हिसार के हांसी उपमंडल के गांव चैनत के किसान दंपती ने देशभक्ति की मिसाल पेश की है। गांव चैनत के 50 वर्षीय किसान बलजीत सिंह अपनी पत्नी नीलम के साथ शुक्रवार रात 9 बजे जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के लिए रवाना हो गए। शुक्रवार रात 9 बजे हांसी के हिसार चुंगी पर स्थित शहीद निशांत मलिक की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने के बाद, दोनों पति-पत्नी अपने निजी वाहन से पहलगाम के लिए रवाना हो गए। बलजीत सिंह का कहना है कि वह बॉर्डर पर जाकर देश की रक्षा में योगदान देना चाहते हैं और आतंकवादियों से लोहा लेने को पूरी तरह तैयार हैं। रवाना होते वक्त बलजीत सिंह ने कहा, “जब देश को जरूरत है, तो किसान ही क्यों न सही, हर नागरिक को तैयार रहना चाहिए। अब वक्त है कि हम अपने खेतों से निकलकर देश की सीमाओं पर खड़े हों।” उनकी पत्नी ने भी हौसले से कदम बढ़ाए और कहा कि जब पति देश सेवा के लिए तैयार हैं, तो वह भी हर कदम पर साथ देने को तैयार हैं। भारतीय एयरफोर्स में है बलजीत का बेटा और दामाद पहलगाम में हुए आतंकवादियों के हमले के बाद चानौत गांव निवासी बलजीत और उनकी पत्नी नीलम को ठेस पहुंची है। बलजीत और नीलम का बेटा भारतीय एयरफोर्स में तैनात है और उनकी बेटी का पति भी भारतीय एयरफोर्स में तैनात है। शुक्रवार रात को दोनों दंपती गांव से पहलगाम के लिए रवाना हुए। उन्होंने हांसी पहुंचकर बलिदानी निशांत मलिक चौक पर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने बताया कि अब दोनों पति-पत्नी अपने साथ कैंडल लेकर पहलगाम जाएंगे। वहां पर कैंडल मार्च कर इस हमले में प्राण देने वाले लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद वे बार्डर पर जाकर इस कायराना हमले के लिए आवाज उठाएंगे। यदि इन सब में दोनों को जान भी देनी पड़ी तो वो देश के लिए सबसे पहले अपने प्राणों की आहुति देने का काम करेंगे। हिसार के हांसी उपमंडल के गांव चैनत के किसान दंपती ने देशभक्ति की मिसाल पेश की है। गांव चैनत के 50 वर्षीय किसान बलजीत सिंह अपनी पत्नी नीलम के साथ शुक्रवार रात 9 बजे जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के लिए रवाना हो गए। शुक्रवार रात 9 बजे हांसी के हिसार चुंगी पर स्थित शहीद निशांत मलिक की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने के बाद, दोनों पति-पत्नी अपने निजी वाहन से पहलगाम के लिए रवाना हो गए। बलजीत सिंह का कहना है कि वह बॉर्डर पर जाकर देश की रक्षा में योगदान देना चाहते हैं और आतंकवादियों से लोहा लेने को पूरी तरह तैयार हैं। रवाना होते वक्त बलजीत सिंह ने कहा, “जब देश को जरूरत है, तो किसान ही क्यों न सही, हर नागरिक को तैयार रहना चाहिए। अब वक्त है कि हम अपने खेतों से निकलकर देश की सीमाओं पर खड़े हों।” उनकी पत्नी ने भी हौसले से कदम बढ़ाए और कहा कि जब पति देश सेवा के लिए तैयार हैं, तो वह भी हर कदम पर साथ देने को तैयार हैं। भारतीय एयरफोर्स में है बलजीत का बेटा और दामाद पहलगाम में हुए आतंकवादियों के हमले के बाद चानौत गांव निवासी बलजीत और उनकी पत्नी नीलम को ठेस पहुंची है। बलजीत और नीलम का बेटा भारतीय एयरफोर्स में तैनात है और उनकी बेटी का पति भी भारतीय एयरफोर्स में तैनात है। शुक्रवार रात को दोनों दंपती गांव से पहलगाम के लिए रवाना हुए। उन्होंने हांसी पहुंचकर बलिदानी निशांत मलिक चौक पर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने बताया कि अब दोनों पति-पत्नी अपने साथ कैंडल लेकर पहलगाम जाएंगे। वहां पर कैंडल मार्च कर इस हमले में प्राण देने वाले लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद वे बार्डर पर जाकर इस कायराना हमले के लिए आवाज उठाएंगे। यदि इन सब में दोनों को जान भी देनी पड़ी तो वो देश के लिए सबसे पहले अपने प्राणों की आहुति देने का काम करेंगे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
