हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की नई कार्यकारिणी के लिए लॉबिंग तेज हो गई है। संगठन में पद पाने के लिए नेता अपनी अपनी दावेदारी जता रहे हैं। आज भी कई कांग्रेस नेताओं ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह से मुलाकात की और अपना रिपोर्ट-कार्ड उनके समक्ष रखा। दरअसल, प्रतिभा सिंह गुरुवार को अचानक पार्टी मुख्यालय राजीव भवन पहुंचीं। यहां पर उनसे कांग्रेस के कई नेताओं से मुलाकात की और नई कार्यकारिणी के गठन को लेकर सुझाव लिए। प्रतिभा सिंह प्रदेश के सभी सीनियर नेताओं से वन टू वन बात कर रही हैं और कार्यकारिणी के गठन को लेकर सबसे सुझाव ले रही हैं। खड़गे ने भंग की हिमाचल कांग्रेस की राज्य, जिला व ब्लाक कार्यकारिणी अखिल भारतीय कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हिमाचल कांग्रेस की राज्य, जिला व ब्लाक कार्यकारिणी भंग कर रखी है। लिहाजा प्रदेश में नई कार्यकारिणी का गठन होना है। बीते सोमवार को ही प्रतिभा सिंह इसी सिलसिले में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला से भी दिल्ली में मुलाकात कर चुकी हैं। प्रतिभा की शुक्ला से मुलाकात ने बढ़ाया सियासी पारा प्रतिभा सिंह की राजीव शुक्ला से मुलाकात ने सियासी पारा बढ़ा दिया है। सूत्र बताते हैं कि प्रतिभा सिंह ने संगठन महासचिव और कोषाध्यक्ष के लिए कुछ नाम सुझाए हैं। खासकर महासचिव पद के लिए होली लाज गुट से यशवंत छाजटा को सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा था। मगर सरकार ने उन्हें हिमुडा में वाइस चेयरमैन नियुक्त कर रखा है। इससे उनकी दावेदारी कमजोर पड़ गई है। इनके बाद होलीलॉज गुट से एपीएमसी शिमला-किन्नौर के पूर्व चेयरमैन महेंद्र स्तान का नाम गिना जा रहा है। अब पार्टी हाईकमान को इस पर अंतिम फैसला करना है। ठीक इसी तरह पूर्व में वीरभद्र सिंह के करीबी रहे प्रेम कौशल को भी संगठन महासचिव का दावेदार माना जा रहा है। हालांकि डेढ़ साल से प्रेम कौशल मुख्यमंत्री सुक्खू का खून गुणगान करते रहे हैं और सुक्खू से उनकी नजदीकियां भी बढ़ी है। वह भी संगठन महासचिव पद की रेस में शामिल है। नए साल से पहले कार्यकारिणी का गठन पार्टी सूत्रों की माने तो प्रथम चरण में संगठन महासचिव और कोषाध्यक्ष की नियुक्ति की जाएगी। इसके बाद पूरी कार्यकारिणी बनाई जाएगी। प्रदेश कार्यकारिणी बनने के बाद जिला अध्यक्षों की नियुक्ति होगी। इसके बाद ब्लाक कांग्रेस कमेटी बनेगी। दावा किया जा रहा है कि नए साल से पहले राज्य, जिला व ब्लाक कांग्रेस कार्यकारिणी का गठन कर दिया जाएगा। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की नई कार्यकारिणी के लिए लॉबिंग तेज हो गई है। संगठन में पद पाने के लिए नेता अपनी अपनी दावेदारी जता रहे हैं। आज भी कई कांग्रेस नेताओं ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह से मुलाकात की और अपना रिपोर्ट-कार्ड उनके समक्ष रखा। दरअसल, प्रतिभा सिंह गुरुवार को अचानक पार्टी मुख्यालय राजीव भवन पहुंचीं। यहां पर उनसे कांग्रेस के कई नेताओं से मुलाकात की और नई कार्यकारिणी के गठन को लेकर सुझाव लिए। प्रतिभा सिंह प्रदेश के सभी सीनियर नेताओं से वन टू वन बात कर रही हैं और कार्यकारिणी के गठन को लेकर सबसे सुझाव ले रही हैं। खड़गे ने भंग की हिमाचल कांग्रेस की राज्य, जिला व ब्लाक कार्यकारिणी अखिल भारतीय कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हिमाचल कांग्रेस की राज्य, जिला व ब्लाक कार्यकारिणी भंग कर रखी है। लिहाजा प्रदेश में नई कार्यकारिणी का गठन होना है। बीते सोमवार को ही प्रतिभा सिंह इसी सिलसिले में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला से भी दिल्ली में मुलाकात कर चुकी हैं। प्रतिभा की शुक्ला से मुलाकात ने बढ़ाया सियासी पारा प्रतिभा सिंह की राजीव शुक्ला से मुलाकात ने सियासी पारा बढ़ा दिया है। सूत्र बताते हैं कि प्रतिभा सिंह ने संगठन महासचिव और कोषाध्यक्ष के लिए कुछ नाम सुझाए हैं। खासकर महासचिव पद के लिए होली लाज गुट से यशवंत छाजटा को सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा था। मगर सरकार ने उन्हें हिमुडा में वाइस चेयरमैन नियुक्त कर रखा है। इससे उनकी दावेदारी कमजोर पड़ गई है। इनके बाद होलीलॉज गुट से एपीएमसी शिमला-किन्नौर के पूर्व चेयरमैन महेंद्र स्तान का नाम गिना जा रहा है। अब पार्टी हाईकमान को इस पर अंतिम फैसला करना है। ठीक इसी तरह पूर्व में वीरभद्र सिंह के करीबी रहे प्रेम कौशल को भी संगठन महासचिव का दावेदार माना जा रहा है। हालांकि डेढ़ साल से प्रेम कौशल मुख्यमंत्री सुक्खू का खून गुणगान करते रहे हैं और सुक्खू से उनकी नजदीकियां भी बढ़ी है। वह भी संगठन महासचिव पद की रेस में शामिल है। नए साल से पहले कार्यकारिणी का गठन पार्टी सूत्रों की माने तो प्रथम चरण में संगठन महासचिव और कोषाध्यक्ष की नियुक्ति की जाएगी। इसके बाद पूरी कार्यकारिणी बनाई जाएगी। प्रदेश कार्यकारिणी बनने के बाद जिला अध्यक्षों की नियुक्ति होगी। इसके बाद ब्लाक कांग्रेस कमेटी बनेगी। दावा किया जा रहा है कि नए साल से पहले राज्य, जिला व ब्लाक कांग्रेस कार्यकारिणी का गठन कर दिया जाएगा। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में मुसलमानों का बहिष्कार करने वाली महिला पर FIR:सुषमा ने वीडियो जारी कर मांगी माफी; कहा- जाने-अनजाने में जो कहा, उसका दुख हिमाचल प्रदेश में दो कश्मीरियों से बदसलूकी और मुसलमानों का बहिष्कार करने की बात कहने वाली महिला की पहचान हो गई है। कांगड़ा जिला के लंबागांव थाने में पुलिस ने सुषमा देवी के खिलाफ FIR कर दी है। SP कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री ने इसकी पुष्टि की है। कांगड़ा पुलिस आज मौके पर जाकर इस मामले में दूसरे लोगों से पूछताछ करेगी और साक्ष्य जुटाएगी। इस बीच सुषमा देवी ने भी माफी मांगी है। सुषमा ने कहा, उन्होंने जाने-अंजाने यह कह दिया था। वह कहती हैं कि हम अकेले रहते हैं। इसलिए डरते हैं, इस कारण कह दिया था। जो उन्होंने कहा, उसका उन्हें खेद है। इसके लिए वह माफी मांगती है। 3 दिन से सोशल मीडिया में वायरल हो रहा था वीडियो दरअसल, तीन दिन से सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा था, जिसमें महिला दो कश्मीरी का गांव में आने पर विरोध करती है। वीडियो में दो महिलाएं नजर आ रही है। उनसे से एक महिला कश्मीरियों के साथ बहस करती नजर आ रही है। मुसलमानों के बहिष्कार की कही थी बात वीडियो में सुषमा मुसलमानों के आर्थिक रूप से बहिष्कार की बात कह रही थी। यही नहीं वह मुस्लिम समुदाय के लोगों से जय श्री राम का नारे लगाने की भी बात कहती है। महिला कह रही है कि इनका सामान कोई न खरीदे। जो सामान खरीदना है, वो हिंदू दुकानदारों से खरीदे। ये क्या हमें मुफ्त में देंगे। अगर मुफ्त भी देंगे तो भी नहीं लेंगे। अपने आपको को पंचायत प्रतिनिधि बोलती है महिला इस वीडियों में महिला अपने आपको को पंचायत प्रतिनिधि बताती है। कहती हैं कि हिमाचल में तो सामान मत ही लाओ। ये हिंदुस्तान है बाबा। अब महिला ने माफी मांगी है। इसके बाद सोशल मीडिया पर लोग तीखी प्रतिक्रिया दे रहे थे और लगातार कार्रवाई की मांग उठ रही थी। महिला के खिलाफ मामला दर्ज:SP SP कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री ने बताया कि महिला के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 299 और 196 के तहत मामला दर्ज कर दिया गया है। नियमों के तहत इस मामले कार्रवाई की जाएगी।
हिमाचल सरकार राधा स्वामी सत्संग ब्यास के आगे झुकी:लैंड-सीलिंग एक्ट बदलने की तैयारी; विपक्ष में रहते किया था विरोध, दान की जमीन पर नजरें
हिमाचल सरकार राधा स्वामी सत्संग ब्यास के आगे झुकी:लैंड-सीलिंग एक्ट बदलने की तैयारी; विपक्ष में रहते किया था विरोध, दान की जमीन पर नजरें हिमाचल प्रदेश में राधा स्वामी सत्संग ब्यास, लोगों द्वारा दान की गई जमीन को सोसाइटी के नाम ट्रांसफर करने के लिए सरकार पर दबाव बना रहा है। धार्मिक संस्था के दबाव में कांग्रेस सरकार भी लैंड सीलिंग एक्ट बदलने जा रही है। एक्ट बदला गया तो हिमाचल में दूसरी धार्मिक संस्थाएं भी अपनी जमीन बेचने के लिए सरकार पर दबाव बनाएगी। इसकी आड़ में चाय के बागान बेचने की भी अनुमति देनी पड़ सकती है, क्योंकि प्रदेश में समय समय पर चाय के बागान बेचने की अनुमति की मांग उठती रही है। राधा स्वामी सत्संग ब्यास पांच-छह साल से हिमाचल प्रदेश सीलिंग ऑन लैंड होर्डिंग्स एक्ट 1972 की धारा 5 की उप धारा 5(आई) को हटाने की मांग कर रहा है। कानून के जानकार बताते हैं कि राधा स्वामी सत्संग ब्यास और दूसरी धार्मिक संस्थाएं जमीन को न बेच सकती है, न गिफ्ट कर सकती है और न ही सोयासटी के नाम जमीन ट्रांसफर कर सकती है। यदि धार्मिक संस्था द्वारा ऐसा किया जाता है तो वह जमीन सरकार में निहित (वेस्ट) हो जाती है। सरकार ने एक्ट में 5(आई) जोड़कर सीलिंग में दी थी छूट दरअसल, राज्य सरकार ने साल 2014 में हिमाचल प्रदेश सीलिंग ऑन लैंड होर्डिंग एक्ट 1972 की धारा 5 में 5(आई) जोड़कर सीलिंग में छूट दी और धार्मिक संस्थाओं द्वारा जमीन बेचने पर इसे सरकार में निहित करने का प्रावधान किया। इससे धार्मिक संस्थाएं तिलमिला गई। धार्मिक संस्थाएं सरकार पर इस प्रावधान को हटाने का बार बार दबाव बना रही हैं। कैबिनेट नहीं दे सकती छूट जानकारों की माने तो राज्य कैबिनेट भी छूट नहीं दे सकती है। एक्ट में संशोधन किए बगैर धार्मिक संस्था को जमीन बेचने व हस्तांतरित करने की अनुमति देना संभव नहीं है। राज्य सरकार यदि एक्ट में संशोधन कर भी देती है तो भी इसमें राष्ट्रपति की मंजूरी अनिवार्य है। लोगों ने सैकड़ों बीघा जमीन कर रखी है दान प्रदेश में अलग-अलग क्षेत्रों लोगों ने धार्मिक संस्थाओं को सैकड़ों बीघा जमीन दान कर रखी है। अभी लोगों द्वारा दान दी गई जमीन धार्मिक संस्थाओं के नाम है। कुछेक संस्थाएं अब इन्हें बेचकर मुनाफा कमाना चाह रही है, लेकिन लैंड सीलिंग एक्ट इसकी इजाजत नहीं देता। धार्मिक संस्था को छूट दी गई तो यह फैसला देवी-देवताओं और उन लोगों के साथ धोखा साबित होगा, जिनकी हजारों बीघा जमीन सीलिंग एक्ट के कारण सरकार में वेस्ट हुई है। बता दें कि हिमाचल में सीलिंग एक्ट की वजह से सैकड़ों लोगों की हजारों बीघा जमीन सरकार में वेस्ट की जा चुकी है। धार्मिक संस्थाओं को इसमें छूट केवल इस्तेमाल के लिए दी गई थी। बेचने के लिए नहीं। सीलिंग से ज्यादा जमीन को किया गया सील हिमाचल के पहले मुख्यमंत्री डा.वाइएस परमार के समय हिमाचल प्रदेश सीलिंग ऑन लैंड होल्डिंग एक्ट इसलिए बनाया गया, ताकि भूमि के व्यक्तिगत उपयोग की सीमा तय की जा सके। यह भू-सुधारों में सबसे बड़ा कदम था। इसमें बोनाफाइड हिमाचलियों के लिए भी लैंड होल्डिंग की सीमा निर्धारित है। कोई भी व्यक्ति या परिवार राज्य में पानी लगने वाली जमीन सिर्फ 50 बीघा, एक फसल देने वाली जमीन 75 बीघा और बगीचा 150 बीघा और ट्राइबल एरिया में 350 बीघा जमीन ही रख सकता है। जिनके लोगों के पास इससे ज्यादा जमीन थी, उनकी जमीन सरकार में वेस्ट हो गई थी। हिमाचल के लैंड सीलिंग एक्ट को संविधान की प्रोटेक्शन प्राप्त है। इस एक्ट की धारा 5 के अनुसार राज्य और केंद्र सरकार, सहकारी समितियों, सहकारी बैंकों, स्थानीय निकायों, चाय बागानों, उद्योगों, जल विद्युत परियोजनाओं और राधा स्वामी सत्संग ब्यास की जमीन को सीलिंग से छूट दी गई है।
धर्मशाला में त्सोंगखापा दिवस पर समारोह:दलाई लामा पहुंचे, बौद्ध अनुयायियों को दिया आशीर्वाद, लामाओं ने की दीर्घायु की प्रार्थना
धर्मशाला में त्सोंगखापा दिवस पर समारोह:दलाई लामा पहुंचे, बौद्ध अनुयायियों को दिया आशीर्वाद, लामाओं ने की दीर्घायु की प्रार्थना धर्मशाला के मैक्लोडगंज स्थित थेकचेन चोलिंग त्सुगलाखांग बौद्ध मठ में त्सोंगखापा दिवस (गंडेन नगामचोए) के अवसर पर एक विशेष प्रार्थना समारोह का आयोजन किया गया। इस धार्मिक आयोजन में 14वें दलाई लामा ने भाग लिया और त्सोंगखापा की शिक्षाओं पर प्रकाश डाला। बड़ी संख्या में बौद्ध श्रद्धालु इस समारोह में शामिल हुए, जो त्सोंगखापा के प्रति अपनी श्रद्धा और सम्मान प्रकट करने के लिए एकत्रित हुए थे। त्सोंगखापा की शिक्षाओं पर जोर दिया समारोह के दौरान, दलाई लामा ने लोगों को अपना आशीर्वाद प्रदान किया और त्सोंगखापा की शिक्षाओं के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने त्सोंगखापा के जीवन का विस्तार से प्रकाश डालते हुए बताया कि त्सोंगखापा का जन्म 1357 में त्सोंगखा में हुआ था। तीन साल की उम्र में उन्हें करमापा रोल्पाई दोर्जे ने उपासक व्रत दिया था। अपने पहले शिक्षक के निर्देश पर त्सोंगखापा 17 वर्ष की उम्र में मध्य तिब्बत गए और विभिन्न मठों में अध्ययन किया। उन्होंने बुद्धि की पूर्णता, ऊपरी और निचले अभिधर्म, विनय, प्रमाण और मध्यमा जैसे विषयों का अध्ययन किया। 31 साल की उम्र में उन्होंने अपनी पहली महत्वपूर्ण कृति ‘गोल्डन रोज़री’ की रचना की और एक साल बाद वह एक साथ 17 पाठ पढ़ा रहे थे, जिससे उनकी विद्वता की प्रतिष्ठा स्थापित हुई। उपस्थित बौद्ध लामाओं ने प्रार्थना की कि दलाई लामा दीर्घायु हों और उनकी इच्छाएं पूरी हों। ज्ञानोदय और परिनिर्वाण का उत्सव त्सोंगखापा दिवस को गंडेन नगामचोए के नाम से भी जाना जाता है, लामा त्सोंगखापा के ज्ञानोदय और परिनिर्वाण का उत्सव है। लामा त्सोंगखापा, एक बौद्ध विद्वान और भिक्षु ने तिब्बती बौद्ध धर्म के गेलुग्पा स्कूल की स्थापना की थी। यह दिन तिब्बती कैलेंडर के 10वें महीने के 25वें दिन मनाया जाता है। इस वर्ष यह शुभ अवसर 25 दिसंबर, 2024 को पड़ा। जे त्सोंगखापा (1357-1419) गेलुग परंपरा के संस्थापक हैं।