जिसमें वार्षिक और पूरक दोनों परीक्षाओं में उत्तर पुस्तिकाओं को दोबारा लिखना शामिल है। मामले में शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि पेपर लीक करने में रैकेटियर शामिल थे। जांच में आंसर शीट से छेड़छाड़ के सबूत मिल चुके पंडित बीडी शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, रोहतक की तीन सदस्यीय कमेटी को उत्तर पुस्तिका में छेड़छाड़ से जुड़े कई तथ्य मिले हैं। जांच टीम में शामिल सूत्रों ने बताया कि शिकायतकर्ता छात्र ने अपना बयान दर्ज करा चुका है। आरोप लगाया गया है कि कुछ मामलों में कर्मचारी आंसर शीट का पहला पेज हटाकर दूसरी शीट पर सिल देता था। इस शीट पर अभ्यर्थी का सीट नंबर, बारकोड और रोल नंबर होता था। इस दूसरी शीट को अभ्यर्थी या उसकी ओर से किसी और ने दोबारा लिखा होता था। जांच पर CID की भी नजर हरियाणा में सामने आए MBBS परीक्षा घोटाले की जांच क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (CID) करेगा। CID हेडक्वार्टर ने इस बारे में अपने रोहतक ऑफिस से अभी तक के इनपुट की रिपोर्ट तलब कर ली है।इसके अलावा, परीक्षा घोटाले में शामिल 3 प्राइवेट कॉलेजों के MBBS-MD परीक्षाओं के लिए परीक्षा केंद्र बदलने का फैसला लिया गया है। यूनिवर्सिटी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक इन प्राइवेट कॉलेजों के प्रोफेसर परीक्षा के दौरान ऑब्जर्वर का भी काम करते थे। जिससे परीक्षा में गड़बड़ी की संभावना बढ़ जाती हैं। जांच में अब तक ये फैक्ट्स आए सामने… 1. सेंटर से बाहर भेजते थे उत्तर पुस्तिकाएं एक छात्र ने बताया कि पेपर पास करने के लिए एक स्पेशल पेन का इस्तेमाल किया जाता था। पेन की स्याही लिखने के बाद सूख जाती है। जिन स्टूडेंट की डील होती थी, वह उस पेन से पेपर लिखते थे। इसके बाद उत्तर पुस्तिकाओं को सेंटर से बाहर भेजा जाता था। वहां हेयर ड्रायर की मदद से उत्तर पुस्तिकाओं से स्याही मिटाई जाती है। इसके बाद उत्तर पुस्तिकाओं पर सही जवाब लिखकर उन्हें दोबारा सेंटर पर भेजा जाता है। 2. ऑनलाइन भी रुपए लेते थे कर्मचारी MBBS एग्जाम घोटाले में अब तक की जांच में पता चला है कि ये कर्मचारी एमबीबीएस के अलावा एनईईटी-यूजी और फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम में भी स्टूडेंट्स से पैसा लेकर मदद करते थे। इस एग्जाम घोटाले के लिए कर्मचारी स्टूडेंट्स से कैश के अलावा ऑनलाइन बैंकिंग से भी पैसे लेते थे। इसके सबूत भी मिले हैं। दो कर्मचारियों ने स्टूडेंट्स से दो अलग-अलग मामलों में ऑनलाइन पैसा अपने खातों में जमा कराया है। 3. दूसरे एग्जाम में भी घोटाले के सबूत मिले हरियाणा के इस एमबीबीएस एग्जाम घोटाले में अब तक की जांच में पता चला है कि ये कर्मचारी एमबीबीएस के अलावा एनईईटी-यूजी और फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम में भी स्टूडेंट्स से पैसा लेकर मदद करते थे। 2 कर्मचारी सस्पेंड हो चुके, 3 की सेवाएं रोकीं PGIMS प्रशासन ने इस मामले में कर्मचारी रोशन लाल और रोहित को सस्पेंड कर दिया। वहीं आउटसोर्स कर्मचारी दीपक, इंदू बजाज और रितु की सेवाओं पर रोक लगा दी है। इस घोटाले के जवाब में, यूएचएसआर अधिकारियों ने दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है, जांच लंबित रहने तक तीन आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं तथा आगामी एमबीबीएस/एमडी/एमएस परीक्षाओं में और अधिक गड़बड़ी को रोकने के लिए विभिन्न जिलों में तीन निजी कॉलेजों के परीक्षा केंद्रों को बदल दिया है। हरियाणा में एमबीबीएस परीक्षा में हुई गड़बड़ियों को लेकर सरकार सतर्क हो गई है। इन खामियों को दूर करने के लिए परीक्षा ड्यूटी में लगे पर्यवेक्षकों की जिम्मेदारियों में बदलाव किया गया है। पंडित बीडी शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, रोहतक (UHSR) ने परीक्षा पर्यवेक्षकों को और अधिक जवाबदेह बनाने के लिए जिम्मेदारी तय की है। अब परीक्षा केंद्र पर पेपर और आंसर शीट ले जाने और उन्हें वापस विश्वविद्यालय लाने की जिम्मेदारी निभाने वाले पर्यवेक्षकों को परीक्षा के दिन अपनी यात्रा और ड्यूटी, समय सहित विवरण का एक प्रोफार्मा भरना होगा। यह प्रोफार्मा आंसर शीट के साथ जमा करना होगा। सूत्रों के अनुसार, विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा की खामियों को दूर करने के निर्णय के बाद यह कदम उठाया गया है। नए उपायों को राज्य के सभी 17 मेडिकल और 128 पैरामेडिकल कॉलेजों में लागू किया गया है। हर घटना की देनी होगी रिपोर्ट पर्यवेक्षकों को पेपर खोलने और बांटने का समय, उत्तर पुस्तिकाओं का संग्रह और विश्वविद्यालय को जमा करने का समय भी दर्ज करना होगा। वे समग्र रिपोर्ट के अलावा केंद्र पर किसी भी घटना या कदाचार की भी रिपोर्ट करेंगे। अधीक्षकों को एक प्रोफार्मा भरने और उस पर हस्ताक्षर करने के लिए भी कहा गया है, जिसमें केंद्रों पर अनुचित साधनों के इस्तेमाल को रोकने की उनकी जिम्मेदारी बताई गई है। वे यह भी घोषित करेंगे कि परीक्षार्थियों की मदद करते पाए जाने वाले किसी भी कर्मचारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। पर्यवेक्षकों की भूमिका भी संदिग्ध जांच टीम में शामिल सूत्रों ने बताया कि एमबीबीएस एग्जाम में गड़बड़ी की जांच के लिए विश्वविद्यालय द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति इस घोटाले में पर्यवेक्षकों की भूमिका की भी जांच कर रही है, जिसमें वार्षिक और पूरक दोनों परीक्षाओं में उत्तर पुस्तिकाओं को दोबारा लिखना शामिल है। मामले में शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि पेपर लीक करने में रैकेटियर शामिल थे। जांच में आंसर शीट से छेड़छाड़ के सबूत मिल चुके पंडित बीडी शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, रोहतक की तीन सदस्यीय कमेटी को उत्तर पुस्तिका में छेड़छाड़ से जुड़े कई तथ्य मिले हैं। जांच टीम में शामिल सूत्रों ने बताया कि शिकायतकर्ता छात्र ने अपना बयान दर्ज करा चुका है। आरोप लगाया गया है कि कुछ मामलों में कर्मचारी आंसर शीट का पहला पेज हटाकर दूसरी शीट पर सिल देता था। इस शीट पर अभ्यर्थी का सीट नंबर, बारकोड और रोल नंबर होता था। इस दूसरी शीट को अभ्यर्थी या उसकी ओर से किसी और ने दोबारा लिखा होता था। जांच पर CID की भी नजर हरियाणा में सामने आए MBBS परीक्षा घोटाले की जांच क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (CID) करेगा। CID हेडक्वार्टर ने इस बारे में अपने रोहतक ऑफिस से अभी तक के इनपुट की रिपोर्ट तलब कर ली है।इसके अलावा, परीक्षा घोटाले में शामिल 3 प्राइवेट कॉलेजों के MBBS-MD परीक्षाओं के लिए परीक्षा केंद्र बदलने का फैसला लिया गया है। यूनिवर्सिटी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक इन प्राइवेट कॉलेजों के प्रोफेसर परीक्षा के दौरान ऑब्जर्वर का भी काम करते थे। जिससे परीक्षा में गड़बड़ी की संभावना बढ़ जाती हैं। जांच में अब तक ये फैक्ट्स आए सामने… 1. सेंटर से बाहर भेजते थे उत्तर पुस्तिकाएं एक छात्र ने बताया कि पेपर पास करने के लिए एक स्पेशल पेन का इस्तेमाल किया जाता था। पेन की स्याही लिखने के बाद सूख जाती है। जिन स्टूडेंट की डील होती थी, वह उस पेन से पेपर लिखते थे। इसके बाद उत्तर पुस्तिकाओं को सेंटर से बाहर भेजा जाता था। वहां हेयर ड्रायर की मदद से उत्तर पुस्तिकाओं से स्याही मिटाई जाती है। इसके बाद उत्तर पुस्तिकाओं पर सही जवाब लिखकर उन्हें दोबारा सेंटर पर भेजा जाता है। 2. ऑनलाइन भी रुपए लेते थे कर्मचारी MBBS एग्जाम घोटाले में अब तक की जांच में पता चला है कि ये कर्मचारी एमबीबीएस के अलावा एनईईटी-यूजी और फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम में भी स्टूडेंट्स से पैसा लेकर मदद करते थे। इस एग्जाम घोटाले के लिए कर्मचारी स्टूडेंट्स से कैश के अलावा ऑनलाइन बैंकिंग से भी पैसे लेते थे। इसके सबूत भी मिले हैं। दो कर्मचारियों ने स्टूडेंट्स से दो अलग-अलग मामलों में ऑनलाइन पैसा अपने खातों में जमा कराया है। 3. दूसरे एग्जाम में भी घोटाले के सबूत मिले हरियाणा के इस एमबीबीएस एग्जाम घोटाले में अब तक की जांच में पता चला है कि ये कर्मचारी एमबीबीएस के अलावा एनईईटी-यूजी और फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम में भी स्टूडेंट्स से पैसा लेकर मदद करते थे। 2 कर्मचारी सस्पेंड हो चुके, 3 की सेवाएं रोकीं PGIMS प्रशासन ने इस मामले में कर्मचारी रोशन लाल और रोहित को सस्पेंड कर दिया। वहीं आउटसोर्स कर्मचारी दीपक, इंदू बजाज और रितु की सेवाओं पर रोक लगा दी है। इस घोटाले के जवाब में, यूएचएसआर अधिकारियों ने दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है, जांच लंबित रहने तक तीन आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं तथा आगामी एमबीबीएस/एमडी/एमएस परीक्षाओं में और अधिक गड़बड़ी को रोकने के लिए विभिन्न जिलों में तीन निजी कॉलेजों के परीक्षा केंद्रों को बदल दिया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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