हरियाणा CET का फर्जी विज्ञापन मामले में यू-ट्यूबर्स गिरफ्तार:पुलिस कर रही पूछताछ; HSSC ने दो मोबाइल नंबर दिए, छेड़छाड़ करने वाले की तलाश

हरियाणा CET का फर्जी विज्ञापन मामले में यू-ट्यूबर्स गिरफ्तार:पुलिस कर रही पूछताछ; HSSC ने दो मोबाइल नंबर दिए, छेड़छाड़ करने वाले की तलाश

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) के नाम पर 28 अप्रैल की रात कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) विज्ञापन का फर्जी दस्तावेज सोशल मीडिया पर वायरल किए जाने पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। इस मामले में पंचकूला पुलिस ने एक यू-ट्यूबर्स को गिरफ्तार किया है, जिससे पूछताछ जारी है। दरअसल, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के नाम पर पहले भी कई फर्जी नोटिस वायरल होते रहे हैं। मगर इस बार आयोग ने मामले को गंभीरता से लिया। पंचकूला पुलिस भी इस मामले की जांच गहराई से करने में जुटी हुई है। जांच में सामने आया है कि ऐसे भी कई यू-ट्यूबर्स है, जो सरकारी कर्मचारी हैं, मगर यू-ट्यूब पर वीडियो बनाते हैं। आयोग ने शिकायत में दो मोबाइल नंबर भी लिखे हैं और एक सोशल मीडिया ग्रुप का नाम भी लिखा है। यहां पढ़िए FIR में क्या है… 1. 1 मई को भेजी थी आयोग ने शिकायत पंचकूला पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की है, उसकी शिकायत हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के उप सचिव ने 1 मई को भेजी थी। इस एफआईआर में आयोग ने लिखा है कि आयोग के दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ कर गलत तरीके से प्रचारित कर सीईटी उम्मीदवारों को भ्रमित किया गया है। 2. विज्ञापन को छेड़छाड़ कर ओरिजनल जैसा बनाया शिकायत में लिखा है, ‘आपके संज्ञान में यह लाया जाता है कि हमें पता चला है कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के दस्तावेज जैसे की एडवरटाइजमेंट आदि के साथ कंप्यूटर में इस तरह से एडिटिंग करके जिससे कि वह असली दस्तावेज के जैसे प्रतीत होते हैं। ऐसा करके कुछ लोगों द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से अभ्यर्थियों के पास गैर कानूनी तरीके से भेजा जा रहा है। 3. दो मोबाइल नंबरों से संचालित हो रहा सोशल मीडिया ग्रुप इस संबंध में संज्ञान में आया है कि दो मोबाइल नंबरों और कई अन्य नंबरों द्वारा संचालित एक सोशल मीडिया ग्रुप द्वारा इस काम को अंजाम दिया जा रहा है। उनके इस काम से काफी उम्मीदवारों को नुकसान हो रहा है तथा आयोग की छवि भी धूमिल करने की कोशिश की जा रही है। आपसे आग्रह है कि इस संबंध में कृपया ठोस कानूनी कार्रवाई करें। 4. इन धाराओं में दर्ज हुई एफआईआर आयोग ने पुलिस से कहा है कि किसी भी तरह की सहायता के लिए दस्तावेज आयोग कार्यालय से लिए जा सकते हैं। पंचकूला पुलिस ने इस शिकायत के आचार पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4), 338, 336(3), 340(2) के तहत मामला दर्ज किया। अब पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर यह पता लगाने में जुटी है कि यह दस्तावेज कहां तैयार हुआ, किसने तैयार किया और किसने वायरल किया है। अब यहां पढ़िए 28 अप्रैल को क्या हुआ था दरअसल, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को सीईटी का आयोजन करना है। इस संदर्भ में सबसे पहले वन टाइम रजिस्ट्रेशन पोर्टल खुलना है। सोशल मीडिया पर 28 अप्रैल की रात अचानक कई पृष्ठों का दस्तावेज सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस वायरल विज्ञापन दस्तावेज की बनावट और सूचनाएं इस तरह की थी कि यह देखने में असली लग रहा था। इस पर हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग लिखा हुआ था। कुछ यू-ट्यूबर्स ने इस पर इस वायरल दस्तावेज पर वीडियो बनाकर अपलोड कर दी। हालांकि आयोग ने तुरंत इसे फर्जी करार दिया, मगर सीईटी देने के इच्छुक लाखों युवा एक बार तो भ्रमित हो गए। इससे आयोग की छवि भी धूमिल हुई। इसकी गंभीरता देखते हुए आयोग ने तुरंत पुलिस के पास शिकायत की, जिसके आधार पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। अब पुलिस यू-ट्यूबर्स से पूछताछ कर रही है और पता लगा रही है कि उनके पास यह फर्जी दस्तावेज कैसे पहुंचा और कब पहुंचा। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) के नाम पर 28 अप्रैल की रात कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) विज्ञापन का फर्जी दस्तावेज सोशल मीडिया पर वायरल किए जाने पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। इस मामले में पंचकूला पुलिस ने एक यू-ट्यूबर्स को गिरफ्तार किया है, जिससे पूछताछ जारी है। दरअसल, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के नाम पर पहले भी कई फर्जी नोटिस वायरल होते रहे हैं। मगर इस बार आयोग ने मामले को गंभीरता से लिया। पंचकूला पुलिस भी इस मामले की जांच गहराई से करने में जुटी हुई है। जांच में सामने आया है कि ऐसे भी कई यू-ट्यूबर्स है, जो सरकारी कर्मचारी हैं, मगर यू-ट्यूब पर वीडियो बनाते हैं। आयोग ने शिकायत में दो मोबाइल नंबर भी लिखे हैं और एक सोशल मीडिया ग्रुप का नाम भी लिखा है। यहां पढ़िए FIR में क्या है… 1. 1 मई को भेजी थी आयोग ने शिकायत पंचकूला पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की है, उसकी शिकायत हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के उप सचिव ने 1 मई को भेजी थी। इस एफआईआर में आयोग ने लिखा है कि आयोग के दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ कर गलत तरीके से प्रचारित कर सीईटी उम्मीदवारों को भ्रमित किया गया है। 2. विज्ञापन को छेड़छाड़ कर ओरिजनल जैसा बनाया शिकायत में लिखा है, ‘आपके संज्ञान में यह लाया जाता है कि हमें पता चला है कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के दस्तावेज जैसे की एडवरटाइजमेंट आदि के साथ कंप्यूटर में इस तरह से एडिटिंग करके जिससे कि वह असली दस्तावेज के जैसे प्रतीत होते हैं। ऐसा करके कुछ लोगों द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से अभ्यर्थियों के पास गैर कानूनी तरीके से भेजा जा रहा है। 3. दो मोबाइल नंबरों से संचालित हो रहा सोशल मीडिया ग्रुप इस संबंध में संज्ञान में आया है कि दो मोबाइल नंबरों और कई अन्य नंबरों द्वारा संचालित एक सोशल मीडिया ग्रुप द्वारा इस काम को अंजाम दिया जा रहा है। उनके इस काम से काफी उम्मीदवारों को नुकसान हो रहा है तथा आयोग की छवि भी धूमिल करने की कोशिश की जा रही है। आपसे आग्रह है कि इस संबंध में कृपया ठोस कानूनी कार्रवाई करें। 4. इन धाराओं में दर्ज हुई एफआईआर आयोग ने पुलिस से कहा है कि किसी भी तरह की सहायता के लिए दस्तावेज आयोग कार्यालय से लिए जा सकते हैं। पंचकूला पुलिस ने इस शिकायत के आचार पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4), 338, 336(3), 340(2) के तहत मामला दर्ज किया। अब पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर यह पता लगाने में जुटी है कि यह दस्तावेज कहां तैयार हुआ, किसने तैयार किया और किसने वायरल किया है। अब यहां पढ़िए 28 अप्रैल को क्या हुआ था दरअसल, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को सीईटी का आयोजन करना है। इस संदर्भ में सबसे पहले वन टाइम रजिस्ट्रेशन पोर्टल खुलना है। सोशल मीडिया पर 28 अप्रैल की रात अचानक कई पृष्ठों का दस्तावेज सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस वायरल विज्ञापन दस्तावेज की बनावट और सूचनाएं इस तरह की थी कि यह देखने में असली लग रहा था। इस पर हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग लिखा हुआ था। कुछ यू-ट्यूबर्स ने इस पर इस वायरल दस्तावेज पर वीडियो बनाकर अपलोड कर दी। हालांकि आयोग ने तुरंत इसे फर्जी करार दिया, मगर सीईटी देने के इच्छुक लाखों युवा एक बार तो भ्रमित हो गए। इससे आयोग की छवि भी धूमिल हुई। इसकी गंभीरता देखते हुए आयोग ने तुरंत पुलिस के पास शिकायत की, जिसके आधार पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। अब पुलिस यू-ट्यूबर्स से पूछताछ कर रही है और पता लगा रही है कि उनके पास यह फर्जी दस्तावेज कैसे पहुंचा और कब पहुंचा।   हरियाणा | दैनिक भास्कर