हिमाचल के ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ भ्रमण पर निकले:4 राज्यों के ऐतिहासिक जगहों पर जाएंगे, CM बोले- इन्हें भी घूमने का अधिकार

हिमाचल के ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ भ्रमण पर निकले:4 राज्यों के ऐतिहासिक जगहों पर जाएंगे, CM बोले- इन्हें भी घूमने का अधिकार

हिमाचल प्रदेश के ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ यानी जिन बच्चों ने बचपन में ही अपने माता-पिता को खो दिया है, ऐसे 22 बच्चों को प्रदेश सरकार ने गुरुवार को चार राज्यों के भ्रमण पर भेजा है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने इन बच्चों को लेकर गई बस को सचिवालय से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। प्रदेश के 22 बच्चे चंडीगढ़, दिल्ली, आगरा और गोवा का भ्रमण करेंगे। इन बच्चों को मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के तहत चार राज्यों के भ्रमण पर भेजा गया है। इसका पूरा खर्च सरकार उठाएगी। इस भ्रमण के दौरान इन बच्चों को ऐतिहासिक जगह पर ले जाया जाएगा, जहां इन बच्चों मनोरंजन भी होगा और ऐतिहासिक जगह का ज्ञान भी प्राप्त कर सकेंगे। सरकार ने बजट सत्र में बनाया कानून बता दें कि राज्य सरकार ने बिन मां-बाप के बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट का दर्जा दिया है। इसके लिए विधानसभा के बजट सत्र में बाकायदा कानून बनाया गया। इससे ऐसे बच्चों की पढ़ाई-लिखाई, घूमना फिरना उनका अधिकार हो गया है। सरकार ही इन बच्चों का 26 साल की उम्र तक पालन-पोषण भी करेगी। दिल्ली से बाय-एयर गोवा जाएंगे बच्चे मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि जिन बच्चों के माता-पिता नहीं है, सरकार ही उनकी माता और पिता है। सरकार ने ऐसे बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट बनाया है। इनका भी घूमने-फिरने का अधिकार है। इसी कानून के तहत आज चंडीगढ़ जाएंगे। फिर शताब्दी से दिल्ली जाएंगे। यहां लालकिला, फिर आगरा जाएंगे। दिल्ली से बाय एयर गोवा जाएंगे। हिमाचल प्रदेश के ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ यानी जिन बच्चों ने बचपन में ही अपने माता-पिता को खो दिया है, ऐसे 22 बच्चों को प्रदेश सरकार ने गुरुवार को चार राज्यों के भ्रमण पर भेजा है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने इन बच्चों को लेकर गई बस को सचिवालय से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। प्रदेश के 22 बच्चे चंडीगढ़, दिल्ली, आगरा और गोवा का भ्रमण करेंगे। इन बच्चों को मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के तहत चार राज्यों के भ्रमण पर भेजा गया है। इसका पूरा खर्च सरकार उठाएगी। इस भ्रमण के दौरान इन बच्चों को ऐतिहासिक जगह पर ले जाया जाएगा, जहां इन बच्चों मनोरंजन भी होगा और ऐतिहासिक जगह का ज्ञान भी प्राप्त कर सकेंगे। सरकार ने बजट सत्र में बनाया कानून बता दें कि राज्य सरकार ने बिन मां-बाप के बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट का दर्जा दिया है। इसके लिए विधानसभा के बजट सत्र में बाकायदा कानून बनाया गया। इससे ऐसे बच्चों की पढ़ाई-लिखाई, घूमना फिरना उनका अधिकार हो गया है। सरकार ही इन बच्चों का 26 साल की उम्र तक पालन-पोषण भी करेगी। दिल्ली से बाय-एयर गोवा जाएंगे बच्चे मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि जिन बच्चों के माता-पिता नहीं है, सरकार ही उनकी माता और पिता है। सरकार ने ऐसे बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट बनाया है। इनका भी घूमने-फिरने का अधिकार है। इसी कानून के तहत आज चंडीगढ़ जाएंगे। फिर शताब्दी से दिल्ली जाएंगे। यहां लालकिला, फिर आगरा जाएंगे। दिल्ली से बाय एयर गोवा जाएंगे।   हिमाचल | दैनिक भास्कर