हरीनौ हत्याकांड पर सांसद सरबजीत सिंह खालसा की प्रतिक्रिया:बोले- निष्पक्ष जांच करें पुलिस, अमृतपाल के परिवार के साथ मिलकर बनाई जाएगी नई पार्टी

हरीनौ हत्याकांड पर सांसद सरबजीत सिंह खालसा की प्रतिक्रिया:बोले- निष्पक्ष जांच करें पुलिस, अमृतपाल के परिवार के साथ मिलकर बनाई जाएगी नई पार्टी

पंजाब के फरीदकोट जिले में पंथक संगठनों से जुड़े नौजवान व वारिस पंजाब दे संस्था के पूर्व वित्त सचिव गुरप्रीत सिंह हरीनौ की हत्या मामले में पंजाब पुलिस ने डिब्रूगढ़ जेल में बंद श्री खडूर साहिब से निर्दलीय सांसद अमृतपाल सिंह व विदेश में बैठे गैंगस्टर अर्श डल्ला को भी नामजद किया हुआ है। इस केस में सांसद अमृतपाल सिंह का नाम सामने आने पर फरीदकोट से सांसद सरबजीत सिंह खालसा की प्रतिक्रिया सामने आई है। सांसद सरबजीत सिंह खालसा ने कहा कि इस मामले में निष्पक्ष व पारदर्शी ढंग से जांच होनी चाहिए और किसी बेकसूर को नहीं फंसाना चाहिए। सांसद खालसा ने कहा कि इस केस की बिना किसी भेदभाव से जांच होनी चाहिए और दोषी को सजा मिलनी चाहिए, लेकिन इस बात को भी ध्यान रखा जाए कि किसी बेकसूर को ना फंसाया जाएगा। सांसद अमृतपाल सिंह के पिता के साथ मिलकर राज्य में नई राजनीतिक पार्टी के गठन पर सांसद खालसा ने कहा कि इसके लिए जमीनी स्तर पर कार्य चल रहा है और जल्द ही पार्टी गठित की जाएगी। बता दें कि सांसद सरबजीत सिंह खालसा ने सोमवार को फरीदकोट जिले की कोटकपूरा अनाज मंडी का दौरा करके धान की खरीद कार्य का जायजा लेते हुए किसानों व मजदूरों से मुलाकात की थी और अधिकारियों से खरीद संबंधी जानकारी हासिल की। 9 अक्टूबर को हुई थी गुरप्रीत सिंह हरीनौ की हत्या अदाकार दीप सिद्धू द्वारा गठित वारिस पंजाब दे संस्था के संस्थापक सदस्यों में शामिल रहे गुरप्रीत सिंह हरीनौ की बीती 9 अक्टूबर को उनके पैतृक गांव हरीनौ में मोटरसाइकिल सवार शूटरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में जांच के बाद पुलिस ने हत्या से पहले गुरप्रीत सिंह की रेकी करने के आरोप में तीन नौजवानों को गिरफ्तार किया था, जबकि सांसद अमृतपाल सिंह व गैंगस्टर अर्श डल्ला को नामजद सिंह किया हुआ है। गुरप्रीत सिंह हरीनौ के परिवार का आरोप है कि दीप सिद्धू की मौत के बाद संस्था की कमान अमृतपाल सिंह ने संभाल ली थी जिसके बाद गुरप्रीत सिंह के अमृतपाल सिंह के साथ वैचारिक मतभेद हो गए थे और उसने संस्था से दूरी बनाकर ली थी। वैचारिक मतभेद पैदा होने के बाद अमृतपाल सिंह के समर्थकों द्वारा गुरप्रीत सिंह को धमकियां दी जा रही थी और मामला हत्या तक पहुंच गया। हालांकि फरीदकोट पुलिस ने अभी तक इस मामले में सिर्फ रेकी करने वाले आरोपी ही काबू किए है, जबकि हत्या को अंजाम देने वाले शूटरों की तलाश जारी है। हाल ही फरीदकोट पुलिस ने संदिग्ध शूटरों के स्कैच भी जारी किए थे। पंजाब के फरीदकोट जिले में पंथक संगठनों से जुड़े नौजवान व वारिस पंजाब दे संस्था के पूर्व वित्त सचिव गुरप्रीत सिंह हरीनौ की हत्या मामले में पंजाब पुलिस ने डिब्रूगढ़ जेल में बंद श्री खडूर साहिब से निर्दलीय सांसद अमृतपाल सिंह व विदेश में बैठे गैंगस्टर अर्श डल्ला को भी नामजद किया हुआ है। इस केस में सांसद अमृतपाल सिंह का नाम सामने आने पर फरीदकोट से सांसद सरबजीत सिंह खालसा की प्रतिक्रिया सामने आई है। सांसद सरबजीत सिंह खालसा ने कहा कि इस मामले में निष्पक्ष व पारदर्शी ढंग से जांच होनी चाहिए और किसी बेकसूर को नहीं फंसाना चाहिए। सांसद खालसा ने कहा कि इस केस की बिना किसी भेदभाव से जांच होनी चाहिए और दोषी को सजा मिलनी चाहिए, लेकिन इस बात को भी ध्यान रखा जाए कि किसी बेकसूर को ना फंसाया जाएगा। सांसद अमृतपाल सिंह के पिता के साथ मिलकर राज्य में नई राजनीतिक पार्टी के गठन पर सांसद खालसा ने कहा कि इसके लिए जमीनी स्तर पर कार्य चल रहा है और जल्द ही पार्टी गठित की जाएगी। बता दें कि सांसद सरबजीत सिंह खालसा ने सोमवार को फरीदकोट जिले की कोटकपूरा अनाज मंडी का दौरा करके धान की खरीद कार्य का जायजा लेते हुए किसानों व मजदूरों से मुलाकात की थी और अधिकारियों से खरीद संबंधी जानकारी हासिल की। 9 अक्टूबर को हुई थी गुरप्रीत सिंह हरीनौ की हत्या अदाकार दीप सिद्धू द्वारा गठित वारिस पंजाब दे संस्था के संस्थापक सदस्यों में शामिल रहे गुरप्रीत सिंह हरीनौ की बीती 9 अक्टूबर को उनके पैतृक गांव हरीनौ में मोटरसाइकिल सवार शूटरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में जांच के बाद पुलिस ने हत्या से पहले गुरप्रीत सिंह की रेकी करने के आरोप में तीन नौजवानों को गिरफ्तार किया था, जबकि सांसद अमृतपाल सिंह व गैंगस्टर अर्श डल्ला को नामजद सिंह किया हुआ है। गुरप्रीत सिंह हरीनौ के परिवार का आरोप है कि दीप सिद्धू की मौत के बाद संस्था की कमान अमृतपाल सिंह ने संभाल ली थी जिसके बाद गुरप्रीत सिंह के अमृतपाल सिंह के साथ वैचारिक मतभेद हो गए थे और उसने संस्था से दूरी बनाकर ली थी। वैचारिक मतभेद पैदा होने के बाद अमृतपाल सिंह के समर्थकों द्वारा गुरप्रीत सिंह को धमकियां दी जा रही थी और मामला हत्या तक पहुंच गया। हालांकि फरीदकोट पुलिस ने अभी तक इस मामले में सिर्फ रेकी करने वाले आरोपी ही काबू किए है, जबकि हत्या को अंजाम देने वाले शूटरों की तलाश जारी है। हाल ही फरीदकोट पुलिस ने संदिग्ध शूटरों के स्कैच भी जारी किए थे।   पंजाब | दैनिक भास्कर