हिमाचल प्रदेश की दो ग्राम पंचायतों को दीनदयाल उपाध्याय पंचायत स्टेट विकास पुरस्कार के लिए चुना गया है। नेशनल पंचायत अवॉर्ड 2024 के तहत वर्ष 2023-24 के लिए किए गए संबंधित थीम पर किए इन दोनों पंचायतों को अलग अलग कैटेगरी में यह पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। दोनों ग्राम पंचायतों को यह पुरस्कार 11 दिसंबर को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा उन्हें दिया जाएगा। इस अवसर पर उन्हें 75 लाख रुपए की अवार्ड मनी भी दी जाएगी। बता दें कि हमीरपुर की पंचायत को वाटर सफीसेंट थीम पर कार्य करने में दूसरा स्थान और शिमला की पंचायत को सोशल जस्ट एंड सोशल सिक्योर्ड थीम पर बेहतर प्रदर्शन करने पर दूसरा स्थान मिला। दोनों पंचायतों को डेढ़ करोड़ की राशि से सम्मानित किया जाएगा। इन पंचायत को मिला पुरस्कार जिला हमीरपुर के बमसन ब्लॉक की ग्राम पंचायत सिकांदर को वाटर सफीसेंट पंचायत कैटेगरी में दूसरा पुरस्कार मिला है। इसी तरह जिला शिमला के नारकंडा ब्लॉक की थाना धार पंचायत को सोशल जस्ट एंड सोशली सिक्योर्ड पंचायत कैटेगरी में दूसरा पुरस्कार मिला है। देशभर की 2.63 लाख पंचायतों के लिए दीनदयाल उपाध्याय पंचायत स्टेट विकास पुरस्कार में 9 थीम रखे गए थे। जिनमें पॉवर्टी फ्री एंड एनहांस लिवलीहुड पंचायत, हैल्दी पंचायत, चाइल्ड फ्रेंडली पंचायत, वाटर सफिशिएंट पंचायत, क्लीन एंड ग्रीन पंचायत, सेल्फ सफिशिएंट स्ट्रक्चर इन पंचायत, सोशली जस्ट एंड सोशली सिक्योर्ड पंचायत, पंचायत विद गुड गवर्नेंस और वूमेन फ्रेंडली पंचायत थीम रखे गए थे। सभी थीम में प्रत्येक थीम पर प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई है। पंचायतों को 9 में से चुनने थे 2 थीम देशभर की सभी पंचायत को इन 9 थीम पर काम करने के लिए कहा गया था। पंचायतों को इन 9 थीम में से 2 थीम चुनने थे। पंचायत में किए जाने वाले विभिन्न विकास कार्यों के अलावा इन थीम पर ज्यादा जोर दिया जाना था। सिकांदर पंचायत को 15 दिन पहले इसी थीम पर काम करने पर शिमला में राज्यपाल द्वारा प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया था। ग्राम पंचायत के सभी लोगों का मिला सहयोग सिकांदर पंचायत प्रधान पवन शर्मा ने बताया कि संबंधित थीम पर काम करने के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों, डीसी और पंचायत प्रतिनिधियों के साथ ग्राम पंचायत के सभी लोगों का सहयोग मिला है। उन्हीं के सहयोग से यह राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। उन्होंने बताया कि 11 दिसंबर को राष्ट्रपति द्वारा पंचायत को सम्मानित करने के लिए बुलाया गया है। हिमाचल प्रदेश की दो ग्राम पंचायतों को दीनदयाल उपाध्याय पंचायत स्टेट विकास पुरस्कार के लिए चुना गया है। नेशनल पंचायत अवॉर्ड 2024 के तहत वर्ष 2023-24 के लिए किए गए संबंधित थीम पर किए इन दोनों पंचायतों को अलग अलग कैटेगरी में यह पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। दोनों ग्राम पंचायतों को यह पुरस्कार 11 दिसंबर को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा उन्हें दिया जाएगा। इस अवसर पर उन्हें 75 लाख रुपए की अवार्ड मनी भी दी जाएगी। बता दें कि हमीरपुर की पंचायत को वाटर सफीसेंट थीम पर कार्य करने में दूसरा स्थान और शिमला की पंचायत को सोशल जस्ट एंड सोशल सिक्योर्ड थीम पर बेहतर प्रदर्शन करने पर दूसरा स्थान मिला। दोनों पंचायतों को डेढ़ करोड़ की राशि से सम्मानित किया जाएगा। इन पंचायत को मिला पुरस्कार जिला हमीरपुर के बमसन ब्लॉक की ग्राम पंचायत सिकांदर को वाटर सफीसेंट पंचायत कैटेगरी में दूसरा पुरस्कार मिला है। इसी तरह जिला शिमला के नारकंडा ब्लॉक की थाना धार पंचायत को सोशल जस्ट एंड सोशली सिक्योर्ड पंचायत कैटेगरी में दूसरा पुरस्कार मिला है। देशभर की 2.63 लाख पंचायतों के लिए दीनदयाल उपाध्याय पंचायत स्टेट विकास पुरस्कार में 9 थीम रखे गए थे। जिनमें पॉवर्टी फ्री एंड एनहांस लिवलीहुड पंचायत, हैल्दी पंचायत, चाइल्ड फ्रेंडली पंचायत, वाटर सफिशिएंट पंचायत, क्लीन एंड ग्रीन पंचायत, सेल्फ सफिशिएंट स्ट्रक्चर इन पंचायत, सोशली जस्ट एंड सोशली सिक्योर्ड पंचायत, पंचायत विद गुड गवर्नेंस और वूमेन फ्रेंडली पंचायत थीम रखे गए थे। सभी थीम में प्रत्येक थीम पर प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई है। पंचायतों को 9 में से चुनने थे 2 थीम देशभर की सभी पंचायत को इन 9 थीम पर काम करने के लिए कहा गया था। पंचायतों को इन 9 थीम में से 2 थीम चुनने थे। पंचायत में किए जाने वाले विभिन्न विकास कार्यों के अलावा इन थीम पर ज्यादा जोर दिया जाना था। सिकांदर पंचायत को 15 दिन पहले इसी थीम पर काम करने पर शिमला में राज्यपाल द्वारा प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया था। ग्राम पंचायत के सभी लोगों का मिला सहयोग सिकांदर पंचायत प्रधान पवन शर्मा ने बताया कि संबंधित थीम पर काम करने के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों, डीसी और पंचायत प्रतिनिधियों के साथ ग्राम पंचायत के सभी लोगों का सहयोग मिला है। उन्हीं के सहयोग से यह राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। उन्होंने बताया कि 11 दिसंबर को राष्ट्रपति द्वारा पंचायत को सम्मानित करने के लिए बुलाया गया है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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किन्नौर की बेटी ने पास की वैज्ञानिक परीक्षा:Ph.D के दौरान मिला एक्सीलेंस अवॉर्ड, हिमाचल के राज्यपाल ने किया था सम्मानित किन्नौर जिला के रारंग की मूल निवासी डॉ. मनीषा नेगी ने मृदा विज्ञान में प्रतिष्ठित कृषि अनुसंधान सेवा (एआरएस) वैज्ञानिक परीक्षा उत्तीर्ण की है। कृषि वैज्ञानिक भर्ती बोर्ड (एएसआरबी) द्वारा आयोजित यह परीक्षा इस क्षेत्र में सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में से एक है। जिसका उद्देश्य पूरे भारत में अनुसंधान संस्थानों के लिए शीर्ष वैज्ञानिकों का चयन करना है। डॉ. नेगी की शैक्षणिक यात्रा उनकी कड़ी मेहनत, दृढ़ता और उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उन्होंने डॉ. वाईएस. परमार बागवानी और वानिकी विश्वविद्यालय, नौनी, सोलन से मृदा विज्ञान में स्नातकोत्तर और पीएचडी की पढ़ाई पूरी की। उनके असाधारण प्रदर्शन के लिए उन्हें “अकादमिक उत्कृष्टता पुरस्कार” से सम्मानित किया गया, जिसे हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल ने प्रदान किया। इससे पहले, उन्होंने भारत के प्रमुख कृषि विश्वविद्यालयों में से एक, बैंगलोर के कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय में बीएससी. की पढ़ाई की। अपने शैक्षणिक जीवन के दौरान, डॉ. नेगी कई प्रतिष्ठित छात्रवृत्तियों और फेलोशिप की प्राप्तकर्ता रही हैं। उन्हें बीएससी के लिए आईसीएआर अंडरग्रेजुएट छात्रवृत्ति, एमएससी के लिए आईसीएआर जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) और पीएचडी के लिए यूजीसी नेशनल फेलोशिप फॉर शेड्यूल्ड ट्राइब्स (एनएफएसटी) से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, उन्हें डॉक्टरेट की पढ़ाई के दौरान यूनिवर्सिटी मेरिट स्कॉरशिप भी मिली। डॉ. मनीषा नेगी अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और शिक्षकों के सहयोग और मार्गदर्शन को देती हैं। उनकी उपलब्धि छात्रों और युवा शोधकर्ताओं, खासकर ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों के लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
हिमाचल के नड्डा दूसरी बार बने केंद्रीय मंत्री:अनुराग के पिता से मतभेद के बाद छोड़ा हिमाचल, मोदी घर आते-जाते रहे, शाह के करीबी
हिमाचल के नड्डा दूसरी बार बने केंद्रीय मंत्री:अनुराग के पिता से मतभेद के बाद छोड़ा हिमाचल, मोदी घर आते-जाते रहे, शाह के करीबी हिमाचल से ताल्लुक रखने वाले जगत प्रकाश नड्डा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार में बतौर कैबिनेट मिनिस्टर शामिल किया है। BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर नड्डा इसी महीने 30 जून को अपना दूसरा कार्यकाल पूरा करने जा रहे हैं। 2024 का लोकसभा चुनाव भाजपा ने उन्हीं की अगुवाई में लड़ा। हिमाचल के बिलासपुर से संबंध रखने वाले जेपी नड्डा इस समय गुजरात से राज्यसभा के मेंबर हैं। 2 दिसंबर 1960 को जन्मे नड्डा केंद्र सरकार में दूसरी बार मंत्री बने हैं। उन्हें मंत्री बनाकर पीएम मोदी ने हिमाचल के साथ-साथ गुजरात को भी साधने की कोशिश की है। 64 साल के नड्डा, नरेंद्र मोदी और अमित शाह दोनों के करीबी हैं। नड्डा की लाइफ का टर्निंग पॉइंट
हिमाचल में 2007 के विधानसभा में BJP को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद प्रेमकुमार धूमल दूसरी बार हिमाचल के CM बने। उनकी सरकार में नड्डा फॉरेस्ट मिनिस्टर बने, लेकिन उनका धूमल के साथ छत्तीस का आंकड़ा रहा। साल 2010 में नड्डा ने राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया और राज्यसभा सांसद बनकर दिल्ली शिफ्ट हो गए। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और संगठन में काम करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंच गए। धूमल सरकार से इस्तीफा देकर दिल्ली जाना नड्डा की लाइफ का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। मोदी का नड्डा के घर आना-जाना, शाह के खास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्ष 1996 से 1998 तक हिमाचल प्रदेश भाजपा के प्रभारी रहे। नड्डा की उसी समय से उनसे नजदीकियां रही हैं। संगठन का काम करते हुए मोदी जब बिलासपुर जाते तो उनका नड्डा के घर आना-जाना रहता था। साल 2014 में भाजपा ने नरेंद्र मोदी को PM फेस घोषित किया। उसके बाद पार्टी ने जेपी नड्डा को चुनाव कैंपेनिंग की मॉनिटरिंग का जिम्मा सौंपा। नड्डा ने दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में रहते हुए पूरे देश में पार्टी की कैंपेनिंग की मॉनिटरिंग की। मोदी के अलावा वह अमित शाह के भी करीबी रहे हैं। BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर नड्डा का दूसरा कार्यकाल इसी महीने 30 जून को पूरा हो रहा है। इससे पहले ही उन्हें कैबिनेट में शामिल कर लिया गया। पटना में जन्म, स्कूलिंग भी वहीं से
जेपी नड्डा का जन्म हिमाचल प्रदेश नहीं बल्कि बिहार के पटना में हुआ है। नड्डा के पिता नारायण लाल नड्डा पटना यूनिवर्सिटी में टीचर थे। नड्डा का पालन-पोषण और बीए तक की पढ़ाई पटना में ही हुई। एलएलबी के लिए उन्होंने हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया। बड़ा मंत्रालय मिलना तय
कैबिनेट मिनिस्टर बनने के बाद नड्डा को केंद्र में बड़ा पोर्टफोलियो मिलना भी लगभग तय है। वर्ष 2014 में पहली बार प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी ने नड्डा को अपनी सरकार में शामिल करते हुए स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा सौंपा था। 2019 में दूसरी बार भाजपा की सरकार बनने के बाद मोदी-शाह ने नड्डा को BJP का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया। अब मोदी ने नड्डा को फिर से अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया है, ऐसे में उन्हें बड़ा मंत्रालय मिलना भी लगभग तय है। नड्डा के कारण अनुराग की छुट्टी
हिमाचल प्रदेश के कोटे से नड्डा के मंत्री बनने के साथ ही, हमीरपुर से 5वीं बार सांसद चुने गए अनुराग ठाकुर की केंद्रीय मंत्रिमंडल से छुट्टी हो गई। वर्ष 2019 में मोदी की अगुवाई वाली सरकार में केंद्रीय सूचना
एवं प्रसारण मंत्रालय संभालने वाले अनुराग ठाकुर इस बार भी मंत्रिपद के दावेदार थे लेकिन नड्डा के मिनिस्टर बन जाने के कारण वह चूक गए। हालांकि सूत्रों का कहना है कि अनुराग ठाकुर को अब भाजपा संगठन में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। जेपी नड्डा भी वर्ष 2010 में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री का दायित्व निभा चुके हैं। भाजपा ने तीसरी बार हिमाचल की चारों सीटें जीती
इस लोकसभा चुनाव में BJP ने एक बार फिर से क्लीन स्वीप करते हुए हिमाचल की चारों लोकसभा सीटें जीती है। 2014 और 2019 में भी पार्टी ने प्रदेश की चारों लोकसभा सीटें जीती थी। इस बार शिमला से सुरेश कश्यप, हमीरपुर से अनुराग ठाकुर, कांगड़ा से डॉ. राजीव भारद्वाज और मंडी से कंगना रनोट सांसद चुनी गईं हैं। चारों सांसद पिछले चार दिन से दिल्ली में ही हैं। ये खबरें भी पढ़ें… हरियाणा से 3 मंत्री बनाने के पीछे विधानसभा चुनाव:जीटी रोड बेल्ट समेत 2 इलाके साधे, 50 विस सीटों पर नजर; नॉन जाट पॉलिटिक्स पर अडिग शूटर रहे राव तीसरी बार मोदी कैबिनेट में:मोदी के PM फेस बनने के 10 दिन बाद छोड़ी कांग्रेस, पिता से मिलने चप्पल में पहुंची थीं इंदिरा हरियाणा के कृष्णपाल लगातार तीसरी बार मंत्री बने:सियासत की शुरुआत कॉलेज से, मोदी का करीबी होने पर मिला 2014 में टिकट; बेटा भी पॉलिटिक्स में मोदी को बाइक पर घुमाने वाले खट्टर बने मंत्री:दिल्ली का दुकानदार पहले CM और अब केंद्रीय मंत्री बना, गरीबी के कारण नहीं बन पाए डॉक्टर
हिमाचल: धर्मशाला, सोलन व कांगड़ा में नवंबर में रिकॉर्डतोड़ गर्मी:हमीरपुर का पारा 35.5 डिग्री पहुंचा; केलांग का तापमान नॉर्मल से 9.2 डिग्री ज्यादा हुआ
हिमाचल: धर्मशाला, सोलन व कांगड़ा में नवंबर में रिकॉर्डतोड़ गर्मी:हमीरपुर का पारा 35.5 डिग्री पहुंचा; केलांग का तापमान नॉर्मल से 9.2 डिग्री ज्यादा हुआ हिमाचल प्रदेश में सर्दी के मौसम में गर्मी पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ने लगी है। बीते 24 घंटे के दौरान 4 शहरों धर्मशाला, सोलन और कांगड़ा में अधिकतम तापमान ने नवंबर महीने में गर्मी के पिछले सारे रिकॉर्ड ब्रेक कर डाले है। धर्मशाला का अधिकतम तापमान 27.6 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। इससे पहले आज तक कभी भी नवंबर में इतना तापमान रिकॉर्ड नहीं किया गया। धर्मशाला का नवंबर का रिकॉर्ड टैम्परेचर 07 नवंबर 2022 को 27.4 डिग्री था। इसी तरह सोलन में अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। सोलन का आज तक का रिकॉर्ड तापमान 01 नवंबर 2020 को 28.7 डिग्री था। कांगड़ा के तापमान ने भी पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले हैं। कांगड़ा का टैम्परेचर 29.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। यहां का रिकॉर्ड तापमान 05 नवंबर 2020 को 28.4 डिग्री था। नवंबर में भी पहाड़ों पर ठंड का एहसास नहीं प्रदेश के दूसरे शहरों में भी इसी तरह तापमान नॉर्मल से ज्यादा चल रहा है। इससे नवंबर माह में भी पहाड़ों पर ठंड का एहसास नहीं हो पा रहा। प्रदेश का औसत अधिकतम तापमान नॉर्मल से 4.1 डिग्री ज्यादा चल रहा है। कई शहरों के तापमान 9 डिग्री तक का उछाल आया है। केलांग का तापमान नॉर्मल से 9.2 डिग्री अधिक हुआ प्रदेश के सबसे ठंडे शहरों में शुमार केलांग के अधिकतम तापमान में नॉर्मल की तुलना में सबसे ज्यादा 9.2 डिग्री का उछाल आया है। यहां का पारा 19.2 डिग्री पहुंच गया है। वहीं हमीरपुर का तापमान भी नॉर्मल से 8.6 डिग्री ज्यादा के साथ 35.5 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। हिमाचल के किसी भी शहर में आज तक नवंबर में 35.5 डिग्री सेल्सियस तापमान नहीं गया। वहीं कल्पा का तापमान भी नॉर्मल की तुलना में 6.9 डिग्री का उछाल के बाद 23.4 डिग्री, शिमला का तापमान नॉर्मल से 4.1 डिग्री ज्यादा के साथ 23.2 डिग्री, नाहन का पारा 4.1 डिग्री ज्यादा के साथ 28.8 डिग्री और भुंतर का तापमान 4.5 डिग्री ज्यादा के साथ 30 डिग्री सेल्सियस हो गया है। लंबे ड्राइ स्पेल के कारण बढ़ रहा तापमान आलम यह है कि प्रदेश के छह का पारा 30 डिग्री से ज्यादा हो गया है। अमूमन नवंबर में ऐसी स्थिति देखने को नहीं मिलती, बल्कि तापमान में कमी से ठंड रिकॉर्ड तोड़ती है। मगर इस बार लंबे ड्राइ स्पेल की वजह से बारिश-बर्फबारी नहीं हो रही। इससे तापमान में उछाल आ रहा है। प्रदेश में पोस्ट मानसून सीजन में 97 प्रतिशत से कम बारिश हुई है। छह जिले चंबा, हमीरपुर, बिलासपुर, कुल्लू, सोलन और सिरमौर में तो एक बीते 33 दिनों के दौरान एक बूंद भी नहीं बरसी।