प्रदेशभर में वीएलडीए में दाखिले के लिए ऑनलाइन आवेदन 16 सितंबर से शुरू होने जा रहे है। इस बार बदले गए नियमों के तहत वीएलडीए में दाखिले होंगे। 16 सितंबर से ऑनलाइन आवेदन शुरू होकर 30 सितंबर तक बिना किसी लेट फीस के निर्धारित ऑनलाइन आवेदन फीस में पंजीकरण होंगे। 30 सितंबर से 4 अक्टूबर तक निर्धारित ऑनलाइन आवेदन फीस के अलावा 600 रुपए लेट फीस में ऑनलाइन आवेदन होंगे। जनरल अभ्यर्थियों को 2 हजार रुपए आवेदन फॉर्म फीस और एससी, बीसी के विद्यार्थियों के लिए 500 रुपए निर्धारित की गई है। 15 कॉलेज के 1023 सीटों पर होंगे दाखिले प्रदेशभर में वीएलडीए के 15 कॉलेज संचालित है। इसमें लुवास विश्वविद्यालय हिसार में सबसे अधिक 93 सीट, रोहतक में 90 सीट है। अन्य सभी कॉलेज में 60-60 सीट है। बदले नियम अब होंगे लागू बदले गए नियमों के अनुसार अब आर्ट कॉमर्स और नॉन मेडिकल संकाय से पास विद्यार्थी भी डिप्लोमा कर पाएंगे। पशुपालन एवं डायरिंग विभाग हरियाणा द्वारा इसे लेकर ऑफिशियल पत्र भी जारी कर दिया गया है। नए शैक्षणिक सत्र 2024-25 में यह नियम लागू होंगे। प्रदेशभर में वीएलडीए में दाखिले के लिए ऑनलाइन आवेदन 16 सितंबर से शुरू होने जा रहे है। इस बार बदले गए नियमों के तहत वीएलडीए में दाखिले होंगे। 16 सितंबर से ऑनलाइन आवेदन शुरू होकर 30 सितंबर तक बिना किसी लेट फीस के निर्धारित ऑनलाइन आवेदन फीस में पंजीकरण होंगे। 30 सितंबर से 4 अक्टूबर तक निर्धारित ऑनलाइन आवेदन फीस के अलावा 600 रुपए लेट फीस में ऑनलाइन आवेदन होंगे। जनरल अभ्यर्थियों को 2 हजार रुपए आवेदन फॉर्म फीस और एससी, बीसी के विद्यार्थियों के लिए 500 रुपए निर्धारित की गई है। 15 कॉलेज के 1023 सीटों पर होंगे दाखिले प्रदेशभर में वीएलडीए के 15 कॉलेज संचालित है। इसमें लुवास विश्वविद्यालय हिसार में सबसे अधिक 93 सीट, रोहतक में 90 सीट है। अन्य सभी कॉलेज में 60-60 सीट है। बदले नियम अब होंगे लागू बदले गए नियमों के अनुसार अब आर्ट कॉमर्स और नॉन मेडिकल संकाय से पास विद्यार्थी भी डिप्लोमा कर पाएंगे। पशुपालन एवं डायरिंग विभाग हरियाणा द्वारा इसे लेकर ऑफिशियल पत्र भी जारी कर दिया गया है। नए शैक्षणिक सत्र 2024-25 में यह नियम लागू होंगे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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कांग्रेस पर भड़के पूर्व मंत्री कै.अजय यादव:बोले-ऐसी चेयरमैनी किस काम की, जो अपनी टिकट ही नही बचा सके; हुड्डा ने कराई गड़बड़ी
कांग्रेस पर भड़के पूर्व मंत्री कै.अजय यादव:बोले-ऐसी चेयरमैनी किस काम की, जो अपनी टिकट ही नही बचा सके; हुड्डा ने कराई गड़बड़ी हरियाणा में किरण चौधरी और कुमारी सैलजा के बाद अब पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अजय यादव ने कहा कि किरण चौधरी टिकट कटने से नाखुश थी और मुझे खुद मेरी टिकट कटने का झटका लगा था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आलाकमान एक कमेटी बनाकर टिकट वितरण में गड़बड़ी को लेकर जांच करे। कैप्टन ने कहा की मुझे कांग्रेस में ओबीसी मोर्चे के राष्ट्रीय चेयरमैन जरूर बनाया, लेकिन ऐसी चेयरमैनी किस काम की, जो अपनी टिकट ही नही बचा पाया। मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की टिकट काट दी गई, पार्टी में क्या मैसेज गया, सबको पता है। सोनीपत में कितने से जीते, सबको पता है
पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय यादव ने गुरुग्राम में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हुड्डा गुरुग्राम की तरह सोनीपत में भी बाहरी उम्मीदवार लाए थे और कांग्रेस उम्मीदवार कितनी वोट से जीते, यह सबके सामने है। कांग्रेस ने सर्वे के आधार पर टिकट का वितरण किया होता तो आज 10 की 10 सीटों पर कांग्रेस का परचम लहराता। इन तीनों ने की गड़बड़ी
उन्होंने बताया की भूपेंद्र सिंह हुड्डा के इशारों पर टिकट का वितरण किया गया। कांग्रेस ने 2019 के विधान सभा चुनावों में भी टिकट सही से नहीं बांटी थी। 2004 के राज्यसभा के चुनाव में इंक किसने बदली थी, इसका जवाब देना चाहिए। वहीं कैप्टन ने कहा कि वे कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा के बयान से 100 प्रतिशत सहमत हैं। सच्चाई कहना गुनाह नही है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा, उदयभान और प्रभारी दीपक बाबरिया, तीनों ने मिलकर टिकट वितरण जो किया, उसकी कमेटी बना कर जांच की जानी चाहिए। कैप्टन अजय सिंह यादव ने कांग्रेस आलाकमान पर आरोप लगाते हुए कहा कि जिस ओबीसी माइनरिटी की बात की जा रही थी, उसको कितना टिकट दिया गया, उसका आंकड़ा भी सबके सामने है। यही वजह रही की कांग्रेस की 100 सीटें आई और हरियाणा में कांग्रेस को केवल 5 सीट ही मिली। ये उनका आखिरी चुनाव था
कैप्टन ने कहा की मुझे ओबीसी मोर्चे के राष्ट्रीय चेयरमैन बनाया। उन्होंने कहा कि यह मेरा आखिरी चुनाव था, लेकिन मेरी ही टिकट काट दी गयी। जबकि सर्वे में मै सबसे ऊपर था। सिर्फ ओबीसी की नही, यह माइनॉरिटी की, SC का चेयरमैन हो या फिर ट्राइबल हो, कांग्रेस इनकी वोट तो लेना चाहती है, लेकिन जो हिस्सेदारी बनती है वो नही देना चाहती। पूर्व मंत्री ने कहा कि यह उनका आकलन नही बल्कि नतीजे बताने में लगे हैं। यूपी, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, राजस्थान व तेलंगाना में कांग्रेस के क्या हालत रहे, इस पर चिंतन मंथन करने की जरूरत है।
तैराकी से बॉलीवुड तक पहुंचा हरियाणा का छोरा:आज रिलीज हुई फिल्म, सिंघम में मिला लक्ष्मण का रोल; चंडीगढ़ से कर रहा पढ़ाई
तैराकी से बॉलीवुड तक पहुंचा हरियाणा का छोरा:आज रिलीज हुई फिल्म, सिंघम में मिला लक्ष्मण का रोल; चंडीगढ़ से कर रहा पढ़ाई दिवाली के खास मौके पर अजय देवगन की मल्टीस्टारर फिल्म सिंघम अगेन आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। इस फिल्म में बॉलीवुड के कई बड़े सितारों के साथ-साथ हरियाणा का 19 वर्षीय लड़का वंश पानू भी डेब्यू कर रहा है। पानीपत के लतीफ गार्ड इलाके का रहने वाला वंश प्रोफेशनल तैराक भी है। फिल्म में जहां अर्जुन कपूर विलेन की भूमिका में नजर आ रहे हैं, वहीं दीपिका पादुकोण, टाइगर श्रॉफ, अक्षय कुमार और रणवीर सिंह कॉप यूनिवर्स में नजर आ रहे हैं। जबकि चुलबुल पांडे यानी सलमान खान का कैमियो भी देखने को मिल रहा है। डेब्यूटेंट वंश पानू से डायरेक्टर रोहित शेट्टी की टीम ने सोशल मीडिया पर संपर्क किया। रोहित शेट्टी कॉप यूनिवर्स की लेटेस्ट और मल्टीस्टारर फिल्म सिंघम अगेन की लेंथ 2 घंटे 24 मिनट है। वंश पानू के बारे में पढ़ें दैनिक भास्कर से फोन पर बातचीत के दौरान वंश पानू के पिता एडवोकेट कर्ण पानू ने बताया कि 19 वर्षीय वंश चंडीगढ़ से बीए की पढ़ाई कर रहा है। वह तैराकी का अच्छा खिलाड़ी है। वह जूनियर तैराकी रिकॉर्ड होल्डर भी है। सुबह तैराकी और शाम को जिम जाने की आदत ने उसे बॉलीवुड में ला खड़ा किया। वह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर दोनों तरह के वीडियो शेयर करता है। यहीं पर करीब 10 महीने पहले कंपनियों ने विज्ञापन शूट के लिए उससे संपर्क किया था। सबसे पहले उसे पोस्टर शूट के लिए विज्ञापन मिला था। इसके बाद करीब 5 महीने पहले रोहित शेट्टी की टीम ने उससे संपर्क किया। वह 2 महीने पहले मुंबई गया था। जहां उसे फिल्म में सीधा रोल मिल गया। वह फिल्म में लक्ष्मण का रोल निभा रहा है। फिल्म में राम का रोल निभा रहे शुभम शर्मा चंडीगढ़ के रहने वाले हैं। फिल्म की कहानी क्या है? फिल्म की कहानी रामायण की कहानी से प्रेरित है। कहानी कश्मीर से शुरू होती है। डीसीपी बाजीराव सिंघम उमर हाफिज (जैकी श्रॉफ) को पकड़ लेता है। जुबैर (अर्जुन कपूर) नाम का खूंखार अपराधी सिंघम (अजय देवगन) की पत्नी अवनि (करीना कपूर) का अपहरण कर लेता है। जुबैर और उमर के बीच एक कनेक्शन है, जिसकी वजह से यह बदले का खेल बन जाता है। जिस तरह भगवान श्री राम माता सीता को रावण के चंगुल से छुड़ाने के लिए लंका जाते हैं। उसी तरह डीसीपी बाजीराव सिंघम भी अपनी पत्नी अवनि को बचाने के लिए जुबैर के ठिकाने पर पहुंच जाते हैं। इस लड़ाई में सिंघम का साथ देने सूर्यवंशी (अक्षय कुमार), सिंबा (रणवीर सिंह), सत्या बाली (टाइगर श्रॉफ) और शक्ति शेट्टी (दीपिका पादुकोण) आती हैं।
महाराष्ट्र चुनाव में रणदीप सुरजेवाला बने स्टार प्रचारक:40 की लिस्ट में हरियाणा से हुड्डा परिवार का नाम नहीं; कुमारी शैलजा ने हस्ताक्षर किए
महाराष्ट्र चुनाव में रणदीप सुरजेवाला बने स्टार प्रचारक:40 की लिस्ट में हरियाणा से हुड्डा परिवार का नाम नहीं; कुमारी शैलजा ने हस्ताक्षर किए कांग्रेस ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और राज्य की नांदेड़ लोकसभा सीट पर उप-चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की है। इसमें हरियाणा की राजनीति में सक्रिय वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला को जगह मिली है। वह महाराष्ट्र में कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए चुनावी रैलियां और रोड शो करेंगे, और लोगों से वोट देने की अपील करेंगे। हैरानी की बात यह है कि 40 स्टार प्रचारकों की इस लिस्ट में हरियाणा के हुड्डा परिवार का नाम नहीं है। कांग्रेस ने न तो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को इसमें जगह दी है, और न ही उनके सांसद बेटे दीपेंद्र हुड्डा को प्रचारक बनाया है। लिस्ट में एक खास बात यह भी है कि स्टार प्रचारकों के सभी नामों पर सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने हस्ताक्षर किए हैं। पार्टी की ओर से जारी सूची… गुटबाजी के चलते हाल में हरियाणा हारी है कांग्रेस
कुमारी सैलजा हरियाणा के सिरसा से कांग्रेस की सांसद हैं और इस समय उन्हें जनरल सेक्रेटरी भी नियुक्त किया गया है। हाल ही में संपन्न हुए हरियाणा के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को आश्चर्यजनक हार का सामना करना पड़ा है। इसके बाद से ही कांग्रेस हाईकमान कुुमारी सैलजा के नजदीक और हुड्डा परिवार से दूर नजर आ रही है। बता दें कि हरियाणा विधानसभा चुनाव कांग्रेस ने पूर्व CM भूपेंद्र हु्ड्डा के नेतृत्व में ही लड़ा था। टिकट के बंटवारे से लेकर स्टार कैंपेनरों की रैलियों तक में हुड्डा की ज्यादा चली। इसी बीच कुमारी सैलजा कहीं फ्रंट पर नहीं दिखीं। इसे कांग्रेस हाईकमान ने हरियाणा में हार का एक बड़ा कारण भी माना है। इस गुटबाजी के कारण संगठन कमजोर हुआ। सैलजा और हुड्डा के बीच नाराजगी की 3 वजहें 1. सैलजा ने CM कुर्सी का दावा ठोका
चुनाव की घोषणा के बाद सिरसा सांसद कुमारी सैलजा ने सीएम कुर्सी पर दावा ठोक दिया। सैलजा ने कहा कि प्रदेश में अनुसूचित जाति का सीएम होना चाहिए। चूंकि इस वक्त भूपेंद्र हुड्डा सीएम कुर्सी के सबसे बड़े दावेदार हैं। इस वजह से हुड्डा समर्थक इससे नाराज हो गए। 2. टिकट बंटवारे में हुड्डा की चली
कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर सैलजा ने समर्थकों को टिकट दिलाने की पूरी कोशिश की। हालांकि इसमें हुड्डा की चली। 90 टिकटों में से सबसे ज्यादा 72 हुड्डा के ही समर्थकों को मिल गई। इसकी वजह से सैलजा नाराज हो गई। 3. जातिसूचक शब्द से ज्यादा नाराज हुईं, प्रचार छोड़ा
इसके बाद एक सीट पर सैलजा मंच से पहले घोषणा करने के बावजूद अपने समर्थक को टिकट नहीं दिला सकी। यहां से हुड्डा समर्थक को टिकट मिल गया। इसके बाद इसी सीट के उम्मीदवार से जुड़े समर्थक ने सैलजा के प्रति जातिसूचक शब्द कहे। इससे सैलजा इस कदर नाराज हुईं कि उन्होंने चुनाव प्रचार छोड़ दिया। वह नाराज होकर घर बैठ गईं। गुटबाजी खत्म करने के लिए हाथ मिलवाए
हरियाणा विधानसभा चुनाव में जीत के लिए राहुल गांधी प्रचार के साथ-साथ कांग्रेसी नेताओं की गुटबाजी दूर करने की कोशिश भी कर रहे थे। उन्होंने अंबाला के नारायणगढ़ से ‘हरियाणा विजय संकल्प यात्रा’ शुरू की थी। इस मौके पर जनसभा में भीड़ के अभिवादन के दौरान राहुल ने पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा और सांसद कुमारी सैलजा के हाथ भी मिलवाए। 12 सितंबर को टिकटों का ऐलान होने के बाद सैलजा ने चुनाव प्रचार से दूरी बना ली थी, क्योंकि हाईकमान ने उनके समर्थक उम्मीदवारों को कम टिकट दिए थे। जबकि, भूपेंद्र हुड्डा के समर्थकों को सबसे ज्यादा टिकट दिए गए। सैलजा ने 25 सितंबर तक प्रदेशभर में कहीं कोई प्रोग्राम नहीं किया। 26 सितंबर को खुद राहुल गांधी उन्हें दिल्ली से लेकर करनाल की रैली में पहुंचे थे। इसके बाद भी सैलजा और हुड्डा की नजदीकियां नहीं बढ़ीं। नतीजा यह हुआ कि हरियाणा में कांग्रेस की हवा होते हुए भी पार्टी चुनाव हार गई। इसके बाद सैलजा ने संगठन में एकता न होने को ही हार का कारण बताया। वहीं, हुड्डा ने EVM पर हार का ठीकरा फोड़ दिया। हालांकि, रिव्यू मीटिंग में राहुल गांधी ने कहा कि कुछ नेताओं के अपने हित पार्टी से बड़े रहे, इसलिए हार मिली। इसके बाद से सैलजा तो लगातार कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच एक्टिव रहीं, लेकिन हुड्डा कहीं दिखे नहीं। अब उन्हें स्टार प्रचारकों में से भी बाहर कर दिया है, जबकि सैलजा के ही समर्थन में रहे रणदीप सुरजेवाला को लिस्ट में जगह मिली है।