हिमाचल प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को ड्रोन उड़ने को लेकर खूब हंगामा बरपा। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सदन में सरकार व एसपी शिमला पर उनके घर पर ड्रोन के जरिए नजर रखने का बड़ा आरोप लगाया, जिस पर पूरा विपक्ष जयराम ठाकुर के साथ खड़ा होकर सरकार पर खूब बरसा । लेकिन अब उस रहस्यमयी ड्रोन पर बड़ा खुलासा हुआ है कि उनके घर पर उड़ा ड्रोन किसका था। इस बात का खुलासा होने के साथ ही सरकार नेता प्रतिपक्ष पर हमला वर हो गई है। दरअसल, शिमला शहर में 24 घंटे पानी देने वाली योजना के लिए ड्रोन से हर घर का सर्वे चल रहा है । उसी कड़ी में यह ड्रोन नेता प्रतिपक्ष के घर के ऊपर भी उड़ा था। शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान जयराम ठाकुर में अपने घर पर ड्रोन से नजर रखने का मुद्दा विधानसभा में उठाया। जिस पर सदन में बड़ा बवाल हो गया। बवाल को बढ़ता देख सर्वे करा रही कंपनी ने मामले में स्थिति स्पष्ट कर दी है । विवाद को बड़ा देख कंपनी प्रबन्धन आया सामने शिमला जल प्रबंधन के जूनियर इंजीनियर पुष्प राज ने कहा कि कंपनी ने स्वेज इंडिया को शिमला शहर के लिए 24 घंटे पानी की योजना का टेंडर दिया है और उसी के लिए कंपनी शिमला शहर के हर घर सर्वे कर रही है और इसके लिए बाकायदा जिला प्रशासन से पांच सितंबर तक इसके बारे मंजूरी ली है। कंपनी प्रबंधन का कहना है कि शहर में 24 घंटे पेयजल योजना लागू करने से पहले हर भवन की ड्रोन मैपिंग जरूरी है।उन्होंने कहा कि ड्रोन मैपिंग के अलावा घर-घर जाकर हर उपभोक्ता से पेयजल खपत का रिकॉर्ड भी लिया जा रहा है। शहर में कही वार्ड का सर्वे पूरा हो चुका है और बचे वार्डो का सर्वेक्षण भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा । उन्होंने कहा कि अक्टूबर में इसकी रिपोर्ट तैयार की जाएगी। मामले में गरमाई सियासत मुख्यमंत्री के मीडिया एडवाइजर नरेश चौहान ने जयराम ठाकुर पर पलट वार किया है उन्होंने नेताप्रतिपक्ष के आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है। चौहान ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जो आरोप लगा रहे हैं वह सत्य नहीं है। सरकार द्वारा किसी भी तरह से उन पर नजर नहीं रखी जा रही है । नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के आरोप गलत साबित हुए हैं। जिस ड्रोन की बात वे कर रहे हैं, वह जल प्रबंधन निगम का है । जल प्रबंधन निगम शिमला शहर का ड्रोन के जरिए सर्वे का रहा है और बड़ी हैरानी की बात है कि नेता प्रतिपक्ष को इतनी हल्की बात करने की क्या जरूरत पड़ी। सरकार किसी की भी निगरानी नहीं कर रही है। 872 करोड़ की लागत से बननी है पेयजल परियोजना आपको बता दें कि शिमला शहर के लिए 24 घंटे पानी देने के लिए 872 करोड़ की लागत से बनने वाले पेयजल प्रोजेक्ट के दूसरे चरण का निर्माण करना है जिसका जिम्मा शिमला जल प्रबंधन ने स्वेज इंडिया कंपनी को दे रखा है। मामले में खास बात यह है कि साल 2022 में तत्कालीन भाजपा सरकार में पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने ही शिमला के रिज मैदान पर इस योजना के पहले चरण कि आधारशिला रखी थी। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को ड्रोन उड़ने को लेकर खूब हंगामा बरपा। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सदन में सरकार व एसपी शिमला पर उनके घर पर ड्रोन के जरिए नजर रखने का बड़ा आरोप लगाया, जिस पर पूरा विपक्ष जयराम ठाकुर के साथ खड़ा होकर सरकार पर खूब बरसा । लेकिन अब उस रहस्यमयी ड्रोन पर बड़ा खुलासा हुआ है कि उनके घर पर उड़ा ड्रोन किसका था। इस बात का खुलासा होने के साथ ही सरकार नेता प्रतिपक्ष पर हमला वर हो गई है। दरअसल, शिमला शहर में 24 घंटे पानी देने वाली योजना के लिए ड्रोन से हर घर का सर्वे चल रहा है । उसी कड़ी में यह ड्रोन नेता प्रतिपक्ष के घर के ऊपर भी उड़ा था। शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान जयराम ठाकुर में अपने घर पर ड्रोन से नजर रखने का मुद्दा विधानसभा में उठाया। जिस पर सदन में बड़ा बवाल हो गया। बवाल को बढ़ता देख सर्वे करा रही कंपनी ने मामले में स्थिति स्पष्ट कर दी है । विवाद को बड़ा देख कंपनी प्रबन्धन आया सामने शिमला जल प्रबंधन के जूनियर इंजीनियर पुष्प राज ने कहा कि कंपनी ने स्वेज इंडिया को शिमला शहर के लिए 24 घंटे पानी की योजना का टेंडर दिया है और उसी के लिए कंपनी शिमला शहर के हर घर सर्वे कर रही है और इसके लिए बाकायदा जिला प्रशासन से पांच सितंबर तक इसके बारे मंजूरी ली है। कंपनी प्रबंधन का कहना है कि शहर में 24 घंटे पेयजल योजना लागू करने से पहले हर भवन की ड्रोन मैपिंग जरूरी है।उन्होंने कहा कि ड्रोन मैपिंग के अलावा घर-घर जाकर हर उपभोक्ता से पेयजल खपत का रिकॉर्ड भी लिया जा रहा है। शहर में कही वार्ड का सर्वे पूरा हो चुका है और बचे वार्डो का सर्वेक्षण भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा । उन्होंने कहा कि अक्टूबर में इसकी रिपोर्ट तैयार की जाएगी। मामले में गरमाई सियासत मुख्यमंत्री के मीडिया एडवाइजर नरेश चौहान ने जयराम ठाकुर पर पलट वार किया है उन्होंने नेताप्रतिपक्ष के आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है। चौहान ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जो आरोप लगा रहे हैं वह सत्य नहीं है। सरकार द्वारा किसी भी तरह से उन पर नजर नहीं रखी जा रही है । नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के आरोप गलत साबित हुए हैं। जिस ड्रोन की बात वे कर रहे हैं, वह जल प्रबंधन निगम का है । जल प्रबंधन निगम शिमला शहर का ड्रोन के जरिए सर्वे का रहा है और बड़ी हैरानी की बात है कि नेता प्रतिपक्ष को इतनी हल्की बात करने की क्या जरूरत पड़ी। सरकार किसी की भी निगरानी नहीं कर रही है। 872 करोड़ की लागत से बननी है पेयजल परियोजना आपको बता दें कि शिमला शहर के लिए 24 घंटे पानी देने के लिए 872 करोड़ की लागत से बनने वाले पेयजल प्रोजेक्ट के दूसरे चरण का निर्माण करना है जिसका जिम्मा शिमला जल प्रबंधन ने स्वेज इंडिया कंपनी को दे रखा है। मामले में खास बात यह है कि साल 2022 में तत्कालीन भाजपा सरकार में पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने ही शिमला के रिज मैदान पर इस योजना के पहले चरण कि आधारशिला रखी थी। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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