हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के जोगेंद्रनगर क्षेत्र के एक सरकारी प्राइमरी स्कूल की 4 छात्राओं ने टीचर पर छेड़छाड़ के आरोप लगाए हैं। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने स्कूल के मुख्य शिक्षक को हिरासत में ले लिया है। इसकी पुष्टि SHO जोगेंद्रनगर अश्वनी ने की है। पुलिस ने नाबालिग छात्राओं की शिकायत पर मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। छात्राओं से छेड़छाड़ के आरोप 51 वर्षीय के हेड टीचर हरीश पर लगे हैं, जो कि लड़भड़ोल क्षेत्र का रहने वाला बताया जा रहा है। हरीश शिक्षक दिसंबर 2021 से स्कूल में तैनात है। साल 2023 से नाबालिग छात्राओं के साथ छेड़छाड़ को अंजाम दे रहा था। चौथी-पांचवीं की छात्राओं से छेड़छाड़ जिन छात्राओं से छेड़छाड़ की गई, वह चौथी व पांचवीं कक्षा में पढ़ाई करती है। इसकी शिकायत चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 नंबर पर की गई। इसके बाद जिला बाल संरक्षण विभाग ने स्कूल पहुंचकर छात्राओं के बयान लिए। इसके बाद मामला पुलिस को दिया गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर शुक्रवार शाम के वक्त आरोपी टीचर को गिरफ्तार कर दिया है। कल कोर्ट में पेश कर रिमांड की करेंगे मांग SHO जोगेंद्रनगर अश्वनी ने बताया कि छात्राओं के बयान कलमबद्ध करने के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर दिया गया है। इस मामले में आगामी कार्रवाई की जा रही है। आरोपी को कल कोर्ट में पेश कर रिमांड की मांग की जाएगी। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के जोगेंद्रनगर क्षेत्र के एक सरकारी प्राइमरी स्कूल की 4 छात्राओं ने टीचर पर छेड़छाड़ के आरोप लगाए हैं। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने स्कूल के मुख्य शिक्षक को हिरासत में ले लिया है। इसकी पुष्टि SHO जोगेंद्रनगर अश्वनी ने की है। पुलिस ने नाबालिग छात्राओं की शिकायत पर मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। छात्राओं से छेड़छाड़ के आरोप 51 वर्षीय के हेड टीचर हरीश पर लगे हैं, जो कि लड़भड़ोल क्षेत्र का रहने वाला बताया जा रहा है। हरीश शिक्षक दिसंबर 2021 से स्कूल में तैनात है। साल 2023 से नाबालिग छात्राओं के साथ छेड़छाड़ को अंजाम दे रहा था। चौथी-पांचवीं की छात्राओं से छेड़छाड़ जिन छात्राओं से छेड़छाड़ की गई, वह चौथी व पांचवीं कक्षा में पढ़ाई करती है। इसकी शिकायत चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 नंबर पर की गई। इसके बाद जिला बाल संरक्षण विभाग ने स्कूल पहुंचकर छात्राओं के बयान लिए। इसके बाद मामला पुलिस को दिया गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर शुक्रवार शाम के वक्त आरोपी टीचर को गिरफ्तार कर दिया है। कल कोर्ट में पेश कर रिमांड की करेंगे मांग SHO जोगेंद्रनगर अश्वनी ने बताया कि छात्राओं के बयान कलमबद्ध करने के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर दिया गया है। इस मामले में आगामी कार्रवाई की जा रही है। आरोपी को कल कोर्ट में पेश कर रिमांड की मांग की जाएगी। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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कुल्लू में शिवलिंग का मोहरा स्थापित:12 गांव के किसानों के कार्य पर पाबंदी; पांच दिन तक लोहा से नहीं छुएंगे जमीन
कुल्लू में शिवलिंग का मोहरा स्थापित:12 गांव के किसानों के कार्य पर पाबंदी; पांच दिन तक लोहा से नहीं छुएंगे जमीन कुल्लू जिले के कुलान्तक पीठ खराहल घाटी की न्योली पंचायत के गांव न्योली मुआफ़ीदार जुआणी महादेव मंदिर में मध्य रात्रि को शिवलिंग पर सतयुगी मोहरा मुकुट देव परम्परा अनुसार स्थापित किया। जिसे स्थानीय बोली में बीठ निकलना कहते हैं। शिवलिंग पर मोहर स्थापित होते ही आसपास के 12 गांव के हारियानों अनुयायियों के लिये कृषि कार्य पर पाबन्दी लग जाती है। यह पाबन्दी पांच दिन तक रहेगी। जानकारी अनुसार न्योली, जुआणी, जगोट, ओड़ीदार,ग्राहण, थरमाण, थरमाण सेरी, लुगडभट्ठी, जुआणी रोपा, जोकरपोधा, देवधार आदि गांव के लोग कृषि कार्य ही नहीं, बल्कि धरती पर या खेतों में लोहा से छुएंगे भी नहीं। अनुश्रुति अनुसार जब स्थानीय महिला खेत मे गुड़ाई कर रही थी तो कुदाली लगने से मोहरा जमीन से निकला था। किसी को नहीं मोहरा देखने की इजाज़त शिवलिंग का मोहरा साल में दो बार निकलता है। बैसाखी व सावन में भादो माह लगते से पूर्व देव भंडार से निकालकर शिवलिंग में स्थापित किया जाता है। इस मोहरें को किसी को भी देखने की इजाजत नहीं है। वाद्य यंत्रों सहित मशालों की रोशनी में निकाला मोहरा न्योली में जुआणी महादेव मंदिर में मध्य रात्रि को वाद्य यंत्रों की थाप पर मशालों की रोशनी में मोहरा लाया गया। मोहरा मंदिर पहुँचते ही विधिवत शिवलिंग में स्थापित किया गया। शिवलिंग का श्रृंगार किया। महादेव के रथ का श्रृंगार मोहरा स्थापित करने के पश्चात वाद्य यंत्रों की विशेष धुन पर महादेव के रथ के श्रृंगार की प्रक्रिया एक घण्टे तक चली। महादेव के अन्य 16 मोहरों को स्थापित किया गया इनमें से कुल्लू के राजा मान सिंह ने 1717 ईस्वी में जुआणी महादेव को दिया वो मोहरा भी शामिल है। क्या कहते है देवता के कारदार देव प्रशासन में मुख्य अधिकारी कारदार होता है महादेव के कारदार ओम प्रकाश महन्त से बात की तो उन्होंने ने कहा कि शिवलिंग का मोहरा साल में दो बार देवता के भंडार से निकाला जाता है। मोहरा निकलने के बाद स्थानीय वासियों के लिए कृषि कार्य पर पाबन्दी लगती है।