हिमाचल का जवान जम्मू-कश्मीर के शहीद:आज पैतृक गांव लाई जा रही पार्थिव देह; मां पत्नी और बेटा-बेटी को पीछे छोड़ गए राकेश कुमार

हिमाचल का जवान जम्मू-कश्मीर के शहीद:आज पैतृक गांव लाई जा रही पार्थिव देह; मां पत्नी और बेटा-बेटी को पीछे छोड़ गए राकेश कुमार

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में रविवार को आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के सेना में एक जूनियर कमीशंड अधिकारी राकेश कुमार (42) शहीद हो गए। इस एनकाउंटर में 3 अन्य कमांडो भी घायल हुए हैं। सूचना के अनुसार, शहीद राकेश की पार्थिव देह आज उनके पैतृक गांव लाई जा रही है, जहां पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार होगा। राकेश कुमार अपने पीछे अपनी माता भाति देवी, पत्नी भानु प्रिया और दो बच्चों में यशस्वी (14) तथा प्रणव (9) को छोड़ गए हैं। राकेश कुमार मंडी के नाचन विधानसभा क्षेत्र के बरनोग गांव के निवासी थे। 23 सालों से सेना में दे रहे थे सेवाएं भारतीय सेना में 23 सालों से सेवाएं दे रहे राकेश कुमार अभी नायब सूबेदार के तौर पर सेवाएं दे रहे थे। राकेश की शहादत के बाद पूरे हिमाचल में शोक की लहर है। सीएम और पूर्व सीएम ने जताया दुख मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्कू ने आतंकवादियों से मुठभेड़ में राकेश कुमार की शहादत पर शोक प्रकट किया और शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की। उन्होंने कहा कि राकेश कुमार की शहादत को हमेशा याद किया जाएगा। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी जवान की शहादत पर दुख जताया। उन्होंने कहा, देश उनके बलिदान का सदैव ऋणी रहेगा। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें। किश्तवाड़ से कुछ दूरी पर मुठभेड़ बता दें कि किश्तवाड़ में एनकाउंटर तब शुरू हुआ जब सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त तलाशी दलों ने किश्तवाड़ के कुंतवाड़ा और केशवान के सुदूर जंगल में 2 आतंकवादियों को रोका। यह स्थान उस जगह से कुछ किलोमीटर दूर बताया जा रहा है जहां विलेज डिफेंस ग्रुप (वीडीजी) के 2 सदस्यों नजीर अहमद और कुलदीप कुमार के गोलियों से छलनी शव मिले थे। जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में रविवार को आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के सेना में एक जूनियर कमीशंड अधिकारी राकेश कुमार (42) शहीद हो गए। इस एनकाउंटर में 3 अन्य कमांडो भी घायल हुए हैं। सूचना के अनुसार, शहीद राकेश की पार्थिव देह आज उनके पैतृक गांव लाई जा रही है, जहां पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार होगा। राकेश कुमार अपने पीछे अपनी माता भाति देवी, पत्नी भानु प्रिया और दो बच्चों में यशस्वी (14) तथा प्रणव (9) को छोड़ गए हैं। राकेश कुमार मंडी के नाचन विधानसभा क्षेत्र के बरनोग गांव के निवासी थे। 23 सालों से सेना में दे रहे थे सेवाएं भारतीय सेना में 23 सालों से सेवाएं दे रहे राकेश कुमार अभी नायब सूबेदार के तौर पर सेवाएं दे रहे थे। राकेश की शहादत के बाद पूरे हिमाचल में शोक की लहर है। सीएम और पूर्व सीएम ने जताया दुख मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्कू ने आतंकवादियों से मुठभेड़ में राकेश कुमार की शहादत पर शोक प्रकट किया और शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की। उन्होंने कहा कि राकेश कुमार की शहादत को हमेशा याद किया जाएगा। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी जवान की शहादत पर दुख जताया। उन्होंने कहा, देश उनके बलिदान का सदैव ऋणी रहेगा। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें। किश्तवाड़ से कुछ दूरी पर मुठभेड़ बता दें कि किश्तवाड़ में एनकाउंटर तब शुरू हुआ जब सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त तलाशी दलों ने किश्तवाड़ के कुंतवाड़ा और केशवान के सुदूर जंगल में 2 आतंकवादियों को रोका। यह स्थान उस जगह से कुछ किलोमीटर दूर बताया जा रहा है जहां विलेज डिफेंस ग्रुप (वीडीजी) के 2 सदस्यों नजीर अहमद और कुलदीप कुमार के गोलियों से छलनी शव मिले थे।   हिमाचल | दैनिक भास्कर