हिमाचल प्रदेश में आज वेस्टर्न डिस्टरबेंस (WD) एक्टिव होने का पूर्वानुमान है। इससे चंबा, कांगड़ा, लाहौल स्पीति और कुल्लू जिला की ऊंची चोटियों पर हल्का हिमपात हो सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, अन्य जिलों में मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। ऊंचे पहाड़ों पर बारिश बर्फबारी हुई तो इससे तापमान में गिरावट आएगी। बारिश-बर्फबारी से पहले ही प्रदेश के चार शहरों का तापमान माइनस में चला गया है। लाहौल स्पीति के ताबो का न्यूनतम तापमान माइस 8.7 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया है। समदो का माइन 1.3 डिग्री, कुकुमसैरी का 4.1 डिग्री और केलांग का न्यूनतम तापमान 2.0 डिग्री तक गिर चुका है। मौसम विभाग ने मंडी और बिलासपुर जिला के कुछेक स्थानों पर आज धुंध का येलो अलर्ट जारी किया है। विभाग के अनुसार धुंध की वजह से विजिबिलिटी 50 मीटर से भी नीचे गिर सकती है। इसे देखते हुए वाहन चालकों को सावधानी से गाड़ी चलाने की सलाह दी गई है। किसानों पर सूखे की सबसे ज्यादा मार प्रदेशवासी लंबे समय से बारिश के इंतजार में है। 53 दिन से बारिश नहीं होने से सूखे जैसे हालात बन गए है। इसकी सबसे ज्यादा मार किसानों पर पड़ी है। सूखे के कारण 63 फीसदी जमीन पर किसान गेंहू की बुवाई नहीं कर पाया। प्रदेश में इसकी बुवाई का उचित समय एक सप्ताह पहले निकल चुका है। अब नदी नालों में भी जल स्तर गिरने लगा है। इससे पेयजल और सिंचाई योजनाओं पर भी पानी कम होने लगा है। नदी नालों में पानी कम होने से बिजली का उत्पादन पर भी असर पड़ा है। 6 जिलों में 52 दिन से एक बूंद भी नहीं बरसी आलम यह है कि पहले मानसून में भी सामान्य से 19 प्रतिशत कम बारिश हुई। बरसात के बाद यानी पोस्ट मानसून सीजन में भी सामान्य से 98 प्रतिशत कम बादल बरसे है। मौसम विभाग के अनुसार, एक अक्टूबर से 22 नवंबर तक 37.3 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार औसत 0.7 मिलीमीटर बारिश हुई है। छह जिले ऐसे हैं, जहां 52 दिन से पानी की एक बूंद नहीं बरसी। नवंबर माह में प्रदेश के एक भी जिले में बारिश नहीं हुई। हिमाचल प्रदेश में आज वेस्टर्न डिस्टरबेंस (WD) एक्टिव होने का पूर्वानुमान है। इससे चंबा, कांगड़ा, लाहौल स्पीति और कुल्लू जिला की ऊंची चोटियों पर हल्का हिमपात हो सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, अन्य जिलों में मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। ऊंचे पहाड़ों पर बारिश बर्फबारी हुई तो इससे तापमान में गिरावट आएगी। बारिश-बर्फबारी से पहले ही प्रदेश के चार शहरों का तापमान माइनस में चला गया है। लाहौल स्पीति के ताबो का न्यूनतम तापमान माइस 8.7 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया है। समदो का माइन 1.3 डिग्री, कुकुमसैरी का 4.1 डिग्री और केलांग का न्यूनतम तापमान 2.0 डिग्री तक गिर चुका है। मौसम विभाग ने मंडी और बिलासपुर जिला के कुछेक स्थानों पर आज धुंध का येलो अलर्ट जारी किया है। विभाग के अनुसार धुंध की वजह से विजिबिलिटी 50 मीटर से भी नीचे गिर सकती है। इसे देखते हुए वाहन चालकों को सावधानी से गाड़ी चलाने की सलाह दी गई है। किसानों पर सूखे की सबसे ज्यादा मार प्रदेशवासी लंबे समय से बारिश के इंतजार में है। 53 दिन से बारिश नहीं होने से सूखे जैसे हालात बन गए है। इसकी सबसे ज्यादा मार किसानों पर पड़ी है। सूखे के कारण 63 फीसदी जमीन पर किसान गेंहू की बुवाई नहीं कर पाया। प्रदेश में इसकी बुवाई का उचित समय एक सप्ताह पहले निकल चुका है। अब नदी नालों में भी जल स्तर गिरने लगा है। इससे पेयजल और सिंचाई योजनाओं पर भी पानी कम होने लगा है। नदी नालों में पानी कम होने से बिजली का उत्पादन पर भी असर पड़ा है। 6 जिलों में 52 दिन से एक बूंद भी नहीं बरसी आलम यह है कि पहले मानसून में भी सामान्य से 19 प्रतिशत कम बारिश हुई। बरसात के बाद यानी पोस्ट मानसून सीजन में भी सामान्य से 98 प्रतिशत कम बादल बरसे है। मौसम विभाग के अनुसार, एक अक्टूबर से 22 नवंबर तक 37.3 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार औसत 0.7 मिलीमीटर बारिश हुई है। छह जिले ऐसे हैं, जहां 52 दिन से पानी की एक बूंद नहीं बरसी। नवंबर माह में प्रदेश के एक भी जिले में बारिश नहीं हुई। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
शिमला के रिज पर फिर पड़ी दरारें:अनसेफ घोषित एरिया में 15 दुकानें खाली कराई; जमीन धंसी तो पेयजल टैंक खतरा
शिमला के रिज पर फिर पड़ी दरारें:अनसेफ घोषित एरिया में 15 दुकानें खाली कराई; जमीन धंसी तो पेयजल टैंक खतरा हिमाचल की राजधानी शिमला में रिज पर फिर से जमीन धंसनी शुरू हो गई है। इससे रिज के एक कोने में बने पदमदेव कॉम्प्लेक्स के निकट स्थित कुछ दुकानों को खतरा पैदा हो गया है। इसे देखते हुए वीरवार को यहां चल रही दुकानें खाली करने को कह दिया गया है। बताया जा रहा है कि रिज पर बने टैंक में भी हल्की दरारें पड़ी हैं। रिज के एक कोने पर दरारें आने के बाद वीरवार की दोपहर बाद शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान खुद मौके पर पहुंचे और यहां चल रही दुकानें एहतियात खाली करने के आदेश दिए। यहां जमीन धंसने के बाद क्षेत्र को अनसेफ घोषित किया जा चुका है। यहां पर लगभग 15 दुकानें हैं। इनमें अधिकांश अवैध तौर पर चल रही है। यदि ज्यादा बारिश होती है तो दुकानें गिरने का खतरा बना हुआ है। यदि दुकानें गिरती है तो रिज पर बने पानी के टैंक को भी खतरा हो सकता है। यह दरारें रिज पर बने टैंक के नीचे नहीं, बल्कि जिस जगह घोड़े खड़े रहते हैं, वहां मौजूद पेड़ से लेकर लक्कड़ बाजार की ओर को आई है। कई सालों से धंस रहा रिज, लक्कड़ बाजार का एरिया रिज से दोनों और करीब 100-100 मीटर का एरिया सालों से चिंता का कारण बना हुआ है। रिज से लक्कड़ बाजार वाला क्षेत्र कई सालों से धंस रहा है। जिस जगह ताजा दरारें आई है, वहां चार से पांच फीट जमीन पहले भी नीचे बैठ चुकी है। इस बरसात में दोबारा से लक्कड़ बाजार सड़क पर पड़ी दरारों ने चिंता बढ़ाई है। रिज को सेफ करने के लिए जरूरी कदम उठाएंगे: मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा, दरारें पड़ने के बाद क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए हर समय कदम उठाए जाएंगे। इस क्षेत्र को अनसेफ घोषित कर सभी दुकानों को खाली करने को कहा गया है। जल्द यहां पर जियोलॉजिकल सर्वे कराया जाएगा। डीसी बोले-शिमला में तीन महीने टास्क फोर्स आपदा से निपटेगी वहीं डीसी शिमला अनुपम कश्यप ने कहा, शिमला शहर में संयुक्त टास्क फोर्स किसी भी आपदा से निपटेगी। एनडीआरएफ और गृह रक्षक के सदस्य फोर्स में शामिल किए गए है। यह टास्क फोर्स तीन महीने तक कार्य करेगी। उन्होंने दावा किया कि, टास्क फोर्स अत्याधुनिक उपकरणों से लैस होगी। जिलाधीश अनुपम कश्यप और पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी की अध्यक्षता में वीरवार को शिमला शहर में आपदा से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और गृह रक्षकों के संयुक्त टास्क फोर्स के साथ विशेष संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अनुपम कश्यप ने कहा, आपदा में राहत कार्यों को तीव्रता से तभी पूरा किया जा सकता है, जब घटना स्थल के बारे पूर्ण जानकारी एकत्रित होगी। जब हमारी टास्क फोर्स मौके पर पहुंच जाए तो प्लान बनाने की बहुत कम आवश्यकता रहें। इसके साथ ही हमारा रिस्पॉन्स समय बहुत ही तेज गति से होना चाहिए। पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी ने कहा कि आपदा में फोर्स की ओर से टीम वर्क होना चाहिए। टीम में निपुण सदस्यों को कार्य का बंटवारा किया जाना चाहिए ताकि राहत कार्यों को करने में कम से कम दिक्कतों का सामना करना पड़े।
पांवटा साहिब में कार ने युवक को कुचला:मौत, पुलिस बोली- सड़क पार करते समय हुआ हादसा
पांवटा साहिब में कार ने युवक को कुचला:मौत, पुलिस बोली- सड़क पार करते समय हुआ हादसा पांवटा साहिब में शुक्रवार रात पांवटा-नाहन नेशनल हाईवे पर कार ने एक व्यक्ति को कुचल दिया। इस हादसे में उसकी मौत हो गई। मृतक की पहचान छबीला साहनी (45) निवासी बिहार के तौर पर हुई है। पुलिस के अनुसार, एक कार तेज गति से माजरा की तरफ से आई और पैदल सड़क पार कर रहे छबीला को टक्कर मार दी। इस हादसे में वह गंभीर रूप से घायल हो गया। इसके बाद घायल व्यक्ति को एम्बुलेंस से सिविल अस्पताल लाया गया। लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने कार चालक रवि कान्त निवासी पुरुवाला-कांशीपुर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। यह हादसा कार नंबर HP17G-9959 के चालक रवि कान्त द्वारा कार को तेज गति व लापरवाही से चलाने से हुआ।
हिमाचल में 3 विधानसभा सीटों के उपचुनाव:2 निर्दलीय ने वापस लिया नामांकन; 13 दावेदार मैदान में, देहरा-हमीरपुर से 5-5 उम्मीदवार
हिमाचल में 3 विधानसभा सीटों के उपचुनाव:2 निर्दलीय ने वापस लिया नामांकन; 13 दावेदार मैदान में, देहरा-हमीरपुर से 5-5 उम्मीदवार हिमाचल प्रदेश की तीन विधानसभा सीटों पर हो रहे उप चुनाव में नामांकन वापसी के बाद अब 13 दावेदार मैदान में बचे है। नामांकन वापसी के बाद देहरा सीट पर कुल पांच व नालागढ़ सीट पर पांच-पांच और हमीरपुर में तीन प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। कांगड़ा जिला की देहरा सीट पर कांग्रेस की कमलेश ठाकुर (53), भारतीय जनता पार्टी के होशियार सिंह (57) और निर्दलीय सुलेखा देवी (59), अरुण अंकेश स्याल (34) तथा एडवोकेट संजय शर्मा (56) चुनावी मैदान में हैं। हमीरपुर विधानसभा सीट से बीजेपी के आशीष शर्मा (37), कांग्रेस के डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा (48) तथा निर्दलीय प्रत्याशी नन्द लाल शर्मा (64) चुनावी मैदान में है। सोलन जिले की नालागढ़ सीट पर कांग्रेस के बाबा हरदीप सिंह (44), बीजेपी के केएल ठाकुर (64), स्वाभिमान पार्टी के किशोरी लाल शर्मा (46) तथा निर्दलीय प्रत्याशी हरप्रीत सिंह (36) व विजय सिंह (36) चुनावी मैदान में है। इन्होंने वापस लिए नामांकन हमीरपुर सीट से बुधवार को निर्दलीय प्रदीप कुमार और नालागढ़ से निर्दलीय प्रत्याशी गुरनाम सिंह ने अपना-अपना नामांकन वापस लिया है। 10 जुलाई को 2.57 लाख मतदाता चुनेंगे विधायक प्रदेश में तीनों सीटों पर आगामी 10 जुलाई को चुनाव होने हैं। इनमें देहरा सीट पर 86314 वोटर पांच प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला करेंगे, जबकि नालागढ़ सीट पर 93714 वोटर और हमीरपुर में 77868 वोटर तीन साल से अधिक समय के लिए नए विधायक का चयन करेंगे। इस वजह से आई उप चुनाव की नौबत इन तीनों सीटों पर पूर्व निर्दलीय विधायकों द्वारा इस्तीफे देने की वजह से उप चुनाव हो रहा है। निर्दलीय विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में बीजेपी को वोट देने के बाद अपने पदों से 15 महीने बाद ही इस्तीफा दे दिया था। इन्होंने बीते 22 मार्च को अपने पदों से इस्तीफा दिया और 23 मार्च को दिल्ली में बीजेपी जॉइन कर दी। भाजपा ने भी अपना वादा निभाते हुए तीनों को उप चुनाव में टिकट दिया है।