हिमाचल प्रदेश के संजौली में मस्जिद विवाद के बीच एक ब्राह्मण युवती द्वारा इस्लाम धर्म अपनाने का मामला सामने आया है। इस संबंध में युवती के परिजनों ने औट पुलिस थाने में एफआईआर कराई है। जिसके बाद मामले का खुलासा हुआ है। परिजनों ने मुताहिर शदरयार उर्फ साहिल, रिजवान व एक स्थानीय हिंदू मित्र शिवानी नौटियाल पर बेटी को धर्म परिवर्तन के लिए उकसाने के आरोप लगाए हैं। परिजनों की शिकायत के बाद पुलिस ने युवती के बयान कलम बद्ध कर लिए हैं, जिसमें युवती कह रही है कि उसने स्वेच्छा से इस्लाम को अपनाया है। उस पर किसी प्रकार का कोई दबाव नहीं है। सूचना के अनुसार, मंडी जिला के औट क्षेत्र की युवती पंजाब में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रही थी। पढ़ाई के बाद उसने 8 से 9 महीने प्राइवेट नौकरी भी की। इस दौरान वह कुछ मुस्लिम लड़कों के संपर्क में आई और उसने धर्म परिवर्तन कर दिया। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही युवती फिलहाल युवती ने कुछ समय पहले नौकरी छोड़ दी है और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही है। इन दिनों वह औट में अपने घर पर है। इस दौरान उसकी गतिविधियां देखकर परिजन हैरान हो गए। युवती के परिजनों ने पुलिस को दी शिकायत में कहा कि उनकी बेटी घर पर इस्लाम धर्म से संबंधित गतिविधियां कर रही हैं। इस वजह से पूरे घर का माहौल तनावपूर्ण हो गया है। परिजनों में अज्ञात मुस्लिम पर ब्रेनवॉश की शंका जाहिर की परिजनों ने उनकी बेटी के इस्लाम धर्म में जाने के पीछे साजिश और किसी मुस्लिम युवक के होने की शंका जाहिर की है। परिजनों का कहना है कि साजिश के तहत उनकी बेटी का ब्रेनवॉश किया गया और अब वह अपने धर्म को भूल कर इस्लाम धर्म के बारे में बातें कर रही है। परिजनों के अनुसार, पंजाब में ही उनकी बेटी का ब्रेनवॉश किया गया। परिजनों ने पुलिस को दी शिकायत में इस मामले में छानबीन करके कार्रवाई की मांग की है। परिजनों की शिकायत पर जांच शुरू: SP SP मंडी साक्षी वर्मा ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया, परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। परिजनों द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर कार्रवाई की जा रही है। जांच में जो तथ्य सामने आएंगे, उस हिसाब से आगामी कार्रवाई की जाएगी। हिमाचल प्रदेश के संजौली में मस्जिद विवाद के बीच एक ब्राह्मण युवती द्वारा इस्लाम धर्म अपनाने का मामला सामने आया है। इस संबंध में युवती के परिजनों ने औट पुलिस थाने में एफआईआर कराई है। जिसके बाद मामले का खुलासा हुआ है। परिजनों ने मुताहिर शदरयार उर्फ साहिल, रिजवान व एक स्थानीय हिंदू मित्र शिवानी नौटियाल पर बेटी को धर्म परिवर्तन के लिए उकसाने के आरोप लगाए हैं। परिजनों की शिकायत के बाद पुलिस ने युवती के बयान कलम बद्ध कर लिए हैं, जिसमें युवती कह रही है कि उसने स्वेच्छा से इस्लाम को अपनाया है। उस पर किसी प्रकार का कोई दबाव नहीं है। सूचना के अनुसार, मंडी जिला के औट क्षेत्र की युवती पंजाब में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रही थी। पढ़ाई के बाद उसने 8 से 9 महीने प्राइवेट नौकरी भी की। इस दौरान वह कुछ मुस्लिम लड़कों के संपर्क में आई और उसने धर्म परिवर्तन कर दिया। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही युवती फिलहाल युवती ने कुछ समय पहले नौकरी छोड़ दी है और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही है। इन दिनों वह औट में अपने घर पर है। इस दौरान उसकी गतिविधियां देखकर परिजन हैरान हो गए। युवती के परिजनों ने पुलिस को दी शिकायत में कहा कि उनकी बेटी घर पर इस्लाम धर्म से संबंधित गतिविधियां कर रही हैं। इस वजह से पूरे घर का माहौल तनावपूर्ण हो गया है। परिजनों में अज्ञात मुस्लिम पर ब्रेनवॉश की शंका जाहिर की परिजनों ने उनकी बेटी के इस्लाम धर्म में जाने के पीछे साजिश और किसी मुस्लिम युवक के होने की शंका जाहिर की है। परिजनों का कहना है कि साजिश के तहत उनकी बेटी का ब्रेनवॉश किया गया और अब वह अपने धर्म को भूल कर इस्लाम धर्म के बारे में बातें कर रही है। परिजनों के अनुसार, पंजाब में ही उनकी बेटी का ब्रेनवॉश किया गया। परिजनों ने पुलिस को दी शिकायत में इस मामले में छानबीन करके कार्रवाई की मांग की है। परिजनों की शिकायत पर जांच शुरू: SP SP मंडी साक्षी वर्मा ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया, परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। परिजनों द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर कार्रवाई की जा रही है। जांच में जो तथ्य सामने आएंगे, उस हिसाब से आगामी कार्रवाई की जाएगी। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल और हरियाणा पुलिस में टकराव:शिमला से टीम गुरुग्राम में प्लेन कंपनी से पूछताछ के लिए गई, यहां उल्टा लोकल पुलिस ने दागे सवाल
हिमाचल और हरियाणा पुलिस में टकराव:शिमला से टीम गुरुग्राम में प्लेन कंपनी से पूछताछ के लिए गई, यहां उल्टा लोकल पुलिस ने दागे सवाल हिमाचल में सरकार को गिराने के लिए षड्यंत्र रचने से जुड़े केस में प्रदेश और हरियाणा पुलिस पुलिस में आमने-सामने हो गई हैं। राज्यसभा चुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस के खिलाफ वोट करने वाले 9 विधायकों को हवाई सेवाएं देने वाली हेलिकॉप्टर कंपनी से पूछताछ के लिए शिमला पुलिस दो दिन पहले गुरुग्राम पहुंची थी। सूत्रों के मुताबिक गुरुग्राम में शिमला पुलिस को फजीहत झेल कर वापस लौटना पड़ा है। शिमला पुलिस अदालत द्वारा जारी सर्च वारंट के आधार पर विमान कंपनी के गुरुग्राम स्थित दफ्तर में पूछताछ को गई थी। मगर वहां पर गुरुग्राम पुलिस पहले से मौजूद थी। इससे पहले की शिमला पुलिस कंपनी प्रबंधन से पूछताछ कर पाती और रिकॉर्ड कब्जे में लेती, गुरुग्राम पुलिस ने उल्टा शिमला पुलिस से सवाल कर दिए। सूत्रों के मुताबिक शिमला पुलिस से गुरुग्राम पुलिस ने लगभग 10 घंटे पूछताछ की। दरअसल, विमान कंपनी को रेड की पहले ही जानकारी मिल गई थी। इसलिए कंपनी ने पहले ही लोकल पुलिस मौके पर बुला दी थी। इसके बाद गुरुग्राम पुलिस शिमला पुलिस पर हावी हो गई। शिमला से चार सदस्यीय टीम DSP मानविंदर की अगुआई में गुरुग्राम गई थी। शिमला के SP संजीव गांधी ने बताया कि गुरुग्राम गई टीम वापस लौट रही है। कोर्ट से सर्च वारंट था। गुरुग्राम में जो भी हुआ होगा, उसकी जानकारी कोर्ट को दी जाएगी। उधर, गुरुग्राम पुलिस के प्रवक्ता संदीप कुमार ने बताया कि हमें इस बारे में जानकारी नहीं है। शिमला पुलिस के खिलाफ FIR देने को तैयार हो गई हरियाणा पुलिस
आमतौर पर एक राज्य की पुलिस जब दूसरे प्रदेश में इस तरह की कार्रवाई करती है तो लोकल पुलिस सहयोग करती है, मगर इस केस में हरियाणा और हिमाचल पुलिस आमने-सामने हो गई। बताया जा रहा है कि गुरुग्राम पुलिस तो शिमला पुलिस के खिलाफ एफआईआर देने को तैयार थी। इस विवाद की वजह से शिमला पुलिस विमान कंपनी से रिकॉर्ड भी कब्जे में नहीं ले सकी। शिमला पुलिस को इसलिए सहयोग नहीं मिला
सूत्रों के मुताबिक, हिमाचल में कांग्रेस सरकार और हरियाणा में बीजेपी सरकार की वजह से इस मामले में लोकल पुलिस का सहयोग नहीं मिल पाया। कांग्रेस विधायक संजय अवस्थी और भुवनेश्वर गौड़ ने 10 मार्च को शिमला के बालूगंज थाना में FIR कराई थी। इस शिकायत में सरकार को गिराने के लिए करोड़ों रुपए के लेन-देन, बागियों को फाइव-सेवन स्टार होटलों में ठहराने और हेलिकॉप्टर से बागी विधायकों को ले जाने समेत जैसे गंभीर आरोप हैं। बालूगंज थाना में इन नेताओं के खिलाफ एफआईआर
यह एफआईआर हमीरपुर से बीजेपी विधायक आशीष शर्मा और गगरेट से पूर्व विधायक एवं बीजेपी टिकट पर उपचुनाव लड़ने वाले चैतन्य शर्मा के रिटायर आईएएस पिता राकेश शर्मा के खिलाफ दर्ज है। इस केस में शिमला पुलिस बीजेपी नेता एवं पूर्व में कांग्रेस के बागी विधायक राजेंद्र राणा, रवि ठाकुर, हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के प्रचार सलाहाकार तरुण भंडारी समेत कई भाजपा नेताओं से पूछताछ कर चुकी है। अब पढ़िए पूरा मामला?
इस साल 27 फरवरी को हिमाचल में राज्यसभा चुनाव हुए। जब चुनाव हुआ तो 6 कांग्रेसी विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। 3 निर्दलीय विधायकों ने भी भाजपा के पक्ष में वोटिंग की। जिस वजह से भाजपा और कांग्रेस कैंडिडेट को 34-34 वोट मिले। इसके बाद लॉटरी से भाजपा के हर्ष महाजन चुनाव जीत गए, जबकि कांग्रेस के कैंडिडेट अभिषेक मनु सिंघवी हार गए थे। सरकार पर आया था संकट
इसके बाद सरकार पर संकट आ गया था। भाजपा ने गवर्नर से मिलकर कहा कि सरकार के पास बहुमत नहीं है। दोनों के पास बराबर 34-34 विधायक हो गए थे। इसके बाद तुरंत कांग्रेस हाईकमान ने कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार और हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा को शिमला भेजा। इसके बाद सरकार का संकट टालने के लिए विधानसभा स्पीकर ने कांग्रेस की शिकायत पर बागी हुए 6 विधायकों को दलबदल कानून के तहत अयोग्य करार दे दिया। बाद में 3 निर्दलीयों ने भी इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद कांग्रेस की तरफ से केस दर्ज कराया गया था। एक महीने तक प्रदेश से बाहर रहे थे बागी विधायक
राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोट के बाद कांग्रेस के छह बागी सहित तीन निर्दलीय विधायक भी करीब दो हफ्ते तक पंचकूला के एक होटल में ठहरे थे। इसके बाद ऋषिकेश गए। ऋषिकेश से गुरुग्राम पहुंचे। इस दौरान इनके ठहरने व खाने-पीने के बिलों का भुगतान जिन्होंने किया, पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। होटलों में ठहराया, हेलिकॉप्टर से बागियों को ले गए
आशीष शर्मा और चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा पर आरोप है कि इन्होंने सरकार को गिराने के लिए विधायकों के फाइव से सेवन स्टार होटलों में ठहराने की व्यवस्था की और हेलिकॉप्टर से बागी विधायकों को ले जाने में मदद की।
हिमाचल में आर्थिक संकट:2 लाख कर्मचारियों, 1.50 लाख पेंशनर को नहीं मिली सैलरी-पेंशन, आज भी कम आसार, CM से मिलेंगे कर्मचारी नेता
हिमाचल में आर्थिक संकट:2 लाख कर्मचारियों, 1.50 लाख पेंशनर को नहीं मिली सैलरी-पेंशन, आज भी कम आसार, CM से मिलेंगे कर्मचारी नेता हिमाचल प्रदेश के 2 लाख से ज्यादा कर्मचारी और 1.50 लाख पेंशनर को सैलरी-पेंशन नहीं मिल पाई। आज भी इसकी उम्मीद बहुत कम है। सूत्रों की माने तो पुराने कर्ज का ब्याज लौटाने के चक्कर में सरकार ने 5 तारीख को इनकी सैलरी देने का निर्णय लिया है। प्रदेश में आर्थिक संकट के कारण पहली बार ऐसा हुआ है, जब कर्मचारियों और पेंशनरों को पहली तारीख को सैलरी नहीं दी गई। लिहाजा आज कई कर्मचारी संगठन मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू से मिलकर जल्द सैलरी जारी करने का आग्रह करेंगे। हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने कहा कि सीएम से मिलकर सैलरी जल्द देने का अनुरोध किया जाएगा क्योंकि कर्मचारियों ने बैंकों से लोन ले रखा है। बैंक लोन की किश्ते 2 से 5 तारीख के बीच काटता है। दूसरे कर्मचारी गुठ के अध्यक्ष त्रिलोक ठाकुर ने कहा कि सैलरी में देरी का मामला सीएम से उठाया जाएगा और जल्द सैलरी देने का आग्रह करेंगे। 2 दिन से सैलरी के मैसेज के इंतजार में कर्मचारी-पेंशनर बता दें कि कर्मचारी-पेंशनर 2 दिन से सैलरी-पेंशन के मैसेज का इंतजार कर रहे है। यही नहीं कर्मचारी-पेंशनर दिनभर एक दूसरे को फोन करके सैलरी-पेंशन के मैसेज के बारे में पूछते रहे। आज तीन तारीख होने के बावजूद सैलरी मिलने की कम ही उम्मीद है। लिहाजा इस मसले पर बीते कल विधानसभा में विपक्ष ने भी ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लेकर चर्चा की मांग की थी। प्रश्नकाल संपन्न होने के जब इस प्रस्ताव को स्वीकार करने पर स्पीकर को निर्णय करना था, उस दौरान विपक्ष सदन में मौजूद नहीं था। जाहिर है कि आज विपक्ष इस मसले को फिर से सदन में उठा सकता है। मुश्किल में पेंशनर: सुभाष पेंशनर वेलफेयर एसोसिएशन शिमला शहरी इकाई के महासचिव सुभाष वर्मा ने बताया कि आज तक पहले ऐसा कभी नहीं हुआ, जब उन्हें एक तारीख को पेंशन न मिली हो। उन्होंने बताया कि पेंशनर दो दिन से पेंशन का इंतजार कर रहे है। उन्होंने सरकार से आज पेंशन का जल्द भुगतान करने की मांग की है। 94 हजार करोड़ कर्ज हो चुका हिमाचल सरकार पर लगभग 94 हजार करोड़ रुपए का कर्ज और 10 हजार करोड़ की कर्मचारियों की देनदारियां बकाया है। सरकार की आमदन्नी का ज्यादातर हिस्सा सैलरी-पेंशन, पुराने कर्ज का बयान व पुराना कर्ज लौटाने में खर्च हो रहा है। केंद्र से भी निरंतर बजट में कटौती हो रही है। इससे सरकार आर्थिक संकट से जूझ रही है। आर्थिक संकट के बीच सेलरी डेफर कर चुके CM- मंत्री- CPS आर्थिक संकट के बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू, कैबिनेट मंत्री और मुख्य संसदीय सचिवों (CPS) ने 2 महीने का वेतन डेफर कर चुके हैं। यानी अगस्त और सितंबर की सेलरी अक्टूबर महीने में लेंगे। CM सुक्खू का दावा है कि इससे अर्थव्यवस्था को बूस्ट मिलेगा। सीएम आर्थिक संकट जैसी स्थिति से साफ इनकार कर चुके हैं। प्रदेश में 2024-25 के दौरान सेलरी पर लगभग 1437 करोड़ रुपए और पेंशन पर लगभग 830 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
बद्दी में युवक की पीट-पीटकर की हत्या:पंचकूला का रहने वाला निकला मृतक, संदिग्ध गतिविधि में था शामिल
बद्दी में युवक की पीट-पीटकर की हत्या:पंचकूला का रहने वाला निकला मृतक, संदिग्ध गतिविधि में था शामिल हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के औद्योगिक क्षेत्र बद्दी में ट्रक यूनियन के पास भीड़ ने एक युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी। जबकि उसका दूसरा साथी युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। बताया जा रहा है की लोगों को 3 युवकों की गतिविधियां संदिग्ध लगी और पूछताछ करने पर उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। जिसके बाद उन्होंने तीनों की पिटाई शुरू कर दी। भीड़ ने तीनों युवकों की डंडों, लात-घूसों से बेरहमी से पिटाई की और उन्हें वहीं छोड़ कर चले गये। घटना का वीडियो वायरल होने पर पुलिस मौके पर पहुंची। जिसके बाद दोनों को बद्दी के सिविल अस्पताल ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने हरियाणा के पंचकूला निवासी राहुल को मृत घोषित कर दिया। घायल को चंडीगढ़ किया रेफर एएसपी अशोक वर्मा ने पुष्टि की है कि रविवार शाम बद्दी में ट्रक यूनियन कार्यालय के पास भीड़ ने दो युवकों की पिटाई कर दी। पंचकूला के रहने वाले राहुल को रात करीब 8.45 बजे सिविल अस्पताल बद्दी में डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। जबकि उसका साथी लक्ष्मी गंभीर रूप से घायल था। घायल को प्रारंभिक उपचार के बाद पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया। पुलिस को मिले सीसीटीवी फुटेज के अनुसार एक अन्य साथी घटनास्थल से भाग गया। पुलिस द्वारा उनके पूर्ववृत्त का सत्यापन किया जा रहा है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज और वायरल वीडियो से हमलावरों की पहचान करने की भी कोशिश कर रही है।