हिमाचल की नव नियुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) नंदिता गुप्ता ने 21 दिन बाद भी जॉइन नहीं किया। इसे देखते हुए कार्मिक विभाग ने नंदिता गुप्ता को जॉइनिंग को लेकर रिमाइंडर भेजा है। केंद्रीय चुनाव आयोग ने बीते 27 अगस्त को नंदिता गुप्ता को हिमाचल का CEO नियुक्त किया था। ECI ने नंदिता गुप्ता को एक सप्ताह में जॉइनिंग के लिए कहा था और राज्य सरकार की इसकी कंप्लायंस रिपोर्ट ECI को देने को बोला गया था। लिहाजा कार्मिक विभाग ने नंदिता गुप्ता को रिमाइंडर भेजकर जॉइन नहीं करने के कारण पूछे हैं। नंदिता गुप्ता हिमाचल कैडर की साल 2011 बैच की IAS हैं। वह अभी दिल्ली में सेवाएं दे रही है। हिमाचल की CEO बनने के बाद नंदिता गुप्ता एक बार हिमाचल जरूर आई थी, लेकिन उन्होंने जॉइन नहीं किया। हिमाचल में उन्हें सीईओ मनीष गर्ग की जगह लेनी है। मनीष गर्ग पहले ही रिलीव हो गए हैं। वह अब केंद्रीय चुनाव आयोग में डिप्टी इलैक्शन कमिश्नर के तौर पर सेवाएं दे रहे हैं। हिमाचल की नव नियुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) नंदिता गुप्ता ने 21 दिन बाद भी जॉइन नहीं किया। इसे देखते हुए कार्मिक विभाग ने नंदिता गुप्ता को जॉइनिंग को लेकर रिमाइंडर भेजा है। केंद्रीय चुनाव आयोग ने बीते 27 अगस्त को नंदिता गुप्ता को हिमाचल का CEO नियुक्त किया था। ECI ने नंदिता गुप्ता को एक सप्ताह में जॉइनिंग के लिए कहा था और राज्य सरकार की इसकी कंप्लायंस रिपोर्ट ECI को देने को बोला गया था। लिहाजा कार्मिक विभाग ने नंदिता गुप्ता को रिमाइंडर भेजकर जॉइन नहीं करने के कारण पूछे हैं। नंदिता गुप्ता हिमाचल कैडर की साल 2011 बैच की IAS हैं। वह अभी दिल्ली में सेवाएं दे रही है। हिमाचल की CEO बनने के बाद नंदिता गुप्ता एक बार हिमाचल जरूर आई थी, लेकिन उन्होंने जॉइन नहीं किया। हिमाचल में उन्हें सीईओ मनीष गर्ग की जगह लेनी है। मनीष गर्ग पहले ही रिलीव हो गए हैं। वह अब केंद्रीय चुनाव आयोग में डिप्टी इलैक्शन कमिश्नर के तौर पर सेवाएं दे रहे हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल विधानसभा में पहली बार शून्य-काल शुरू होगा:विधायक अपने क्षेत्र के मुद्दे उठा पाएंगे; स्पीकर बोले-अब तक 316 प्रश्न मिले हिमाचल प्रदेश विधानसभा के कल से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र में पहली बार शून्य काल यानी जीरो आवर होगा। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने तपोवन धर्मशाला में आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में कहा, 12 से 12.30 बजे तक विधायक जनता से जुड़े मुद्दे शून्य काल में उठा सकेंगे। उन्होंने कहा, सत्र शुरू होने से डेढ़ घंटा पहले विधानसभा सचिवालय को पूछे जाने वाले प्रश्नों की सूचना देनी होगी। शून्य काल में एक विधायक अधिकतम 2 सवाल पूछ सकेगा। प्रत्येक सदस्य को चार से पांच मिनट का वक्त मिलेगा। पूछे गए सवाल का उत्तर संबंधित विभाग के मंत्री द्वारा लिया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष ने शून्य काल शुरू करने की व्यवस्था मानसून सत्र के दौरान दे दी थी। जाहिर है कि रोजाना एक घंटे के प्रश्नकाल के बाद शून्य काल होगा। इसके बाद लोकसभा की तर्ज पर हिमाचल विधानसभा में भी विधायक अपने क्षेत्र से जुड़े मुद्दे उठा पाएंगे। हिमाचल विधानसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होती है। नई व्यवस्था के तहत प्रश्नकाल 11 से 12 बजे तक चलेगा। 12 से 12.30 बजे तक शून्यकाल होगा। इसके बाद विधानसभा का दूसरा बिजनेस कार्यवाही को सदन में लाया जाएगा। क्यों पड़ी शून्य काल की जरूरत? बता दें कि बहुत से मुद्दे ऐसे होते थे जिन्हें विधायक सदन में उठाना चाहते है। मगर नहीं उठा पाते थे। इसकी जरूरत को देखते हुए पहली बार शून्य काल शुरू किया जा रहा है। हिमाचल विधानसभा के इतिहास में यह पहला मौका होगा, जब शून्य-काल शुरू होगा। अब तक 316 प्रश्न मिले कुलदीप पठानिया ने कहा, 18 से 21 दिसंबर तक चलने वाली सत्र में कुल 4 बैठकें होंगी। एक दिन प्राइवेट मेंबर-डे होगा। अभी तक कुल 248 तारांकित और 68 अतारांकित प्रश्न विधायकों द्वारा पूछे जा चुके हैं। इसी तरह विधानसभा के अलग अलग नियमों के तहत भी 14 सूचनाएं विधानसभा सचिवालय प्रशासन को मिली है, जिन पर सदस्यों ने चर्चा की मांग की है। शेष तीन दिन में दोनों दलों के विधायकों के सवाल और विधेयक पर चर्चा को लाए जाएंगे। सर्वदलीय मीटिंग की इससे पहले स्पीकर कुलदीप पठानिया ने धर्मशाला में सर्वदलीय मीटिंग बुलाई। मगर इसमें नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर शामिल नहीं हुए। कुलदीप पठानिया ने कहा, कि जयराम ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए मीटिंग में उपस्थित नहीं होने की बात कही है।
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CM के मीडिया सलाहाकार का विपक्ष पर निशाना:बोले-जिस एक्ट से बीजेपी सरकार ने CPS लगाए थे, उसी के तहत कांग्रेस सरकार ने भी बनाए हिमाचल के मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहाकार नरेश चौहान ने मुख्य संसदीय सचिव (CPS) मामले और दूसरे राज्यों में बीजेपी द्वारा किए जा रहे प्रचार को लेकर भाजपा नेताओं पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार ने जब CPS की नियुक्ति की थी तब राज्य में 2006 का एक्ट लागू था। उस एक्ट में नियुक्ति का प्रावधान था। नरेश चौहान ने कहा, भाजपा आज CPS को लेकर जोर-जोर से चिल्ला रही है। इस मामले में भाजपा के याचिकाकर्ता विधायक सत्तपाल सत्ती और सुखराम चौधरी खुद पूर्व धूमल सरकार में CPS रह चुके हैं। ऐसे में बीजेपी को इस मामले को तूल नहीं देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जैसे ही हाईकोर्ट ने इनकी नियुक्तियों को रद्द किया, उसके बाद सरकार ने तुरंत प्रभाव से कोर्ट के आदेशानुसार, गाड़ी, दफ्तर, स्टाफ जैसी सुविधाएं वापस ले ली। अब सुप्रीम कोर्ट में लड़ेंगे बैटल नरेश चौहान ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेशों को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। अब इस मामले में लीगल बैटल सुप्रीम कोर्ट में लड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने चुनी हुई सरकार को बार-बार गिराने की कोशिश की। बहुमत की सरकार को धनबल से गिराने के लिए ऑपरेशन लोटस चलाया गया। प्रधानमंत्री ने भी सरकार गिराने को ताकत लगाई: चौहान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सरकार को गिराने में ताकत लगाई। फिर भी जनता से बीजेपी को सत्ता से बाहर किया। पहले विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार हुई, दोबारा 9 सीटों पर हुए उप चुनाव में भी भाजपा को मुंह की खानी पड़ी। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने अब तक सरकार को एक भी सकारात्मक सुझाव नहीं दिया। केवल मीडिया के माध्यम से सरकार पर बेवजह हमला बोलते हैं। दूसरे राज्यों में हिमाचल की छवि खराब कर रहे बीजेपी नेता: नेता नरेश चौहान ने कहा कि अनुराग ठाकुर समेत बीजेपी के दूसरे नेता दूसरे राज्यों में जाकर चुनाव प्रचार में झूठ बोलकर हिमाचल की छवि को खराब कर रहे हैं। पहले यह झूठ हरियाणा और जम्मू कश्मीर में बोला गया। अब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी नेता झूठ फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 23 महीने के कार्यकाल में 10 में से 5 गारंटियां पूरी की है। फिर भी भारतीय जनता पार्टी दूसरे राज्यों में जाकर गलत प्रचार कर रहे हैं।