हिमाचल के कर्मचारियों और पेंशनरों को अक्टूबर माह की सैलरी-पेंशन के साथ 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता (DA) भी मिलेगा। इसे लेकर प्रिंसिपल सेक्रेटरी फाइनेंस देवेश कुमार ने बुधवार को आदेश जारी कर दिए हैं। देवेश कुमार ने एक अन्य ऑर्डर जारी किया है, जिसमें सैलरी और पेंशन 28 अक्टूबर को देने का फैसला लिया गया। सरकार ने एक तारीख के बजाय 28 को इसलिए सैलरी-पेंशन देने का फैसला लिया है, ताकि सभी कर्मचारियों व पेंशनर की दिवाली अच्छी बीते। सीएम ने 5 दिन पहले की थी घोषणा CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 5 दिन पहले ही सचिवालय में प्रेस कॉफ्रेंस बुलाकर इसकी घोषणा की थी। आज इन आदेशों को लेकर वित्त विभाग द्वारा आदेश जारी कर दिए गए हैं। सरकारी कोष पर पढ़ेगा 600 करोड़ का बोझ विभाग द्वारा जारी आदेशों के तहत कर्मचारियों और पेंशनर को 1-1-2023 से देय 4 प्रतिशत महंगाई भत्ते का भुगतान किया जाएगा। इससे 1.80 लाख कर्मचारी और 1.70 लाख पेंशनर लाभान्वित होंगे। इससे आने वाले वित्तीय वर्ष में सरकारी कोष पर 600 करोड़ का भार पड़ेगा। सरकार ने 22 अक्टूबर को बुलाई कैबिनेट इस बीच राज्य सरकार ने 22 अक्टूबर को कैबिनेट मीटिंग भी बुलाई है। मुख्य सचिव ने सभी विभागाध्यक्षों को कैबिनेट मीटिंग के लिए एजेंडा भेजने के निर्देश दे दिए हैं। हिमाचल के कर्मचारियों और पेंशनरों को अक्टूबर माह की सैलरी-पेंशन के साथ 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता (DA) भी मिलेगा। इसे लेकर प्रिंसिपल सेक्रेटरी फाइनेंस देवेश कुमार ने बुधवार को आदेश जारी कर दिए हैं। देवेश कुमार ने एक अन्य ऑर्डर जारी किया है, जिसमें सैलरी और पेंशन 28 अक्टूबर को देने का फैसला लिया गया। सरकार ने एक तारीख के बजाय 28 को इसलिए सैलरी-पेंशन देने का फैसला लिया है, ताकि सभी कर्मचारियों व पेंशनर की दिवाली अच्छी बीते। सीएम ने 5 दिन पहले की थी घोषणा CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 5 दिन पहले ही सचिवालय में प्रेस कॉफ्रेंस बुलाकर इसकी घोषणा की थी। आज इन आदेशों को लेकर वित्त विभाग द्वारा आदेश जारी कर दिए गए हैं। सरकारी कोष पर पढ़ेगा 600 करोड़ का बोझ विभाग द्वारा जारी आदेशों के तहत कर्मचारियों और पेंशनर को 1-1-2023 से देय 4 प्रतिशत महंगाई भत्ते का भुगतान किया जाएगा। इससे 1.80 लाख कर्मचारी और 1.70 लाख पेंशनर लाभान्वित होंगे। इससे आने वाले वित्तीय वर्ष में सरकारी कोष पर 600 करोड़ का भार पड़ेगा। सरकार ने 22 अक्टूबर को बुलाई कैबिनेट इस बीच राज्य सरकार ने 22 अक्टूबर को कैबिनेट मीटिंग भी बुलाई है। मुख्य सचिव ने सभी विभागाध्यक्षों को कैबिनेट मीटिंग के लिए एजेंडा भेजने के निर्देश दे दिए हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में स्नो-कवर एरिया 12.73% घटा:बर्फबारी का बदला ट्रेंड; सर्दियों के बजाय गर्मियों में स्नोफॉल, जनवरी में सतलुज बेसिन पर 67% बर्फ क्षेत्र घटा
हिमाचल में स्नो-कवर एरिया 12.73% घटा:बर्फबारी का बदला ट्रेंड; सर्दियों के बजाय गर्मियों में स्नोफॉल, जनवरी में सतलुज बेसिन पर 67% बर्फ क्षेत्र घटा हिमाचल में इस बार 2022-23 की तुलना में स्नो कवर एरिया 12.72% कम हुआ है। साल 2022-23 की तुलना में 2023-24 में चिनाब बेसिन में सबसे ज्यादा 15.39% की कमी आई है, जबकि ब्यास बेसिन पर 7.65%, रावी बेसिन पर 9.89% और सतलुज बेसिन पर 12.45% कम हुआ है। यह दावा हिमाचल पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (हिमकॉस्ट) के स्टेट सेंटर ऑन क्लाइमेट चेंजिज द्वारा किए गए ताजा सर्वेक्षण में हुआ है। इसी तरह हिमाचल के हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी का ट्रेंड भी बदल रहा है। विंटर सीजन जब पीक पर होता है तो उस दौरान पहाड़ों पर नाममात्र बर्फ गिरी है। इससे दिसंबर से फरवरी के बीच स्नो कवर एरिया में भारी गिरावट दर्ज की गई। हालांकि मार्च और अप्रैल में 2022-23 की तुलना में 2023-24 में ज्यादा बर्फबारी हुई है। सतलुज बेसिन पर जनवरी में स्नो कवर एरिया 67% कम हुआ हिमकॉस्ट के अनुसार, दिसंबर से फरवरी के बीच जब विंटर सीजन पीक पर होता है, उस दौरान 2023-24 में सतलुज को छोड़कर तीनों बेसिन के स्नो कवर एरिया में गिरावट दर्ज की गई। जनवरी महीने में स्नो-कवर एरिया में ज्यादा डरावनी गिरावट आई है। चिनाब बेसिन पर जनवरी 2024 में स्नो कवर एरिया में 42%, ब्यास बेसिन पर 43%, रावी बेसिन पर 64% और सतलुज बेसिन पर 67% की स्नो कवर एरिया में कमी आई। हिमकॉस्ट ने चारों रिवर बेसिन पर किया सर्वेक्षण हिमकॉस्ट के स्टेट सेंटर ऑन क्लाइमेट चेंजिज द्वारा चारों रिवर बेसिन चिनाब, रावी, सतलुज और ब्यास पर यह सर्वेक्षण किया है। यह सर्वेक्षण सेटेलाईट इमेज के जरिए किया है। स्नो कवर एरिया कम होना हिमाचल सहित पंजाब, हरियाणा, दिल्ली व राजस्थान के लिए अच्छा संकेत नहीं है। मार्च-अप्रैल में स्नोफॉल से संजीवनी प्रदेश में एक दशक पहले तक दिसंबर से फरवरी के बीच में अच्छी बर्फबारी होती थी। मगर पिछले कुछ सालों से मार्च-अप्रैल में बर्फबारी हो रही है। दिसंबर से फरवरी के बीच होने वाली बर्फबारी लंबे समय तक टिकती है, जबकि मार्च अप्रैल की बर्फबारी जल्दी पिघल जाती है। इसलिए ग्लेशियर और पानी के स्तोत्र रिचार्ज करने के लिए पीक विंटर सीजन के दौरान बर्फबारी जरूरी होती है। रिन्यूएबल एनर्जी और ई-व्हीकल की तरफ जाने की सलाह रिपोर्ट में बताया गया कि पिछले कुछ सालों में हिमालय के तापमान में उछाल से स्नो कवर एरिया घटा है। इससे ग्लेशियर भी तेजी से पिघल रहे हैं। शिमला में ऐसा पहली बार हुआ, जब यहां बर्फ नहीं गिरी। इसलिए रिपोर्ट में ई-व्हीकल और रिन्यूएबल एनर्जी की तरफ जाने की सलाह दी गई है।
शिमला में कमीशन एजेंड के लाखों रुपए हड़पे:यूपी का सेब कारोबारी नहीं दे रहा 65 लाख, 3 साल में किया करोड़ों का कारोबार
शिमला में कमीशन एजेंड के लाखों रुपए हड़पे:यूपी का सेब कारोबारी नहीं दे रहा 65 लाख, 3 साल में किया करोड़ों का कारोबार शिमला जिले के जुब्बल में एक सेब कमीशन एजेंट के साथ लाखों की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। आरोप है कि कारोबारी, कमीशन एजेंट को 66 लाख रुपए का भुगतान नहीं कर रहा है। एजेंट की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर , जांच शुरू कर दी है। संदीप कालटा निवासी गांव बराल पोस्ट ऑफिस झारग तहसील रोहड़ू जिला शिमला ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि वह फल मंडी खड़ापत्थर और फल मंडी रोहड़ू में कमीशन एजेंट का काम करता है। वर्ष 2021, 2022 और 2023 से वह सेब कारोबारी नफीस मोहम्मद और उसके भाई सगीर की कंपनी को सेब बेच रहा है। यूपी के कारोबारी को बेचे सेब एजेंट ने पुलिस को बताया कि दोनों भाईयों की उतर प्रदेश में गोंडा की फल मंडी में रैनी सी -57 के नाम से दुकान है। उसने इन तीन सालों मोहम्मद सगीर रैनी एंड कंपनी के साथ 1 करोड़ 78 लाख 52 हजार 590 रूपए का कारोबार किया है। जिसमें से उन्होंने 1,13,11,000 रुपए का भुगतान किया है, लेकिन 65,41,590 रुपए का अभी भी आरोपियों के पास बकाया है। शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि उसने सेब कारोबारी नफीस मोहमद व उनके भाई मोहम्मद सगीर से माल के पैसे लेने के तमाम प्रयास कर लिए, लेकिन वह उसके बावजूद बकाया राशि का भुगतान नहीं कर रहे हैं। जिस कारण अब उसने परेशान होकर पुलिस को शिकायत दी। उधर, पुलिस ने पुलिस थाना जुब्बल में एजेंट की शिकायत पर सेब कारोबारी के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
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हिमाचल से दिल्ली भाग रहे IAS अफसर:7 ने मांगी सेंटर डेपुटेशन पर जाने की अनुमति, वजह जानिए क्यों प्रदेश छोड़ रहे नौकरशाह हिमाचल सरकार पहले ही सीनियर IAS की कमी से जूझ रही है। इस बीच 8 IAS प्रदेश से बाहर जाने को तैयार है। 3 सीनियर IAS अमनदीप गर्ग, शाइनोमोल और मनीष गर्ग लोकसभा व विधानसभा उपचुनाव से पहले ही केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की प्रदेश सरकार से अनुमति मांग चुके थे। मगर अब 4 अन्य IAS रोहन चंद ठाकुर, मानसी सहाय, प्रियतू मंडल और अरिंदम चौधरी ने भी सेंटर डेपुटेशन पर जाने को एप्लिकेशन दे दी है। साल 2014 बैच के IAS आशुतोष गर्ग को केंद्रीय कार्मिक विभाग ने 2 दिन पहले ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा का प्राइवेट सेक्रेटरी लगाया है। जाहिर है कि इन सभी के जाने के बाद सुक्खू सरकार की मुश्किलें बढ़ने वाली है। मौजूदा सरकार के कार्यकाल में 7 IAS पहले ही प्रदेश छोड़ सेंटर डेपुटेशन पर जा चुके हैं। 8 और जाने की तैयारी में है। लगभग 8 IAS पहले से ही सेंटर डेपुटेशन पर है। आखिर IAS क्यों हिमाचल को छोड़कर दिल्ली या दूसरे राज्यों में भाग रहे, इसकी वजह पढ़िए… तरुण श्रीधर बोले- निजी और प्रोफेशनल दोनों कारण हो सकते हैं हिमाचल के सीनियर एवं रिटायर आईएस तरुण श्रीधर ने बताया IAS, IPS और IFS ऑल इंडिया सर्विस है। ऐसे में इनसे उम्मीद की जाती है कि सेंटर और स्टेट दोनों जगह काम करे। उन्होंने बताया कि कई बार सेंटर डेपुटेशन के निजी कारण भी हो सकते हैं और कई बार प्रोफेशनल रीजन भी हो सकते हैं। दिल्ली जाने व दिल्ली से आने में कोई गलत बात नहीं है। 16 आईएएस पहले ही दिल्ली समेत दूसरे प्रदेशों में सेवाएं दे रहे हिमाचल कॉडर के वरिष्ठ आईएएस अली रजा रिजवी, के. संजय मूर्ति, केके पंत, अनुराधा ठाकुर, भरत खेड़ा, डॉ. रजनीश, शुभाशीष पांडा, पुष्पेंद्र राजपूत, आर. सेलवम, रितेश चौहान, ऋगवेद ठाकुर, ललित जैन, देवश्वेता बनिक और पंकज राय सेंटर डेपुटेशन पर हैं। नंदिता गुप्ता और मीरा मोहंती भी इन दिनों दिल्ली में तैनात हैं। हिमाचल में IAS की सेंक्शन-स्ट्रेंथ 153 की है। अभी 111 राज्य में सेवाएं दे रहे हैं। 8 IAS के जाने के बाद यह 103 रह जाएगी। इससे अफसरशाही का संकट और गहरा जाएगा। सीनियोरिटी में टॉप-10 ब्यूरोक्रेट्स में से 4 प्रदेश से बाहर चिंता इस बात की है कि सीनियोरिटी में टॉप-10 IAS में से 4 प्रदेश से बाहर हैं। सीनियोरिटी में तीसरे नंबर के IAS अली रजा रिजवी, 5वें नंबर के के. संजय मूर्ति, 7वें नंबर से केके पंत और 8वें नंबर की अनुराधा ठाकुर भी प्रदेश से बाहर सेवाएं दे रही हैं। तीन सीनियर IAS इसी साल रिटायर होंगे हिमाचल कैडर के 3 सीनियर आईएएस इसी साल रिटायर होंगे। इनमें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चल रहे अली रजा रिजवी जुलाई 2023, प्रदेश में सलाहकार निशा सिंह नवंबर 2024 और सेंटर डेपुटेशन में चल रहे के. संजय मूर्ति दिसंबर में रिटायर होने जा रहे हैं।