हिमाचल प्रदेश में मौसम विभाग (IMD) के बारिश के पूर्वानुमान के बावजूद अच्छी बारिश नहीं हो पा रही है। जिससे प्रदेशवासियों को गर्मी से राहत नहीं मिल पा रही है। प्रदेश के तीन शहरों का पारा 40 डिग्री और 10 का तापमान 35 डिग्री पार चल रहा है। प्रदेश में जून के पहले पांच दिन में नॉर्मल से 50 प्रतिशत कम बारिश हुई है। एक से पांच जून के बीच औसत बारिश 9.1 मिलीमीटर होती है। मगर इस बार 4.5 मिलीमीटर ही बारिश हुई है। मंडी, कुल्लू, कांगड़ा में सबसे कम बारिश हुई है। मंडी में नॉर्मल से 99 प्रतिशत कम, शिमला में 87 प्रतिशत, कुल्लू में 90 और कांगड़ा में 79 फीसदी कम बारिश हुई है। बारिश नहीं होने से लोगों को उमस भरी गर्मी परेशान कर रही है। नेरी का तापमान 43.4 डिग्री हमीरपुर के नेरी का तापमान सबसे ज्यादा 43.4 डिग्री, धौलाकुंआ का 40 डिग्री, ऊना का 41.6 डिग्री सेल्सियस चल रहा है। वहीं सुंदरनगर 38.6 डिग्री, भुंतर 36, नाहन 38, कांगड़ा 38.6 डिग्री, मंडी 38.4, बिलासपुर 39.1 डिग्री, हमीरपुर 38.4 डिग्री, चंबा 38.2 डिग्री, बरठी 37.4 डिग्री और बजौरा 37.4 डिग्री तापमान चल रहा है। प्रदेश के ज्यातार शहरों में नॉर्मल से अधिक प्रदेश के ज्यादातर शहरों का पारा नॉर्मल से 4 डिग्री सेल्सियस तक ज्यादा चल रहा है। नॉर्मल की तुलना में सबसे ज्यादा 4.8 डिग्री का उछाल मंडी के तापमान में आया है। नाहन का पारा 4.1 डिग्री, शिमला का पारा नॉर्मल से 2.6 डिग्री, सुंदनरगर 4डिग्री, ऊना 2.9 डिग्री, सोलन 2.4 डिग्री, बिलासपुर 1.8 डिग्री और हमीरपुर में सामान्य से 2.1 डिग्री तापमान अधिक चल रहा है। 9 जून से खिले धूप मौसम विभाग की माने तो आज प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में बारिश का पूर्वानुमान है। वहीं अगले कल कुछेक क्षेत्रों में ही बारिश हो सकती है। परसो के अधिक ऊंचे व मध्यम ऊंचे क्षेत्रों में मौसम खराब रहेगा, जबकि 9 जून से प्रदेशभर में मौसम फिर से साफ हो जाएगा। हिमाचल प्रदेश में मौसम विभाग (IMD) के बारिश के पूर्वानुमान के बावजूद अच्छी बारिश नहीं हो पा रही है। जिससे प्रदेशवासियों को गर्मी से राहत नहीं मिल पा रही है। प्रदेश के तीन शहरों का पारा 40 डिग्री और 10 का तापमान 35 डिग्री पार चल रहा है। प्रदेश में जून के पहले पांच दिन में नॉर्मल से 50 प्रतिशत कम बारिश हुई है। एक से पांच जून के बीच औसत बारिश 9.1 मिलीमीटर होती है। मगर इस बार 4.5 मिलीमीटर ही बारिश हुई है। मंडी, कुल्लू, कांगड़ा में सबसे कम बारिश हुई है। मंडी में नॉर्मल से 99 प्रतिशत कम, शिमला में 87 प्रतिशत, कुल्लू में 90 और कांगड़ा में 79 फीसदी कम बारिश हुई है। बारिश नहीं होने से लोगों को उमस भरी गर्मी परेशान कर रही है। नेरी का तापमान 43.4 डिग्री हमीरपुर के नेरी का तापमान सबसे ज्यादा 43.4 डिग्री, धौलाकुंआ का 40 डिग्री, ऊना का 41.6 डिग्री सेल्सियस चल रहा है। वहीं सुंदरनगर 38.6 डिग्री, भुंतर 36, नाहन 38, कांगड़ा 38.6 डिग्री, मंडी 38.4, बिलासपुर 39.1 डिग्री, हमीरपुर 38.4 डिग्री, चंबा 38.2 डिग्री, बरठी 37.4 डिग्री और बजौरा 37.4 डिग्री तापमान चल रहा है। प्रदेश के ज्यातार शहरों में नॉर्मल से अधिक प्रदेश के ज्यादातर शहरों का पारा नॉर्मल से 4 डिग्री सेल्सियस तक ज्यादा चल रहा है। नॉर्मल की तुलना में सबसे ज्यादा 4.8 डिग्री का उछाल मंडी के तापमान में आया है। नाहन का पारा 4.1 डिग्री, शिमला का पारा नॉर्मल से 2.6 डिग्री, सुंदनरगर 4डिग्री, ऊना 2.9 डिग्री, सोलन 2.4 डिग्री, बिलासपुर 1.8 डिग्री और हमीरपुर में सामान्य से 2.1 डिग्री तापमान अधिक चल रहा है। 9 जून से खिले धूप मौसम विभाग की माने तो आज प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में बारिश का पूर्वानुमान है। वहीं अगले कल कुछेक क्षेत्रों में ही बारिश हो सकती है। परसो के अधिक ऊंचे व मध्यम ऊंचे क्षेत्रों में मौसम खराब रहेगा, जबकि 9 जून से प्रदेशभर में मौसम फिर से साफ हो जाएगा। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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कांगड़ा के युवक की कनाडा में मौत:दोस्त ने पिता को दी सूचना, 4 साल पहले विदेश पढ़ने गया था ऋषभ कांगड़ा जिले के युवक की कनाडा मौत हो गई है। युवक स्टडी वीजा पर पिछले करीब चार साल से कनाडा में रह रहा था। हाल ही में ऋषभ घर भी आया था और 31 अगस्त को उसकी वापसी थी। मृतक युवक ऋषभ पठानिया (28) पुत्र अजय पठानिया देहरा विधानसभा क्षेत्र की हरिपुर तहसील के बंगोली गांव का है। युवक की मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। युवक के पिता ने बताया कि बुधवार को ऋषभ पठानिया की मैसेज के जरिए घर बात हुई। लेकिन शुक्रवार को न तो फोन आया और न ही मैसेज आया। ऋषभ के पिता अजय पठानिया ने उसे फोन किया तो ऋषभ से बात नहीं हो पाई। शनिवार को अजय पठानिया ने कनाडा में ऋषभ के किसी दोस्त से संपर्क किया। इसके बाद किसी हादसे की आशंका के चलते पुलिस में शिकायत भी की गई। साथ ही दोस्त पुलिस टीम के साथ ऋषभ पठानिया के रूम पहुंचा। कमरा खोला गया तो अंदर ऋषभ मृत पड़ा था। पिता ने सरकार से की शव को घर लाने की अपील यह जानकर अजय पठानिया, उनकी पत्नी और छोटे बेटे पर दुखों का पहाड़ टूट गया। परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है। कनाडा पुलिस शव को कब्जे में लेकर जांच में जुट गई है।ऋषभ पठानिया के पिता अजय पठानिया पोस्ट ऑफिस में कार्यरत हैं और मां गृहणी हैं। अजय पठानिया का एक और छोटा बेटा है। ऋषभ पठानिया बड़ा था। पिता अजय पठानिया ने भारत सरकार और हिमाचल सरकार से शव को घर लाने में मदद की गुहार लगाई है।
हमीरपुर में डॉ. पुष्पेंद्र का टिकट काट सकती है कांग्रेस:जातीय समीकरण वजह; नालागढ़ में बाबा हरदीप, देहरा से राजेश हो सकती हैं कैंडिडेट
हमीरपुर में डॉ. पुष्पेंद्र का टिकट काट सकती है कांग्रेस:जातीय समीकरण वजह; नालागढ़ में बाबा हरदीप, देहरा से राजेश हो सकती हैं कैंडिडेट हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस तीन विधानसभा उप चुनाव के टिकट जल्द तय कर सकती है। हमीरपुर में सुनील शर्मा (बिट्टू), नालागढ़ में बाबा हरदीप और देहरा में डॉ. राजेश का नाम आगे माना जा रहा है। हमीरपुर में 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा का कांग्रेस टिकट काट सकती है। सूत्रों बताते हैं कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने अपने राजनीतिक सलाहाकार सुनील शर्मा बिट्टू को टिकट देने के संकेत दे दिए हैं। उन्हें तैयारियों में जुट जाने को कह दिया गया है। बताया जा रहा है कि बीजेपी के ब्राह्मण चेहरे के सामने कांग्रेस भी ब्राह्मण उतारना चाह रही है। इस सीट पर बीजेपी पूर्व निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा को मैदान में उतार सकती है। इसलिए कांग्रेस भी यहां 2022 के प्रत्याशी डॉ. पुष्पेंद्र को टिकट न देकर सुनील बिट्टू को प्रत्याशी बना सकती है। डॉ. पुष्पेंद्र राजपूत चेहरा है। जातीय समीकरण उनके टिकट पर भारी पड़ सकते हैं। हालांकि डॉ. पुष्पेंद्र साल 2022 में चुनाव हारने के बाद से बीते 18 महीने के दौरान निरंतर जनता के बीच सक्रिय रहे हैं और जनता में उनकी अच्छी साख मानी जा रही है। बाबा हरदीप का इसलिए कट सकता है टिकट सोलन जिला नालागढ़ विधानसभा सीट पर होलीलॉज गुट के बाबा हरदीप को टिकट का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री सुक्खू नालागढ़ सीट को जीतने के लिए 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए लखविंदर राणा को कांग्रेस में शामिल करा सकते हैं। कांग्रेस यदि लखविंदर राणा को टिकट ऑफर करती है तो राणा की कांग्रेस में वापसी हो सकती है, क्योंकि इस सीट से बीजेपी ने निर्दलीय पूर्व विधायक केएल ठाकुर को टिकट देने का भरोसा दे रखा है। ऐसे में यदि लखविंदर राणा की कांग्रेस में वापसी हुई तो होलीलॉज खेमे के हरदीप बाबा का टिकट कटना तय है। राणा की वापसी नहीं हुई तो बाबा हरदीप का टिकट पक्का माना जा रहा है। देहरा में डॉ. राजेश पर फिर दाव खेल सकती है कांग्रेस उधर, कांगड़ा जिला की देहरा सीट पर डॉ. राजेश का टिकट लगभग तय माना जा रहा है। हालांकि टिकट के तलबगारों में यहां से केसीसी बैंक के डायरेक्टर सुनील शर्मा और मत्सय कल्याण बोर्ड के चेयरमैन नरदेव कंवर का नाम भी बताया जा रहा है। 10 जुलाई को चुनाव हिमाचल प्रदेश में आगामी 10 जुलाई को तीन विधानसभा सीटों पर उप चुनाव होंगे। इसके लिए कल नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा और कल से 21 जून तक नामांकन पत्र भरे जा सकेंगे। 13 जुलाई को इनके रिजल्ट आएंगे और 15 जुलाई को तीनों जिले हमीरपुर, सोलन और कांगड़ा में आदर्श चुनाव आचार संहिता हट जाएगी।
हिमाचल की डल झील एक साल से सूखी:क्लाइमेट चेंज वजह; संवारने को फंड मिला, लेकिन काम नहीं हुआ
हिमाचल की डल झील एक साल से सूखी:क्लाइमेट चेंज वजह; संवारने को फंड मिला, लेकिन काम नहीं हुआ क्लाइमेट चेंज से तापमान बढ़ने के चलते हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के धर्मशाला में मैक्लोडगंज स्थित डल झील सूख चुकी है। कभी शीशे जैसे निर्मल पानी में भरी रहने वाली झील का अस्तित्व आज खतरे में है। हिमाचल प्रदेश सहित अन्य राज्यों के लाखों लोगों की आस्था का प्रतीक मैक्लोडगंज की डल झील अनदेखी के चलते पूरी तरह से सूख गयी है। राजनीतिक और प्रशासनिक उदासीनता के चलते झील की ओर ध्यान देने वाला कोई नहीं है। विभिन्न विभागों द्वारा करोड़ों रुपए का बजट खर्च करने के बावजूद भी इसका स्वरूप नहीं बदला गया। डल झील में 2011 से हो रहा रिसावडल झील से लगातार हो रहे पानी के रिसाव से कृत्रिम झील में पानी न के बराबर होने से गाद उभर आई है। पिछले कुछ वर्षों से सौंदर्यीकरण के लिए प्रशासन का मुंह ताक रही डल झील अंतिम सांसे ले रही है। सौंदर्यीकरण को लेकर ग्रामीण विकास विभाग भी विभागीय कार्यप्रणाली को कोस रहा है। मैक्लोडगंज आने वाले पर्यटकों के लिए भी ऐतिहासिक डल झील मात्र सफेद हाथी बनकर रह गई है। 2011 में निकाला गया था गाद
इससे पहले 2013, 2017, 2019, 2020, 2021 और नवंबर 2022 में भी झील में रिसाव हो चुका है। बता दें कि आसपास के पहाड़ों की गाद ने इसकी गहराई कम कर दी थी। झील का लगभग आधा क्षेत्र गाद से भरा हुआ है, जिसे घास के मैदान में बदल दिया गया है। झील से गाद निकालने के लिए 2011 में स्थानीय लोगों की मदद से एक बड़ा अभियान शुरू किया गया था। गाद का उपयोग मंदिर क्षेत्र के पास पार्किंग बनाने के लिए किया गया था। तब से झील तेजी से सूख रही है। क्लाइमेट चेंज झील के सूखने का मुख्य कारण
क्लाइमेट चेंज से तापमान बढ़ता है, जिससे वाष्पीकरण की दर बढ़ती है और झीलों का स्तर कम होता जाता है। ग्लोबल वार्मिंग से बारिश का मौसम छोटा हो गया है। अध्ययन में पाया गया कि क्लाइमेट चेंज झीलों के सूखने का मुख्य कारण है जैसे-जैसे ग्रह गर्म होता है, वाष्पीकरण दर बढ़ती है, जिससे झीलों का स्तर कम होता जाता है। झीलों के सूखने से जैव विविधता का भी नुकसान हो सकता है, क्योंकि पौधों और जानवरों की कई प्रजातियां जलीय वातावरण में रहने के लिए अनुकूलित होती हैं। क्या कहते हैं स्थानीय पर्यावरण प्रेमी…
काल्डेन चोफेल का कहना है कि दुनिया भर में ग्लेशियर, झीलें, नदियां सूख रही हैं और इसके परिणाम अकल्पनीय हैं। बचपन के दिनों से हम झील को उफनते और जीवन से भरपूर देखते थे। यह कल्पना करना दर्दनाक है कि यह पर्यटन स्थल नहीं बल्कि इसके आसपास के सभी वन्य जीवन के लिए है। तेंजिन थिनले का कहना है कि यह डल लेक नहीं अब यह सूखी लेक है। सोनम त्सेरिंग ने कहा कि अधिकारियों की उपस्थिति में शाहपुर के विधायक ने 12 सितंबर को सार्वजनिक रूप से कहा था कि डल महोत्सव के बाद त्वरित जीर्णोद्धार परियोजना शुरू होगी। लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ और पानी छोड़ने और मछलियों को उसमें स्थानांतरित करने के लिए दो तालाब बनाने के अलावा कुछ भी नहीं किया। एक तरह से, ऐसा लगता है कि सभी बदकिस्मत मछलियां अपने पिछले जन्म में संचित अपने पाप कर्मों को पूरा करने या दूर करने के लिए इस डल झील में पैदा हुई हैं। उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि ऐतिहासिक डल लेक के सौंदर्यीकरण तथा पानी के रिसाव को रोकने के लिए डेढ़ महीने के भीतर डीपीआर तैयार की जाएगी। इस के लिए लेक मैन ऑफ इंडिया आनंद मल्लिगावाद ने निरीक्षण के दौरान डल लेक के पानी के रिसाव की समस्या गहनता से अध्ययन किया है तथा जिला प्रशासन, वन विभाग, आईपीएच विभाग के अधिकारियों को सुझाव भी दिए हैं। उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने डल लेक के सौंदर्यीकरण और संरक्षण के लिए कारगर कदम उठाने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए हैं जिसके चलते ही लेक मैन ऑफ इंडिया आनंद मल्लिगावाद को डल लेक के निरीक्षण के लिए सरकार की ओर से आमंत्रित किया गया है।