हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को 15 अगस्त को तिरंगा झंडा फहराने के रोकने के लिए सिख फॉर जस्टिस संस्था की ओर से धमकी मिली है। गगरेट से कांग्रेस विधायक राकेश कालिया को आज सुबह 10 बजकर 4 मिनट पर फोन आया, जिसमें कहा कि तूने (विधायक) या तेरे मुख्यमंत्री ने 15 अगस्त को तिरंगा फहराया तो वहां पर मौजूद सभी भारतीय को बम से उड़ा देंगे। यह हमारा तुम भारतीय और तुम्हारे देश के खिलाफ युद्ध का आगाज होगा। राकेश कालिया ने ऊना के अंब थाना में इस बाबत एफआईआर करवाई है। शिकायतकर्ता के अनुसार, उन्हें 447537171504 फोन नंबर से धमकी भरा फोन आया और धमकी देने वाला अपने आपको को सिख फॉर जस्टिस संस्था का प्रमुख बता रहा था। अलगाववादी संगठन प्रमुख गुरवतवंत पन्नू की ओर से अन्य लोगों के मोबाइल पर धमकी भरे फोन आ रहे हैं। उपायुक्त कांगड़ा और एसडीएम को भी धमकी भरी कॉल आई हैं। पहले भी कई बार मिली धमकियां इससे पहले भी यह संगठन कई बार धमकियां दे चुका है। बीते साल भी मुख्यमंत्री सुक्खू को स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा झंडा नहीं फहराने की धमकी दी गई थी। धर्मशाला विधानसभा गेट पर भी अलगाववादी संगठन पहले विवादित झंडे लगा चुका है, जिसमें पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस को किया गया अलर्ट इस धमकी के बाद प्रदेश सरकार ने पुलिस को अलर्ट पर रखा है। सुरक्षा व्यवस्था की पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात किया गया है। हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को 15 अगस्त को तिरंगा झंडा फहराने के रोकने के लिए सिख फॉर जस्टिस संस्था की ओर से धमकी मिली है। गगरेट से कांग्रेस विधायक राकेश कालिया को आज सुबह 10 बजकर 4 मिनट पर फोन आया, जिसमें कहा कि तूने (विधायक) या तेरे मुख्यमंत्री ने 15 अगस्त को तिरंगा फहराया तो वहां पर मौजूद सभी भारतीय को बम से उड़ा देंगे। यह हमारा तुम भारतीय और तुम्हारे देश के खिलाफ युद्ध का आगाज होगा। राकेश कालिया ने ऊना के अंब थाना में इस बाबत एफआईआर करवाई है। शिकायतकर्ता के अनुसार, उन्हें 447537171504 फोन नंबर से धमकी भरा फोन आया और धमकी देने वाला अपने आपको को सिख फॉर जस्टिस संस्था का प्रमुख बता रहा था। अलगाववादी संगठन प्रमुख गुरवतवंत पन्नू की ओर से अन्य लोगों के मोबाइल पर धमकी भरे फोन आ रहे हैं। उपायुक्त कांगड़ा और एसडीएम को भी धमकी भरी कॉल आई हैं। पहले भी कई बार मिली धमकियां इससे पहले भी यह संगठन कई बार धमकियां दे चुका है। बीते साल भी मुख्यमंत्री सुक्खू को स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा झंडा नहीं फहराने की धमकी दी गई थी। धर्मशाला विधानसभा गेट पर भी अलगाववादी संगठन पहले विवादित झंडे लगा चुका है, जिसमें पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस को किया गया अलर्ट इस धमकी के बाद प्रदेश सरकार ने पुलिस को अलर्ट पर रखा है। सुरक्षा व्यवस्था की पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात किया गया है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में अगले पांच दिन में भीषण गर्मी:बारिश के आसार नहीं, प्री-मानसून की बौछारों को करना होगा इंतजार, 4 शहरों का पारा 40 डिग्री पार हिमाचल प्रदेश में प्री-मानसून की बौछारों के लिए अभी इंतजार करना पड़ सकता है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, अगले पांच दिन तक प्रदेशभर में बारिश के आसार नहीं है। पहाड़ों पर 15 जून तक मौसम साफ बना रहेगा। इससे तापमान में इजाफा होगा। IMD ने प्रदेश के छह जिलों में 12 और 13 जून के लिए हीटवेव का येलो अलर्ट जारी किया है। यह अलर्ट ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, कांगड़ा, सोलन और सिरमौर जिला के दिया गया है। इन जिलों में दिन के वक्त भीषण गर्मी पड़ेगी। इससे देखते हुए लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। 4 शहरों का पारा 40 डिग्री पार प्रदेश के चार शहरों का पारा पहले ही 40 डिग्री सेल्सियस और 9 शहरों का तापमान 35 डिग्री से ज्यादा हो गया है। हमीरपुर के नेरी का तापमान पहले ही 42.9 डिग्री सेल्सियस चल रहा है। ऊना का 41.8 डिग्री, बिलासपुर 40.2 डिग्री, धोलाकुंआ का 41 डिग्री, सुंदरनगर का 39.6 डिग्री, भुंतर का 36 डिग्री, नाहन का 38 डिग्री, कांगड़ा का 38.6 डिग्री, मंडी का 37.4 डिग्री, हमीरपुर का 39 डिग्री, चंबा का 35.5 डिग्री, बरठी का 38.5 डिग्री और बजोरा का तापमान 36.6 डिग्री सेल्सियस चल रहा है। ज्यादातर शहरों का पारा नॉर्मल से 4 डिग्री तक ज्यादा प्रदेश के ज्यादातर शहरों का पारा नॉर्मल से चार डिग्री सेल्सियस तक ज्यादा चल रहा है। नॉर्मल की तुलना में सबसे ज्यादा 4.2 डिग्री का उछाल नाहन के तापमान में दर्ज किया गया है। शिमला का पारा नॉर्मल से 2.6 डिग्री ज्यादा, सुंदरनगर का 3.5 डिग्री, सोलन में 2.4 डिग्री, मंडी में 3.6 डिग्री, बिलासपुर में 2.4 डिग्री, हमीरपुर में 2.2 डिग्री सेल्सियस नॉर्मल से ज्यादा चल रहा है। 22 से 25 जून के बीच होती है मानसून की एंट्री आमतौर पर प्रदेश में प्री-मानसून की बौछारें15 जून के आसपास और 22 से 25 जून के बीच मानसून की एंट्री होती है। मगर अभी तक इसके आसार नजर नहीं आ रहे। इससे प्रदेशवासियों को अगले कुछ दिन तक गर्मी का सामना करना पड़ेगा।
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हिमाचल में कल-परसो भारी बारिश की चेतावनी:मंडी में तबाही, मनाली-चंडीगढ़ नेशनल हाइवे को पंडोह में खतरा, डंगा एक फीट नीचे धंसा, 60 सड़कें बंद हिमाचल में मानसून धीरे धीरे रफ्तार पकड़ रहा है। पांच जिले शिमला, मंडी, सोलन, बिलासपुर और ऊना में बीते 48 घंटे के दौरान अच्छी बारिश हुई है। इससे खासकर मंडी जिला के अलग अलग क्षेत्रों में खूब तबाही हुई है। मंडी में मंगलवार रात हुई भारी बारिश से मनाली-चंडीगढ़ नेशनल हाइवे को पंडोह के पास में फिर से खतरा पैदा हो गया है। यहां पर NH आधा फीट नीचे धंस गया है। यहां लगभग 45 करोड़ की लागत से बनाया गया डंगा भी धंस रहा है। कटौला कैंची के पास पहाड़ी से मलबा आने से हाइवे वन वे कर दिया गया है। सराज में एक गाड़ी व एक बाइक मलबे में दब गई और एक मकान को भी नुकसान पहुंचा है। बारिश के बाद मंडी जिला में 60 सड़कें वाहनों के लिए बंद हो गई है। मौसम विभाग की माने तो प्रदेश में अगले 9 जुलाई तक लगातार बारिश होने के आसार है। खासकर कल और परसो कुछेक स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। जाहिर है कि इससे प्रदेशवासियों की मुश्किलें ओर बढ़ेगी। मानसून सीजन में नॉर्मल से 44% कम बारिश हालांकि अब तक मानसून कमजोर रहा है। प्रदेश में पूरे मानसून सीजन के दौरान एक जून से 3 जुलाई तक नॉर्मल से 44 प्रतिशत कम बारिश हुई है। किन्नौर जिला में नॉर्मल से 63 प्रतिशत और शिमला में 24 प्रतिशत कम बरसात हुई है। एक सप्ताह में 5 जिलों में नॉर्मल से ज्यादा बारिश प्रदेश में बीते एक सप्ताह के दौरान यानी 26 जून से 3 जुलाई के बीच नॉर्मल से 12 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इस दौरान मंडी, बिलासपुर, हमीरपुर, शिमला और ऊना जिला में नॉर्मल से ज्यादा बारिश हुई है। अन्य सभी जिलों में नॉर्मल से कम बादल बरसे हैं। मंडी जिला में नॉर्मल से 56 प्रतिशत ज्यादा, शिमला में 54 प्रतिशत, हमीरपुर में 31% और ऊना व बिलासपुर में 15-15% ज्यादा बारिश हुई है, जबकि चंबा में 14% कम, कांगड़ा में 11%, किन्नौर में 56%, कुल्लू में 53 %, लाहौल स्पीति में 92%, सिरमौर में 57% और सोलन में 25% कम बारिश हुई है।
शिमला में छोटे-छोटे बच्चों के साथ सड़क पर वोकेश्नल-टीचर:5 दिन से सरकार नहीं ले रही सुध, सर्विस प्रोवाइडर कंपनी को बाहर करने पर अड़े
शिमला में छोटे-छोटे बच्चों के साथ सड़क पर वोकेश्नल-टीचर:5 दिन से सरकार नहीं ले रही सुध, सर्विस प्रोवाइडर कंपनी को बाहर करने पर अड़े हिमाचल के वोकेश्नल टीचर 5 दिन से शिमला में हड़ताल पर है। इससे 1100 से ज्यादा सरकारी स्कूलों में 80 हजार से ज्यादा छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। फिर भी सरकार इन्हें वार्ता को नहीं बुला रही। वहीं वोकेश्नल टीचर सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों को बाहर नहीं करने तक हड़ताल पर डटे रहने की चेतावनी दे चुके हैं। हड़ताल पर गए वोकेश्नल टीचर हरियाणा की तर्ज पर उनकी सेवाएं विभाग के अधीन लाने की मांग कर रहे हैं। इनका आरोप है कि कंपनियां 10-11 सालों से उनका शोषण कर रही है। सरकार को भी उन्हें कमीशन के रूप में मोटी रकम देनी पड़ रही है। हरियाणा सरकार पहले ही इनकी सेवाओं को विभाग के अधीन ला चुका है। अब हिमाचल में भी यही मांग उठ रही है। वोकेश्नल टीचर शिमला के चौड़ा मैदान में खुले आसमान के नीचे पांच दिन से हड़ताल पर बैठे है। इनमें कई महिला टीचर ऐसी है जिनके साथ उनके छोटे छोटे बच्चे भी चौड़ा मैदान में मौजूद है। ऐसे में इन्हें खासकर रात के वक्त परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ टीचरों की तबीयत भी बिगड़ने लगी रही है, क्योंकि रात में तापमान काफी नीचे गिर जाता है। छोटे-छोटे बच्चों के साथ हड़ताल पर महिला टीचर वोकेश्नल टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्वनी कुमार ने बताया कि पांच दिन से सरकार ने उनकी सुध नहीं ली। महिलाएं छोटे-छोटे बच्चों के साथ हड़ताल पर डटी हुई है। उन्होंने बताया कि वोकेश्नल टीचर की एक ही मांग है। वह चाहते हैं कि सर्विस प्रोवाइडर कंपनी को बाहर किया जाएगा। इससे सरकार पर एक रुपए का भी वित्तीय बोझ पड़ने वाला नहीं है। फिर भी अब तक सरकार ने उन्हें वार्ता को नहीं बुलाया। इससे वोकेश्नल टीचरों में सरकार के प्रति रोष पनपता जा रहा है। उन्होंने बताया कि जब तक कंपनियों को बाहर नहीं किया जाता तब तक टीचर काम पर नहीं लौटेंगे। वह आर पार की लड़ाई को तैयार है। 2174 टीचर 5 दिन से हड़ताल पर बता दें कि 2174 वोकेश्नल टीचर 5 दिन से शिमला के चौड़ा मैदान में हड़ताल पर बैठे हैं। प्रदेश के सरकारी हाई और सेकेंडरी स्कूलों में साल 2013 से वोकेश्नल सब्जेक्ट 9वीं से 12वीं कक्षा तक के छात्र-छात्राओं को पढ़ाया जा रहा है। इन पाठ्यक्रमों में 80 हजार से ज्यादा छात्र पंजीकृत है। इसके लिए शिक्षा विभाग ने एक-दो नहीं बल्कि पूरी 17 कंपनियां पंजीकृत कर रखी है। दक्ष कामगार तैयार करने को वोकेश्नल पाठ्यक्रम सरकारी स्कूलों में वोकेश्नल टीचर केंद्र सरकार की स्कूलों में दक्ष कामगार तैयार करने की योजना के तहत रखे गए हैं। इनमें 90 प्रतिशत बजट केंद्र और 10 फीसदी बजट राज्य सरकार देती है।