हिमाचल प्रदेश में भाजपा की गुटबाजी की वजह से 30 ब्लॉक में अध्यक्षों का चुनाव लटक गया है। इनके चुनाव एक महीने से ज्यादा समय बीतने के बाद भी नहीं हो पाए। ब्लॉक अध्यक्ष के लिए 15 दिसंबर और जिला अध्यक्ष के लिए 25 दिसंबर की डेडलाइन रखी गई थी। मगर कुछ जगह खेमेबाजी की वजह से सहमति नहीं बन पा रही। खासकर जहां कांग्रेस के 6 पूर्व विधायक, BJP में शामिल हुए हैं, वहां ज्यादा खींचतान चल है। ऊना जिला में दो पूर्व विधायक कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। गगरेट में चैतन्य शर्मा और कुटलेहड़ में देवेंद्र कुमार भुट्टो। इन दोनों विधानसभा के 4 ब्लॉक समेत ऊना के भी दोनों ब्लॉक में अध्यक्ष का चुनाव लटका हुआ है। ऊना जिला में 6 ब्लॉक अध्यक्ष का चयन होना है। इसी तरह ऊना जिला अध्यक्ष का भी चुनाव होना है, जबकि अन्य सभी 17 संगठनात्मक जिलों में जिला अध्यक्ष चुन लिए गए है। कुटलेहड़ की बात करें तो पूर्व मंत्री वीरेंद्र कंवर अपने समर्थकों में से किसी एक को ब्लॉक अध्यक्ष बनाना चाह रहे हैं, जबकि देवेंद्र भुट्टो अपने समर्थक की ताजपोशी चाह रहे हैं। ठीक इसी तरह गगरेट में चैतन्य शर्मा अपने समर्थक और पूर्व विधायक राजेश ठाकुर भी अपने समर्थक को ब्लॉक अध्यक्ष बनाना चाह रहे हैं। ऊना सदर के दोनों ब्लॉक में भी पेंच फंसा हुआ है। सूत्रों की माने तो पार्टी ने इन तीनों विधानसभा के 6 ब्लॉक में अध्यक्षों की ताजपोशी के लिए कई कई नामों के पैनल हाईकमान को भेज रखे हैं। अब हाईकमान की हरी झंडी का इंतजार हो रहा है। हमीरपुर जिला के 5 ब्लॉक में भी यही राजनीति कमोबेश यही हाल हमीरपुर जिला में भी है। हमीरपुर विधानसभा के दोनों ब्लॉक, सुजानपुर में भी दोनों ब्लॉक और बड़सर के बिझड़ी ब्लॉक अध्यक्ष का भी चुनाव लटका हुआ है। हमीरपुर में पूर्व निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा अपने पद से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए थे। अब यहां पुरानी भाजपा के नेता आशीष शर्मा समर्थकों की ताजपोशी पर सवाल खड़े कर रहे हैं। सुजानपुर में भी राणा समर्थकों की ताजपोशी का विरोध इसी तरह सुजानपुर में कांग्रेस के पूर्व विधायक राजेंद्र राणा और बड़सर में इंद्रदत्त लखनपाल बीजेपी में शामिल हुए थे। राजेंद्र राणा सुजनापुर के दोनों ब्लॉक में अपने समर्थकों को ब्लॉक अध्यक्ष बनाना चाह रहे हैं, वहीं पहले से बीजेपी में मौजूद नेताओं को राणा समर्थक की ताजपोशी पर आपत्ति है। आज हो सकता है ब्लॉक अध्यक्षों का ऐलान: भारद्वाज प्रदेश भाजपा के चुनाव अधिकारी राजीव भारद्वाज ने बताया कि आज शाम तक सभी 30 ब्लाक अध्यक्षों का ऐलान हो सकता है। उन्होंने बताया कि ब्लॉक अध्यक्षों के साथ ही ऊना जिला अध्यक्ष की भी ताजपोशी कर दी जाएगी, जबकि 141 मंडल अध्यक्षों की पहले ही तैनाती कर दी गई है। कुछेक जगह जहां विवाद है, वहां ब्लॉक अध्यक्ष का चयन नहीं हो पाया था। 25 जनवरी तक प्रदेश अध्यक्ष चुना जाएगा जिला व ब्लॉक अध्यक्ष चुनाव के बाद भाजपा को नया प्रदेश अध्यक्ष मिलेगा। इसके लिए इसी तरह केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह हिमाचल दौरे पर आ सकते हैं। भाजपा हाईकमान ने उन्हें हिमाचल का अध्यक्ष चुनने के लिए चुनाव अधिकारी बना रखा है। संभव है कि 25 जनवरी तक नया अध्यक्ष भी चुन लिया जाए। हिमाचल प्रदेश में भाजपा की गुटबाजी की वजह से 30 ब्लॉक में अध्यक्षों का चुनाव लटक गया है। इनके चुनाव एक महीने से ज्यादा समय बीतने के बाद भी नहीं हो पाए। ब्लॉक अध्यक्ष के लिए 15 दिसंबर और जिला अध्यक्ष के लिए 25 दिसंबर की डेडलाइन रखी गई थी। मगर कुछ जगह खेमेबाजी की वजह से सहमति नहीं बन पा रही। खासकर जहां कांग्रेस के 6 पूर्व विधायक, BJP में शामिल हुए हैं, वहां ज्यादा खींचतान चल है। ऊना जिला में दो पूर्व विधायक कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। गगरेट में चैतन्य शर्मा और कुटलेहड़ में देवेंद्र कुमार भुट्टो। इन दोनों विधानसभा के 4 ब्लॉक समेत ऊना के भी दोनों ब्लॉक में अध्यक्ष का चुनाव लटका हुआ है। ऊना जिला में 6 ब्लॉक अध्यक्ष का चयन होना है। इसी तरह ऊना जिला अध्यक्ष का भी चुनाव होना है, जबकि अन्य सभी 17 संगठनात्मक जिलों में जिला अध्यक्ष चुन लिए गए है। कुटलेहड़ की बात करें तो पूर्व मंत्री वीरेंद्र कंवर अपने समर्थकों में से किसी एक को ब्लॉक अध्यक्ष बनाना चाह रहे हैं, जबकि देवेंद्र भुट्टो अपने समर्थक की ताजपोशी चाह रहे हैं। ठीक इसी तरह गगरेट में चैतन्य शर्मा अपने समर्थक और पूर्व विधायक राजेश ठाकुर भी अपने समर्थक को ब्लॉक अध्यक्ष बनाना चाह रहे हैं। ऊना सदर के दोनों ब्लॉक में भी पेंच फंसा हुआ है। सूत्रों की माने तो पार्टी ने इन तीनों विधानसभा के 6 ब्लॉक में अध्यक्षों की ताजपोशी के लिए कई कई नामों के पैनल हाईकमान को भेज रखे हैं। अब हाईकमान की हरी झंडी का इंतजार हो रहा है। हमीरपुर जिला के 5 ब्लॉक में भी यही राजनीति कमोबेश यही हाल हमीरपुर जिला में भी है। हमीरपुर विधानसभा के दोनों ब्लॉक, सुजानपुर में भी दोनों ब्लॉक और बड़सर के बिझड़ी ब्लॉक अध्यक्ष का भी चुनाव लटका हुआ है। हमीरपुर में पूर्व निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा अपने पद से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए थे। अब यहां पुरानी भाजपा के नेता आशीष शर्मा समर्थकों की ताजपोशी पर सवाल खड़े कर रहे हैं। सुजानपुर में भी राणा समर्थकों की ताजपोशी का विरोध इसी तरह सुजानपुर में कांग्रेस के पूर्व विधायक राजेंद्र राणा और बड़सर में इंद्रदत्त लखनपाल बीजेपी में शामिल हुए थे। राजेंद्र राणा सुजनापुर के दोनों ब्लॉक में अपने समर्थकों को ब्लॉक अध्यक्ष बनाना चाह रहे हैं, वहीं पहले से बीजेपी में मौजूद नेताओं को राणा समर्थक की ताजपोशी पर आपत्ति है। आज हो सकता है ब्लॉक अध्यक्षों का ऐलान: भारद्वाज प्रदेश भाजपा के चुनाव अधिकारी राजीव भारद्वाज ने बताया कि आज शाम तक सभी 30 ब्लाक अध्यक्षों का ऐलान हो सकता है। उन्होंने बताया कि ब्लॉक अध्यक्षों के साथ ही ऊना जिला अध्यक्ष की भी ताजपोशी कर दी जाएगी, जबकि 141 मंडल अध्यक्षों की पहले ही तैनाती कर दी गई है। कुछेक जगह जहां विवाद है, वहां ब्लॉक अध्यक्ष का चयन नहीं हो पाया था। 25 जनवरी तक प्रदेश अध्यक्ष चुना जाएगा जिला व ब्लॉक अध्यक्ष चुनाव के बाद भाजपा को नया प्रदेश अध्यक्ष मिलेगा। इसके लिए इसी तरह केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह हिमाचल दौरे पर आ सकते हैं। भाजपा हाईकमान ने उन्हें हिमाचल का अध्यक्ष चुनने के लिए चुनाव अधिकारी बना रखा है। संभव है कि 25 जनवरी तक नया अध्यक्ष भी चुन लिया जाए। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल हाईकोर्ट से सरकार को राहत:घाटे में चल रहे 9 होटलों को 31 मार्च तक खुले रहने का आदेश; सरकार ने दायर की थी याचिका हिमाचल हाईकोर्ट से प्रदेश सरकार और हिमाचल पर्यटन विकास निगम (HPTDC) को मिली बड़ी राहत मिली है। राज्य सरकार के आग्रह पर हाईकोर्ट ने पर्यटन निगम के 9 होटलों को 31 मार्च 2025 तक खुला रखने के दिए आदेश पारित किए है। कोर्ट ने बीते शुक्रवार को 18 होटलों को 25 नवंबर तक बंद करने के आदेश दिए थे। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की बैंच ने शुक्रवार को होटल चायल, चंद्रभागा केलांग, खज्जियार, मेघदूत, लॉग होटल मनाली, कुंजम, भागसू, कैसल नागर और धौलाधार की खुले रखने की इजाजत दे दी है। इस दाैरान कोर्ट ने 18 में से 9 होटलों को 31 मार्च तक खुला रखने की इजाजत दे दी है। बता दें कि हाईकोर्ट ने HPTDC के पेंशनर की याचिका पर सुनवाई करते हुए घाटे में चल रहे 18 होटलों को 25 नवंबर तक बंद करने को कहा था। HPTDC के MD को इन होटलों को बंद करने संबंधी आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए कहा गया था। इसके बाद राज्य सरकार ने कोर्ट के आदेशों में संशोधन का आग्रह किया था, इस पर आज फिर से सुनवाई हुई। कोर्ट ने बताया था सफेद हाथी कोर्ट ने घाटे में चल रहे इन होटलों को सफेद हाथी बताते हुए कहा, ऐसा करना इसलिए जरूरी है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पर्यटन निगम इनके रखरखाव में सार्वजनिक संसाधनों की बर्बादी न करें। ये होटल राज्य पर बोझ हैं। कोर्ट ने कहा, निगम अपनी संपत्तियों का उपयोग लाभ कमाने के लिए नहीं कर पाया है। इन संपत्तियों का संचालन जारी रखना राज्य के खजाने पर बोझ के अलावा और कुछ नहीं है और न्यायालय इस तथ्य का न्यायिक संज्ञान ले सकता है कि राज्य सरकार अदालत के समक्ष आए वित्त से जुड़े मामलों में दिन प्रतिदिन वित्तीय संकट की बात कहती रहती है। प्रदेश में HPTDC के 56 होटल प्रदेश में HPTDC के कुल 56 होटल चल रहे है। मगर ज्यादातर होटल कई सालों से घाटे में है। इससे निगम अपने कर्मचारियों की सैलरी और पेंशनर को पेंशन नहीं दे पा रहा। पेंशनर के सेवा लाभ का मामला कोर्ट में भी विचाराधीन है। इसकी सुनवाई करते हुए अदालत ने यह फैसला सुनाया है।