हिमाचल प्रदेश के मशहूर पर्यटन स्थल कुफरी में आज एक बड़ा हादसा होने से टल गया। दिल्ली से आए टूरिस्ट की एक गाड़ी बर्फ पर स्किड होने के बाद सड़क किनारे रुकी। गाड़ी का आधे से ज्यादा हिस्सा सड़क से बाहर हो चुका था। गनीमत यह रही कि गाड़ी सड़क से नीचे पलटी। सूचना के अनुसार, इस गाड़ी में पांच टूरिस्ट सवाल थे, जो कि दिल्ली से घूमने के लिए आए थे। जिस जगह गाड़ी रुकी, यदि वहां से गाड़ी नीचे पलट जाती तो यह करीब 300 मीटर गहरी खाई में रुकती। इससे बड़ा हादसा हो सकता था। सभी यात्री सुरक्षित बताए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि दिल्ली नंबर की गाड़ी ठियोग साइड से शिमला की तरफ जा रही थी। इस दौरान जैसे की ड्राइवर ने ब्रेक लगाई तो गाड़ी स्किड होकर सड़क किनारे पर जाकर रुकी। लोकल और टूरिस्ट को एडवाइजरी इसे देखते हुए हिमाचल सरकार ने लोकल सहित सभी पर्यटकों बर्फ पर सावधानी व कम रफ्तार से गाड़ी चलाने, कम ब्रेक इस्तेमाल करने, गाड़ी में नए टायर लगाकर ही बर्फ पर वाहन चलाने और अधिक ऊंचे क्षेत्रों की यात्रा टालने की सलाह दी गई। 5 जिलों में बर्फबारी के बाद खतरनाक हुई सड़कें प्रदेश के 5 जिलों में बीते 40 घंटे के दौरान बर्फबारी हुई है। इससे शिमला, मंडी, किन्नौर, लाहौल स्पीति और चंबा में सड़कें खतरनाक हो गई है। इन सड़कों पर बर्फ जमने से सफर जोखिमभरा हो गया। ऐसी सड़कों पर वाहन सावधानी से चलाना जरूरी है। हिमाचल प्रदेश के मशहूर पर्यटन स्थल कुफरी में आज एक बड़ा हादसा होने से टल गया। दिल्ली से आए टूरिस्ट की एक गाड़ी बर्फ पर स्किड होने के बाद सड़क किनारे रुकी। गाड़ी का आधे से ज्यादा हिस्सा सड़क से बाहर हो चुका था। गनीमत यह रही कि गाड़ी सड़क से नीचे पलटी। सूचना के अनुसार, इस गाड़ी में पांच टूरिस्ट सवाल थे, जो कि दिल्ली से घूमने के लिए आए थे। जिस जगह गाड़ी रुकी, यदि वहां से गाड़ी नीचे पलट जाती तो यह करीब 300 मीटर गहरी खाई में रुकती। इससे बड़ा हादसा हो सकता था। सभी यात्री सुरक्षित बताए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि दिल्ली नंबर की गाड़ी ठियोग साइड से शिमला की तरफ जा रही थी। इस दौरान जैसे की ड्राइवर ने ब्रेक लगाई तो गाड़ी स्किड होकर सड़क किनारे पर जाकर रुकी। लोकल और टूरिस्ट को एडवाइजरी इसे देखते हुए हिमाचल सरकार ने लोकल सहित सभी पर्यटकों बर्फ पर सावधानी व कम रफ्तार से गाड़ी चलाने, कम ब्रेक इस्तेमाल करने, गाड़ी में नए टायर लगाकर ही बर्फ पर वाहन चलाने और अधिक ऊंचे क्षेत्रों की यात्रा टालने की सलाह दी गई। 5 जिलों में बर्फबारी के बाद खतरनाक हुई सड़कें प्रदेश के 5 जिलों में बीते 40 घंटे के दौरान बर्फबारी हुई है। इससे शिमला, मंडी, किन्नौर, लाहौल स्पीति और चंबा में सड़कें खतरनाक हो गई है। इन सड़कों पर बर्फ जमने से सफर जोखिमभरा हो गया। ऐसी सड़कों पर वाहन सावधानी से चलाना जरूरी है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में हार के कारण जानेगी फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी:कांग्रेस हाईकमान ने पुनिया और रजनी पाटिल को सौंपा जिम्मा; जल्द चारों सीटों का दौरा करेगी हिमाचल में कांग्रेस की चारों लोकसभा सीटों पर करारी हार हुई है। प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस की खराब परफॉर्मेंस व हार के कारणों का पता लगाने के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दो सदसीय फैक्ट फाइडिंग कमेटी गठित की है। AICC ने सीनियर कांग्रेस के नेता पीएल पुनिया और रजनी पाटिल को हिमाचल में हार के कारणों का पता लगाने का जिम्मा दिया गया है। बताया जा रहा है कि दोनों कांग्रेस नेता जल्द हिमाचल का दौरा करके चारों लोकसभा क्षेत्रों में जाकर हार की वजह जानेंगे। इस दौरान पार्टी नेताओं के साथ साथ आम जनता की भी राय पूछेंगे। इसके आधार पर पार्टी हाईकमान को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। इसलिए सत्तारूढ़ कांग्रेस से थी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद हिमाचल की जनता ने 18 महीने पहले प्रदेश की सत्ता कांग्रेस को सौंपी है। इस वजह से कांग्रेस हाईकमान और इंडी गठबंधन को भी हिमाचल में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद थी। मगर कांग्रेस पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई। नतीजा यह हुआ की छह बार के सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे एवं लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह जैसे दिग्गज लोकसभा चुनाव हार गए। पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा की भी इन चुनाव में हार हुई है। यही नहीं मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू सहित उनके आठ मंत्री अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों से पार्टी प्रत्याशी को लीड नहीं दिला सके। इससे कांग्रेस का हिमाचल में लगातार तीसरी बार क्लीन स्वीप हुआ है। इन राज्यों के लिए भी बनाई गई फैक्ट फाइंडिंग कमेटी हिमाचल के अलावा मध्य प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, उड़िसा, उत्तराखंड, कर्नाटक और तेलंगाना के लिए भी फैक्ट फाइडिंग कमेटी गठित की गई है। यहां देखे किस सीट से कांग्रेस की कितनी वोटों से हार हुई…
सिरमौर में बकरियों को बचाने भालू से भिड़ा चरवाहा:गंभीर घायल; शोर सुनकर पहुंची ग्रामीण; 25 से अधिक बकरियां लापता
सिरमौर में बकरियों को बचाने भालू से भिड़ा चरवाहा:गंभीर घायल; शोर सुनकर पहुंची ग्रामीण; 25 से अधिक बकरियां लापता हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में बकरियों को बचाने के लिए चरवाहा भालू से भीड़ गया। जिससे वह घायल हो गया। घायल को जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। वहीं 25 से अधिक बकरियां लापता हैं। घटना शिलाई विकास खंड की ग्राम पंचायत नाया पंजोड की है। जानकारी के अनुसार दुलाराम (46) निवासी गांव कफेनू नाया पंजोंड बकरियां चराने के लिए जमनालटा धार जंगल में गया हुआ था। इसी दौरान उसको देखकर भालू ने हमला कर दिया। शोर सुनकर मौके पर पहुंचे ग्रामीण हालांकि व्यक्ति ने भालू के चंगुल से खुद और बकरियां को बचाने की कोशिश की। मगर वह कामयाब नहीं हो सका। जब भालू ने हमला किया तो उसने चिल्लाना शुरू किया, तो आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और उसको इलाज के लिए अस्पताल ले गए। 25 से अधिक बकरियां लापता भालू हमला कर मौके से भाग गया। उसकी कई बकरियां लापता है। इस दौरान भालू ने उसके मुंह, बाजू और शरीर के कई अंगों को पूरी तरह से नोच दिया। इस दौरान उसकी 25 से अधिक बकरियां लापता है।
हिमाचल के नड्डा दूसरी बार बने केंद्रीय मंत्री:अनुराग के पिता से मतभेद के बाद हिमाचल छोड़ा; मोदी घर आते-जाते रहे, शाह के करीबी
हिमाचल के नड्डा दूसरी बार बने केंद्रीय मंत्री:अनुराग के पिता से मतभेद के बाद हिमाचल छोड़ा; मोदी घर आते-जाते रहे, शाह के करीबी हिमाचल से ताल्लुक रखने वाले जगत प्रकाश नड्डा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार में बतौर कैबिनेट मिनिस्टर शामिल किया है। BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर नड्डा इसी महीने 30 जून को अपना दूसरा कार्यकाल पूरा करने जा रहे हैं। 2024 का लोकसभा चुनाव भाजपा ने उन्हीं की अगुवाई में लड़ा। हिमाचल के बिलासपुर से संबंध रखने वाले जेपी नड्डा इस समय गुजरात से राज्यसभा के मेंबर हैं। 2 दिसंबर 1960 को जन्मे नड्डा केंद्र सरकार में दूसरी बार मंत्री बने हैं। उन्हें मंत्री बनाकर पीएम मोदी ने हिमाचल के साथ-साथ गुजरात को भी साधने की कोशिश की है। 64 साल के नड्डा, नरेंद्र मोदी और अमित शाह दोनों के करीबी हैं। नड्डा की लाइफ का टर्निंग पॉइंट
हिमाचल में 2007 के विधानसभा में BJP को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद प्रेमकुमार धूमल दूसरी बार हिमाचल के CM बने। उनकी सरकार में नड्डा फॉरेस्ट मिनिस्टर बने, लेकिन उनका धूमल के साथ छत्तीस का आंकड़ा रहा। साल 2010 में नड्डा ने राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया और राज्यसभा सांसद बनकर दिल्ली शिफ्ट हो गए। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और संगठन में काम करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंच गए। धूमल सरकार से इस्तीफा देकर दिल्ली जाना नड्डा की लाइफ का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। मोदी का नड्डा के घर आना-जाना, शाह के खास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्ष 1996 से 1998 तक हिमाचल प्रदेश भाजपा के प्रभारी रहे। नड्डा की उसी समय से उनसे नजदीकियां रही हैं। संगठन का काम करते हुए मोदी जब बिलासपुर जाते तो उनका नड्डा के घर आना-जाना रहता था। साल 2014 में भाजपा ने नरेंद्र मोदी को PM फेस घोषित किया। उसके बाद पार्टी ने जेपी नड्डा को चुनाव कैंपेनिंग की मॉनिटरिंग का जिम्मा सौंपा। नड्डा ने दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में रहते हुए पूरे देश में पार्टी की कैंपेनिंग की मॉनिटरिंग की। मोदी के अलावा वह अमित शाह के भी करीबी रहे हैं। BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर नड्डा का दूसरा कार्यकाल इसी महीने 30 जून को पूरा हो रहा है। इससे पहले ही उन्हें कैबिनेट में शामिल कर लिया गया। पटना में जन्म, स्कूलिंग भी वहीं से
जेपी नड्डा का जन्म हिमाचल प्रदेश नहीं बल्कि बिहार के पटना में हुआ है। नड्डा के पिता नारायण लाल नड्डा पटना यूनिवर्सिटी में टीचर थे। नड्डा का पालन-पोषण और बीए तक की पढ़ाई पटना में ही हुई। एलएलबी के लिए उन्होंने हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया। बड़ा मंत्रालय मिलना तय
कैबिनेट मिनिस्टर बनने के बाद नड्डा को केंद्र में बड़ा पोर्टफोलियो मिलना भी लगभग तय है। वर्ष 2014 में पहली बार प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी ने नड्डा को अपनी सरकार में शामिल करते हुए स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा सौंपा था। 2019 में दूसरी बार भाजपा की सरकार बनने के बाद मोदी-शाह ने नड्डा को BJP का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया। अब मोदी ने नड्डा को फिर से अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया है, ऐसे में उन्हें बड़ा मंत्रालय मिलना भी लगभग तय है। नड्डा के कारण अनुराग की छुट्टी
हिमाचल प्रदेश के कोटे से नड्डा के मंत्री बनने के साथ ही, हमीरपुर से 5वीं बार सांसद चुने गए अनुराग ठाकुर की केंद्रीय मंत्रिमंडल से छुट्टी हो गई। वर्ष 2019 में मोदी की अगुवाई वाली सरकार में केंद्रीय सूचनाएवं प्रसारण मंत्रालय संभालने वाले अनुराग ठाकुर इस बार भी मंत्रिपद के दावेदार थे लेकिन नड्डा के मिनिस्टर बन जाने के कारण वह चूक गए। हालांकि सूत्रों का कहना है कि अनुराग ठाकुर को अब भाजपा संगठन में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। जेपी नड्डा भी वर्ष 2010 में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री का दायित्व निभा चुके हैं। भाजपा ने तीसरी बार हिमाचल की चारों सीटें जीती
इस लोकसभा चुनाव में BJP ने एक बार फिर से क्लीन स्वीप करते हुए हिमाचल की चारों लोकसभा सीटें जीती है। 2014 और 2019 में भी पार्टी ने प्रदेश की चारों लोकसभा सीटें जीती थी। इस बार शिमला से सुरेश कश्यप, हमीरपुर से अनुराग ठाकुर, कांगड़ा से डॉ. राजीव भारद्वाज और मंडी से कंगना रनोट सांसद चुनी गईं हैं। चारों सांसद पिछले चार दिन से दिल्ली में ही हैं।