महाकुंभ से चर्चा में आईं हर्षा रिछारिया बुधवार को अयोध्या पहुंचीं। उन्होंने रामलला का आशीर्वाद लिया। उन्होंने कहा- अभी मेरा मंदिरों में दर्शन-पूजन का कार्यक्रम चल रहा है। हफ्तेभर में बड़ी घोषणा करने वाली हूं। रामलला के दरबार में हाजिरी लगा कर मैंने उनसे इसके लिए अनुमति भी मांग ली है। हर्षा ने कहा- अयोध्या और रामलला का दर्शन करके बहुत ही अच्छा लगा। अयोध्या भव्य और दिव्य नगरी है। रामलला का स्वरूप बहुत ही मनमोहक है। जाति के नाम पर बंटे लोग, एक करूंगी
हर्षा ने कहा- आने वाले दिनों में आप मुझे धर्म के मार्ग पर लगातार आगे बढ़ते हुए देखेंगे। मैं युवाओं को धर्म से जोड़ूंगी। अभी हम जातियों के आधार पर अलग-अलग बैठे हैं। इन सबको एक करके हम बड़े कार्यक्रम की घोषणा करेंगे। युवाओं पर रील अच्छा-खराब दोनों असर डाल रही
हर्षा रिछारिया ने कहा- रील और मोबाइल का समाज पर अच्छा और बुरा दोनों प्रभाव पड़ रहा है। कुछ युवा नशे और बॉलीवुड की बात करते हैं। वहीं, कुछ युवा ऐसे भी हैं जो रील और सोशल मीडिया के जरिए धर्म का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। कई रील और मोबाइल के जरिए निगेटिविटी की तरफ जा रहे हैं। हम उन्हें पॉजिटिव करने का प्रयास करेंगे। 9 दिन पहले सुसाइड की धमकी दी थी हर्षा रिछारिया ने 9 दिन पहले यानी 25 फरवरी की शाम सोशल मीडिया पर 2 मिनट 13 सेकेंड का वीडियो जारी किया था। इसमें सुसाइड की धमकी दी थी। उन्होंने रोते हुए कहा था- कुछ धर्म विरोधी लोग AI से मेरे वीडियो एडिट कर बदनाम कर रहे हैं। मुझे महादेव ने जिस हद तक हिम्मत दी है। उस हद तक मैं लड़ूंगी। मैं सामना करूंगी, लेकिन जिस दिन मैं टूट गई, उस दिन सबका नाम लिखकर जान दे दूंगी। हर्षा ने कहा- मैंने महाकुंभ से प्रतिज्ञा ली थी कि हिंदुत्व के लिए काम करूंगी। युवाओं को जागरूक करूंगी। धर्म संस्कृति को आगे बढ़ाने का काम करूंगी, लेकिन कुछ धर्म विरोधी लोग रात-दिन मुझे आगे बढ़ने से रोक रहे हैं। मुझे बहुत सारे मैसेज और मेल मिल रहे हैं। मैंने ऐसा नहीं बोला कि मैं साध्वी हूं…
हर्षा ने कहा- पहले मेरे पुराने वीडियो को वायरल किया गया। मेरी ही पहचान के लोगों ने ऐसा कराया। वीडियो में दिखाया कि ये क्या थी, अब कैसे साध्वी हो सकती है। मैं बता दूं कि मैंने कभी ऐसा नहीं बोला कि मैं साध्वी हूं। मेरा एक प्रोफेशन था, जिसमें मैं काम करती थी। फिर ये लोग इस हद तक उतर आए हैं कि AI से फेक वीडियो एडिट कराए। पिछले 10-15 दिनों से सर्कुलेट करा रहे हैं। रोज 25-30 मैसेज आ रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि आपके फेक वीडियो सर्कुलेट किए जा रहे हैं। आपकी बदनामी हो रही है। ऐसा करने वालों पर एक्शन लीजिए। मैं अपने फैसले पर अडिग हूं। जब तक मेरी सांसें चलेंगी। मैं सनातन धर्म के लिए काम करूंगी। लेकिन कुछ लोगों से एक लड़की का आगे बढ़ना नहीं देखा जा रहा। इनके नाम मेरे पास आ चुके हैं। किसी भी सुबह अगर ये पता चलता है कि हर्षा रिछारिया ने सुसाइड कर लिया तो मेरे पास सबके नाम हैं। मैं सारे नाम लिखकर जाऊंगी, किसने मेरे साथ क्या किया। पेशवाई के रथ पर बैठीं, ट्रोलर्स के निशाने पर आई थीं हर्षा
4 जनवरी को महाकुंभ के लिए निरंजनी अखाड़े की पेशवाई निकली थी। उस वक्त 30 साल की मॉडल हर्षा रिछारिया संतों के साथ रथ पर बैठी नजर आई थीं। पेशवाई के दौरान हर्षा रिछारिया से पत्रकारों ने साध्वी बनने पर सवाल किया था। इस पर हर्षा ने बताया था कि मैंने सुकून की तलाश में यह जीवन चुना है। मैंने वह सब छोड़ दिया, जो मुझे आकर्षित करता था। इसके बाद हर्षा सुर्खियों में आ गईं। वह ट्रोलर्स के भी निशाने पर हैं। मीडिया चैनल ने उन्हें ‘सुंदर साध्वी’ का नाम भी दे दिया। इसके बाद हर्षा फिर से मीडिया के सामने आईं। कहा- मैं साध्वी नहीं हूं। मैं केवल दीक्षा ग्रहण कर रही हूं। इसी बीच आनंद स्वरूप महाराज ने वीडियो जारी किया। कहा- पेशवाई के दौरान मॉडल को रथ पर बैठाना उचित नहीं है। इससे समाज में गलत संदेश फैलता है। धर्म को प्रदर्शन का हिस्सा बनाना खतरनाक है। साधु-संतों को इससे बचना चाहिए, नहीं तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। इसके बाद जमकर वार-पलटवार हुआ था। 20 जनवरी को हर्षा रिछारिया ने कैलाशानंद महाराज का पंडाल छोड़ दिया था। वह अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी के संरक्षण में रह रही थीं। हर्षा ने रविंद्र पुरी को अपना पिता बताया था। रविंद्र पुरी ने भी चुनरी ओढ़ाकर हर्षा रिछारिया का स्वागत किया था। उत्तराखंड में रहती हैं हर्षा, इंस्टाग्राम पर 10 लाख फॉलोअर्स
हर्षा मूलरूप से मध्य प्रदेश के भोपाल की रहने वाली हैं, लेकिन उत्तराखंड में रहती हैं। महाकुंभ में वह पीले वस्त्र, रुद्राक्ष माला और माथे पर तिलक लगाए नजर आई थीं। हर्षा रिछारिया के इंस्टाग्राम पर 10 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। वह इंस्टाग्राम पर धार्मिक और आध्यात्मिक विषयों से जुड़े कंटेंट साझा करती हैं। —————————- यह खबरें भी पढ़ें… हर्षा बोली- मर्यादा नहीं तोड़ी, फिर विरोध क्यों: मैं संत नहीं, लोगों ने साध्वी समझकर छुए पैर; मैंने रोकने की कोशिश की सुसाइड की धमकीभरा वीडियो सामने आने के बाद दैनिक भास्कर ने भोपाल की रहने वाली हर्षा से बात की। हर्षा ने बताया- भोपाल के उनके दोस्तों ने ही उनकी इमेज खराब करने की कोशिश की है। इनके खिलाफ स्टेट साइबर सेल में शिकायत की है। वो लोग कौन हैं? उनके नाम बताने से हर्षा ने इनकार कर दिया। महाकुंभ में जिन संतों से मिलीं, वो मेरा विरोध करने लग गए। मैं तो उनकी बेटी जैसी थी। मैंने न तो वहां किसी मर्यादा का उल्लंघन किया न ही कुछ गलत बोला। मैं संत नहीं, लोगों ने साध्वी समझकर मेरे पैर छुए। मैंने उन्हें रोकने की कोशिश की… पढ़िए पूरी बातचीत… महाकुंभ से चर्चा में आईं हर्षा रिछारिया बुधवार को अयोध्या पहुंचीं। उन्होंने रामलला का आशीर्वाद लिया। उन्होंने कहा- अभी मेरा मंदिरों में दर्शन-पूजन का कार्यक्रम चल रहा है। हफ्तेभर में बड़ी घोषणा करने वाली हूं। रामलला के दरबार में हाजिरी लगा कर मैंने उनसे इसके लिए अनुमति भी मांग ली है। हर्षा ने कहा- अयोध्या और रामलला का दर्शन करके बहुत ही अच्छा लगा। अयोध्या भव्य और दिव्य नगरी है। रामलला का स्वरूप बहुत ही मनमोहक है। जाति के नाम पर बंटे लोग, एक करूंगी
हर्षा ने कहा- आने वाले दिनों में आप मुझे धर्म के मार्ग पर लगातार आगे बढ़ते हुए देखेंगे। मैं युवाओं को धर्म से जोड़ूंगी। अभी हम जातियों के आधार पर अलग-अलग बैठे हैं। इन सबको एक करके हम बड़े कार्यक्रम की घोषणा करेंगे। युवाओं पर रील अच्छा-खराब दोनों असर डाल रही
हर्षा रिछारिया ने कहा- रील और मोबाइल का समाज पर अच्छा और बुरा दोनों प्रभाव पड़ रहा है। कुछ युवा नशे और बॉलीवुड की बात करते हैं। वहीं, कुछ युवा ऐसे भी हैं जो रील और सोशल मीडिया के जरिए धर्म का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। कई रील और मोबाइल के जरिए निगेटिविटी की तरफ जा रहे हैं। हम उन्हें पॉजिटिव करने का प्रयास करेंगे। 9 दिन पहले सुसाइड की धमकी दी थी हर्षा रिछारिया ने 9 दिन पहले यानी 25 फरवरी की शाम सोशल मीडिया पर 2 मिनट 13 सेकेंड का वीडियो जारी किया था। इसमें सुसाइड की धमकी दी थी। उन्होंने रोते हुए कहा था- कुछ धर्म विरोधी लोग AI से मेरे वीडियो एडिट कर बदनाम कर रहे हैं। मुझे महादेव ने जिस हद तक हिम्मत दी है। उस हद तक मैं लड़ूंगी। मैं सामना करूंगी, लेकिन जिस दिन मैं टूट गई, उस दिन सबका नाम लिखकर जान दे दूंगी। हर्षा ने कहा- मैंने महाकुंभ से प्रतिज्ञा ली थी कि हिंदुत्व के लिए काम करूंगी। युवाओं को जागरूक करूंगी। धर्म संस्कृति को आगे बढ़ाने का काम करूंगी, लेकिन कुछ धर्म विरोधी लोग रात-दिन मुझे आगे बढ़ने से रोक रहे हैं। मुझे बहुत सारे मैसेज और मेल मिल रहे हैं। मैंने ऐसा नहीं बोला कि मैं साध्वी हूं…
हर्षा ने कहा- पहले मेरे पुराने वीडियो को वायरल किया गया। मेरी ही पहचान के लोगों ने ऐसा कराया। वीडियो में दिखाया कि ये क्या थी, अब कैसे साध्वी हो सकती है। मैं बता दूं कि मैंने कभी ऐसा नहीं बोला कि मैं साध्वी हूं। मेरा एक प्रोफेशन था, जिसमें मैं काम करती थी। फिर ये लोग इस हद तक उतर आए हैं कि AI से फेक वीडियो एडिट कराए। पिछले 10-15 दिनों से सर्कुलेट करा रहे हैं। रोज 25-30 मैसेज आ रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि आपके फेक वीडियो सर्कुलेट किए जा रहे हैं। आपकी बदनामी हो रही है। ऐसा करने वालों पर एक्शन लीजिए। मैं अपने फैसले पर अडिग हूं। जब तक मेरी सांसें चलेंगी। मैं सनातन धर्म के लिए काम करूंगी। लेकिन कुछ लोगों से एक लड़की का आगे बढ़ना नहीं देखा जा रहा। इनके नाम मेरे पास आ चुके हैं। किसी भी सुबह अगर ये पता चलता है कि हर्षा रिछारिया ने सुसाइड कर लिया तो मेरे पास सबके नाम हैं। मैं सारे नाम लिखकर जाऊंगी, किसने मेरे साथ क्या किया। पेशवाई के रथ पर बैठीं, ट्रोलर्स के निशाने पर आई थीं हर्षा
4 जनवरी को महाकुंभ के लिए निरंजनी अखाड़े की पेशवाई निकली थी। उस वक्त 30 साल की मॉडल हर्षा रिछारिया संतों के साथ रथ पर बैठी नजर आई थीं। पेशवाई के दौरान हर्षा रिछारिया से पत्रकारों ने साध्वी बनने पर सवाल किया था। इस पर हर्षा ने बताया था कि मैंने सुकून की तलाश में यह जीवन चुना है। मैंने वह सब छोड़ दिया, जो मुझे आकर्षित करता था। इसके बाद हर्षा सुर्खियों में आ गईं। वह ट्रोलर्स के भी निशाने पर हैं। मीडिया चैनल ने उन्हें ‘सुंदर साध्वी’ का नाम भी दे दिया। इसके बाद हर्षा फिर से मीडिया के सामने आईं। कहा- मैं साध्वी नहीं हूं। मैं केवल दीक्षा ग्रहण कर रही हूं। इसी बीच आनंद स्वरूप महाराज ने वीडियो जारी किया। कहा- पेशवाई के दौरान मॉडल को रथ पर बैठाना उचित नहीं है। इससे समाज में गलत संदेश फैलता है। धर्म को प्रदर्शन का हिस्सा बनाना खतरनाक है। साधु-संतों को इससे बचना चाहिए, नहीं तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। इसके बाद जमकर वार-पलटवार हुआ था। 20 जनवरी को हर्षा रिछारिया ने कैलाशानंद महाराज का पंडाल छोड़ दिया था। वह अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी के संरक्षण में रह रही थीं। हर्षा ने रविंद्र पुरी को अपना पिता बताया था। रविंद्र पुरी ने भी चुनरी ओढ़ाकर हर्षा रिछारिया का स्वागत किया था। उत्तराखंड में रहती हैं हर्षा, इंस्टाग्राम पर 10 लाख फॉलोअर्स
हर्षा मूलरूप से मध्य प्रदेश के भोपाल की रहने वाली हैं, लेकिन उत्तराखंड में रहती हैं। महाकुंभ में वह पीले वस्त्र, रुद्राक्ष माला और माथे पर तिलक लगाए नजर आई थीं। हर्षा रिछारिया के इंस्टाग्राम पर 10 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। वह इंस्टाग्राम पर धार्मिक और आध्यात्मिक विषयों से जुड़े कंटेंट साझा करती हैं। —————————- यह खबरें भी पढ़ें… हर्षा बोली- मर्यादा नहीं तोड़ी, फिर विरोध क्यों: मैं संत नहीं, लोगों ने साध्वी समझकर छुए पैर; मैंने रोकने की कोशिश की सुसाइड की धमकीभरा वीडियो सामने आने के बाद दैनिक भास्कर ने भोपाल की रहने वाली हर्षा से बात की। हर्षा ने बताया- भोपाल के उनके दोस्तों ने ही उनकी इमेज खराब करने की कोशिश की है। इनके खिलाफ स्टेट साइबर सेल में शिकायत की है। वो लोग कौन हैं? उनके नाम बताने से हर्षा ने इनकार कर दिया। महाकुंभ में जिन संतों से मिलीं, वो मेरा विरोध करने लग गए। मैं तो उनकी बेटी जैसी थी। मैंने न तो वहां किसी मर्यादा का उल्लंघन किया न ही कुछ गलत बोला। मैं संत नहीं, लोगों ने साध्वी समझकर मेरे पैर छुए। मैंने उन्हें रोकने की कोशिश की… पढ़िए पूरी बातचीत… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
हर्षा रिछारिया बोलीं- हफ्ते भर में बड़ा ऐलान करूंगी:रामलला का आशीर्वाद लेकर अनुमति मांग ली है, जाति के नाम पर बंटे लोगों को एक करेंगे
