हापुड़ में मोनाड विश्वविद्यालय पर STF की बड़ी कार्रवाई:फर्जी डिग्री घोटाले का पर्दाफाश, चेयरमैन सहित दर्जनभर हिरासत में

उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) लखनऊ मुख्यालय की टीम ने आज मोनाड विश्वविद्यालय, हापुड़ में बड़ी कार्रवाई की है। एसटीएफ ने छापा मारकर भारी मात्रा में फर्जी अंकपत्र, डिग्रियाँ और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए हैं। इस सनसनीखेज मामले में विश्वविद्यालय के चेयरमैन विजेंद्र सिंह हुड्डा सहित लगभग एक दर्जन लोगों को हिरासत में लिया गया है। विजेंद्र सिंह हुड्डा पहले भी कुख्यात बाइक बोट घोटाले का मास्टरमाइंड रह चुका है। एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि एक प्रार्थना पत्र की जांच के दौरान एसटीएफ की टीम ने विश्वविद्यालय परिसर में गहन तलाशी अभियान चलाया, जिसमें फर्जी शैक्षणिक दस्तावेजों का जखीरा बरामद हुआ। वहीं सूत्रों का कहना है कि ये फर्जी डिग्रियाँ और अंकपत्र विभिन्न राज्यों में बेचे जा रहे थे, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का खुलासा हुआ है। प्रारंभिक जाँच में पता चला है कि यह गिरोह संगठित तरीके से लंबे समय से इस अवैध कारोबार को संचालित कर रहा था। विजेंद्र सिंह हुड्डा का आपराधिक इतिहास हिरासत में लिए गए मुख्य अभियुक्त विजेंद्र सिंह हुड्डा का नाम पहले भी बाइक बोट घोटाले में सामने आ चुका है, जिसमें हजारों निवेशकों के करोड़ों रुपये की ठगी का आरोप है। इस घोटाले में उनकी संलिप्तता के बाद उनकी गिरफ्तारी और अब फर्जी डिग्री मामले में नाम आने से उनके आपराधिक नेटवर्क की गहराई का अंदाजा लगाया जा सकता है। एसटीएफ हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ कर रही है ताकि इस रैकेट के पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सके। उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) लखनऊ मुख्यालय की टीम ने आज मोनाड विश्वविद्यालय, हापुड़ में बड़ी कार्रवाई की है। एसटीएफ ने छापा मारकर भारी मात्रा में फर्जी अंकपत्र, डिग्रियाँ और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए हैं। इस सनसनीखेज मामले में विश्वविद्यालय के चेयरमैन विजेंद्र सिंह हुड्डा सहित लगभग एक दर्जन लोगों को हिरासत में लिया गया है। विजेंद्र सिंह हुड्डा पहले भी कुख्यात बाइक बोट घोटाले का मास्टरमाइंड रह चुका है। एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि एक प्रार्थना पत्र की जांच के दौरान एसटीएफ की टीम ने विश्वविद्यालय परिसर में गहन तलाशी अभियान चलाया, जिसमें फर्जी शैक्षणिक दस्तावेजों का जखीरा बरामद हुआ। वहीं सूत्रों का कहना है कि ये फर्जी डिग्रियाँ और अंकपत्र विभिन्न राज्यों में बेचे जा रहे थे, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का खुलासा हुआ है। प्रारंभिक जाँच में पता चला है कि यह गिरोह संगठित तरीके से लंबे समय से इस अवैध कारोबार को संचालित कर रहा था। विजेंद्र सिंह हुड्डा का आपराधिक इतिहास हिरासत में लिए गए मुख्य अभियुक्त विजेंद्र सिंह हुड्डा का नाम पहले भी बाइक बोट घोटाले में सामने आ चुका है, जिसमें हजारों निवेशकों के करोड़ों रुपये की ठगी का आरोप है। इस घोटाले में उनकी संलिप्तता के बाद उनकी गिरफ्तारी और अब फर्जी डिग्री मामले में नाम आने से उनके आपराधिक नेटवर्क की गहराई का अंदाजा लगाया जा सकता है। एसटीएफ हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ कर रही है ताकि इस रैकेट के पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सके।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर