अमृतसर | भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुघ से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनके दिल्ली स्थित आवास पर शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच दिल्ली में चल रहे चुनावों को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा हुई। चुग ने पुष्कर सिंह धामी को अमृतसर के पवित्र स्वर्ण मंदिर की प्रतिकृति भेंट स्वरूप दी और साथ ही अपनी लिखित पुस्तक “जीत मोदी शासन की’ भी उन्हें भेंट की। चुघ ने कहा कि यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में हुए अभूतपूर्व बदलावों और विकास कार्यों की कहानी को विस्तार से दर्शाती है। इस अवसर पर चुघ ने जोड़ा कि उत्तराखंड में मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में हो रहे जनकल्याणकारी कार्य प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा की ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ की नीति का प्रमाण हैं। जिस प्रकार उत्तराखंड की जनता ने डबल इंजन की सरकार पर विश्वास जताया उसी प्रकार दिल्ली की जनता भी डबल इंजन की सरकार चुनेगी। अमृतसर | भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुघ से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनके दिल्ली स्थित आवास पर शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच दिल्ली में चल रहे चुनावों को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा हुई। चुग ने पुष्कर सिंह धामी को अमृतसर के पवित्र स्वर्ण मंदिर की प्रतिकृति भेंट स्वरूप दी और साथ ही अपनी लिखित पुस्तक “जीत मोदी शासन की’ भी उन्हें भेंट की। चुघ ने कहा कि यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में हुए अभूतपूर्व बदलावों और विकास कार्यों की कहानी को विस्तार से दर्शाती है। इस अवसर पर चुघ ने जोड़ा कि उत्तराखंड में मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में हो रहे जनकल्याणकारी कार्य प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा की ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ की नीति का प्रमाण हैं। जिस प्रकार उत्तराखंड की जनता ने डबल इंजन की सरकार पर विश्वास जताया उसी प्रकार दिल्ली की जनता भी डबल इंजन की सरकार चुनेगी। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
जगराओं में एक्सीडेंट में 2 छात्रों की मौत:कोहरे के कारण हुआ हादसा, ट्रैक्टर ने मारी बाइक में टक्कर, गांव लौट रहे थे दोनों
जगराओं में एक्सीडेंट में 2 छात्रों की मौत:कोहरे के कारण हुआ हादसा, ट्रैक्टर ने मारी बाइक में टक्कर, गांव लौट रहे थे दोनों लुधियाना के जगराओं में आज सुबह घने कोहरे के कारण गांव मोही के पास हुए जबरदस्त सड़क हादसे में दो छात्रों की मौत हो गई है। मृतकों की पहचान नवदीप सिंह पुत्र रणजीत सिंह (15 वर्ष) और हरसिमरन सिंह पुत्र अमरजीत सिंह (16 वर्ष) के रूप में हुई है। दोनों छात्र खालसा सीनियर सेकेंडरी स्कूल में ग्यारहवीं कक्षा में पढ़ते थे। बाइकों के उड़े परखच्चे जानकारी के अनुसार, एक छात्र हरसिमरन अपनी बहन को छोड़ने के लिए हलवारा में स्कूल में गया, जबकि नवदीप सिंह घरेलू काम बाहर निकला था। इस दौरान दोनों रास्ते में दोनों मिल गए।दोनों अपनी-अपनी बाइक पर सवार होकर वापस गांव लौट रहे थे। जब वह गांव के निकट पहुंचे तो सामने से आ रहे ट्रैक्टर ट्रॉली ने जोरदार टक्कर मार दी। इस हादसे में दोनों छात्रों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसा इतना भयानक था कि छात्रों की मोटरसाइकिलों के परखच्चे उड़ गए। हादसा घनी धुंध के कारण हुआ बताया जा रहा है। घटना के बाद पूरे गांव में शोक की लहर फैल गई है। दोनों छात्र पक्के दोस्त थे सड़क हादसे में मरे दोनों युवक एक ही कक्षा में पढ़ने के साथ साथ दोनों पक्के दोस्त भी थे। छात्रों की मौत के बाद गांव में शोक की लहर दौड़ गई। वहीं घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने शवों का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिए हैं। मृतक हरसिमरन के पिता की मौत हो चुकी है, जिसके चलते उसकी मां, बेटे के सहारे मुश्किल से घर का गुजारा करती थी।
बीडीएस काउंसिलिंग : दूसरे राउंड की रजिस्ट्रेशन आज से शुरू होगी
बीडीएस काउंसिलिंग : दूसरे राउंड की रजिस्ट्रेशन आज से शुरू होगी भास्कर न्यूज | जालंधर ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) ने पीजी स्टूडेंट्स को मिलने वाली स्कॉलरशिप के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इस स्कॉलरशिप के लिए मास्टर्स इन इंजीनियरिंग, एमटेक, मास्टर्स इन फार्मा, मास्टर्स आर्किटेक्चर और मास्टर्स डिजाइन में पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहे स्टूडेंट्स आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। योग्य स्टूडेंट्स को आवेदन करने का 30 नवंबर तक का समय मिलेगा। इस दौरान स्टूडेंट्स की आईडी संस्थान द्वारा बनाई जा सकती है और स्टूडेंट द्वारा एप्लीकेशन की सबमिशन की जा सकती है। उम्मीदवारों को https://pg scholars hip.aicteind ia.org/ पर जाकर इसके लिए अप्लाई करना होगा। जबकि संस्थान को इस ऑनलाइन एप्लीकेशन को प्रोसेस करने के लिए 15 दिसंबर तक का समय दिया गया है। स्टूडेंट्स का बैंक अकाउंट आधार कार्ड से लिंक होना जरूरी है। एआईसीटीई पीजी स्कॉलरशिप सीधे स्टूडेंट्स के अकाउंट में भेजी जाती है। स्कॉलरशिप के लिए फर्स्ट इयर के स्टूडेंट्स आवेदन कर सकते हैं। जिनके पास गेट, जीपैट, सीईईडी स्कोर कार्ड भी हो। आवेदन के बाद लिए यूनिक आईडी मिलेगी। स्टूडेंट्स को सभी ओरिजिनल डॉक्यूमेंट्स को स्कैन करना होगा। साथ ही गेट, जीपैट, सीईईडी स्कोर कार्ड की भी कॉपी स्कैन कर अपलोड करनी होगी। उन्हीं अकाउंट्स को मान्य माना जाएगा जो आधार कार्ड से लिंक होंगे। स्कॉलरशिप के तहत स्टूडेंट्स को 12400 रुपए प्रति महीने की स्कॉलरशिप दी जाएगी। यह स्कॉलरशिप स्टूडेंट्स को उनके पीजी कोर्स के दौरान दी जाएगी। हालांकि ऐसे स्टूडेंट्स जो कि पांच साल के यूजी-पीजी इंटीग्रेटेड कोर्स कर रहे हैं, उन्हें यह छात्रवृत्ति सिर्फ अंतिम साल यानी 9वें व 10वें सेमेस्टर में ही दी जाएगी। वहीं इस एआईसीटीई गेट छात्रवृत्ति के तहत लाभार्थियों को संस्थान द्वारा सौंपे गए आठ से दस घंटे के शिक्षण और शोध कार्य करना अनिवार्य है। संस्थान में आवेदन अप्रूव होने पर ही अगला प्रोसेस होगा शुरू बैंक अकाउंट में इस बात का ख्याल रखना होगा कि अकाउंट जनधन अकाउंट न हो, साथ ही जिस अकाउंट में ट्रांजेक्शन और क्रेडिट की लिमिट हो या जॉइंट अकाउंट हो उसकी भी अनुमति नहीं होगी। कोर्स के दौरान इस अकाउंट को बंद नहीं किया जा सकता या शिफ्ट नहीं करवाया जा सकता। इस स्कॉलरशिप के लिए आवेदन करने के बाद संस्थान द्वारा आवेदन अप्रूव किया जाएगा जिसके बाद एआईसीटीई द्वारा आवेदन को अप्रूव किया जाएगा। स्कॉलरशिप हर महीने दी जाएगी और अटेंडेंस अप्रूवल के बाद ही ये स्कॉलरशिप हासिल होगी।। बीडीएस काउंसलिंग के लिए सेकंड राउंड की रजिस्ट्रेशन आज से 10 सितंबर तक होंगे। सीट अलॉटमेंट का रिजल्ट 13 सितंबर को आएगा। वहीं रिपोर्टिंग व जॉइनिंग 14 से 20 सितंबर तक होगी। जिन उम्मीदवारों ने एमबीबीएस, बीडीएस काउंसलिंग के पहले राउंड के लिए रजिस्ट्रेशन किया था और उन्हें कोई सीट आवंटित नहीं हुई, या फिर उन्होंने आवंटित सीट पर रिपोर्ट नहीं किया, उनके लिए फिर से इसके िलए रजिस्ट्रेशन करना जरूरी नहीं होगा।
कनाडा में गिरफ्तार अर्श डल्ला पर भारत में 70 FIR:बदमाश की हत्या कर मोस्ट वांटेड गैंगस्टर-आतंकी बना, राजस्थानी लड़की से पेपर मैरिज कर फरार
कनाडा में गिरफ्तार अर्श डल्ला पर भारत में 70 FIR:बदमाश की हत्या कर मोस्ट वांटेड गैंगस्टर-आतंकी बना, राजस्थानी लड़की से पेपर मैरिज कर फरार खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप सिंह गिल उर्फ अर्श डल्ला इस वक्त पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। ऐसा इसलिए, क्योंकि कनाडा के हॉल्टन में हुई शूटिंग के मामले में उसकी गिरफ्तारी की चर्चा है। हालांकि, इसकी पुष्टि किसी ने नहीं की। अर्श डल्ला आखिरकार है कौन, जिसने भारत सरकार और पंजाब सरकार का सिर दर्द बढ़ाया हुआ है? कैसे गैंगस्टर बना? कैसे विदेश भागा और परिवार क्या करता है? गिरफ्तारी की चर्चा के बाद ये सभी सवाल लोगों के दिमाग में उठ रहे हैं। मोटी-मोटी जानकारी है कि डल्ला ने एक बदमाश की हत्या कर उसकी ID से मोगा से करोड़ों की उगाही की। फिर विदेश में रह रही एक राजस्थानी लड़की के साथ पेपर मैरिज कर विदेश भाग गया और वहां जाकर खालिस्तानी आतंकी संगठनों के साथ जुड़ गया। देश में 70 से ज्यादा केसों में वांटेड 28 साल का अर्श डल्ला शुरू से क्रिमिनल नहीं था, लेकिन आज भारत के मोस्ट वांटेड क्रिमिनल्स में डल्ला का भी नाम आता है। सुरक्षा एजेंसियों ने उसके घर सहित अन्य प्रॉपर्टियां अटैच की हुई हैं। सिलसिलेवार जानिए, अर्श डल्ला कैसे बना भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी… खेती करते थे डल्ला के पिता
पंजाब पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद उसका आतंकी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) अर्श डल्ला ही चला रहा है। डल्ला का जन्म 1996 में मोगा के गांव डाला में हुआ था। उसके पिता चरणजीत सिंह गिल एक आम किसान थे, जोकि ठेके पर जमीन लेकर खेती करते थे। डल्ला शुरू से आपराधिक संगत में नहीं था। आर्थिक तंगी से प्राइवेट स्कूल छोड़ा
अर्श डल्ला ने अपनी 10वीं तक की पढ़ाई मोगा के सेक्रेड हार्ट स्कूल से की। उसका छोटा भाई भी उसके साथ पढ़ता था। आर्थिक तंगी के चलते 10वीं के बाद 12वीं तक की पढ़ाई डल्ला ने अपने गांव के ही सरकारी स्कूल से की। दोस्तों के साथ झगड़ा करने पर पहली FIR हुई
12वीं के बाद अर्श डल्ला ने भारत में पढ़ाई नहीं की। इस दौरान डल्ला की संगत बुरी हुई तो उसके लड़ाई-झगड़े भी होने लगे। पहली बार अर्श ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर मोगा में एक झगड़ा किया था, जिसमें पुलिस ने केस दर्ज कर लिया था। इसके बाद डल्ला ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। विदेश से लौट मोगा में की गैंगस्टर सुक्खा लम्मा की हत्या
परिवार ने अर्श को किसी तरह से विदेश भेज दिया। जब विदेश गया तो उसकी मोगा के बदमाश सुक्खा लम्मा के साथ किसी बात को लेकर दुश्मनी हो गई। इसके बाद वह विदेश से भारत लौट आया और उसने सुक्खा लम्मा की अपने साथियों के साथ मिलकर हत्या कर दी। सुक्खा अपने एरिया में काफी प्रभाव रखता था। यह पहली हत्या थी, जोकि अर्श द्वारा की गई थी। डल्ला ने लम्मा की हत्या के बाद उसके सोशल मीडिया अकाउंट से कई लोगों से उगाही की और फिरौतियां मांगीं। लम्मा का नाम सुनकर लोगों ने फिरौतियां दी भी। साल 2020 में ही डल्ला दोबारा विदेश भाग गया था। इसके बाद कनाडा से मोगा के चर्चित कारोबारी सुपर शाइन जींस शोरूम के मालिक जितेंद्र उर्फ पिंका (45) की गोली मारकर हत्या करवाई गई थी। इसकी जिम्मेदारी गैंगस्टर सुखप्रीत सिंह लम्मा ने फेसबुक पर ली गई थी। जांच में पता चला कि हत्या अर्श ने करवाई थी, लेकिन जिम्मेदारी लम्मा के अकाउंट से ली गई। राजस्थान की लड़की से पेपर मैरिज कर भागा विदेश
सुक्खा की हत्या के बाद डल्ला की मोगा में दुश्मनी बढ़ गई थी। इसके बाद डल्ला ने उगाही के पैसों से विदेश भागने का प्लान बनाया। विदेश भागने में उसकी मदद खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के गुर्गों ने की थी। उसने राजस्थान की एक लड़की से पेपर मैरिज की और जालंधर से एक फेक पासपोर्ट बनवाया। पेपर मैरिज के प्रूफ लगाकर वह किसी तरह कनाडा भाग गया और सरे में जाकर शरण ले ली। कनाडा पहुंचते ही वह खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के संपर्क में आ गया था। बाद में कनाडा के सरे में ही अर्श डल्ला की एक बेटी हुई। वहां से डल्ला ने एक-एक कर पूरे देश में वारदातें करवानी शुरू कीं। इस दौरान अर्श के भाई बलदीप सिंह की भी गिरफ्तारी हुई। जब बलदीप सिंह जमानत पर लौटा तो वह अपनी मां के साथ कनाडा भाग गया और वहां से कभी नहीं लौटा। डल्ला का पिता मोगा में लोगों को धमकाकर मांगता था फिरौती
पंजाब पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, आतंकी अर्श डल्ला जब विदेश भागा और पूरे देश में उसका नाम टॉप मोस्ट गैंगस्टरों में आने लगा तो उसके पिता चरणजीत सिंह गिल ने इसका फायदा उठाना शुरू कर दिया। चरणजीत सिंह ने मोगा और आसपास के रसूकदारों से उगाही करनी शुरू कर दी। इस बारे में जब पंजाब पुलिस को पता चला तो चरणजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। उसकी गिरफ्तारी के बाद उसे जेल भेजा गया और वह इस वक्त पंजाब की संगरूर जेल में बंद है। पंजाब पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, पूरे देश में डल्ला पर करीब 70 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। इनमें सबसे ज्यादा केस पंजाब में दर्ज हैं, जिसकी गिनती 50 है। केंद्र सरकार ने 2022 में डल्ला को आतंकी घोषित किया
केंद्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने साल 2022 में डल्ला को आतंकी घोषित किया। गैंगस्टर और खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) ऑपरेटिव अर्श डल्ला को देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों में आतंकी घोषित किया गया था। गृह मंत्रालय की तरफ से जारी आदेशों के अनुसार, वर्तमान में कनाडा में रह रहे अर्श डल्ला के तार KTF से जुड़े हुए हैं। अर्शदीप NIA द्वारा रजिस्टर्ड और जांच किए गए विभिन्न मामलों में आरोपी पाया जा चुका है। इसके बाद केंद्र सरकार ने अर्श को रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी करवाया था। गैंग में 300 से ज्यादा एक्टिव मेंबर
पंजाब पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, आतंकी घोषित होने के बाद अर्श के 60 से ज्यादा साथियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इनसे हथियार बरामद किए गए। ज्यादातर हथियारों का लिंक पाकिस्तान से पाया गया। इस वक्त कनाडा से खालिस्तान संगठन ऑपरेट कर रहे अर्श के साथ करीब 300 से ज्यादा एक्टिव मेंबर हैं, जो उसके इशारे पर वारदातें करते हैं। साथ ही निज्जर की मौत के बाद अब KTF का भी सारा कार्यभार अर्श डल्ला देखता है।