हिमाचल के अधिक ऊंचे पहाड़ों पर आज बर्फबारी:4 शहरों का पारा माइनस में; मंडी और बिलासपुर में कोहरे की चेतावनी; 98% कम बादल बरसे

हिमाचल के अधिक ऊंचे पहाड़ों पर आज बर्फबारी:4 शहरों का पारा माइनस में; मंडी और बिलासपुर में कोहरे की चेतावनी; 98% कम बादल बरसे

हिमाचल प्रदेश में आज वेस्टर्न डिस्टरबेंस (WD) एक्टिव होने का पूर्वानुमान है। इससे चंबा, कांगड़ा, लाहौल स्पीति और कुल्लू जिला की ऊंची चोटियों पर हल्का हिमपात हो सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, अन्य जिलों में मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। ऊंचे पहाड़ों पर बारिश बर्फबारी हुई तो इससे तापमान में गिरावट आएगी। बारिश-बर्फबारी से पहले ही प्रदेश के चार शहरों का तापमान माइनस में चला गया है। लाहौल स्पीति के ताबो का न्यूनतम तापमान माइस 8.7 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया है। समदो का माइन 1.3 डिग्री, कुकुमसैरी का 4.1 डिग्री और केलांग का न्यूनतम तापमान 2.0 डिग्री तक गिर चुका है। मौसम विभाग ने मंडी और बिलासपुर जिला के कुछेक स्थानों पर आज धुंध का येलो अलर्ट जारी किया है। विभाग के अनुसार धुंध की वजह से विजिबिलिटी 50 मीटर से भी नीचे गिर सकती है। इसे देखते हुए वाहन चालकों को सावधानी से गाड़ी चलाने की सलाह दी गई है। किसानों पर सूखे की सबसे ज्यादा मार प्रदेशवासी लंबे समय से बारिश के इंतजार में है। 53 दिन से बारिश नहीं होने से सूखे जैसे हालात बन गए है। इसकी सबसे ज्यादा मार किसानों पर पड़ी है। सूखे के कारण 63 फीसदी जमीन पर किसान गेंहू की बुवाई नहीं कर पाया। प्रदेश में इसकी बुवाई का उचित समय एक सप्ताह पहले निकल चुका है। अब नदी नालों में भी जल स्तर गिरने लगा है। इससे पेयजल और सिंचाई योजनाओं पर भी पानी कम होने लगा है। नदी नालों में पानी कम होने से बिजली का उत्पादन पर भी असर पड़ा है। 6 जिलों में 52 दिन से एक बूंद भी नहीं बरसी आलम यह है कि पहले मानसून में भी सामान्य से 19 प्रतिशत कम बारिश हुई। बरसात के बाद यानी पोस्ट मानसून सीजन में भी सामान्य से 98 प्रतिशत कम बादल बरसे है। मौसम विभाग के अनुसार, एक अक्टूबर से 22 नवंबर तक 37.3 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार औसत 0.7 मिलीमीटर बारिश हुई है। छह जिले ऐसे हैं, जहां 52 दिन से पानी की एक बूंद नहीं बरसी। नवंबर माह में प्रदेश के एक भी जिले में बारिश नहीं हुई। हिमाचल प्रदेश में आज वेस्टर्न डिस्टरबेंस (WD) एक्टिव होने का पूर्वानुमान है। इससे चंबा, कांगड़ा, लाहौल स्पीति और कुल्लू जिला की ऊंची चोटियों पर हल्का हिमपात हो सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, अन्य जिलों में मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। ऊंचे पहाड़ों पर बारिश बर्फबारी हुई तो इससे तापमान में गिरावट आएगी। बारिश-बर्फबारी से पहले ही प्रदेश के चार शहरों का तापमान माइनस में चला गया है। लाहौल स्पीति के ताबो का न्यूनतम तापमान माइस 8.7 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया है। समदो का माइन 1.3 डिग्री, कुकुमसैरी का 4.1 डिग्री और केलांग का न्यूनतम तापमान 2.0 डिग्री तक गिर चुका है। मौसम विभाग ने मंडी और बिलासपुर जिला के कुछेक स्थानों पर आज धुंध का येलो अलर्ट जारी किया है। विभाग के अनुसार धुंध की वजह से विजिबिलिटी 50 मीटर से भी नीचे गिर सकती है। इसे देखते हुए वाहन चालकों को सावधानी से गाड़ी चलाने की सलाह दी गई है। किसानों पर सूखे की सबसे ज्यादा मार प्रदेशवासी लंबे समय से बारिश के इंतजार में है। 53 दिन से बारिश नहीं होने से सूखे जैसे हालात बन गए है। इसकी सबसे ज्यादा मार किसानों पर पड़ी है। सूखे के कारण 63 फीसदी जमीन पर किसान गेंहू की बुवाई नहीं कर पाया। प्रदेश में इसकी बुवाई का उचित समय एक सप्ताह पहले निकल चुका है। अब नदी नालों में भी जल स्तर गिरने लगा है। इससे पेयजल और सिंचाई योजनाओं पर भी पानी कम होने लगा है। नदी नालों में पानी कम होने से बिजली का उत्पादन पर भी असर पड़ा है। 6 जिलों में 52 दिन से एक बूंद भी नहीं बरसी आलम यह है कि पहले मानसून में भी सामान्य से 19 प्रतिशत कम बारिश हुई। बरसात के बाद यानी पोस्ट मानसून सीजन में भी सामान्य से 98 प्रतिशत कम बादल बरसे है। मौसम विभाग के अनुसार, एक अक्टूबर से 22 नवंबर तक 37.3 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार औसत 0.7 मिलीमीटर बारिश हुई है। छह जिले ऐसे हैं, जहां 52 दिन से पानी की एक बूंद नहीं बरसी। नवंबर माह में प्रदेश के एक भी जिले में बारिश नहीं हुई।   हिमाचल | दैनिक भास्कर