हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला के रामपुर में बड़ी संख्या में लोगों ने सोमवार को दत्तनगर के मिल्क प्लांट के बाहर प्रदर्शन किया। इसमें निरमंड, रामपुर, ननखड़ी, आनी और नारकंडा के पशुपालक शामिल हुए। दत्तनगर मिल्क प्लांट के बाहर पशुपालकों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो और उग्र आंदोलन किया जाएगा। हिमाचल दुग्ध उत्पादक संघ के राज्य संयोजक प्रेम चौहान और राज्य सह संयोजक रणजीत ठाकुर ने कहा कि दुग्ध उत्पादक दूध के उचित दाम नहीं मिलने से परेशान है। सरकार द्वारा तय रेट के हिसाब से 3.3 प्रतिशत फैट व 7.3 प्रतिशत एसएनएफ दूध का मूल्य 30.57 रुपए है, जबकि 5.5 प्रतिशत फैट व 8.5 प्रतिशत एसएनएफ वाले दूध का रेट 47.93 रुपए तय हैं। मगर सरकार द्वारा तय इन रेट के हिसाब से दुग्ध उत्पादकों को दाम नहीं मिल रहे। प्रदर्शन के दौरान पशुपालकों ने सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू करने, सभी दुग्ध सोसाइटियों में दूध की गुणवत्ता को मापने के टेस्टिंग मशीन देने, दूध की पेमेंट हर माह 10 तारीख से पहले देने, सभी सोसाइटियों में फीड उपलब्ध करवाने और दत्त नगर मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट का कार्य शीघ्र पूरा करने की मांग उठाई है। हाशिए पर पशुपालक: प्रेम चौहान प्रेम चौहान ने कहा कि प्रदेश की 90 प्रतिशत आबादी गांव में रहती है। कृषि और बागवानी यहां का मुख्य व्यवसाय है। साथ साथ पशु पालन भी ग्रामीणों की आजीविका का साधन है। बावजूद इसके पशुपालन हाशिए पर है। उनकी सुनवाई नहीं हो रही। जो किसान-पशुपालन से जुड़े हैं और अपनी छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए दूध बेचते हैं, उन्हें दूध का उचित दाम नहीं मिल पा रहा है। हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला के रामपुर में बड़ी संख्या में लोगों ने सोमवार को दत्तनगर के मिल्क प्लांट के बाहर प्रदर्शन किया। इसमें निरमंड, रामपुर, ननखड़ी, आनी और नारकंडा के पशुपालक शामिल हुए। दत्तनगर मिल्क प्लांट के बाहर पशुपालकों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो और उग्र आंदोलन किया जाएगा। हिमाचल दुग्ध उत्पादक संघ के राज्य संयोजक प्रेम चौहान और राज्य सह संयोजक रणजीत ठाकुर ने कहा कि दुग्ध उत्पादक दूध के उचित दाम नहीं मिलने से परेशान है। सरकार द्वारा तय रेट के हिसाब से 3.3 प्रतिशत फैट व 7.3 प्रतिशत एसएनएफ दूध का मूल्य 30.57 रुपए है, जबकि 5.5 प्रतिशत फैट व 8.5 प्रतिशत एसएनएफ वाले दूध का रेट 47.93 रुपए तय हैं। मगर सरकार द्वारा तय इन रेट के हिसाब से दुग्ध उत्पादकों को दाम नहीं मिल रहे। प्रदर्शन के दौरान पशुपालकों ने सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू करने, सभी दुग्ध सोसाइटियों में दूध की गुणवत्ता को मापने के टेस्टिंग मशीन देने, दूध की पेमेंट हर माह 10 तारीख से पहले देने, सभी सोसाइटियों में फीड उपलब्ध करवाने और दत्त नगर मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट का कार्य शीघ्र पूरा करने की मांग उठाई है। हाशिए पर पशुपालक: प्रेम चौहान प्रेम चौहान ने कहा कि प्रदेश की 90 प्रतिशत आबादी गांव में रहती है। कृषि और बागवानी यहां का मुख्य व्यवसाय है। साथ साथ पशु पालन भी ग्रामीणों की आजीविका का साधन है। बावजूद इसके पशुपालन हाशिए पर है। उनकी सुनवाई नहीं हो रही। जो किसान-पशुपालन से जुड़े हैं और अपनी छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए दूध बेचते हैं, उन्हें दूध का उचित दाम नहीं मिल पा रहा है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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मंडी: लाइव डिटेक्टर डिवाइस व खोजी डॉग से रेस्क्यू:6 बरामद, 3 माह की बच्ची समेत 4 लापता; बादल फटने से तीन घर ढहे मंडी जिले में चौहारघाटी के राजबन में हुए हादसे में चौथे दिन रेस्क्यू जारी है। हादसे में लापता की तलाश को लेकर एनडीआरएफ नेदो खोजी डॉग बुला लिए। इसके साथ ही लाइव डिटेक्टर डिवाइस का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। बुधवार देर रात को यहां बादल फटने से तीन रिहायशी मकान दब गए थे। जिसमें 10 लोग जिंदा दफन हो गए। इनमें से अब तक 6 शव बरामद हो पाए हैं। मलबे में दफन 24 वर्षीय सोनम और उसकी तीन माह की नन्ही मानवी, पचास वर्षीय खुड्डी देवी और हरदेव सिंह का अभी तक सुराग नहीं लगा है। जिनकी तलाश को लेकर एनडीआरएफ के जवान खोजी कुत्तों को लेकर चप्पा चप्पा छान रहे हैं। शनिवार देर शाम को यहां 11 वर्षीय अनामिका का शव मुश्किल से निकाला गया। बड़ी चट्टानों के बीच फंसे शव को निकालने के लिए रेस्क्यू टीम को खासी मशक्कत करनी पड़ी। 14 ब्लास्ट करने के बाद चट्टान को तोड़ा गया। जिसके बाद शव को निकालने में कामयाबी मिली। थलटूखोड़-ग्रामण सड़क बंद वहीं लोक निर्माण विभाग ने थलटूखोड़-ग्रामीण सड़क को बहाल करने का कार्य शुरू कर दिया है। यह 6 किलोमीटर सड़क नालों का मलबा, पत्थर और चट्टानों के आने से पूरी तरह बंद है। जिसे बहाल करने के लिए एक पोकलेन मशीन और 6 जेसीबी लगाई गई हैं। वहीं जल शक्ति विभाग पजौंड़ पेयजल योजना को बहाल करने में जुटा हुआ है। प्रशासन की ओर से अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी मदन कुमार, एसडीएम डॉ भावना वर्मा, बीडीओ विनय चौहान, सीडीपीओ जितेंद्र सैनी, एसएचओ अशोक कुमार सहित एनएचएआइ और पीडब्ल्यूडी और जल शक्ति विभाग के अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद हैं। स्थानीय महिला मंडल यहां रेस्क्यू में जुटे लोगों की खानपान व्यवस्था कर रहे हैं।
हिमाचल के 7 जिलों में बारिश का यलो अलर्ट:बीती रात नाहन में भारी बारिश; एक सप्ताह में कांगड़ा में नॉर्मल से 14% ज्यादा बरसात
हिमाचल के 7 जिलों में बारिश का यलो अलर्ट:बीती रात नाहन में भारी बारिश; एक सप्ताह में कांगड़ा में नॉर्मल से 14% ज्यादा बरसात हिमाचल प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में बीती रात को तेज बारिश हुई है। नाहन शहर व आसपास के इलाकों में रात में भारी बारिश हुई। इससे क्षेत्र की 25 से ज्यादा सड़कें वाहनों की आवाजाही के लिए बंद हो गई है। लोक निर्माण विभाग इन्हें बहाल करने में जुट गया है। प्रदेश के अलग अलग इलाकों में लगभग 60 सड़कें वाहनों के लिए बंद पड़ी है। मौसम विभाग (IMD) की माने तो आज भी प्रदेश के आठ जिलों में कुछेक स्थानों पर तेज बारिश हो सकती है। इसे देखते हुए सात जिले बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सिरमौर, सोलन और ऊना में येलो अलर्ट की चेतावनी दी गई है। कल भी इन्हीं जिलों अलर्ट दिया गया है। IMD के अनुसार, प्रदेश में अगले छह दिन तक मौसम खराब रहेगा। इस दौरान मानसून बहुत ज्यादा एक्टिव नहीं रहेगा। मगर कुछेक स्थानों पर तेज बारिश हो सकती है। कमजोर पड़ा मानसून, नॉर्मल से 39% कम बारिश प्रदेश में इस बार मानसून कमजोर पड़ा हुआ है। पूरे मानसून सीजन के दौरान प्रदेश में नॉर्मल से 39 प्रतिशत और बीते सप्ताह (19 से 26 जुलाई) तक सामान्य से 30 प्रतिशत कम बादल बरसे है। मानसून सीजन में लाहौल स्पीति में नॉर्मल से 78 प्रतिशत कम, किन्नौर में 54 प्रतिशत, सिरमौर में 55 प्रतिशत कम बारिश हुई है। कांगड़ा में बीते सप्ताह नॉर्मल से 14% ज्यादा बादल बरसे वहीं बीते एक सप्ताह की बात करे तो मंडी और कांगड़ा दो जिलों में ही नॉर्मल से ज्यादा बारिश हुई है। कांगड़ा में 19 से 26 जुलाई के बीच 150.8 मिलीमटर सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार 171.7 मिलीमीटर बादल बरसे है, जो कि सामान्य से 14 प्रतिशत ज्यादा है। मंडी जिला में भी नॉर्मल से बीते सप्ताह में 1 प्रतिशत ज्यादा बादल बरसे हैं, जबकि अन्य सभी 10 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। सोलन, ऊना, लाहौल स्पीति और किन्नौर में सबसे कम बारिश हुई है। बारिश नहीं होने से तापमान में आ रहा उछाल प्रदेश में बारिश नहीं होने से तापमान में भी उछाल आ रहा है। प्रदेश का औसत तापमान नॉर्मल से 2.4 डिग्री ज्यादा हो गया है। कुछ शहरों का तापमान नॉर्मल से 5 डिग्री तक ज्यादा हो गया है। भुंतर के तापमान में सबसे ज्यादा 5.1 डिग्री का उछाल आया है और यहां का तापमान 36.7 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। मंडी का तापमान 3.4 डिग्री के उछाल के बाद 34.5 डिग्री, ऊना का तापमान 3.7 डिग्री के उछाल के बाद 37.4 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है।
मुख्यमंत्री सुक्खू और मंत्रियों ने दो महीने की सैलरी छोड़ी:बोले- हमारे पास रुपए नहीं; भत्ते भी छोड़े
मुख्यमंत्री सुक्खू और मंत्रियों ने दो महीने की सैलरी छोड़ी:बोले- हमारे पास रुपए नहीं; भत्ते भी छोड़े हिमाचल प्रदेश की खराब वित्तीय स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री सुखविंर सिंह सुक्खू , सभी मंत्री सीपीएस और बोर्ड निगमीय में लगे चेयरमैन ने अपनी दो महीने की सैलरी और भत्ते को छोड़ने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गुरुवार को विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन सत्र की कार्यवाही के दौरान इसकी घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है। इसके कई कारण हैं। रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट जो वर्ष 2023-24 में 8058 करोड़ रुपए थी। वह इस वर्ष 1800 करोड़ रुपए कम हो कर 6258 करोड़ रुपए हो गई है। अगले वर्ष (2025-26) में यह 3000 करोड़ रुपए और कम हो कर 3257 करोड़ रुपए रह जाएगी। PDNA की लगभग 9042 करोड़ रुपए की राशि में से केन्द्र सरकार से अभी तक कोई भी राशि प्राप्त नहीं हुई है। विपक्ष से सैलरी न लेने की अपील
मुख्यमंत्री ने बताया कि NPS के लगभग 9200 करोड़ रुपए PFRDA से प्राप्त नहीं हुए है। जिसका हम केन्द्र सरकार से कई बार अनुरोध कर चुके हैं। जीएसटी कंपनसेशन जून 2022 के बाद मिलना बन्द हो गया है जिससे प्रतिवर्ष लगभग 2500-3000 करोड़ की आय कम हो गई है। OPS बहाल करने के कारण हमारी उधार भी लगभग 2000 करोड़ से कम कर दी गई है। इन परिस्थितियों से पार पाना आसान नहीं है। हमने प्रदेश सरकार की आय बढ़ाने और अनुत्पादक व्यय कम करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों के परिणाम आने में समय लगेगा। लेकिन उन्होंने इसकी शुरुआत कर दी है। वहीं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा में अपने वेतन भत्ते छोड़ने की घोषणा के बाद पक्ष व विपक्ष के सभी विधायकों से भी प्रदेश की खराब वित्तीय स्थिति को देखते हुए उसे सुधारने के लिए वेतन व भत्ते छोड़ने की अपील की है।