हिमाचल प्रदेश में नए पुलिस महानिदेशक (DGP) के लिए लॉबिंग तेज हो गई है। मौजूदा DGP एवं साल 1991 बैच के IPS डॉ. अतुल वर्मा 31 मई को रिटायर हो रहे हैं। इससे नए पुलिस मुखिया के लिए चार से पांच नाम पर चर्चा शुरू हो गई है। मगर सिनियोरिटी में टॉप-5 IPS में से 4 अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर है। इससे हिमाचल विजिलेंस के महानिदेशक एवं 1993 बैच के IPS अशोक तिवारी के DGP बनने की संभावनाएं ज्यादा है, क्योंकि इनसे सीनियर एवं 1990 बैच के श्याम भगत नेगी और 1988 बैच के तपन कुमार डेका लंबे समय से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चल रहे हैं। इसी तरह हिमाचल में सेवारत IPS में सबसे सीनियर एवं 1989 बैच के IPS एसआर ओझा भी अगले महीने रिटायर हो रहे हैं। इससे अशोक तिवारी के DGP बनने की संभावनाएं ज्यादा है। तिवारी से सीनियर साल 1993 बैच के IPS अनुराग गर्ग भी अभी सेंटर डेपुटेशन पर हैं। सिनियोरिटी में अनुराग गर्ग के बाद ही अशोक तिवारी का नंबर आता है। इसलिए सरकार जब DGP के लिए तीन-चार अधिकारियों का पैनल तैयार करेगी तो 1993 बैच के ही रित्विक रुद्रा और 1994 बैच के राकेश अग्रवाल का नाम भी आएगा। मगर ये दोनों अधिकारी भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर है। राकेश अग्रवाल के बाद सिनियोरिटी में 1994 बैच के ही जहूर एच. जैदी हैं। वह अब गुड़िया केस में कस्टोडियल डेथ में केस में सजा काट रहे हैं। DGP अतुल वर्मा ने मांगी एक्सटेंशन इस बीच हिमाचल के मौजूदा DGP अतुल वर्मा ने एक्सटेंशन मांगी है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की एक जजमेंट का हवाला देते हुए एक्सटेंशन को आवेदन किया है। उन्होंने प्रकाश सिंह एंड अदर्स नाम यूनियन ऑफ इंडिया मामले में शीर्ष अदालत से आए फैसले के आधार पर दो साल के न्यूनतम कार्यकाल का क्लेम किया है। इस जजमेंट के हिसाब से उनका क्लेम सही है। इसे देखते हुए हिमाचल का लॉ-डिपार्टमेंट भी फाइल को क्लियर कर चुका है। हिमाचल के मुख्य सचिव को भी एक्सटेंशन मिल चुकी सुप्रीम कोर्ट की 2006 की इस जजमेंट में डीजीपी का कार्यकाल को न्यूनतम दो साल तय किया गया है। अतुल वर्मा 1 मई 2024 में DGP बने थे। लिहाजा उनका 2 साल का कार्यकाल पूरा नहीं हो पाया है। ऐसे में उन्हें सुप्रीम कोर्ट की इस जजमेंट के आधार पर एक्सटेंशन मिलने की चर्चाएं भी तेज हो गई है। हिमाचल के मुख्य सचिव को भी केंद्र ने 6 महीने का एक्सटेंशन दिया है। हिमाचल प्रदेश में नए पुलिस महानिदेशक (DGP) के लिए लॉबिंग तेज हो गई है। मौजूदा DGP एवं साल 1991 बैच के IPS डॉ. अतुल वर्मा 31 मई को रिटायर हो रहे हैं। इससे नए पुलिस मुखिया के लिए चार से पांच नाम पर चर्चा शुरू हो गई है। मगर सिनियोरिटी में टॉप-5 IPS में से 4 अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर है। इससे हिमाचल विजिलेंस के महानिदेशक एवं 1993 बैच के IPS अशोक तिवारी के DGP बनने की संभावनाएं ज्यादा है, क्योंकि इनसे सीनियर एवं 1990 बैच के श्याम भगत नेगी और 1988 बैच के तपन कुमार डेका लंबे समय से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चल रहे हैं। इसी तरह हिमाचल में सेवारत IPS में सबसे सीनियर एवं 1989 बैच के IPS एसआर ओझा भी अगले महीने रिटायर हो रहे हैं। इससे अशोक तिवारी के DGP बनने की संभावनाएं ज्यादा है। तिवारी से सीनियर साल 1993 बैच के IPS अनुराग गर्ग भी अभी सेंटर डेपुटेशन पर हैं। सिनियोरिटी में अनुराग गर्ग के बाद ही अशोक तिवारी का नंबर आता है। इसलिए सरकार जब DGP के लिए तीन-चार अधिकारियों का पैनल तैयार करेगी तो 1993 बैच के ही रित्विक रुद्रा और 1994 बैच के राकेश अग्रवाल का नाम भी आएगा। मगर ये दोनों अधिकारी भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर है। राकेश अग्रवाल के बाद सिनियोरिटी में 1994 बैच के ही जहूर एच. जैदी हैं। वह अब गुड़िया केस में कस्टोडियल डेथ में केस में सजा काट रहे हैं। DGP अतुल वर्मा ने मांगी एक्सटेंशन इस बीच हिमाचल के मौजूदा DGP अतुल वर्मा ने एक्सटेंशन मांगी है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की एक जजमेंट का हवाला देते हुए एक्सटेंशन को आवेदन किया है। उन्होंने प्रकाश सिंह एंड अदर्स नाम यूनियन ऑफ इंडिया मामले में शीर्ष अदालत से आए फैसले के आधार पर दो साल के न्यूनतम कार्यकाल का क्लेम किया है। इस जजमेंट के हिसाब से उनका क्लेम सही है। इसे देखते हुए हिमाचल का लॉ-डिपार्टमेंट भी फाइल को क्लियर कर चुका है। हिमाचल के मुख्य सचिव को भी एक्सटेंशन मिल चुकी सुप्रीम कोर्ट की 2006 की इस जजमेंट में डीजीपी का कार्यकाल को न्यूनतम दो साल तय किया गया है। अतुल वर्मा 1 मई 2024 में DGP बने थे। लिहाजा उनका 2 साल का कार्यकाल पूरा नहीं हो पाया है। ऐसे में उन्हें सुप्रीम कोर्ट की इस जजमेंट के आधार पर एक्सटेंशन मिलने की चर्चाएं भी तेज हो गई है। हिमाचल के मुख्य सचिव को भी केंद्र ने 6 महीने का एक्सटेंशन दिया है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
