दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को कुर्क करने के मामले में बुधवार को हाईकोर्ट ने सुनवाई हुई। इसमें सरकार ने कोर्ट में एप्लिकेशन दी। सरकार ने उन अधिकारियों का पता लगाने के लिए जांच को अतिरिक्त समय मांगा, जिनकी वजह से हाईकोर्ट के आदेशों के बाद भी सेली कंपनी को 64 करोड़ रुपए की अपफ्रंट मनी जमा नहीं कराई गई। यह केस न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की अदालत में लगा। अब यह मामला तीन जनवरी को सुना जाएगा। बता दें कि हाईकोर्ट ने अपने आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए हिमाचल भवन दिल्ली को कुर्क करने के आदेश जारी किए थे। एकल बैंच के आदेशों पर डबल बैंच ने रोक लगा दी थी। इसके बाद सरकार ने करीब 97 करोड़ रुपए की राशि कोर्ट में जमा करवा दी है। मगर कोर्ट के आदेशानुसार सरकार दोषी अधिकारियों का अब तक पता नहीं लगा पाई है। ऊर्जा सचिव को दिए थे जांच के आदेश दरअसल, कोर्ट ने हिमाचल भवन कुर्क करने के साथ-साथ ऊर्जा सचिव को इस बात की तथ्यात्मक जांच करने के आदेश दिए थे कि किस अधिकारी की चूक के कारण 64 करोड़ रुपए 7 फीसदी ब्याज सहित कोर्ट में जमा नहीं की गई। कोर्ट ने कहा था कि दोषियों का पता लगाना इसलिए जरूरी है क्योंकि ब्याज को दोषी अधिकारी, अधिकारियों/कर्मचारियों से व्यक्तिगत रूप से वसूलने का आदेश दिया जाएगा। कोर्ट ने 15 दिन के भीतर जांच के दिए थे आदेश कोर्ट ने 18 नवंबर को जारी आदेशों में 15 दिन के भीतर जांच पूरी करने और जांच रिपोर्ट अगली तारीख को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने के आदेश दिए थे। दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को कुर्क करने के मामले में बुधवार को हाईकोर्ट ने सुनवाई हुई। इसमें सरकार ने कोर्ट में एप्लिकेशन दी। सरकार ने उन अधिकारियों का पता लगाने के लिए जांच को अतिरिक्त समय मांगा, जिनकी वजह से हाईकोर्ट के आदेशों के बाद भी सेली कंपनी को 64 करोड़ रुपए की अपफ्रंट मनी जमा नहीं कराई गई। यह केस न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की अदालत में लगा। अब यह मामला तीन जनवरी को सुना जाएगा। बता दें कि हाईकोर्ट ने अपने आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए हिमाचल भवन दिल्ली को कुर्क करने के आदेश जारी किए थे। एकल बैंच के आदेशों पर डबल बैंच ने रोक लगा दी थी। इसके बाद सरकार ने करीब 97 करोड़ रुपए की राशि कोर्ट में जमा करवा दी है। मगर कोर्ट के आदेशानुसार सरकार दोषी अधिकारियों का अब तक पता नहीं लगा पाई है। ऊर्जा सचिव को दिए थे जांच के आदेश दरअसल, कोर्ट ने हिमाचल भवन कुर्क करने के साथ-साथ ऊर्जा सचिव को इस बात की तथ्यात्मक जांच करने के आदेश दिए थे कि किस अधिकारी की चूक के कारण 64 करोड़ रुपए 7 फीसदी ब्याज सहित कोर्ट में जमा नहीं की गई। कोर्ट ने कहा था कि दोषियों का पता लगाना इसलिए जरूरी है क्योंकि ब्याज को दोषी अधिकारी, अधिकारियों/कर्मचारियों से व्यक्तिगत रूप से वसूलने का आदेश दिया जाएगा। कोर्ट ने 15 दिन के भीतर जांच के दिए थे आदेश कोर्ट ने 18 नवंबर को जारी आदेशों में 15 दिन के भीतर जांच पूरी करने और जांच रिपोर्ट अगली तारीख को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने के आदेश दिए थे। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल के नायब सूबेदार गृह प्रवेश से पहले शहीद:बरसात में ढह गया था घर, दिवाली मनाकर ड्यूटी पर लौटे थे, आज अंतिम संस्कार
हिमाचल के नायब सूबेदार गृह प्रवेश से पहले शहीद:बरसात में ढह गया था घर, दिवाली मनाकर ड्यूटी पर लौटे थे, आज अंतिम संस्कार जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए राकेश कुमार (42) का आज हिमाचल प्रदेश के मंडी में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। राकेश कुमार का पार्थिव शरीर बीती शाम को जम्मू से हेलिकॉप्टर में मंडी के कंगनीधार हेलीपैड पर लाया गया। यहां से पार्थिव शरीर को नेरचौक मेडिकल कॉलेज में लाया गया है। सूचना के अनुसार, आज सुबह 8 बजे शहीद के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव बरनोग लाया जाएगा। यहां घर में पार्थिव शरीर कुछ देर तक अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। इसके बाद श्मशान घाट में अंतिम संस्कार होगा। एक सप्ताह पहले ही छुट्टी मना कर ड्यूटी पर लौटे थे राकेश
बताया जा रहा है राकेश कुमार एक सप्ताह पहले ही दिवाली मना कर छुट्टी खत्म होने के बाद ड्यूटी पर लौटे और बीते रविवार (10 नवंबर) को किश्तवाड़ में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए। वह सेना में जूनियर कमीशंड अधिकारी के रूप में कार्यरत थे। राकेश 2 बच्चों के पिता थे। वह अपने पीछे माता भाति देवी, पत्नी भानु प्रिया और 2 बच्चों यशस्वी (14) और प्रणव (9) को छोड़ गए हैं। 23 साल से सेना में दे रहे थे सेवाएं
भारतीय सेना में 23 सालों से सेवाएं दे रहे राकेश कुमार अभी नायब सूबेदार के तौर पर तैनात थे। राकेश की शहादत के बाद पूरे हिमाचल में शोक की लहर है। शहीद के घर पर लोगों का आना जाना लगा हुआ है। 14 महीने पहले बरसात में टूटा 10 कमरों का मकान
जानकारी के अनुसार, शहीद राकेश कुमार का 10 कमरों का मकान पिछली बरसात में 13 अगस्त 2023 की रात को ढह गया था। इसके बाद से राकेश कुमार का परिवार किराए के मकान में रह रहा है। भाई कर्म सिंह के मुताबिक राकेश ने दिसंबर में छुट्टी आना था। तब घर का काम लगाना था। इसके बाद गृह प्रवेश करना था। किश्तवाड़ से कुछ दूरी पर मुठभेड़
आतंकवादियों की उपस्थिति की खुफिया जानकारी मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने किश्तवाड़ में संयुक्त सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। नायब सूबेदार राकेश कुमार भी इस दल का हिस्सा थे। इसी दौरान तलाशी दलों ने किश्तवाड़ के कुंतवाड़ा और केशवान के सुदूर जंगल में 2 आतंकवादियों को रोका। यह स्थान उस जगह से कुछ किलोमीटर दूर बताया जा रहा है, जहां 7 नवंबर को विलेज डिफेंस ग्रुप (VDG) के 2 सदस्यों नजीर अहमद और कुलदीप कुमार के शव मिले थे। यहीं पर आतंकियों के साथ तलाशी दल की मुठभेड़ हुई। इसमें गोली लगने से नायब सूबेदार राकेश कुमार शहीद हो गए। वहीं, 3 जवान घायल हुए। उनका इलाज चल रहा है। CM और पूर्व CM ने जताया दुख
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आतंकवादियों से मुठभेड़ में राकेश कुमार की शहादत पर शोक प्रकट किया और शोकाकुल परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की। उन्होंने कहा कि राकेश कुमार की शहादत को हमेशा याद किया जाएगा। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी जवान की शहादत पर दुख जताया। उन्होंने कहा देश उनके बलिदान का सदैव ऋणी रहेगा। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें।
हिमाचल में गरीब बच्चों को पढ़ाने के दावे झूठे:2700 प्राइवेट स्कूलों में सिर्फ 450 बच्चे एनरोल; मुफ्त शिक्षा का नहीं उठा पा रहे फायदा
हिमाचल में गरीब बच्चों को पढ़ाने के दावे झूठे:2700 प्राइवेट स्कूलों में सिर्फ 450 बच्चे एनरोल; मुफ्त शिक्षा का नहीं उठा पा रहे फायदा हिमाचल के प्राइवेट स्कूलों में गरीब बच्चे पढ़ाई को आगे नहीं आ रहे। प्रारंभिक शिक्षा विभाग के अनुसार, प्रदेश के 2700 से ज्यादा प्राइवेट स्कूलों में केवल 450 गरीब बच्चे मुफ्त शिक्षा ले रहे हैं, जबकि अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) में प्रत्येक प्राइवेट स्कूल में 25 प्रतिशत सीटें आर्थिक तौर पर कमजोर बच्चों के लिए आरक्षित रखने का प्रावधान है। इस लिहाज से 67 हजार से ज्यादा बच्चे राज्य के प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाई कर सकते हैं। मगर हिमाचल के सरकारी स्कूलों में एक प्रतिशत बच्चे भी RTE में मिले मुफ्त शिक्षा के अधिकार को नहीं भुना पा रहे हैं। यह खुलासा शिक्षा विभाग की ताजा रिपोर्ट में हुआ है। RTE एक्ट लागू होने के 14 साल बाद विभाग शिक्षा विभाग जागरूकता की कमी का रोना रो रहा है। जागरूकता में कमी के लिए आज तक किसी की कोई जिम्मेदारी तय नहीं की गई। अब शिक्षा विभाग और शिक्षाविद से जानते हैं कि ‘निर्धन बच्चे प्राइवेट स्कूलों में क्यों दाखिला नहीं ले पा रहे’। डॉ. भुरेटा बोले- जागरूकता को व्यापक स्तर पर कैंपेन की जरूरत राज्य संसाधन केंद्र के डायरेक्टर और नेशनल लेवल की ज्ञान विज्ञान समिति के महासचिव डॉ. ओपी भुरेटा ने बताया कि गरीब बच्चों के प्राइवेट स्कूलों में नहीं पढ़ पाने की 3 वजह है। प्राइवेट एजुकेशन की देखा-देखी में खाली हो रहे सरकारी स्कूल हैरानी इस बात की है कि प्राइवेट एजुकेशन की होड़ में राज्य के सरकारी स्कूलों से बच्चे तेजी से पलायन कर रहे हैं। इससे सरकारी स्कूलों पर खतरा मंडरा रहा है। यही वजह है कि इस साल कांग्रेस सरकार ने 450 से ज्यादा सरकारी स्कूलों को बंद या साथ लगते स्कूल में मर्ज कर दिया है और प्राइवेट स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है। मगर प्राइवेट स्कूलों में गरीब बच्चे मुफ्त शिक्षा को आवेदन नहीं कर रहे। जबकि RTE एक्ट सभी इच्छुक बच्चों को भी पहली से आठवीं कक्षा तक की प्राइवेट एजुकेशन का अधिकार देता है। क्या बोले प्रारंभिक शिक्षा निदेशक? प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने बताया कि प्राइवेट स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों का आंकड़ा हैरान करने वाला है। खासकर ऐसे वक्त में जब बच्चों के परिजन प्राइवेट एजुकेशन को काफी तरजीह दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि यदि कोई प्राइवेट स्कूल प्रबंधन निर्धन बच्चों को एडमिशन देने से इनकार करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए है। उन्होंने बताया कि विभाग ने प्राइवेट स्कूलों में गरीब बच्चों की मुफ्त शिक्षा को लेकर विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए है। सभी डिप्टी डायरेक्टर को कहा गया है कि वह प्राइवेट स्कूलों में जाकर पता लगाए कि कैसे गरीब बच्चों की एनरोलमेंट को बढ़ाया जा सकता है। कैसे करें प्राइवेट स्कूल में पढ़ाई को आवेदन RTE एक्ट की धारा 12(1)सी में किसी प्राइवेट स्कूल के आसपास के बच्चे पढ़ाई को आवेदन कर सकते है। यदि कोई बच्चा प्राइवेट स्कूल में एडमिशन को आवेदन करता है तो प्राइवेट स्कूल प्रबंधन उसे शिक्षा देने से इनकार नहीं कर सकता। इसकी जानकारी स्कूल प्रबंधन को डिप्टी डायरेक्टर को देनी होगी। इसके बाद शिक्षा विभाग उस बच्चे की पढ़ाई का खर्च उठाएग। यह प्रावधान RTE एक्ट में निहित है। विभाग ने डिप्टी डायरेक्टर को दिए निर्देश शिक्षा विभाग ने RTE के इस प्रावधान में मुफ्त शिक्षा ले रहे बच्चों का आंकड़ा सामने आने के बाद सभी डिप्टी डायरेक्टर को निर्देश दिए है कि गरीब बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाई के लिए जागरूक किया जाए। संबंधित क्षेत्र के प्राइवेट स्कूल की मैनेजमेंट को भी इसे लेकर दिशा-निर्देश दिए जाए। यदि कोई स्कूल गरीब बच्चों को पढ़ाने को इनकार करता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
पांवटा साहिब में कार ने युवक को कुचला:मौत, पुलिस बोली- सड़क पार करते समय हुआ हादसा
पांवटा साहिब में कार ने युवक को कुचला:मौत, पुलिस बोली- सड़क पार करते समय हुआ हादसा पांवटा साहिब में शुक्रवार रात पांवटा-नाहन नेशनल हाईवे पर कार ने एक व्यक्ति को कुचल दिया। इस हादसे में उसकी मौत हो गई। मृतक की पहचान छबीला साहनी (45) निवासी बिहार के तौर पर हुई है। पुलिस के अनुसार, एक कार तेज गति से माजरा की तरफ से आई और पैदल सड़क पार कर रहे छबीला को टक्कर मार दी। इस हादसे में वह गंभीर रूप से घायल हो गया। इसके बाद घायल व्यक्ति को एम्बुलेंस से सिविल अस्पताल लाया गया। लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने कार चालक रवि कान्त निवासी पुरुवाला-कांशीपुर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। यह हादसा कार नंबर HP17G-9959 के चालक रवि कान्त द्वारा कार को तेज गति व लापरवाही से चलाने से हुआ।