हिमाचल प्रदेश में 62 प्रत्याशी चुनावी मैदान में पसीना बहा रहे हैं। इनमें चार लोकसभा सीटों के लिए 37 दावेदार और छह विधानसभा उप चुनाव के लिए 25 उम्मीदवार मैदान हैं। इनका भाग्य एक जून को EVM में कैद हो जाएगा। लोकसभा की सभी सीटों पर कांग्रेस-भाजपा में सीधी टक्कर है, जबकि विधानसभा उप चुनाव में 2 सीटों पर BJP के बागियों ने मुकाबला त्रिकोणीय बनाया है। वहीं विधानसभा की 4 अन्य सीटों पर कांग्रेस-भाजपा में ही मुख्य टक्कर है। मंडी में 10 दावेदार बचे मंडी सीट पर कुल 10 दावेदार मैदान में है। प्रकाश चंद भारद्वाज बसपा, विक्रमादित्य सिंह कांग्रेस, नरेंद्र कुमार राष्ट्रीय देवभूमि पार्टी, विनय कुमार अखिल भारतीय परिवार पार्टी, कंगना रनोट बीजेपी, महेश कुमार सैनी हिमाचल जनता पार्टी और दिनेश कुमार भाटी, सुभाष मोहन स्नेही, राखी गुप्ता तथा आशुतोष महंत निर्दलीय के तौर पर अपना भाग्य आजमा रहे हैं। शिमला लोकसभा में सबसे कम 5 दावेदार प्रदेश की चारों लोकसभा में सबसे कम 5 दावेदार शिमला सीट पर है। यहां राष्ट्रीय देव भूमि पार्टी के सुरेश कुमार, अखिल भारतीय परिवार पार्टी के मदन लाल, कांग्रेस के विनोद सुल्तानपुरी, बीजेपी के सुरेश कश्यप और बसपा के अनिल कुमार मैदान में है। इस सीट पर सुरेश कश्यप और विनोद सुल्तानपुरी में मुख्य मुकाबला है। यहां से सुरेश कश्यप सीटिंग MP है,जबकि विनोद सुल्तानपुरी कसौली विधानसभा से विधायक है। कांगड़ा में 10 दावेदार आजमा रहे भाग्य कांगड़ा सीट में 10 दावेदार चुनावी मैदान में है। BJP के राजीव भारद्वाज, अचल सिंह निर्दलीय, आनन्द शर्मा कांग्रेस, नारायण सिंह डोगरा हिमाचल जनता पार्टी, रेखा रानी बसपा, केहर सिंह निर्दलीय, भुवनेश कुमार, जीवन कुमार, देव राज तथा एडवोकेट संजय शर्मा निर्दलीय मैदान में हैं। यहां पर भी आनंद और राजीव भारद्वाज में मुकाबला है। हमीरपुर में सबसे ज्यादा 12 उम्मीदवार हमीरपुर सीट पर सबसे ज्यादा 12 दावेदार चुनाव लड़ रहे हैं। रमेश चंद सारथी निर्दलीय, हेम राज बसपा, गोपी चंद निर्दलीय, गरीब दास कटोच निर्दलीय और अरुण अंकेश स्याल एकम स्नातन भारत दल, सतपाल सिंह रायजादा कांग्रेस, कुलवंत सिंह भारतीय जवान किसान पार्टी, अनुराग ठाकुर बीजेपी, जगदीप कुमार राष्ट्रीय देवभूमि पार्टी, सुमित अखिल भारतीय परिवार पार्टी, सुरेंद्र कुमार तथा नंद लाल निर्दलीय मैदान में है। धर्मशाला में त्रिकोणीय मुकाबला धर्मशाला विधानसभा उप चुनाव के लिए कुल चार दावेदार मैदान में है। मगर यहां मुख्य मुकाबला बीजेपी के सुधीर शर्मा, कांग्रेस के देवेंद्र सिंह जग्गी और बीजेपी के बागी एवं निर्दलीय राकेश कुमार चौधरी के बीच है। यहां पर सतीश कुमार भी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। राकेश चौधरी 2022 का चुनाव बीजेपी के टिकट पर लड़ चुके हैं। लाहौल-स्पीति में मारकंडा ने रोचक बनाया मुकाबला वहीं लाहौल-स्पीति विधानसभा में कांग्रेस की अनुराधा राणा, बीजेपी रवि ठाकुर और भाजपा के बागी निर्दलीय राम लाल मारकंडा में त्रिकोणीय मुकाबला है। पूर्व मंत्री मारकंडा के मैदान में उतरने से यहां बीजेपी की मुश्किलें बढ़ी है और बीजेपी का वोट बैंक डिवाइड हो सकता है। कुटलैहड़ में 4 दावेदार कुटलैहड़ में कांग्रेस के विवेक शर्मा, भाजपा के देवेंद्र कुमार भुट्टो, निर्दलीय चंचल सिंह और निर्दलीय राजीव शर्मा चुनावी मैदान में है। यहां पर भी देवेंद्र भुट्टो और विवेक शर्मा में मुख्य मुकाबला है। गगरेट में पांच दावेदार गगरेट में कांग्रेस के राकेश कालिया, बीजेपी के चैतन्य शर्मा, निर्दलीय मनोहर लाल शर्मा, निर्दलीय अमित वशिष्ट और निर्दलीय अशोक सोंखला चुनाव लड़ रहे हैं। यहां पर राकेश कालिया और चैतन्य शर्मा में सीधी टक्कर है। सुजानपुर में 6 दावेदारों में मुकाबला सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र में छह दावेदार है। यहां पर राजेन्द्र राणा बीजेपी, रणजीत सिंह राणा कांग्रेस, राजेश कुमार निर्दलीय, रविन्द्र सिंह डोगरा एनसीपी, अनिल राणा तथा शेर सिंह निर्दलीय मैदान में है। बड़सर में तीन दावेदार कांग्रेस के सुभाष चंद ढटवालिया, बीजेपी के इंद्र दत्त लखनपाल और निर्दलीय विशाल शर्मा तीन दावेदार है। यहां पर भी सुभाष और लखनपाल के बीच मुख्य मुकाबला है। हिमाचल प्रदेश में 62 प्रत्याशी चुनावी मैदान में पसीना बहा रहे हैं। इनमें चार लोकसभा सीटों के लिए 37 दावेदार और छह विधानसभा उप चुनाव के लिए 25 उम्मीदवार मैदान हैं। इनका भाग्य एक जून को EVM में कैद हो जाएगा। लोकसभा की सभी सीटों पर कांग्रेस-भाजपा में सीधी टक्कर है, जबकि विधानसभा उप चुनाव में 2 सीटों पर BJP के बागियों ने मुकाबला त्रिकोणीय बनाया है। वहीं विधानसभा की 4 अन्य सीटों पर कांग्रेस-भाजपा में ही मुख्य टक्कर है। मंडी में 10 दावेदार बचे मंडी सीट पर कुल 10 दावेदार मैदान में है। प्रकाश चंद भारद्वाज बसपा, विक्रमादित्य सिंह कांग्रेस, नरेंद्र कुमार राष्ट्रीय देवभूमि पार्टी, विनय कुमार अखिल भारतीय परिवार पार्टी, कंगना रनोट बीजेपी, महेश कुमार सैनी हिमाचल जनता पार्टी और दिनेश कुमार भाटी, सुभाष मोहन स्नेही, राखी गुप्ता तथा आशुतोष महंत निर्दलीय के तौर पर अपना भाग्य आजमा रहे हैं। शिमला लोकसभा में सबसे कम 5 दावेदार प्रदेश की चारों लोकसभा में सबसे कम 5 दावेदार शिमला सीट पर है। यहां राष्ट्रीय देव भूमि पार्टी के सुरेश कुमार, अखिल भारतीय परिवार पार्टी के मदन लाल, कांग्रेस के विनोद सुल्तानपुरी, बीजेपी के सुरेश कश्यप और बसपा के अनिल कुमार मैदान में है। इस सीट पर सुरेश कश्यप और विनोद सुल्तानपुरी में मुख्य मुकाबला है। यहां से सुरेश कश्यप सीटिंग MP है,जबकि विनोद सुल्तानपुरी कसौली विधानसभा से विधायक है। कांगड़ा में 10 दावेदार आजमा रहे भाग्य कांगड़ा सीट में 10 दावेदार चुनावी मैदान में है। BJP के राजीव भारद्वाज, अचल सिंह निर्दलीय, आनन्द शर्मा कांग्रेस, नारायण सिंह डोगरा हिमाचल जनता पार्टी, रेखा रानी बसपा, केहर सिंह निर्दलीय, भुवनेश कुमार, जीवन कुमार, देव राज तथा एडवोकेट संजय शर्मा निर्दलीय मैदान में हैं। यहां पर भी आनंद और राजीव भारद्वाज में मुकाबला है। हमीरपुर में सबसे ज्यादा 12 उम्मीदवार हमीरपुर सीट पर सबसे ज्यादा 12 दावेदार चुनाव लड़ रहे हैं। रमेश चंद सारथी निर्दलीय, हेम राज बसपा, गोपी चंद निर्दलीय, गरीब दास कटोच निर्दलीय और अरुण अंकेश स्याल एकम स्नातन भारत दल, सतपाल सिंह रायजादा कांग्रेस, कुलवंत सिंह भारतीय जवान किसान पार्टी, अनुराग ठाकुर बीजेपी, जगदीप कुमार राष्ट्रीय देवभूमि पार्टी, सुमित अखिल भारतीय परिवार पार्टी, सुरेंद्र कुमार तथा नंद लाल निर्दलीय मैदान में है। धर्मशाला में त्रिकोणीय मुकाबला धर्मशाला विधानसभा उप चुनाव के लिए कुल चार दावेदार मैदान में है। मगर यहां मुख्य मुकाबला बीजेपी के सुधीर शर्मा, कांग्रेस के देवेंद्र सिंह जग्गी और बीजेपी के बागी एवं निर्दलीय राकेश कुमार चौधरी के बीच है। यहां पर सतीश कुमार भी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। राकेश चौधरी 2022 का चुनाव बीजेपी के टिकट पर लड़ चुके हैं। लाहौल-स्पीति में मारकंडा ने रोचक बनाया मुकाबला वहीं लाहौल-स्पीति विधानसभा में कांग्रेस की अनुराधा राणा, बीजेपी रवि ठाकुर और भाजपा के बागी निर्दलीय राम लाल मारकंडा में त्रिकोणीय मुकाबला है। पूर्व मंत्री मारकंडा के मैदान में उतरने से यहां बीजेपी की मुश्किलें बढ़ी है और बीजेपी का वोट बैंक डिवाइड हो सकता है। कुटलैहड़ में 4 दावेदार कुटलैहड़ में कांग्रेस के विवेक शर्मा, भाजपा के देवेंद्र कुमार भुट्टो, निर्दलीय चंचल सिंह और निर्दलीय राजीव शर्मा चुनावी मैदान में है। यहां पर भी देवेंद्र भुट्टो और विवेक शर्मा में मुख्य मुकाबला है। गगरेट में पांच दावेदार गगरेट में कांग्रेस के राकेश कालिया, बीजेपी के चैतन्य शर्मा, निर्दलीय मनोहर लाल शर्मा, निर्दलीय अमित वशिष्ट और निर्दलीय अशोक सोंखला चुनाव लड़ रहे हैं। यहां पर राकेश कालिया और चैतन्य शर्मा में सीधी टक्कर है। सुजानपुर में 6 दावेदारों में मुकाबला सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र में छह दावेदार है। यहां पर राजेन्द्र राणा बीजेपी, रणजीत सिंह राणा कांग्रेस, राजेश कुमार निर्दलीय, रविन्द्र सिंह डोगरा एनसीपी, अनिल राणा तथा शेर सिंह निर्दलीय मैदान में है। बड़सर में तीन दावेदार कांग्रेस के सुभाष चंद ढटवालिया, बीजेपी के इंद्र दत्त लखनपाल और निर्दलीय विशाल शर्मा तीन दावेदार है। यहां पर भी सुभाष और लखनपाल के बीच मुख्य मुकाबला है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
शिमला में छोटे-छोटे बच्चों के साथ सड़क पर वोकेश्नल-टीचर:5 दिन से सरकार नहीं ले रही सुध, सर्विस प्रोवाइडर कंपनी को बाहर करने पर अड़े
शिमला में छोटे-छोटे बच्चों के साथ सड़क पर वोकेश्नल-टीचर:5 दिन से सरकार नहीं ले रही सुध, सर्विस प्रोवाइडर कंपनी को बाहर करने पर अड़े हिमाचल के वोकेश्नल टीचर 5 दिन से शिमला में हड़ताल पर है। इससे 1100 से ज्यादा सरकारी स्कूलों में 80 हजार से ज्यादा छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। फिर भी सरकार इन्हें वार्ता को नहीं बुला रही। वहीं वोकेश्नल टीचर सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों को बाहर नहीं करने तक हड़ताल पर डटे रहने की चेतावनी दे चुके हैं। हड़ताल पर गए वोकेश्नल टीचर हरियाणा की तर्ज पर उनकी सेवाएं विभाग के अधीन लाने की मांग कर रहे हैं। इनका आरोप है कि कंपनियां 10-11 सालों से उनका शोषण कर रही है। सरकार को भी उन्हें कमीशन के रूप में मोटी रकम देनी पड़ रही है। हरियाणा सरकार पहले ही इनकी सेवाओं को विभाग के अधीन ला चुका है। अब हिमाचल में भी यही मांग उठ रही है। वोकेश्नल टीचर शिमला के चौड़ा मैदान में खुले आसमान के नीचे पांच दिन से हड़ताल पर बैठे है। इनमें कई महिला टीचर ऐसी है जिनके साथ उनके छोटे छोटे बच्चे भी चौड़ा मैदान में मौजूद है। ऐसे में इन्हें खासकर रात के वक्त परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ टीचरों की तबीयत भी बिगड़ने लगी रही है, क्योंकि रात में तापमान काफी नीचे गिर जाता है। छोटे-छोटे बच्चों के साथ हड़ताल पर महिला टीचर वोकेश्नल टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्वनी कुमार ने बताया कि पांच दिन से सरकार ने उनकी सुध नहीं ली। महिलाएं छोटे-छोटे बच्चों के साथ हड़ताल पर डटी हुई है। उन्होंने बताया कि वोकेश्नल टीचर की एक ही मांग है। वह चाहते हैं कि सर्विस प्रोवाइडर कंपनी को बाहर किया जाएगा। इससे सरकार पर एक रुपए का भी वित्तीय बोझ पड़ने वाला नहीं है। फिर भी अब तक सरकार ने उन्हें वार्ता को नहीं बुलाया। इससे वोकेश्नल टीचरों में सरकार के प्रति रोष पनपता जा रहा है। उन्होंने बताया कि जब तक कंपनियों को बाहर नहीं किया जाता तब तक टीचर काम पर नहीं लौटेंगे। वह आर पार की लड़ाई को तैयार है। 2174 टीचर 5 दिन से हड़ताल पर बता दें कि 2174 वोकेश्नल टीचर 5 दिन से शिमला के चौड़ा मैदान में हड़ताल पर बैठे हैं। प्रदेश के सरकारी हाई और सेकेंडरी स्कूलों में साल 2013 से वोकेश्नल सब्जेक्ट 9वीं से 12वीं कक्षा तक के छात्र-छात्राओं को पढ़ाया जा रहा है। इन पाठ्यक्रमों में 80 हजार से ज्यादा छात्र पंजीकृत है। इसके लिए शिक्षा विभाग ने एक-दो नहीं बल्कि पूरी 17 कंपनियां पंजीकृत कर रखी है। दक्ष कामगार तैयार करने को वोकेश्नल पाठ्यक्रम सरकारी स्कूलों में वोकेश्नल टीचर केंद्र सरकार की स्कूलों में दक्ष कामगार तैयार करने की योजना के तहत रखे गए हैं। इनमें 90 प्रतिशत बजट केंद्र और 10 फीसदी बजट राज्य सरकार देती है।
लोकसभा चुनाव के इम्तिहान में CM समेत 8 मंत्री फेल:डिप्टी सीएम-शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर बने “हीरो’; बोर्ड-निगमों की फौज भी काम नहीं आई
लोकसभा चुनाव के इम्तिहान में CM समेत 8 मंत्री फेल:डिप्टी सीएम-शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर बने “हीरो’; बोर्ड-निगमों की फौज भी काम नहीं आई हिमाचल प्रदेश में सुक्खू कैबिनेट के 7 मंत्री लोकसभा चुनाव की परीक्षा में फेल हुए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी इस परीक्षा को पास नहीं कर पाए। CM समेत 8 मंत्री अपने-अपने विधानसभा हलकों से पार्टी प्रत्याशी को लीड नहीं दिला पाए। नतीजा यह है कि सत्तारूढ़ कांग्रेस का सुपड़ा साफ हो गया। ऊना जिला के हरोली विधानसभा से विधायक व प्रदेश सरकार में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री, किन्नौर से विधायक व बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी और शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर तीन मंत्री ही इस परीक्षा में पास हुए हैं। मुकेश समेत दो मंत्रियों का कद ऊंचा लोकसभा चुनाव के नतीजों से मुकेश अग्निहोत्री का कद ऊंचा हुआ है। क्योंकि उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र से पार्टी कैंडिडेट सतपाल रायजादा को लीड दिलाई है। साथ ही अपने गृह जिला ऊना की दो विधानसभा सीटों कुटलैहड़ और गगरेट के उपचुनाव में भी कांग्रेस की जीत हुई है। CM के हलके से अनुराग को 2153 की लीड मुख्यमंत्री सुक्खू के नादौन हलके से बीजेपी के अनुराग ठाकुर 2153 से ज्यादा मतों की लीड ले गए। इसी संसदीय सीट पर टीसीपी मिनिस्टर राजेश धर्माणी भी बिलासपुर के घुमारवीं हलके से पार्टी कैंडिडेट को बढ़त नहीं दिला सके। धर्माणी के हलके से अनुराग को 13753 की लीड मिली। हैरानी इस बात की है कि सत्तपाल रायजादा अपने विधानसभा क्षेत्र ऊना से खुद बी लीड नहीं ले सके और उनके विधानसभा में बीजेपी प्रत्याशी ने 326 मतों की बढ़त ली है। इससे अनुराग ठाकुर की जीत की राह आसान हो गई और करीब पौने दो लाख मतों के अंतर से चुनाव जीत गए। शिमला सीट पर मंत्री रोहित ने दिलाई लीड कमोबेश यही हाल शिमला संसदीय क्षेत्र में भी है। इस सीट से सुक्खू सरकार में पांच कैबिनेट मंत्री, तीन CPS सहित कैबिनेट रैंक वाले नेताओं की लंबी-चौड़ी लिस्ट है। मगर रोहित ठाकुर को छोड़कर सब अपने अपने चुनाव क्षेत्र में पिट गए। कांग्रेस प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी जो अभी कसौली से विधायक है, वह भी अपने कसोली विधानसभा से लीड नहीं ले सके। शिमला सीट पर ये मंत्री नाकाम शिमला संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत शिलाई के विधायक व मंत्री हर्षवर्धन चौहान, सोलन के धनीराम शांडिल, जुब्बल कोटखाई के रोहित ठाकुर, शिमला ग्रामीण के विक्रमादित्य सिंह और कसुम्पटी के विधायक अनिरुद्ध सिंह सुक्खू कैबिनेट में मंत्री है। इनमें से केवल रोहित ठाकुर के जुब्बल कोटखाई विधानसभा से 5937 वोट की लीड कांग्रेस ले पाई है। शिलाई से बीजेपी को 2317 वोट की बढ़त, सोलन से 5016, शिमला ग्रामीण से 6448 और कसुम्पटी से 6039 वोट की लीड मिली है। हालांकि विक्रमादित्य सिंह अपने चुनाव की वजह से शिमला ग्रामीण में प्रचार नहीं कर पाए। मगर दूसरे मंत्री तो अपने अपने चुनाव क्षेत्र में डटे रहे। फिर भी लीड नहीं दिला सके। यह लीड संबंधित क्षेत्र के लोकप्रियता और सरकार की जनता में लोकप्रियता को दर्शाता है। मंडी सीट पर मंत्री जगत नेगी ने दिलाई 8562 वोट की लीड अब बात करेंगे मंडी लोकसभा सीट की। इस सीट से सुक्खू सरकार में किन्नौर से इकलौते मंत्री जगत सिंह नेगी है। किन्नौर से कांग्रेस को 8562 वोट की लीड मिली है। किन्नौर के अलावा मंडी संसदीय हलके के तीन अन्य विधानसभा आनी, लाहौल स्पीति और रामपुर से भी कांग्रेस को बढ़त मिली है। रामपुर विक्रमादित्य सिंह का घर है। आनी और लाहौल स्पीति में विक्रमादित्य की अपनी और पार्टी वर्कर की मेहनत से लीड मिली है। कांगड़ा की एक भी विधानसभा से कांग्रेस को बढ़त नहीं कांगड़ा संसदीय सीट ऐसी है जहां 17 में से एक भी विधानसभा सीट पर कांग्रेस को बढ़त नहीं मिली, जबकि सुक्खू सरकार में कांगड़ा के ज्वाली से कृषि मंत्री चंद्र कुमार, जयसिंहपुर से यादवेंद्र गोमा आयुष मंत्री है। ज्वाली से बीजेपी को 12640 वोट और जयसिंहपुर से 8833 वोट की बढ़त मिली है। इसी तरह फतेहपुर से विधायक भवानी सिंह पठानिया, नगरोटा के विधायक आरएस बाली, शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया को कैबिनेट रैंक और जिले से दो सीपीए है। मगर कोई भी नेता कांग्रेस प्रत्याशी आनंद शर्मा को लीड नहीं दिला सका। हिमाचल में सीएम समेत 11 मंत्री फेल प्रदेश में सीएम व डिप्टी सीएम समेत 11 मंत्री, छह मुख्य संसदीय सचिव के साथ साथ बोर्ड निगमों में एक दर्जन से ज्यादा नेताओं की ताजपोशी और करीब एक दर्जन को मुख्यमंत्री ने कैबिनेट रैंक दे रखे है। 8 मंत्रियों के अलावा पांच CPS दून से रामकुमार, कुल्लू से सुंदर सिंह ठाकुर, पालमपुर से आशीष बुटेल, बैजनाथ से किशोरी लाल और अर्की से संजय अवस्थी भी लोकसभा चुनाव में अपने हलकों से कांग्रेस प्रत्याशियों को लीड नहीं दिला सके। सीपीएस में केवल एमएल ब्राक्टा ही अपने रोहड़ू विधानसभा से लीड दिलाने में कामयाब रहे हैं।
शिमला में स्ट्रीट वेंडर्स रेगुलेट करने की कवायद शुरू:शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने ली बैठक; 30 दिसंबर तक दी डेडलाइन
शिमला में स्ट्रीट वेंडर्स रेगुलेट करने की कवायद शुरू:शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने ली बैठक; 30 दिसंबर तक दी डेडलाइन हिमाचल प्रदेश सरकार ने शिमला में स्ट्रीट वेंडर (तहबाजारियों) को रेगुलेट करने की कवायद शुरू कर दी है। मंगलवार को शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने शिमला शहर के विधायक हरीश जनारथा, नगर निगम मेयर सुरेंद्र चौहान ,शिमला व्यापार मंडल व शहर की स्ट्रीट वेंडर एसोसिएशन के साथ बैठक की। मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने नगर निगम को तहबाजारियों की पहचान करके, शहर में स्ट्रीट वेंडर जोन चिह्नित व स्ट्रीट वेंडर्स के लिए यलो लाइन लगाने के निर्देश दिए है। 30 दिसंबर तक शिमला शहर में स्ट्रीट वेंडर्स को रेगुलेट करने की प्रक्रिया को पूरी के निर्देश दिए है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में हाल ही में हुए विरोध के बीच स्ट्रीट वेंडर को लेकर रेगुलेट करने की बड़े स्तर पर मांग उठी है। सरकार इसको लेकर प्रदेश स्तर पर विचार कर रही है। लेकिन आज उन्होंने शिमला शहर को लेकर बैठक की है और शहर में स्ट्रीट वेंडर जोन बनाने को लेकर चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि शहर में स्ट्रीट वेंडर के लिए यलो लाइन लगाई जाएगी। जिसमें लोगों को लाइसेंस दिए जाएंगे और सभी स्ट्रीट वेंडर को अपने लाइसेंस फ़ोटो के साथ दुकान के आगे लगाने होंगे। बिना लाइसेंस वालों को शहर में नहीं बैठने दिया जाएगा। शिमला में 1060 स्ट्रीट वेंडर्स की पहचान विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि नगर निगम ने अभी तक शहर में 1060 तक स्ट्रीट वेंडर की पहचान की है। जिनमें से 540 नए एड हुए है। उन्होंने कहा कि इसमें कुछ त्रुटि भी हैं। नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि शहर में कई ऐसे वेन्डर हैं। जिन्होंने वैरिफिकेशन करवाई है। लेकिन मौके पर नहीं बैठे। उनकी पहचान करने के लिए कहा गया है। स्ट्रीट वेन्डर किराए की दरें होगी तय मंत्री ने कहा कि स्ट्रीट वेंडरों के लिए विभाग ने नगर निगम को किराया तय करने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि इसमें भीड़ भाड़ वाले क्षेत्रों में के लिए ज्यादा और अन्य जगहों पर कम किराया रखने के लिए कहा गया है। ताकि व्यापारी व स्ट्रीट वेंडर को कोई नुकसान नहीं हो। संडे मार्केट भी होगा रेगुलेट मंत्री ने कहा कि बैठक के दौरान व्यापारियों ने शिकायत दी कि शिमला में रविवार को सन्डे मार्केट सजती है, इसके लिए कुछ लोग स्पेशल बाहर से आते हैं। लेकिन उनकी ना तो कोई पहचान होती है, ना ही नगर निगम को आय होती है। ऐसे में उन्होंने कश्मीर को निर्देश दिए कि इनको भी रेगुलेट किया जाए। इनसे किराया लिया जाए और इनके लिए जगह भी चिह्नित की जाएगी। 30 दिसंबर तक दी डेडलाइन विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि शिमला में स्ट्रीट वेंडर्स को रेगुलेट करने के लिए उन्होंने नगर निगम कमिश्नर को 30 दिसम्बर तक प्रकिया पूरी करने की डेडलाइन दी है। जिसमे शहर में कितने तहबाजारी हैं, कितने स्थान चिह्नित हैं, कहां यलो लाइन लगाई जाएगी। नगर निगम 30 दिसंबर तक प्रकिया को पूरी करेगा। स्ट्रीट वेंडर्स में हिमाचलियों को देंगे तरजीह मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार ऐसा कोई कानून नही बना सकती कि बाहर से आने वालों रोका जा सकें। क्योंकि देश के संविधान के अनुसार सभी को देश में कहीं भी रोजी रोटी कमाने का अधिकार है। लेकिन प्रदेश सरकार हिमाचलियों को इसमें तरजीह देने का प्रयास करेगी। विकलांग, विधवा , SC /ST, OBC व समाज के पिछड़े तबके को विशेष राहत देने का प्रयास करेंगे।