हिमाचल में धीमा पड़ा मानसून कल से अगले दो दिन तक रफ्तार पकड़ सकता है। मौसम विभाग के अनुसार 11 और 12 जुलाई को प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बारिश होगी। लाहौल स्पीति और किन्नौर को छोड़कर सभी जिलों में येलो अलर्ट की चेतावनी जारी की गई है। लेकिन 13 जुलाई से मानसून के फिर से धीमा पड़ने का पूर्वानुमान है। आज भी अधिकांश हिस्सों में मौसम साफ रहेगा। इस बार प्रदेश में प्रवेश के बाद से ही मानसून कमजोर पड़ गया है। चालू मानसून सीजन में सामान्य से 22 फीसदी कम बारिश हुई है। एक जून से नौ जुलाई तक 160.6 मिमी सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार 125.7 मिमी ही बारिश हुई। मंडी और शिमला को छोड़कर अन्य सभी जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। लाहौल स्पीति-सिरमौर में सबसे कम बारिश लाहौल स्पीति और सिरमौर जिलों में सबसे कम बारिश हुई। लाहौल स्पीति में सामान्य से 57 फीसदी और सिरमौर जिले में 50 फीसदी कम बारिश हुई। बिलासपुर जिले में सामान्य से 22 फीसदी, चंबा में 32 फीसदी, हमीरपुर में 18 फीसदी, किन्नौर में 37 फीसदी, कांगड़ा में 4 फीसदी, कुल्लू में 20 फीसदी, सोलन में 19 फीसदी और ऊना जिले में सामान्य से 42 फीसदी कम बारिश हुई। इन जिलों में सामान्य से अधिक बारिश मंडी जिले में सामान्य से 2 फीसदी और शिमला में सामान्य से 5 फीसदी अधिक बारिश हुई। तापमान बढ़ा राज्य में मानसून कमजोर पड़ने के बाद ज्यादातर शहरों के तापमान में बढ़ोतरी हुई है और अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक हो गया है। कुल्लू के भुंतर के तापमान में सबसे अधिक 3.4 डिग्री की बढ़ोतरी हुई है और यह 35.4 डिग्री पर पहुंच गया है। बिलासपुर का तापमान भी सामान्य से 3.2 डिग्री बढ़कर 36.5 डिग्री, शिमला का पारा 1.3 डिग्री बढ़कर 24.8 डिग्री, ऊना का तापमान 1.6 डिग्री बढ़कर 36.4 डिग्री, मंडी का तापमान 2.7 डिग्री बढ़कर 33.7 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। इसी तरह अन्य शहरों के तापमान में भी बढ़ोतरी हुई है। हिमाचल में धीमा पड़ा मानसून कल से अगले दो दिन तक रफ्तार पकड़ सकता है। मौसम विभाग के अनुसार 11 और 12 जुलाई को प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बारिश होगी। लाहौल स्पीति और किन्नौर को छोड़कर सभी जिलों में येलो अलर्ट की चेतावनी जारी की गई है। लेकिन 13 जुलाई से मानसून के फिर से धीमा पड़ने का पूर्वानुमान है। आज भी अधिकांश हिस्सों में मौसम साफ रहेगा। इस बार प्रदेश में प्रवेश के बाद से ही मानसून कमजोर पड़ गया है। चालू मानसून सीजन में सामान्य से 22 फीसदी कम बारिश हुई है। एक जून से नौ जुलाई तक 160.6 मिमी सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार 125.7 मिमी ही बारिश हुई। मंडी और शिमला को छोड़कर अन्य सभी जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। लाहौल स्पीति-सिरमौर में सबसे कम बारिश लाहौल स्पीति और सिरमौर जिलों में सबसे कम बारिश हुई। लाहौल स्पीति में सामान्य से 57 फीसदी और सिरमौर जिले में 50 फीसदी कम बारिश हुई। बिलासपुर जिले में सामान्य से 22 फीसदी, चंबा में 32 फीसदी, हमीरपुर में 18 फीसदी, किन्नौर में 37 फीसदी, कांगड़ा में 4 फीसदी, कुल्लू में 20 फीसदी, सोलन में 19 फीसदी और ऊना जिले में सामान्य से 42 फीसदी कम बारिश हुई। इन जिलों में सामान्य से अधिक बारिश मंडी जिले में सामान्य से 2 फीसदी और शिमला में सामान्य से 5 फीसदी अधिक बारिश हुई। तापमान बढ़ा राज्य में मानसून कमजोर पड़ने के बाद ज्यादातर शहरों के तापमान में बढ़ोतरी हुई है और अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक हो गया है। कुल्लू के भुंतर के तापमान में सबसे अधिक 3.4 डिग्री की बढ़ोतरी हुई है और यह 35.4 डिग्री पर पहुंच गया है। बिलासपुर का तापमान भी सामान्य से 3.2 डिग्री बढ़कर 36.5 डिग्री, शिमला का पारा 1.3 डिग्री बढ़कर 24.8 डिग्री, ऊना का तापमान 1.6 डिग्री बढ़कर 36.4 डिग्री, मंडी का तापमान 2.7 डिग्री बढ़कर 33.7 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। इसी तरह अन्य शहरों के तापमान में भी बढ़ोतरी हुई है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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मंडी की चौहार घाटी में बरसात का कहर:दो रिहायशी मकान, तीन फुटब्रिज, दो कार बही, आलू की फसल तबाह, सड़क क्षतिग्रस्त हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले की चौहार घाटी में मूसलाधार बारिश ने जमकर कहर बरपाया है। चौहार घाटी में राजबन के साथ साथ ग्राम पंचायत तरसवाण में भी बादल फटने से करोड़ों का नुकसान हुआ है। बादल फटने बाद गढ़गांव खड्ड और रुलंग नाले ने खासा कहर बरपाया। दो रिहायशी मकान, एक पुल, तीन फुटब्रिज, एक आरा मशीन, एक घराट और दो गौशालाएं और दो कार पानी के तेज बहाव में बह गए, जबकि करीब दो किलोमीटर तक सड़क का नामोनिशान मिट गया है। करीब दो बीघा आलू की फसल भी तबाह हुई है। राजबन में हुए जानमाल के नुकसान के चलते उप मंडल प्रशासन अभी तक तरसवाण पंचायत नहीं पहुंच पाया है। ग्रामीण राजस्व अधिकारी संजय कुमार ने पंचायत समिति की अध्यक्ष शीला ठाकुर, पंचायत प्रधान जय सिंह ठाकुर और उप प्रधान पारेश्वर ठाकुर के साथ प्रभावित समालंग, द्रगड़ और गढ़गांव तीनों गांव का दौरा कर नुकसान का जायजा लिया।यहां गनीमत रही कि जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ। हल्कू राम ने भागो भागो की आवाज लगा सुरक्षित बचाए 2 परिवार देर रात को पहाड़ी से गड़गड़ाहट की आवाज सुनते ही गढ़गांव निवासी 35 वर्षीय युवक हल्कू राम घर से बाहर निकला। समय की नजाकत को भांपते हुए युवक ने शोर मचा दिया। उसने शोर मचाते हुए गांव के 2 परिवारों को घर से बाहर निकाला। पांच मिनट में ही रिहायशी मकान नाले के तेज पानी के बहाव में बह गया। हल्कू राम समय रहते यह कदम नहीं उठाता तो यहां भारी जान माल का नुकसान हो सकता था। राजबन में शुरू हुआ रेस्क्यू, 3 शवों का किया संस्कार राजबन में मलबे में दबे लोगों की तलाश को लेकर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ जवानों ने रेस्क्यू फिर से शुरू कर दिया है। लापता दस लोगों में से अभी तक 3 शव ही बरामद हुए हैं। तीनों शवों का मौके पर पोस्टमार्टम करने उपरांत ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार किया। पंचायत प्रधान जय सिंह ने बताया कि घटना में द्रगड़ गांव निवासी लाल चंद पुत्र टुलकू राम, रमेश और राकेश पुत्र मंगलू राम के रिहायशी मकानों को नुकसान पहुंचा। वहीं मंघरु राम का घराट और सोहन सिंह की ऑल्टो कार भी तेज पानी के बहाव में बह गई। जबकि लोक निर्माण विभाग की तरसवाण-गढ़गांव-द्रगड़ सड़क का दो किलोमीटर हिस्सा नाले का पानी आने से तबाह हो गया है। 40 घंटों से पूरी तरह ब्लैक आउट उधर, चौहारघाटी की आधा दर्जन ग्राम पंचायतों में बीते 40 घंटों से पूरी तरह ब्लैक आउट है। जगह जगह पर बिजली के पोल और तारें टूटने से पूरी तरह अंधेरा पसरा हुआ है। जिस कारण ग्रामीणों के मोबाइल और अन्य विद्युत उपकरण ठप होकर रह गए हैं। मोबाइल बंद होने से घटना की सूचना का का आदान प्रदान भी नहीं हो पा रहा है। वहीं, गढ़गांव में सिरशु राम पुत्र भांड्डू राम का दो मंजिला रिहायशी मकान, सुनील पुत्र गुरुदेव की गौशाला, रामलाल पुत्र बीरबल का घराट, और रेवत राम पुत्र जेठू राम की आरा मशीन बह गई। समालंग गांव में ग्रामीणों की दो बीघा से ज्यादा आलू की खड़ी फसल से भरी उपजाऊ जमीन नाले की भेंट चढ़ गई। ग्रामीण राजस्व अधिकारी संजय कुमार ने बताया कि घटना के बारे में उप मंडल प्रशासन को सूचना दे दी गई है। वहीं नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट प्रेषित की है। पंचायत प्रधान जय सिंह ठाकुर ने प्रभावित ग्रामीणों को हुए नुकसान की भरपाई करने की मांग प्रदेश सरकार और प्रशासन से की है।
शिमला में 10वीं की छात्रा ने किया सुसाइड:कागज पर ‘कैन आई डाई, यह ऑफ कोर्स और टुवर्ड टू डेथ’ लिखकर फंदे पर झूल गईं
शिमला में 10वीं की छात्रा ने किया सुसाइड:कागज पर ‘कैन आई डाई, यह ऑफ कोर्स और टुवर्ड टू डेथ’ लिखकर फंदे पर झूल गईं शिमला में बीती शाम को दसवीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा ने आत्महत्या कर दी। इससे पहले छात्रा ने कागज पर ‘कैन आई डाई, यह ऑफ कोर्स और टुवर्ड टू डेथ’ लिखा। फिर फंदे पर झूल गई। शिमला के बालूगंज थाना में पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार, वीरवार शाम के वक्त छात्रा घर पर अकेली थी। स्कूल से बेटी को घर भेजने के बाद उसकी मां बाजार में अपने काम पर चली गईं। कुछ देर बाद मृतका की मां उसे बार-बार फोन करती रही। मगर उसने फोन नहीं उठाया। इसके बाद बच्ची की मां के कहने पर पड़ोसियों ने जब घर के अंदर देखा तो वह फंदे पर झूल रही थी। इसकी सूचना बालूगंज पुलिस को दी गई। कुछ ही देर में पुलिस मौके पर पहुंची और पहले शव को फंदे से नीचे उतारा। इसके बाद आसपास रखे सामान और उसके बैग की तलाशी ली गई। छात्रा के बैग से निकला फंदे से लटकने का चित्र मृतक बच्ची के बैग से एक कागज का टुकड़ा निकला, जिसमें अंग्रेजी में मरने की बात लिखी गई थी। छात्रा के बैग में फंदे से लटकने का चित्र भी मिला। इसलिए अब तक की प्रारंभिक जांच में पुलिस इसे आत्महत्या का केस मान रही है। इसकी क्या वजह रही, इसे लेकर जांच जारी है। शिमला के नामी स्कूल में 10वीं में पढ़ती थीं मृतक छात्रा शिमला के नामी निजी स्कूल में 10वीं में पढ़ती थी। आगामी 4 जुलाई को वह स्कूल द्वारा लगाए जा रहे NCC कैंप में जाने वाली थी। छात्रा ने इससे पहले ही यह खौफनाक कदम उठाकर मौत को गले लगा दिया। छात्रा के पिता एक ज्वैलरी शॉप में जॉब करते है, जबकि मां अपनी दुकान चलाती है। मृतक बच्ची उनकी इकलौती औलाद थी। आज होगा शव का पोस्टमॉर्टम SHO रमेश लत्ता ने बताया कि पुलिस ने बीती शाम को ही मृतका का शव कब्जे में लेकर देर रात तक अस्पताल पहुंचा दिया था। आज उसके शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा। इसके बाद शव परिजनों को सौंपा जाएगा। उन्होंने बताया कि बच्ची का सुसाइड नोट तो नहीं मिला। मगर कागज के टुकड़े मिले है, जिसमे मरने की बात और फंदे पर लटकने का चित्र मिला है।
हिमाचल में स्ट्रीट वेंडर्स पॉलिसी बनाने के लिए कमेटी गठित:उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान अध्यक्ष होंगे; तहबाजारियों पर नकेल कसेगी
हिमाचल में स्ट्रीट वेंडर्स पॉलिसी बनाने के लिए कमेटी गठित:उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान अध्यक्ष होंगे; तहबाजारियों पर नकेल कसेगी मस्जिद विवाद के बीच उठी स्ट्रीट वेंडर्स पॉलिसी की मांग को लेकर शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ने स्ट्रीट वेंडर्स पॉलिसी के लिए कमेटी का गठन कर दिया। कमेटी प्रदेश भर में तहबाजारी करने वाले बाहरी और हिमाचली लोगों के लिए पॉलिसी बनाएगी। उन्होंने कमेटी के अध्यक्ष और उसके सदस्यों के नामों की घोषणा कर दी है। विधानसभा सचिवालय के जारी नोटिफिकेशन के अनुसार उद्योग मंत्री हर्षवर्धन सिंह चौहान कमेटी के अध्यक्ष होंगे। उनके अलावा कमेटी में मंत्री अनिरुद्ध सिंह, विक्रमादित्य सिंह और भाजपा विधायक अनिल शर्मा ,सतपाल सिंह सती, रणधीर शर्मा और शिमला शहर से कांग्रेस विधायक हरीश जनारथा को शामिल किया। यह कमेटी प्रदेश में बाहरी एवं प्रदेश के स्थानीय लोगों के लिए स्ट्रीट वेंडर्स पॉलिसी बनाकर उसकी रिपोर्ट सरकार को देगी। समिति के सचिव की जिम्मेदारी शहरी विकास विभाग के सचिव पर रहेगी। कहां से उठी मांग…?
संजौली से सुलगी मस्जिद विवाद की चिंगारी पूरे प्रदेश में फैली हुई है, जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। इस दौरान हिन्दू संगठनों ने समुदाय विशेष के बाहरी लोगों पर हिमाचल प्रदेश में हर कही बैठ कर कारोबार करने और आपराधिक घटनाओं को अंजाम देकर माहौल खराब करने के आरोप लगा रहे हैं। मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने विधानसभा के मानसून सत्र में स्ट्रीट वेंडर्स पॉलिसी की मांग की । उन्होंने कहा कि बिना वैरिफिकेशन के बाहरी लोग शिमला में आकर बैठ रहे हैं और यहां आपराधिक गतिविधियों में शामिल है। इनकी कोई पहचान नहीं है। प्रदेश का माहौल खराब कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी आरोप लगा रहे है कि बाहर से आने वाले लोग आपराधिक गतिविधियां करके शिमला सहित हिमाचल प्रदेश में माहौल खराब कर रहे है। प्रदर्शन के माध्यम से लोग बाहरी लोगों की प्रॉपर वैरिफिकेशन व उनके बेकग्राऊंड की प्रॉपर जांच के बाद हिमाचल में उनको कारोबार करने की अनुमति देने की मांग कर रहे हैं। मामला विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान उठा और इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्ट्रीट वेंडर्स पॉलिसी को लेकर कमेटी गठित करने बात कही थी। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष व सीएम इसका फैसला करेंगे। इसमें दोनों दलों के विधायकों शामिल किया जाएगा। जो स्ट्रीट वेंडर्स पॉलिसी के लिए विचार करेगी। शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष ने कमेटी का गठन कर दिया है जो स्ट्रीट वेंडर्स पॉलिसी को लेकर रिपोर्ट तैयार करेगी। पॉलिसी बनाकर अवैध तहबाजारियों पर कसेगी नकेल
हिमाचल प्रदेश में प्रदेश सरकार अवैध तहबाजारियों पर पॉलिसी बनाकर नकेल कसेगी। प्रदेश में राजधानी शिमला सहित कई बड़े शहर तहबाजारियों की समस्या से जूझ रहे है। तहबाजारी प्रदेश के अलग-अलग शहरों में बिना अनुमति व लाइसेंस के बगैर अपनी दुकानें सजाते हैं। जिसके कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अब पॉलिसी बनने के बाद लाइसेंस लेने वाले तहबाजारी ही अपनी दुकान सजा पाएंगे।