हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस हाईकमान करीब सात महीने से नया संगठन नहीं बना पाया। पार्टी वर्कर इससे मायूस है। कांग्रेस वर्करों ने आज इसे लेकर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी रजनी पाटिल के समक्ष अपनी नाराजगी जाहिर की है। दरअसल, रजनी पाटिल जयहिंद सभी के लिए शिमला आई हैं। आज वह राज्य के अतिथि गृह पीटरहॉफ में कांग्रेस के कई सीनियर नेताओं से मिलीं। बीते कल भी देर रात तक कैबिनेट मंत्रियों, कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह समेत प्रदेश अध्यक्ष और बड़े नेताओं ने रजनी पाटिल से मुलाकात की। सूत्र बताते हैं कि सभी नेताओं ने संगठन नहीं बनने को लेकर नाराजगी जाहिर की और कहा कि संगठन के बगैर पार्टी रसातल पर चली गई है। सात महीने से पार्टी की एक्टिव बंद पड़ी है। प्रदेश कांग्रेस नेताओं के बार-बार आग्रह करने के बावजूद संगठन नहीं बनाया जा रहा, जबकि पांच महीने बाद पार्टी को पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव लड़ने हैं। बिना संगठन के यह कैसे संभव होगा। मंत्री तक संगठन को पैरालाइज्ड बोल चुके
इससे पहले कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री भी संगठन को पैरालाइज्ड तक बोल चुके हैं। कांग्रेस हाईकमान भी फिर भी संगठन को लेकर फैसला नहीं ले पा रहा, वो भी उस स्टेट में जहां कांग्रेस की सरकार है। पार्टी नेताओं की नाराजगी के बाद रजनी पाटिल ने दिल्ली लौटने के बाद जल्द नए संगठन को लेकर फैसला लेने का भरोसा दिया। क्यों संगठन नहीं बना पा रहा हाईकमान
सूत्र बताते हैं कि गुटों में बंटे होने की वजह से हाईकमान नया संगठन नहीं बना पा रहा। होली लॉज खेमा अपने गुट के नेता की अध्यक्ष पद पर ताजपोशी चाहता है तो सीएम सुक्खू अपने पसंदीदा नेता को अध्यक्ष बनाना चाह रहे हैं। अध्यक्ष के चक्कर में संगठन के दूसरे पदाधिकारियों की नियुक्ति भी नहीं हो पा रही। 6 नवंबर को कार्यकारिणी भंग
राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़ने ने बीते साल 6 नवंबर को हिमाचल कांग्रेस की राज्य, जिला और ब्लॉक कार्यकारिणी को भंग किया। प्रदेश में अब इकलौती पदाधिकारी प्रतिभा सिंह बची है। इनका भी अध्यक्ष के तौर पर तीन साल का कार्यकाल पूरा हो गया है। इन्हें भी होली लॉज विरोधी धड़ा हटाना चाह रहा है। मगर कांग्रेस हाईकमान फैसला लेने की हिम्मत नहीं दिखा पा रहा। इस वजह से भी संगठन का गठन लटका हुआ है। अगले सप्ताह में फैसला कर सकता है हाईकमान
बताया जा रहा है कि रजनी पाटिल कल सुबह वापस दिल्ली लौट सकती है। इसके बाद अगले एक सप्ताह में नए संगठन और अध्यक्ष पद को लेकर हाईकमान से चर्चा के बाद फैसला हो सकता है। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस हाईकमान करीब सात महीने से नया संगठन नहीं बना पाया। पार्टी वर्कर इससे मायूस है। कांग्रेस वर्करों ने आज इसे लेकर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी रजनी पाटिल के समक्ष अपनी नाराजगी जाहिर की है। दरअसल, रजनी पाटिल जयहिंद सभी के लिए शिमला आई हैं। आज वह राज्य के अतिथि गृह पीटरहॉफ में कांग्रेस के कई सीनियर नेताओं से मिलीं। बीते कल भी देर रात तक कैबिनेट मंत्रियों, कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह समेत प्रदेश अध्यक्ष और बड़े नेताओं ने रजनी पाटिल से मुलाकात की। सूत्र बताते हैं कि सभी नेताओं ने संगठन नहीं बनने को लेकर नाराजगी जाहिर की और कहा कि संगठन के बगैर पार्टी रसातल पर चली गई है। सात महीने से पार्टी की एक्टिव बंद पड़ी है। प्रदेश कांग्रेस नेताओं के बार-बार आग्रह करने के बावजूद संगठन नहीं बनाया जा रहा, जबकि पांच महीने बाद पार्टी को पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव लड़ने हैं। बिना संगठन के यह कैसे संभव होगा। मंत्री तक संगठन को पैरालाइज्ड बोल चुके
इससे पहले कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री भी संगठन को पैरालाइज्ड तक बोल चुके हैं। कांग्रेस हाईकमान भी फिर भी संगठन को लेकर फैसला नहीं ले पा रहा, वो भी उस स्टेट में जहां कांग्रेस की सरकार है। पार्टी नेताओं की नाराजगी के बाद रजनी पाटिल ने दिल्ली लौटने के बाद जल्द नए संगठन को लेकर फैसला लेने का भरोसा दिया। क्यों संगठन नहीं बना पा रहा हाईकमान
सूत्र बताते हैं कि गुटों में बंटे होने की वजह से हाईकमान नया संगठन नहीं बना पा रहा। होली लॉज खेमा अपने गुट के नेता की अध्यक्ष पद पर ताजपोशी चाहता है तो सीएम सुक्खू अपने पसंदीदा नेता को अध्यक्ष बनाना चाह रहे हैं। अध्यक्ष के चक्कर में संगठन के दूसरे पदाधिकारियों की नियुक्ति भी नहीं हो पा रही। 6 नवंबर को कार्यकारिणी भंग
राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़ने ने बीते साल 6 नवंबर को हिमाचल कांग्रेस की राज्य, जिला और ब्लॉक कार्यकारिणी को भंग किया। प्रदेश में अब इकलौती पदाधिकारी प्रतिभा सिंह बची है। इनका भी अध्यक्ष के तौर पर तीन साल का कार्यकाल पूरा हो गया है। इन्हें भी होली लॉज विरोधी धड़ा हटाना चाह रहा है। मगर कांग्रेस हाईकमान फैसला लेने की हिम्मत नहीं दिखा पा रहा। इस वजह से भी संगठन का गठन लटका हुआ है। अगले सप्ताह में फैसला कर सकता है हाईकमान
बताया जा रहा है कि रजनी पाटिल कल सुबह वापस दिल्ली लौट सकती है। इसके बाद अगले एक सप्ताह में नए संगठन और अध्यक्ष पद को लेकर हाईकमान से चर्चा के बाद फैसला हो सकता है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
