धर्मशाला में कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि हिमाचल में एग्रो टूरिज्म से जुड़कर किसानों की तरक्की के रास्ते खुलेंगे। सरकार किसानों से 3 रुपए प्रति किलो गोबर खरीदेगी। उन्होंने कहा कि 11 दिसंबर को बिलासपुर में दो साल का जश्न नहीं बल्कि दो साल की उपलब्धियां जनता के समक्ष रखने जा रहे हैं। कृषि मंत्री ने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद किसानों से गोबर खरीदने का वादा किया था। ऐसे में ग्रामीणों की आर्थिक मजबूत करने के लिए अब सुक्खू सरकार किसानों से गोबर खरीदकर अपनी एक और गारंटी को पूरा करने जा रही है। प्रदेश सरकार किसानों से 3 रुपए प्रति किलो की दर से गोबर खरीदेगी। कृषि विभाग इसकी खाद तैयार कर बागवानों को 12 रुपए किलो के हिसाब से बेचेगी। प्रदेश में लगातार बागवानी क्षेत्र में विस्तार हो रहा है। जिस कारण गोबर की लगातार मांग बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि 5, 10, 25 और 50 किलो की पैकिंग में गोबर खरीदा जाएगा। इसके लिए कंपनी को चार से पांच रुपए अदा किए जाएंगे। गोबर खाद की बाकायदा टेस्टिंग भी होगी। इसके अतिरिक्त प्रदेश में अब एग्रो टूरिज्म को बढ़ावा दिया जायेगा। इसके जरिए गांवों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और पर्यटक प्राकृतिक वातावरण में खेती-किसानी, पशुपालन और स्थानीय कृषि संसाधनों का अनुभव ले सकेंगे। किसानों और पर्यटकों के लिए लाभकारी पहल एग्रो टूरिज्म से न केवल स्थानीय किसानों को अतिरिक्त आय का साधन मिलेगा बल्कि अन्य राज्यों के पर्यटकों को भी हिमाचल की पारंपरिक खेती, बागबानी और ग्रामीण जीवन का अनुभव लेने का अवसर मिलेगा। कृषि विभाग जल्द ही इस परियोजना को जमीन पर उतारने की तैयारी कर रहा है, कृषि पर्यटन किसानों के लिए आर्थिक रूप से बेहद हितकारी होगा। धर्मशाला में कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि हिमाचल में एग्रो टूरिज्म से जुड़कर किसानों की तरक्की के रास्ते खुलेंगे। सरकार किसानों से 3 रुपए प्रति किलो गोबर खरीदेगी। उन्होंने कहा कि 11 दिसंबर को बिलासपुर में दो साल का जश्न नहीं बल्कि दो साल की उपलब्धियां जनता के समक्ष रखने जा रहे हैं। कृषि मंत्री ने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद किसानों से गोबर खरीदने का वादा किया था। ऐसे में ग्रामीणों की आर्थिक मजबूत करने के लिए अब सुक्खू सरकार किसानों से गोबर खरीदकर अपनी एक और गारंटी को पूरा करने जा रही है। प्रदेश सरकार किसानों से 3 रुपए प्रति किलो की दर से गोबर खरीदेगी। कृषि विभाग इसकी खाद तैयार कर बागवानों को 12 रुपए किलो के हिसाब से बेचेगी। प्रदेश में लगातार बागवानी क्षेत्र में विस्तार हो रहा है। जिस कारण गोबर की लगातार मांग बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि 5, 10, 25 और 50 किलो की पैकिंग में गोबर खरीदा जाएगा। इसके लिए कंपनी को चार से पांच रुपए अदा किए जाएंगे। गोबर खाद की बाकायदा टेस्टिंग भी होगी। इसके अतिरिक्त प्रदेश में अब एग्रो टूरिज्म को बढ़ावा दिया जायेगा। इसके जरिए गांवों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और पर्यटक प्राकृतिक वातावरण में खेती-किसानी, पशुपालन और स्थानीय कृषि संसाधनों का अनुभव ले सकेंगे। किसानों और पर्यटकों के लिए लाभकारी पहल एग्रो टूरिज्म से न केवल स्थानीय किसानों को अतिरिक्त आय का साधन मिलेगा बल्कि अन्य राज्यों के पर्यटकों को भी हिमाचल की पारंपरिक खेती, बागबानी और ग्रामीण जीवन का अनुभव लेने का अवसर मिलेगा। कृषि विभाग जल्द ही इस परियोजना को जमीन पर उतारने की तैयारी कर रहा है, कृषि पर्यटन किसानों के लिए आर्थिक रूप से बेहद हितकारी होगा। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल सीएम कल प्रधानमंत्री से करेंगे मुलाकात:BBMB से 4000 करोड़ के एरियर की करेंगे मांग; आपदा राशि, पावर-प्रोजेक्ट में रॉयल्टी का मुद्दा भी उठाएंगे हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शिमला से दिल्ली रवाना हो गए हैं। सीएम सुक्खू कल दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। दिल्ली जाने से पहले मुख्यमंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री के समक्ष हिमाचल के कई मसलों को उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रदेश के पावर प्रोजेक्ट में हिमाचली हित बेचे है। स्टेट को मिलने वाली रॉयल्टी माफ की है। इस मसले को वह प्रधानमंत्री के समक्ष उठाया जाएगा। सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) के पास लंबित पड़े हिमाचल के करोड़ों रुपए के भुगतान का मामला भी उठाया जाएगा। केंद्र से हिमाचल को मिलनी प्रस्तावित आपदा राशि को लेकर भी बात करेंगे। उन्होंने कहा कि पोस्ट डिजास्टर नीड असेसमेंट (PDNA) की ग्रांट हिमाचल को नहीं मिल पाई है। इसे लेकर भी प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे। हिमाचल ने बीबीएमसी से लेना है 4000 करोड़ BBMB के पास हिमाचल की 4000 करोड़ रुपए से ज्यादा की हिस्सेदारी है, जिसे सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद भी हिमाचल को नहीं दिया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने 27-9-2011 को हिमाचल के पक्ष में फैसला दिया और बीबीएमबी की तरफ से परिचालित विद्युत परियोजनाओं में हिमाचल की हिस्सेदारी 7.19 फीसदी तय की। यह हिस्सेदारी 27 सितंबर से 2011 से प्रदेश को मिलनी शुरू हो गई है। मगर 2011 से पहले का एरियर अभी तक नहीं मिल पाया। हिमाचल की पूर्व सरकार ने पावर प्रोजेक्ट में रॉयल्टी कम की थी। मुख्यमंत्री सुक्खू का कहना है कि इससे हिमाचल को हर साल करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है। लिहाजा रॉयल्टी के मसले पर भी मुख्यमंत्री दिल्ली में प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे, क्योंकि कई केंद्रीय कंपनियों ने रॉयल्टी के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दे रखी है।